RE: Antarvasna मेरे पति और मेरी ननद
मैं हैरान थी कि दोनों क्या बातें कर रहे हैं। हमारा घर तो छोटा सा ही है.. तो दोनों की रसोई में बातें करने की आवाजें भी मुझे आने लगीं।
मैंने देखा कि चेतन डॉली को बाज़ू से पकड़ कर अपनी तरफ खींच रहा है लेकिन वो शरमाते हुए खुद को छुड़ा रही है।
चेतन- अरे डॉली.. क्यों शर्मा रही हो.. इधर तो आओ एक मिनट के लिए..
डॉली- भैया यह आपको क्या होता जा रहा है.. रात को भी आपने मुझे इतना तंग किया और फिर बारिश में नहाते हुए भी आपने ऐसे ही किया था।
चेतन ने उसे खींच कर अपने सीने से लगाते हुए कहा- तुम भी तो इतने दिनों से घर में इतनी नंगी होकर फिर रही हो.. उसका नहीं पता कि मेरे ऊपर क्या गुज़र रही होगी।
डॉली ने अपने भाई की बाजुओं में कसमसाते हुए शरारत से कहा- ऐसे कपड़े पहनने का यह मतलब तो नहीं कि आप अपनी बहन पर ही बुरी नज़र रख लो।
चेतन ने ज़बदस्ती डॉली के गाल को किस करते हुए कहा- बुरी नज़र कहाँ है.. मैं तो प्यार करना चाह रहा हूँ।
यह कहते हुए चेतन ने डॉली के टॉप की डोरी को नीचे खींचा और उसकी एक चूची को नंगा कर लिया। डॉली जल्दी से अपनी चूची को छुपाते हुए तड़फ उठी।
डॉली- छोड़ दो भैया.. वरना मैं फिर से भाभी को जगा लूँगी.. जैसे रात को उठा लिया था।
चेतन- रात को भी तूने मेरा सारा काम खराब कर दिया था.. मेरे मना करने के बावजूद अपनी भाभी को जगा लिया था।
चेतन ने डॉली की एक चूची को अपनी मुठ्ठी में लेकर मसलते हुए कहा।
डॉली अपने भाई की बाँहों में मचलते हुए हंस रही थी और चहक रही थी। साफ़ लग रहा था कि एक-दूसरे के सामने ओपन होने के बाद दोनों बहन-भाई बजाए शर्मिंदा होने के.. एक-दूसरे के साथ और भी इन्वॉल्व होने लगे थे।
दोनों बहन-भाई की इस तरह की हरकतों को देखते हुए मुझे भी मज़ा आने लगा था।
मैंने अपने बरमूडा में हाथ डाल कर अपनी चूत को रगड़ना शुरू कर दिया, मुझे फील हुआ कि मेरी चूत भी गीली हो रही है।
चेतन ने अपने शॉर्ट्स को नीचे खींचा और अपने लंड को बाहर निकालते हुए बोला- देख.. तेरी जवानी को देख कर क्या हालत हो गई है इसकी!
डॉली एक अदा के साथ बोली- तो मैं क्या करूँ भैया.. जाओ भाभी के पास और उन्हें इसकी यह हालत दिखाओ।
चेतन ने डॉली का हाथ पकड़ा और उसे अपने लंड पर रखने की कोशिश करने लगा। चेतन की कोशिशों के वजह से डॉली का हाथ अपने भाई की अकड़े हुए लंड से छुआ भी.. और एक लम्हे के लिए उसकी मुठ्ठी में उसका लंड आ भी गया।
डॉली- भैया यह तो बहुत गरम हो रहा है और सख़्त भी..
चेतन उसका हाथ अपनी लंड पर रगड़ते हुए बोला- हाँ.. तो थोड़ा ठंडा कर दे ना इसे..
डॉली इठलाते हुए बोली- जाओ भाभी से कहो ना.. इसे ठंडा कर दें.. मैं क्यों करूँ..
चेतन- इसमें आग तूने लगाई है.. तो ठंडा भी तो तुझे ही करना होगा ना मेरी जान.. आज तू मेरे साथ कॉलेज चल, फिर रास्ते मैं तुझे बताऊँगा.. देखना तू..
डॉली जोर-जोर से हँसने लगी, डॉली की एक चूची अभी तक नंगी थी और अब वो उसे छुपाने की कोशिश भी नहीं कर रही थी। चेतन अब भी बार-बार अपनी बहन को अपने जिस्म के साथ चिपका कर चूम रहा था।
मैंने अब दोनों को ब्रेक देने का फ़ैसला किया और अन्दर से ही आवाज़ लगाई- अरे डॉली.. यार कहाँ चली गई हो.. अभी तक चाय ही नहीं बनाई यार तुमने?
डॉली और चेतन जल्दी से एक-दूजे से अलग हुए और डॉली अपने टॉप को ठीक करते हुए बोली- भाभी बस चाय लेकर आ रही हूँ.. आप जल्दी से भाई को उठा दें।
उसके इस झूठ पर मैं हैरान भी हुई और मुस्करा भी दी कि उसका भाई उसके पास खड़ा उसके साथ छेड़छाड़ कर रहा है और वो मुझसे छुपाते हुए शो कर रही है कि उसे पता ही नहीं कि उसका भाई कहाँ है।
यही सोचती हुई मैं बिस्तर पर आ गई और थोड़ी देर में बाथरूम का दरवाज़ा खुला और चेतन अन्दर आ गया।
थोड़ी देर में ही डॉली भी चाय लेकर आ गई, उसके चेहरे पर एक शरारती और सेक्स से भरी हुई मुस्कान थी। मैंने देखा कि वो मेरी नज़र बचा कर बड़ी अदा के साथ अपने भाई की तरफ देख रही थी।
जब वो बिस्तर पर चाय रखने लगी.. तो काफ़ी ज्यादा ही झुक गई.. जिससे उसकी दोनों चूचियों बिल्कुल जैसे बाहर को निकलते हुए उसके भाई को नज़र आने लगीं।
डॉली ने एक नज़र उठा कर उसी हालत में ही अपने भाई को देखा और कटीली अदा से मुस्करा कर सीधी होकर बैठ गई।
मैं उन दोनों की हरकतों को नजरंदाज कर रही थी.. जैसे कि मुझे कुछ पता ही ना हो
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