RE: Antarvasna मेरे पति और मेरी ननद
चेतन- चल अब जल्दी से मेरा पानी निकाल दे ना..
डॉली- नहीं भाई.. यहाँ पर सब कुछ खराब हो जाएगा.. मैं नहीं निकालती।
चेतन- तो मेरा पानी मुँह में ले लेना ना..
डॉली- छी: छी: कितनी गंदी बातें करते हो ना तुम.. मैं तुम्हारा पानी अपने मुँह में क्यों लूँ?
अपने भाई का लंड रगड़ते-रगड़ते.. जैसे वो छूटने वाला हुआ तो डॉली ने उसका लंड उसके शॉर्ट्स के अन्दर ही डाल दिया और ऊपर से दबा दिया।
इसी के साथ ही चेतन का पूरे का पूरा पानी उसके शॉर्ट्स के अन्दर ही निकलने लगा।
‘ऊऊऊहह.. आआआ..अह.. सस्स्स्स.. स्सस्स..’ की आवाजों के साथ ही चेतन के लंड ने सारा पानी अपने शॉर्ट्स में ही निकाल दिया।
पूरा पानी निकलने के बाद चेतन बोला- डॉली तुम बहुत शैतान हो.. देखो तुमने मेरा सारा शॉर्ट्स खराब कर दिया है..
डॉली ने उसके शॉर्ट्स को नीचे को खींचा.. और अन्दर हो रही सारी मलाई को फैलते देखा तो हँस कर बोली- अब बहुत अच्छा लग रहा है.. है न?
चेतन बोला- कोई बात नहीं.. आज रात को तेरी चूत से सारा बदला लूँगा।
डॉली- क्या मतलब?
चेतन- मतलब यह कि मैं आज ही रात को तेरी कुँवारी चूत चोदूंगा।
डॉली- भाई.. आपको शर्म नहीं आएगी क्या.. अपनी ही सग़ी बहन को चोदते हुए?
चेतन- जब तुझे अपने भाई का लंड चूसते हुए शर्म नहीं आई.. तो मुझे भी तेरी चूत चोदते हुए कोई शरम नहीं आएगी।
डॉली हँसते हुए बोली- लेकिन भाई भाभी भी तो हैं ना?
चेतन- उसकी फिकर ना कर.. उसे मैं रात को दूध में नींद की गोली मिलाकर दे दूँगा.. तो खुद ही सोई रहेगी।
डॉली अपने खुले हुए मुँह पर अपना हाथ रखते हुए बोली- भाई कितने ज़ालिम हो तुम?
चेतन- ज़ालिम नहीं.. बेचैन कहो कि कितना बेचैन हूँ तुम्हें चोदने के लिए..
मुझे चेतन के प्लान का इल्म हो चुका था। मैं मुस्कुरा दी.. क्योंकि मैं भी आज डॉली को अपने भाई के लंड से चुदवा कर उसका कुँवारापन खत्म करना चाहती थी.. इसलिए मैंने चेतन के साथ सहयोग करने का फ़ैसला कर लिया।
रात के खाने के बाद मैं कमरे में पहले ही आ गई और लेट गई।
थोड़ी देर के बाद चेतन आया और मुझे दूध का गिलास और दवा दे कर बोला- यह दवा ले लो.. सुबह तक तबीयत ठीक हो जाएगी।
मैंने उसे दोनों चीजें साइड की टेबल पर रखने को कहा।
फिर वो चला गया.. उसकी जाते ही मैंने वो दूध और दवा बाथरूम में गिरा दी और लेट गई।
अब फिर से उठ कर मैंने बाहर झाँका तो दोनों बहन-भाई की मस्तियाँ जारी थीं। टीवी देखते हुए भी वो डॉली को अपनी आगोश में खींचे हुए था और उसकी चूचियों से खेल रहा था.. कभी उसको चूम रहा था।
डॉली अपनी अदाएं दिखाते हुए उसे तंग कर रही थी ‘भाई.. क्या है ना आपको.. मेरे ही पीछे पड़े रहते हो.. थोड़ा सबर नहीं हो सकता क्या?’
चेतन- नहीं हो रहा ना सबर मुझसे.. मेरा तो दिल कर रहा है कि अभी डाल दूँ तेरी चूत में अपना लंड..
डॉली- भाई.. मैं आपको कुछ भी ऐसा-वैसा नहीं करने दूँगी.. पता भी है आपका यह कितना मोटा है.. मेरी तो वैसे ही फाड़ देगा..
डॉली ने चेतन के लंड को छूते हुए कहा।
चेतन- हाय मेरी जान.. मुझे तेरी चूत फाड़नी ही तो है.. आज की रात..
डॉली- नहीं भाई.. प्लीज़ फिर कभी कर लेना.. आज नहीं.. आज तो भाभी भी हैं ना.. तो ऐसे में ठीक नहीं है ना..
चेतन- अरे कुछ नहीं होता यार.. तेरी खातिर तो उसे नींद की गोलियां दीं हैं.. तू उसकी फिकर ना कर..
चल जा उसे देख कर बता.. सो गई होगी वो.. और फिर थोड़ा मेकअप करके तैयार हो जा.. मैं आता हूँ.. फिर तुझे चोदता हूँ..
डॉली मुस्कुराते और शरमाते हुई उठी और कमरे की तरफ बढ़ी.. तो मैं जल्दी से बिस्तर पर लेट गई और सोती बन गई।
डॉली कमरे में आई और मेरे बिस्तर के पास खड़ी होकर मुझे आवाजें देने लगी- भाभी भाभी..
लेकिन ज़ाहिर है कि मैंने कोई जवाब नहीं दिया.. फिर डॉली ने मेरी चूचियों के ऊपर हाथ रख कर आहिस्ता आहिस्ता सहलाते हुए मुझे उठाना चाहा.. लेकिन मैंने कोई जवाब नहीं दिया।
डॉली का हाथ मेरे जिस्म पर से फिसलता हुआ मेरी चूत तक आ गया और मेरे पजामे के ऊपर से ही मेरी चूत को सहलाते हुए बोली।
डॉली- मेरी प्यारी भाभीजान.. आज तो आपके पति मेरे भी पति बनने जा रहे हैं.. आज भाई का लंड मेरी चूत में भी जाने वाला है.. जैसे आपकी चूत में जाता है.. पता नहीं कैसे होगा यह सब.. और कैसा हो पाएगा..
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