RE: Antarvasna मेरे पति और मेरी ननद
डॉली ने अपने सिर को इधर-उधर हिलाना शुरू कर दिया.. लेकिन चेतन ने अपनी उंगली उसके होंठों के दरम्यान में डाल कर उसके मुँह में डाल ही दी और उसे अपनी ही चूत का पानी चाटने पर मजबूर कर दिया।
चेतन ने डॉली की दोनों टाँगों के दरम्यान थोड़ी जगह बनाई और दरम्यान में लेट गया।
अब डॉली की एक टाँग मेरे ऊपर थी। चेतन ने दरम्यान में बैठ कर अपनी बहन की कुँवारी चूत को एक किस किया और फिर अपनी ज़ुबान की नोक को उसकी चूत के लबों की दरम्यानी लकीर पर ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर को फेरने लगा।
आहिस्ता-आहिस्ता उसके दोनों लबों को खोल कर अपनी बहन की कुँवारी चूत के सुराख को अपने सामने किया और फिर अपनी ज़ुबान की नोक से डॉली की चूत के सुराख को छूने लगा।
आहिस्ता आहिस्ता उसकी चूत के सुराख को चाटते हुए चेतन ने अपनी ज़ुबान को अन्दर डालना शुरू कर दिया।
डॉली का बुरा हाल हो रहा था.. वो अपने भाई के सिर के बालों को पकड़ कर खींच रही थी और नोंच रही थी। उसकी चूत पानी-पानी हो रही थी और वो अन्दर से बिल्कुल चिकनी हो चुकी हुई थी।
चेतन ने अपनी एक उंगली उसकी चूत के अन्दर डाली.. तो उसे अपने बहन की चूत के अन्दर का कुँवारा परदा रोड़ा अटकाता महसूस हुआ।
वो उसे छूते हुए बोला- मेरी जान.. आज तेरी चूत के इस परदे को फाड़ कर तेरी चूत का ‘एंट्री गेट’ खोल दूँगा.. फिर बड़ी आसानी से तेरी चूत में लंड जा सकेगा।
डॉली अपनी आँखें बंद किए हुए पड़ी लंबी-लंबी साँसें ले रही थी।
थोड़ी देर के बाद चेतन उठा और अपना पजामा उतार कर अपने अकड़े हुए लंड को पकड़ कर उसकी चूत के सामने बैठ गया।
चेतन अपने हाथ में लौड़े को पकड़ कर अपनी बहन की चूत की ऊपर रगड़ने लगा।
उसके लण्ड की टोपी भी डॉली की चूत के पानी से गीली होती जा रही थी।
उधर अपने इतने क़रीब बहन-भाई का इस क़दर सेक्सी खेल होता हुआ देख कर मेरी अपनी चूत भी पानी छोड़ रही थी।
अगर इस वक़्त चेतन मेरी चूत को छू लेता.. तो यक़ीनन मैं पकड़ी जाती कि मैं जाग रही हूँ और यह सब देखते हुए मस्त हो रही हूँ।
चेतन ने अपने दोनों हाथों की उंगलियों से अपनी सग़ी बहन की चूत के दोनों होंठों को खोला और अपनी लंड की मोटी फूली हुई टोपी.. जो कि उसकी बहन की चूत के पानी से ही गीली होकर चमक रही थी.. उसे उसकी चूत के सुराख पर रखा और धीरे-धीरे अपना लंड अन्दर घुसेड़ने लगा।
डॉली ने पहले तो आँखें खोल कर ख़ौफ़ और डर की कैफियत के साथ अपने भाई की तरफ देखा और अपने दोनों हाथों को उसके सीने पर रखते हुए रोकने की कोशिश की.. लेकिन फिर कुछ कहे बिना ही खामोश होकर अपनी आँखें बंद कर लीं।
वो अपनी चूत में दाखिल होने वाले अपने भाई के लंड का इन्तजार करने लगी।
चेतन ने थोड़ा सा जोर लगाया तो उसके लण्ड की मोटी टोपी फिसल कर उसकी बहन की चूत के सुराख के पहले छल्ले के अन्दर दाखिल हो गई.. इसी के साथ ही डॉली की एक हल्की सी चीख निकल पड़ी- उई.. अम्मी..याह…!
चेतन- हौसला रखो.. मेरी जान.. अभी तो कुछ भी नहीं हुआ.. अभी तो मैंने टोपा को थोड़ा सा अन्दर फंसाया ही है।
फिर चेतन ने डॉली की दोनों टाँगों को पकड़ कर ऊपर किया और उसकी जाँघों को अपने काबू में करते हुए अपने लंड के सुपारे को ही थोड़ा-थोड़ा आगे-पीछे करने लगा।
इस थोड़ी-थोड़ी सी हरकत से डॉली भी अपने भाई के लंड से मुन्तजिर होने लगी और उसे भी मज़ा आने लगा- ईसस्स.. ओह.. इस्स्स.. आआआहह.. ओऊम्मकम.. ऊऊऊहह.. उफफ..अम्मी..रे..
जैसे ही डॉली के मुँह से हल्की-हल्की सी सिसकारियाँ निकलने लगीं.. तो धीरे-धीरे चेतन ने अपने लंड को और भी अन्दर डालना शुरू कर दिया।
थोड़ी ही देर में उसका लंड अपनी बहन की चूत के परदे से टकराने लगा।
कुछ देर तक रुक कर.. गोया उस परदे को अपने लंड की टोपी से सहलाते हुए चेतन ने एक हल्का सा धक्का मारा.. तो पूरी तरह गरम हो चुकी उसकी बहन की चूत का परदा फटता चला गया और उसका लंड अन्दर दाखिल हो गया।
डॉली की एक हल्की सी मगर तेज चीख निकली.. लेकिन इसी के साथ ही चेतन ने उसके ऊपर लेटते हुए उसके होंठों को अपने होंठों में जकड़ लिया और उसे चूसने लगा।
पीछे से वो बिल्कुल सख्त था.. फिर आहिस्ता आहिस्ता अपने लंड को अन्दर बाहर करते हुए वो अपनी बहन की चूत को चोदने लगा।
ऐसा लग रहा था कि डॉली बेसुध सी हो गई थी.. पर तभी उसके हाथों की मुठ्ठियों से चादर को खिंचते देखा तो मैं समझ गई कि डॉली को अपनी सील टूटने से बेहद दर्द हो रहा था और वो मेरे कारण ही अपनी चीख को बाहर नहीं निकलने दे रही है.. बहुत ही हिम्मत वाली लड़की थी।
अब धकापेल चुदाई चालू हो चुकी थी शायद चेतन के लौड़े ने चूत में अपनी जगह बना ली थी.. क्योंकि तभी डॉली ने भी अपने दोनों बाज़ू अपने भाई की कमर की गिर्द डाल लिए थे और वो उससे लिपट गई थी.. इसका साफ़ मतलब था कि डॉली को अब चुदने में मजा आने लगा था।
अपने हाथों को डॉली की कमर के नीचे लाते हुए चेतन ने अपनी बहन के जिस्म को अपनी बाँहों में भर लिया और आहिस्ता आहिस्ता अपने धक्कों की रफ़्तार को बढ़ाते हुए अपनी बहन की चुदाई में तेज़ी लाने लगा।
पूरा बिस्तर उसके धक्कों की ताक़त से हिल रहा था और मुझे ऐसा महसूस हो रहा था कि जैसे उसका लंड मेरी ही चूत में जा रहा हो।
चेतन एक टाइट और कुँवारी चूत को पहली बार चोद रहा था.. तो कैसे ज्यादा देर तक बर्दाश्त कर सकता था.. इसलिए कुछ ही देर गुज़री कि चेतन ने अपने लंड को पूरा का पूरा अपनी बहन की चूत के अन्दर डालते हुए अपने लंड से पानी निकालना शुरू कर दिया और उसके लण्ड से सारी की सारी मलाई निकल कर अपनी बहन की चूत में गिरने लगी।
इसी के साथ ही चेतन अपनी बहन के ऊपर ही ढेर हो गया।
रात में चेतन ने एक बार दोबारा डॉली को चोदना चाहा.. लेकिन डॉली ने यह कह करके इन्कार कर दिया कि अभी उसे नीचे चूत में बहुत ज्यादा तकलीफ़ हो रही है.. तो अभी वो दोबारा उससे नहीं चुदवा सकती है।
मजबूरन चेतन भी अपनी बहन के जिस्म के साथ लिपट कर सो गया।
उनकी सोने के बाद मैं भी सो गई।
सुबह मेरी आँख अपनी बिस्तर पर हो रही कुछ हरकतों की वजह से खुली और हल्की हल्की सिसकारियाँ और आवाजें भी आ रही थीं।
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