RE: bahan sex kahani मेरी सिस्टर
हमारे घर से स्कूल तक ऑटो करीब 25 मिनट में आ पाता था।
ऑटो के पास आते ही बहन ने पूछा- और भाई कैसे हो? बहुत ज्यादा देर इंतज़ार तो नहीं करना पड़ा?
मैंने कहा- नहीं यार, ऐसा नहीं है।
और उसको देखते हुए मुस्कुराया। मैंने देखा कि उसके गाल गुलाबी हो गए थे और चेहरे पर शर्म की लाली और आँखों में वासना के डोरे तैर रहे थे।
मैं सोचने लगा कि मेरी प्यारी बहन के गाल गुलाबी और आँखें वासना से भरी क्यों लग रही हैं? क्या सोनिया स्कूल में गर्म हो गई थी?
मेरी बहन ने ऑटो में बैठने के लिये अपने एक पैर को ऊपर उठाया। इस तरह करते हुए उसने बड़े ही आकर्षक और छुपे हुए तरीके से अपनी स्कर्ट को इस तरह से उठ जाने दिया कि मुझे मेरी प्यारी बहन की मांसल चिकनी और गोरी जाँघों उसकी पैंटी तक दिख गई।
एक क्षण में ही सोनिया ऑटो में बैठ गई थी पर मेरे बगल में शैतानी भरी मुस्कुराहट के साथ बैठ गई।
मैं जानता था कि यह उसका मुझे सताने के अनेक तरीकों में से एक तरीका है। जब वो मेरे बगल में बैठी तो उसके महकते बदन से निकली सुगंध मेरे नाक को भर दिया और मैंने एक गहरी सांस लेकर उस सुगंध को अपने अंदर और ज्यादा भरने की कोशिश की।
मेरी बहन मेरी उत्तेजना को समझ सकती थी, उसने मुस्कुराते हुए पूछा- क्यों भाई, तुम्हारा चेहरा इस तरह से लाल क्यों हो रहा है? और तुम्हारी आँखें भी लाल हो रही हैं क्या बात है?
मैंने मुस्कुराते हुए उसकी ओर देखा और कहा- देखो सोनिया तुम तो मेरे दोस्त मनीष को जानती हो, उसने मुझे दो बहुत ही गर्म किताबें दी हैं। तुम्हारा इंतज़ार करते हुए मैंने उन्हें देख रहा था और फिर तुम जब ऑटो में बैठ रही थीं तब तुमने मुझे अपनी पैंटी और जाँघें दिखा दीं। अब जबकि तुम मेरे बगल में बैठी हो, तुम्हारे बदन से निकलने वाली खुश्बू मुझे पागल कर रही है।
मेरी बहन हँसने लगी। ऑटोवाले ने ऑटो को आगे बढ़ा दिया था और हम दोनों भाई-बहन धीमे स्वर में फुसफुसाते हुए आपस में बात कर रहे थे ताकि हमारी आवाज़ उस तक नहीं पहुँचे।
मेरी बहन मेरे दाहिने तरफ बैठी थी और अपनी दाहिने हाथ से उसने अपनी किताबों को अपनी छाती से चिपकाया हुआ था।
पथरीले रास्ते पर चलने के कारण ऑटो बहुत हिल रहा था और इसलिए अपना संतुलन बनाने के लिए सोनिया ने अपने बाएं हाथ को ऊपर उठा कर ऑटो का हुड पकड़ लिया।
ऐसा करने से मेरी सोनिया के चिकनी मांसल कांख, जो कि पसीने की पतली परत और उससे भीगे हुए उसके स्कूल ड्रेस की ब्लाउज से ढके हुए थे, से निकलती हुई तीखी गंध सीधा मेरे नकुओं में आ कर समा गई।
मेरी गोद में रखे मेरे बैग के नीचे मेरा लंड अब पूरी तरह से खड़ा हो गया था और ऐसा लग रहा था कि उसने मेरे बैग को अपने ऊपर उठा लिया हैं।
यह मेरी बहन का एक और अनोखा अंदाज था मुझे सताने का, वो जानती थी कि मुझे उसकी कांख और उस से निकलने वाली गंध पागल बना देती है। उसके बदन की खुशबू मुझे कभी भी उत्तेजित कर देती है। उसने मुझे अपने आँखों के कोनों से देखा और सीट की पुष्ट से अपनी पीठ को टिका कर आराम से बैठ गई।
उसने अभी भी अपने बाएं हाथ से हुड को पकड़ रखा था और अपनी किताबों को अपनी छातियों से चिपकाये हुए थी। ऑटो के हिलने के कारण उसकी किताबें जो कि उसकी छातियों से चिपकी हुई बार-बार उसकी चूचियों पर रगड़ खा रही थीं।
जैसे ही ऑटो एक मोड़ से मुड़ा, मैंने ऐसा नाटक किया कि जैसे मैं लुढ़क रहा हूँ और अपने चेहरे को उसकी मांसल काँखों में घुसेड़ दिया और लंबी सांस खींचते हुए उसकी काँखों को चाट लिया और हल्के से काट लिया।
मेरी बहन के मुँह से एक आनन्द भी चीख निकल गई और उसने मुझे जानवर कहा और बोली- देखो भाई, तुम एक जानवर की तरह से हरकत कर रहे हो, देखो तुमने कैसे मेरी बगलों को चाट कर गुदगुदा दिया और काट लिया, मुझे दर्द हो रहा है। मुझे लगता है तुम्हारे दोस्त की दी हुई किताबों ने तुमको कुछ ज्यादा ही गर्म कर दिया है।
“अगर तुम मुझे इस तरह से सताओगी तो तुम्हें यही फ़ल मिलेगा, समझी मेरी प्यारी बहना। वैसे डार्लिंग मुझे एक बात बताओ कि तुम आज कुछ ज्यादा ही चुलबुली और शैतान लग रही हो, ऐसा क्या हुआ है? आज क्या तुम भी मेरी तरह गर्म हो रही हो, बताओ ना?”
सोनिया बोली- तुम तो मेरी सहेली तनीषा को जानते ही हो, उसने अपने घर पर कल रात हुए एक बहुत ही उत्तेजक घटना के बारे में मुझे बताया, जिसके कारण मैं बहुत गर्म हो गई हूँ। नीचे से पूरी तरह से गीली हो गई हूँ और मेरी पैंटी मेरी चूत के पानी से भीग गई है।
“सच में डार्लिंग सिस, ऐसा क्या हुआ, मुझे भी बताओ ना?”
सोनिया ने बताया- कल रात उसके घर पर उसके मामू…
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