Kamukta Story चुदाई का सिलसिला
05-31-2019, 12:21 PM,
#46
RE: Kamukta Story चुदाई का सिलसिला
शास…क्या सोच रही हो मम्मी…में तुम्हारा बेटा हुआ तो क्या हुआ…हूँ तो एक मर्द ही ना ऑर आप एक औरत है…एक मर्द ऑर एक औरत का रिस्ता ऑर कुछ नहीं होता….बस चुदाई का ही होता है…लंड को आपके जैसी चूत ऑर छूट को मेरे इस लंड जैसा लंड ही तो चाहिए….फिर आपकी सेवा करना तो मेरा धर्म भी है ना मम्मी…..

भाभी…बस बेटे….अब ये सब बातें छोड़….बाकी बातें बाद में करेंगे…तेरे पापा नहा कर आने वाले है…तुम भी जल्दी कपड़े पहन कर आ जाओ…साथ साथ खाना खाते है….ये कह कर भाभी…शास के लंड को छोड़ कर किचन की ओर चली गयी…पर शास के दिल में तो एक आग जलाकर चली गयी थी…जो चिंगारी शास के मन में काफ़ी दिनो से भड़क रही थी…उसको तो आज भाभी ने शोला बना दिया था….खैर शास ने अपने लंड पर कई दफ़ा ठंडा पानी डाला ऑर टवल से शरीर पोछ कर कपड़े पहन लिए…ऑर धीरे धीरे उसका लंड तो शांत हो गया पर अंदर की चिंगारी सुलग चुकी थी……

तभी शास के पापा भी स्नान करके वापिस आ गये थे…फिर तीनो ने एक साथ बैठ कर खाना खाया….इस बीच शास चोरी चोरी से अपनी मम्मी को निहारता रहा …उसने महसूस किया कि उसकी ममी उन सभी लड़कियों से ज़्यादा सेक्सी है जिनकी आज तक शास ने चुदाई की है…..

खाना खाने के बाद शास के पापा घेर में चले गये….उन्हें दोपेहर में आराम करने की आदत थी…ऑर शास अपनी मम्मी से लिपट गया….मम्मी आप वाकई ही बहुत सुन्दर ऑर सेक्सी हैं…

भाभी…अब छोड़ शास…मुझे घर का बहुत काम करना है….

शास…सुबेह से तो काम ही कर रही है…अब थोड़ी देर आराम कर लो…बाद में काम निपटा लेना….

भाभी…नहीं बेटे में हमेशा काम निपटा कर ही आराम करती हूँ…पहले काम निपटा लेने दे…बाद में ही आराम करूँगी….

शास….मम्मी को बाहों में भींच कर…पर आज तो आराम कर लो…थक गई होंगी….बाद में काम कर लेना…ऑर धीरे से मम्मी की चुचियों पर हाथों का दबाव बना दिया…..

भाभी…क्या इरादा है तुम्हारा…मुझे कुछ ठीक नज़र नहीं आ रहा है…जाओ तुम आराम कर लो…मुझे काम करने दो….

शास…भला आप काम करो ऑर में आराम करूँ…ये कैसे हो सकता है…मम्मी…चलो में आपका हाथ बँटा देता हूँ…

भाभी…रहने दे में अपना काम अपने आप कर लूँगी….तू जा ऑर लेट जा…

शास….मम्मी प्लीज़…आज आप भी आराम कर लो ना काम बाद में कर लेना…या फिर में भी आपका काम निपटवाता हूँ…..

भाभी…शास…मुझे आज तुम्हारी नियत कुछ ठीक नहीं लग रही है…आख़िर क्या बात है….रोज तो तुम्हें मम्मी की चिंता नहीं होती थी…

शास…चिंता तो रोज ही होती थी…पर आपसे खुलकर तो बात आज ही हुई है ना…पहले तो में डरता था…कि कहीं मम्मी बुरा ना मान जाए…ऑर ना जाने क्या क्या…..बस चुप छाप सह रहा था…

भाभी…ठीक है शास…पर एक बात ध्यान रखना…तुम कोई उल्टी सीधी हरकत नहीं करना… इसी शर्त पर में तुम्हारे साथ आराम करने के लिए चलती हूँ…

शास…ठीक है मम्मी…में आपकी मर्ज़ी की विरूध कोई काम नहीं करूँगा….

आप आप लोगो को क्या बताऊ दोस्तो….अंदर ही अंदर भाभी भी सुलग रही थी…पर वो सीधे सीधे कुछ नहीं कहना चाहती थी…उसे भी लंड का मज़ा लिए हुए मुद्दत गुजर गई थी…वो खुद चुदाई के लिए तैयार थी…बस अपनी तरफ से शुरुआत नहीं करना चाहती थी…..

भाभी शास के साथ बेडरूम में आ गयी…..ऑर दोनो बेड पर बैठ गये….

भाभी…मेरा कितना काम बाकी है…पर ना जाने तुझे आज क्या सूझी है…सारा काम छुड़वा दिया….

शास…मम्मी रोज तो काम ही काम करती हो कभी तो आराम भी कर लिया करो…चलो आप लेट जाओ…में आपके पैर दबा देता हूँ….

भाभी…रहने दे रहने दे…पहले ऊपर से दबा दिया…अब क्या नीचे से दबाने का इरादा है…..कुछ ही देर पहले शास ने उनकी चुचियों पर दबाव जो बनाया था…उसको दोहराते हुए बोली…..

शास….मम्मी….क्या करूँ आप है ही इतनी सुंदर….आपको देख कर तो किसी का भी दिल डोल सकता है…..आपका ये गठीला ऑर मांसल बदन….भारी भारी चुचियाँ ऑर गोलमटोल भारी उछलते हुए चूतड़….किसी देवता को भी मदहोश कर सकते है…..फिर में तो आपकी सुंदरता का ना जाने कब से दीवाना हूँ….

भाभी…बस रहने दे रहने दे चने के झाड़ पर मत चढ़ा…मुझे मालूम है में कितनी सुंदर हूँ…ज़्यादा मक्खन मत लगा…

शास…नहीं मम्मी में सच कह रहा हूँ…यक़ीन मानो…

भाभी….ठीक है..ठीक है…अब आराम कर ले…मुझे उठकर काम भी करना है…..

शास…मम्मी क्या में आपके पैर दबा दूं…

भाभी…क्यूँ…मेरे पैरों में दर्द थोड़े ही है….

शास…..इस बहाने मम्मी आपकी भारी भारी…मांसल जांघे दबाने को मिल जाएगी…इनको दबाने ऑर चूमने की हसरत ना जाने कब से है….

भाभी…अच्छा तो ये कहो ना…कि मेरे पैर नहीं ….जांघे दबाने ऑर चूमने का इरादा है…

शास….हाँ मम्मी यदि आपकी इजाज़त मिल जाए तो…

भाभी…नहीं बेटे ये ठीक नहीं होगा…ये पाप है…में तुम्हारी मम्मी हूँ…ऐसा सोचना भी पाप ही होगा….

शास…. मेने आपकी पहले भी बताया है मम्मी की हम मर्द ऑर औरत भी है…ऑर हमारी कुछ सेक्षुयल इच्छा भी होती है…ऑर मर्द ऑर औरत दोनो एक दूसरे के इसीलिए पूरक है….

भाभी…पर मेरी तो ऐसी कोई इच्छा नहीं है… में शादीशुदा हूँ ऑर इसके लिए तुम्हारे पापा है…

शास…मम्मी आपने ही बताया था…कि पापा का बहुत छोटा है…ऑर हर औरत की इच्छा होती है कि उसे बड़ा..मोटा…ऑर लंबा ताकतवर लंड मिले….क्या आपकी इच्छा नहीं होती मम्मी…

भाभी….बेटे ये तो अपना अपना नसीब होता है…कि किसको क्या मिला…
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RE: Kamukta Story चुदाई का सिलसिला - by sexstories - 05-31-2019, 12:21 PM

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