Bhabhi ki Chudai देवर भाभी का रोमांस
06-01-2019, 02:17 PM,
#96
RE: Bhabhi ki Chudai देवर भाभी का रोमांस
मुझे चुप देख कर वो ज़िद ले बैठी.. सूनाओ ना देवेर्जी… क्या अपनी बड़ी भाभी को ही सुना सकते हो.. हमें नही..!

अचानक से मेरे दिमाग़ में स्कूल के समय का एक जोक क्लिक कर गया जो मेरे दोस्त ने सुनाया था..

मेने कहा – ठीक है तो फिर सुनिए… लेकिन सेन्स आपको निकालना पड़ेगा…

जोक - “ सारी रात गुजर गयी, उसके इंतेज़ार में….

मगर वो नही आई.. और हिला के सोना पड़ा….??? “

दोनो भाभी मुँह बाए मुझे देखने लगी…..

मेने कहा – ऐसे क्या देख रही हो आप लोग…?

कामिनी भाभी – ऐसे जोक पसंद करते हो..? और वो भी हमारे सामने ही…?

मेने कहा – इसमें ग़लत क्या है…? ओह ! इसका मतलव आप कुछ और ही समझ रही हो…अरे भाई, सारी रात लाइट नही आई.. और पंखा हिला के सोना पड़ा….

इसपर दोनो खिल-खिलाकर हँसने लगी… ओह्ह्ह – तो ये था… हम तो कुछ और ही समझे… कामिनी भाभी बोली..

मेने कहा – आप क्या समझी….? हाहहाहा……!

वो झेंप गयी… और चुप-चाप वहाँ से चली गयी… मे और मोहिनी भाभी फिरसे हँसने लगे…

फिर भाभी थोड़ा सीरीयस होते हुए बोली – लल्ला ! निशा से कभी बात चीत होती है..?

मे – हां ! कभी कभार मे ही अपनी तरफ से फोन कर लेता हूँ..क्योंकि उसके पास मोबाइल तो है नही,

भाभी – वैसे तुम दोनो कितना आगे तक बढ़ चुके हो..? मेरा मतलव है, कि सिर्फ़ बात-चीत तक ही सीमित है या इसके आगे भी कुछ…

मेने भाभी के चेहरे की तरफ गौर से देखा, आज अचानक भाभी ने निशा की बात क्यों छेड़ी..? मे अपने मन में ये सोच ही रहा था कि वो फिर बोली..

क्या हुआ ? क्या सोचने लगे..? कुछ ऐसी-वैसी बात तो नही है ना..? मुझे बताओ अगर कुछ भी है तो…

मेने कहा – नही भाभी ऐसी-वैसी कोई बात नही है, बस ये सोच रहा था, कि आज अचानक से आपने ये बात क्यों छेड़ी..?

वो मुस्कराते हुए बोली – अरे लल्ला ! तुम परेशान ना हो, मे तो बस ऐसे ही पुच्छ बैठी, वैसे तुमने कोई जबाब नही दिया मेरी बात का..?

मेने कहा – बस एक दो बार किस ज़रूर किया था हम दोनो ने, उससे ज़्यादा और कुछ नही..

वो – तुम एक रात वहाँ रुके थे, तो बस इतना ही हुआ…?

कुछ सोचकर, मेने भाभी को उस रात की पूरी दास्तान सुना दी, कि कैसे मेरी रिक्वेस्ट पर निशा ने मुझसे अपने सारे कपड़े निकल्वाकर अपने नग्न रूप का दीदार करवाया था..

मेरी बातें सुनकर ना जाने क्यों भाभी की आँखें डब-डबा गयी, और उन्होने मुझे अपने गले से लगा लिया…

जब कुछ देर गले लगने के बाद वो अलग हुई, तो उनकी आँखों में आँसू देखकर मेने पूछा –

क्या हुआ भाभी, मुझसे कोई भूल हो गयी..?

उन्होने मेरे माथे को चूमकर कहा – मेरे लाड़ले से कोई भूल हो सकती है भला,

ये आँसू तो इस खुशी से निकल पड़े, कि जैसा मेने सोचा था, तुम दोनो का प्यार तो उससे भी बढ़कर निकला…

तुम दोनो जिस पोज़िशन में पहुँच चुके थे, वहाँ से वापस मुड़ना ही तुम्हारे सच्चे प्रेम को दरसाता है…

अब में तुम दोनो को मिलने के लिए सारी दुनिया से लड़ सकती हूँ…

भाभी की बातें सुनकर मे भी अपना कंट्रोल खो बैठा, और झपट कर उनके सीने से लग गया, मेरी आँखें भी भाभी का प्यार देख कर छलक पड़ी…

वो मेरी पीठ को स्नेह से सहलाती रही, कुछ देर हम इसी पोज़िशन में एक दूसरे से लिपटे रहे…


तभी रूचि वहाँ आकर हमारे पैरों से लिपट गयी, और हम दोनो एकदुसरे से अलग होकर उसके साथ खेलने लगे…
मनझले चाचा का लड़का सोनू भी अब मेरे साथ कॉलेज में ही पढ़ने लगा था, उसके आर्ट्स सब्जेक्ट थे, कभी-2 हम दोनो एक ही बाइक पर कॉलेज चले जाते थे…

आज भी वो मेरे साथ ही कॉलेज आया था… दो पीरियड के बाद एक पीरियड खाली था, तो मे लाइब्ररी में चला गया.. और स्टडी करने लगा….

कुछ देर बाद रागिनी आई और मेरे बगल में आकर बैठ गयी…. मेने जस्ट उसे हाई.. बोला और पढ़ने लगा…!

कुछ देर बाद वो बोली – अंकुश ! तुम्हें नही लगता कि तुम मुझे इग्नोर करने की कोशिश करते हो…!

मे – नही तो ! ऐसा तुम्हें क्यों लगता है.. बस में थोड़ा रिज़र्व टाइप का हूँ.. तो पढ़ाई पर ध्यान ज़्यादा रहता है मेरा…!

वो – जब मे तुमसे माफी भी माँग चुकी हूँ… तुमने मुझे अपना फ्रेंड भी मान लिया है… तो फ्रेंड के साथ भी ऐसा कोई वर्ताब करता है भला…?

मे – तुम ग़लत समझ रही हो मुझे… अच्छा एक बात बताओ… तुमने किसी और से भी कभी मुझे बात करते या गप्पें लगाते देखा है…?

वो – लेकिन मे किसी और में नही हूँ…, मे तुम्हारी दोस्त हूँ यार !

मे – मेरा कोई दुश्मन भी तो नही है कॉलेज में… सभी दोस्त ही हैं… अब मेरा नेचर ही ऐसा है तो इसमें तुम्हें बुरा मानने की ज़रूरत नही है प्लीज़…

वो – मे तुम्हारी खास दोस्त हूँ.., मुझे तो टाइम देना ही पड़ेगा तुम्हें..!

मे – खास दोस्त मतलव..! किस तरह की खास… क्या मेने कभी कहा तुम्हें कि तुम मेरी खास दोस्त हो…!

वो अपनी नज़रें झुका कर वॉली – वो मे तुम ना… मुझे अच्छे लगते हो .. मे..तुम्हें चाहने लगी हूँ…!

मे बहुत देर तक उसकी तरफ ही देखता रहा.. वो नज़र नीची किए हुए थी… फिर जब उसने मेरी ओर देखा तो मेने उससे कहा….

ये तुम क्या बोल रही हो… मुझे चाहने लगी हो मतलव.. कहना क्या चाहती हो.. साफ-साफ कहो प्लीज़… ये पहेलियाँ मत बुझाओ…

वो – मे तुमसे प्यार करने लगी हूँ… ये कह कर उसने मेरे दोनो हाथ अपने हाथों में ले लिए…
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RE: Bhabhi ki Chudai देवर भाभी का रोमांस - by sexstories - 06-01-2019, 02:17 PM
Nise story - by Ram kumar - 01-07-2020, 11:26 PM

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