RE: Chodan Kahani जवानी की तपिश
कमरा रजनी की सिसकियों से गूँज रहा था। उसकी मजे में डूबी आवाज मेरे कानों में रस घोल रही थी उसका बार-बार दोहराया हुआ जुमला मेरे मजे में इजाफा कर रहा था-“खा जाओ मुझे राज… खा जाओ… मैं तुम्हारी हूँ… आज निचोड़कर रख दो मुझे… मेरा अंग-अंग तोड़ दो राज…”
उसके इस जुमले ने मेरे कानों की लोलकी गरम करनी शुरू कर दी और मेरा हाथ तेजी से उसके पेट पर से होता हुआ उसकी पैंटी की तरफ बढ़ने लगा, और उसके 36” साइज़ के मम्मे अपने गुलाबी निपल्स के साथ मेरे होंठों और जबान के जुल्म-ओ-सितम सह रहे थे। मैं उसका निपल अपने होंठों में दबाये उसको चूस रहा था और मेरा हाथ उसकी काले रंग की पैंटी में दाखिल हो चुका था।
हाथ के अंदर जाते ही मुझे महसूस हुआ कि मैंने शायद अपने हाथ को गलती से किसी तंदूर के ऊपर रख दिया है, मगर इस तंदूर की तपिश मुझे मजा दे रही थी। मुझे ऐसा लग रहा था कि मैंने सख़्त सर्दी में अपने ठंड से ठिठुरते हाथों को गरम करने के लिए आग के करीब कर दिया है, जिससे गर्मी मेरे हाथों से होती हुई मेरे पूरे जिश्म को गरम कर रही थी।
मेरा हाथ उसकी पैंटी में दाखिल होते ही रजनी ने एक तेज सिस्कारी भरी और एक लम्हे के लिए वो मचल सी गई। उसके दोनों हाथ मेरे सिर के बालों में उंगलियाँ फ़िराने लगे, वो अब पूरी मस्ती में डूबी हुई थी। मैं पिछले आधे घंटे से उसका साथ फोर-प्ले कर रहा था। मेरी किसिंग और चूची चुसाइ ने उसकी हालत खराब कर दी थी। किंग साइज़ के बेड पर उसके कपड़े बिखरे हुए थे। मेरा ऊपरी जिश्म शर्ट की कैद से आजाद था। रजनी के जिश्म पर भी अब सिर्फ़ पैंटी रह गई थी, जिसे मैंने अब उतारने का सोच लिया था। अब मुझसे भी कंट्रोल नहीं हो रहा था।
और अब मैं रजनी की चूत देखना चाहता था जिसके लिए इतना कत्ले-आम हुआ था। इस चूत को हासिल करने के लिए मेरे और मेरे कारिंदों के हाथों लगभग दो दर्जन लोग कत्ल हो चुके थे।
आज मैं रजनी की चूत मारकर उससे अपनी एक-एक पल की तड़प का बदला लेना चाहता था। जितने दिन उसने मुझसे दूरी रखी थी उसका हिसाब सॉफ करना चाहता था। मेरे हाथ की बीच वाली उँगली धीरे-धीरे रजनी की चूत के लबों को चीरती हुई उसके दाने के साथ छेड़-छाड़ में मसरूफ़ थी।
उसके दाने पर उँगली के छूते ही रजनी एक बार फ़िर उछल पड़ी उसने अपना सिर उठा-उठाकर बेड पर मारना शुरू कर दिया, उसके अल्फाज में तेजी आ गई-“राज, अब कर दो जो करना है, कर दो… मुझसे अब बर्दास्त नहीं होता… प्लीज राज चीर दो फाड़ दो… अब मैं तुम्हारी हूँ, मेरी हर चीज पर तुम्हारा हक है चीर दो मुझे राज… चीर दो…”
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