RE: Chudai Story बाबुल प्यारे
गतान्क से आगे....................
मैं : करके देखूं.पर आप बुरा तो नहीं मनोगे ?
बापू : नहीं मनुगा.
मैं : तो फिर अपना चेहरा इधर लाओ मैने बापू का फेस अपनी तरफ किया और उनके होंठो पर किस कर दिया.बापूने आँखें खोल ली.
मैं : बापू आपने कहा था कि आप बुरा नहीं मनोगे
बापू : मुझे याद है
मैं :मालिश क्यों रोक दी.वो तो करते रहो
बापू : क्या टीवी पर यह दिखाते हैं
मैं : हाँ बापू.आप ही बताओ , क्या लड़का लड़की एक दूसरे से होंठ (लिप्स) मिलाते हैं ?
बापू : मैने तो नहीं सुना
मैं : टीवी में तो लड़का लड़की ऐसे होंठ मिलते हैं जैसे होंठो से होंठो की मालिश कर रहे हो...बापू यह आप मालिशकर रहे हो या सिर्फ़ हाथ फेर रहे हो.अच्छी तरह करो.आप तो मेरे कपड़ो पर भी तेल लगा रहे हो.एक कामकरो...आँखें खोल लो.
बापू : आँखें तो खोल लेता हूँ लेकिन तुम किसी को बताना मत
मैं : कहा ना.कभी नहीं बताऊंगी अब बापू ने आँखें खोल ली और उनकी जवान बेटी ऑलमोस्ट फुल्ली नग्न उनकेसामने उनसे मालिश कराती हुई.अपनी बेटी का बदन देखते ही वो थोड़ा शर्मा गये.
मैं : थोड़े लंबे लंबे हाथ चलाओ..टीवी पर तो लड़का लड़की के होंठो से इतनी अच्छी मालिश कर रहा था और आप तोहाथों से भी अच्छी नहीं कर रहे.
बापू : नहीं ऐसी बात नहीं है.अब मैं कस के करता हूँ बापू ने लूँगी और बनियान पहनी हुई थी
मैं : बापू देखो ना, आपकी बनियान पर तेल लग रहा है, यह खराब ना हो जाए. इससे निकाल दो.
बापू : ठीक है. और बापू ने बनियान उतार दी.अब मेरी मॅक्सी मेरे ब्रा से ऊपर थी, बापू सिर्फ़ लूँगी में थे और मेरेऊपर चढ़ कर मेरे पेट की मालिश कर रहे थे
मैं : बापू. होंठो से होंठ मिलाना तो मैने पहली बार देखा ही.लेकिन इससे बड़ी चीज़ भी देखी.जो मैं नहीं मानती किअसली में होता होगा
बापू : अच्छा.क्या देखा
मैं : बता नहीं सकती.अपना चेहरा इधर लाओ बापू का फेस अपने हाथों में लेके मैं फिरसे बापू के होंठो पे किस करनेलगी.कुच्छ देर तक हमारे होंठ ऐसे ही एक दूसरे से चिपके रहे.फिर बापू ने कहा
बापू : पर यह तो तू बता चुकी है
मैं : हाँ यह तो बता चुकी हूँ.अब जो करना है वो करने में थोडा सा अजीब लग रहा है.चलो करती हूँ.लाओ अपने होंठहमने फिरसे किस शुरू की. अब मैने अपनी जीभ (टंग) बापू के होंठो पर चलाई और बापू के मूह (माउत) के अंदरडालनी चाही. बापू ने हल्के से अपना मूह खोल दिया.तो मैने अपनी जीभ बापू के मूह में डाल दी.
मैं बापू की जीभ को चाटने लगी.अब बापू भी अपनी जीभ मेरी जीभ पर घुमाने लगे.उन्होने अपनी जीभ मेरे दाँतोंतीथ) पर मारी.कुच्छ देर एक दूसरे की जीभ चूसने के बाद बापू ने अपना फेस ऊपर किया.
मैं : बापू, अच्छा लगा
बापू : मैने तो यह सब पहली बार सुना.मेरा मतलब पहली बार किया है
मैं : तो मैं कौनसा रोज़ करती हूँ.मैने भी पहली बार किया, बापू एक बात कहूँ.आपकी जीभ है बड़ी स्वाद
बापू : अच्छा.
मैं : मेरी जीभ का स्वाद आपको कैसा लगा?
बापू : ह्म.
मैं : याद नहीं तो फिर चख (टेस्ट) कर देख लो मैने बापू का फेस पकड़ कर अपनी तरफ लिया और अपनी जीभबाहर निकल दी.बापू मेरी जीभ को चाट-ने लगे..इस दौरान मैने तेल की कटोरी से थोड़ा तेल लिया औट बापू की पीठपर लगाने लगी..... कुच्छ देर तक चाटने के बाद बापू अलग हुए.
मैं : बापू, अब तो बताओ कैसा है मेरी जीभ का स्वाद
बापू : अच्छा है..पर तू यह सब किसी से बताना मत
मैं : बिल्कुल नहीं.बापू मैं अपनी मॅक्सी निकाल ही देती हूँ मैने अपनी मॅक्सी उतार दी.अब मैं सिर्फ़ ब्रा-पॅंटी में थीऔर बापू सिर्फ़ लूँगी में.
मैं : बापू.अब आप मेरी पीठ (बॅक) की मालिश करो यह कह कर मैं पेट (स्टमक) के बल लेट गयी. बापू के सामनेमेरी नंगी पीठ और मेरी हिप्स थी. बापू मेरी पीठ की मालिश करने लगे
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