RE: vasna story मजबूर (एक औरत की दास्तान)
अज़मल: “अरे फ़ारूक यार ज़रा सुनो तो!”
फ़ारूक: “हुक्म कीजिये अज़मल साहब!” फ़ारूक उन दोनों के पास आकर खड़ा हो गया। फ़ारूक और अज़मल दुआ सलाम के बाद बात करने लगे।
अज़मल: “फ़ारूक यार! ये सुनील है... अभी नया जॉइन हुआ है इसके लिये कोई किराये पर रूम ढूँढना है... तुम तो यहाँ करीब ही रहते हो कोई कमरा अवैलबल हो तो बताओ!”
फ़ारूक: “जरूर... कमरा मिलने में तो कोई मुश्किल नहीं होनी चाहिये...! कितना बजट है सुनील तुम्हारा?”
सुनील : “अगर दो-तीन हज़ार किराया भी होगा तो भी चलेगा!”
अज़मल: “और हाँ... रूम के आसपास कोई अच्छा सा ढाबा भी हो तो मुनासिब रहेगा ताकि इसे खाने पीने की तकलीफ़ ना हो!”
फ़ारूक (थोड़ी देर सोचने के बाद बोला): “सुनील अगर तुम चाहो तो मेरे घर में भी एक रूम खाली है ऊपर छत पर... बाथरूम टॉयलेट सब अलग है ऊपर... बस सीढ़ियाँ बाहर की बजाय घर के अंदर से हैं... अगर तुम्हें प्रॉब्लम ना हो तो... और रही खाने के बात तो तुम्हें मेरे घर पर घर का बना खाना भी मिल जायेगा... पीने की भी कोई प्रॉब्लम नहीं... है क्या कहते हो?”
सुनील: “जी आपका ऑफर तो बहुत अच्छा है... आपको ऐतराज़ ना हो तो शाम तक बता दूँ आपको?”
फ़ारूक के जाने के बाद सुनील ने अज़मल से पूछा कि क्या फ़ारूक के घर पर रहना ठीक होगा... तो उसने हंसते हुए कहा, “यार सुनील तू आराम से वहाँ रह सकता है... वैसे तुझे पता है कि ये जो फ़ारूक है ना बड़ा पियक्कड़ किस्म का आदमी है... रोज रात को दारू पिये बिना नहीं सोता... वैसे तुझे कोई तकलीफ़ नहीं होगी वहाँ पर... बहुत अच्छी फ़ैमिली है और तुझे घर का बना खाना भी मिल जायेगा!”
शाम को सुनील अपने ऑफिस से निकल कर फ़ारूक के ऑफ़िस में गया जो प्लैटफ़ोर्म के दूसरी तरफ़ था और फ़ारूक को अपनी रज़ामंदी दे दी। फ़ारूक बोला, “तो चलो मेरे घर पर... रूम देख लेना और अगर तुम्हें पसंद आये तो आज से ही रह लेना वहाँ पर!”
सुनील ने फ़ारूक की बात मान ली और उसके साथ उसके घर की तरफ़ चल पढ़ा। वो दोनों फ़ारूक के स्कूटर पर बैठ के उसके घर पहुँचे तो फ़ारूक ने डोर-बेल बजायी। थोड़ी देर बाद दरवाजा खुला तो फ़ारूक ने थोड़ा गुस्से से दरवाजा खोलने वाले को कहा, “क्या हुआ इतनी देर क्यों लगा दी!” सुनील बाहर से घर का मुआयना कर रहा था। घर बहुत बड़ा नहीं था लेकिन बहोत अच्छी हालत में था। अच्छे रंग-रोगन के साथ गमलों में खूबसूरत फूल-पौधे लगे हुए थे। फ़ारूक की आवाज़ सुन कर सुनील ने दरवाजे पर नज़र डाली।
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