RE: Adult Kahani छोटी सी भूल की बड़ी सज़ा
मेने उसकी बात का कोई जवाब नही दिया, और अपने रूम में जाकर वो डीवीडी छुपा दी, अब मेरे पास वो डीवीडी आ चुकी थी…..एक बार तो सोचा अब इसको धक्के दे कर घर से निकाल दूं….पर फिर भी मन में डर था, कि कही ये इसकी कोई और चाल तो नही…..मेने बाहर आकर खाना लगाया, और हम दोनो ने खाना खाया. अब रात बहुत हो चुकी थी…..बाहर सर्दी अब पूरे जोरों पर थी…..जब में काम निपटा कर अपने रूम में दाखिल हुई, तो मेरे कदम वही जम गये…
अमित मेरे बेड पर नंगा लेटा हुआ था. उसने कमर से निचले हिस्से पर रज़ाई ओढ़ रखी थी….और अपने हाथ से अपने 9 इंच लंबे लंड को हिला रहा था….मेने डोर बंद किया, और बेड के किनारे पर आकर बैठ गयी…..अमित ने एक हाथ बढ़ा कर मेरी शॉल को पकड़ कर अपनी तरफ खेंचा…..में बिना कुछ बोले बेड पर चढ़ गयी……अमित ने रज़ाई उठा दी, ताकि में रज़ाई के अंदर आ सकूँ….जैसे ही में रज़ाई के अंदर लेटी, वो मेरे ऊपेर आ गया….और मेरी शाल को मेरे बदन से अलग करके नीचे फेंक दिया…..अब में सिर्फ़ नाइटी में थी….
उसने मेरे ऊपेर लेटते हुए मेरे होंटो अपने होंटो में भर लिया….और मेरे होंटो को चूस्ते हुए नाइटी के आगे के हुक्स को खोलने लगा…..इस बार वो पहले की तरह बेदर्दी नही दिखा रहा था……उसने एक -2 करके मेरी नाइटी के सारे हुक्स खोल दिए….मेने नीचे कुछ नही पहना था….उसने मेरे मम्मों को पकड़ कर नाइटी से बाहर निकाल लाया……और मेरे होंटो से अपने होंटो का हटा कर मेरे लेफ्ट निपल को मूह में भर चूसना शुरू कर दिया…..
अपने निपल पर उसकी गरम-2 जीभ महसूस करते ही, में सिसक उठी……इस बार वो बड़े ही प्यार से मेरे निपिल्स को चूस रहा था…..और दूसरे हाथ से मेरी नाइटी को नीचे से ऊपेर कर रहा था…..थोड़ी देर में ही नाइटी मेरी कमर तक चढ़ चुकी थी…..हम दोनो रज़ाई के अंदर थे.इसीलिए नीचे का कुछ दिखाई नही दे रहा था……मुझे इसका अहसास तब हुआ जब उसके लंड का दहाकता सुपाडा मेरी चूत के छेद पर आ लगा…….मेरा जिस्म बुरी तरह से कांप गया.
मुझे पता नही में क्यों इतनी मदहोश हो गयी कि, मेने गले में बाहें डाल कर अपने से चिपका लिया”ओह्ह्ह अमित” मेने मस्ती भरी आवाज़ में कहा…..अमित ने मेरी चुचि को मूह से निकाला और फिर मेरी तरफ देखते हुए, अपने होंटो को मेरे होंटो के तरफ बढ़ाना शुरू कर दिया…..
उसका लंड मेरी चूत के छेद पर लगा हुआ झटके खा रहा था….में इस कदर मदहोश गयी थी, कि मेने भी अपने होंटो को खोल कर उसके होंटो की तरफ बढ़ा दिया……अमित फिर से मेरे होंटो को चूसने लगा…..इस बार नज़ाने क्यों में उसका साथ देने लगी थी……वो मेरे होंटो को चूस्ते हुए, मेरे निपल्स को अपने हाथों की उंगलियों में लेकर मसल रहा था, और मरोड़ रहा था….
मेरी चूत फिर पनिया गयी…..और उसने कुछ देर मेरे होंटो को चूसा, फिर मेरे गालों और गर्दन को जीभ चाटने लगा……में उसकी इन हरकतों से मदहोश होती जा रही थी…..मेरे हाथ उसके कंधो और पीठ को सहला रहे थे….वो मेरे बदन के हर हिस्से को चूम रहा था चाट रहा था….फिर वो धीरे-2 नीचे की और बढ़ने लगा……मेरे पेट को चूमते हुए, मेरी नाभि के अंदर जीभ डाल कर चाटने लगा…..
उसकी इस हरकत से में एक दम से सिसक उठी…..मेने उसके बालो को पकड़ लिया… और उसके बालों में अपनी उंगलियाँ चलाने लगी……जब मेरे पति जिंदा थे, तब उन्होने कभी मेरे साथ ऐसा फोरप्ले नही किया था…हम तो सीधा साधा सा सेक्स करना जानते थे……इन सब चीज़ों में कितना मज़ा आता है.ये मुझे आज महसूस हो रहा था…….
मेरी सिसकारियाँ पूरे रूम में गूँज रही थी…..शुकर था कि, घर पर हम दोनो के सिवा कोई नही था…..फिर वो और नीचे की ओर बढ़ने लगा….मेरी जाँघो की जडो को जीभ से चाटने लगा…..में एक दम से तिलमिला उठी….”आह अमित्त सीईइ वाहाा नही मुझसे सहा नही जाता अह्ह्ह्ह अमित्त्त्तत्त ओह्ह्ह्ह.” पर अमित तो मेरी कोई बात नही सुन रहा था…आख़िर कार मेरे सामने वो मंज़र घूम गया, जब उसने सुबह मेरी चूत को चाटा था…..
फिर वो मेरी चूत पर आ गया…..और किसी भूखे जानवर की तरह मेरी चूत को फांकों के साथ मूह में भर कर चूसने लगा…..
में: (एक दम मस्त होकर गरम होने लगी) आहह ओह्ह्ह नही अमित्त्त ओह अह्ह्ह्ह अहह सीईईईई नही आईई माआ ओह क्या कर्र रहा है ओह्ह्ह मुंडिया मान जा अहह मेरीए जान काढ़ के रहेँगाआ आह खा गया आह तू मुझीई आ पूराअ काा पूराअ आह ख़ाा जाअ पूराअ अहह उफफफ्फ़ मेरीए जानंनणणन् फंससस्स गाईए……..हाई मेरीए फुदीइ खा गायाअ..
में पता नही क्या अनाप सनाप बके जा रही थी..मुझे खुद इस बात का होश नही था…..मेरी गान्ड बेड से 2 फुट ऊपेर उठ चुकी थी….और मेरी कमर बुरी तरह झटके खा रही थी…..फिर उसने मेरी चूत से मूह हटा लिया…..मेने तेज़ी से साँसे लेते हुए उसकी तरफ देखा…फिर वो नीचे झुक कर मेरे टाँगों को घुटनो से मोड़ कर ऊपेर उठाने लगा…..
में मदमस्त और बदहवास सी उसके इशारो पर काम करने लगी थी…..जैसे ही उसने मेरी टाँगों को ऊपेर उठा कर फेलाया……उसने मेरे दोनो हाथों को पकड़ कर मेरी चूत पर रखते हुए मेरी फांकों को फेलाना शुरू कर दिया….में समझ गयी कि, वो क्या चाहता है….मेने अपनी चूत की फांकों को फेला दिया. फिर उसने मेरी उंगलियों को पकड़ कर चूत की फांकों पर क्लिट के बिल्कुल पास दोनो तरफ सेट किया, और फेलाने के लिए हाथों को खेंचा….जैसे ही मेने फिर से क्लिट के पास के मास को खेंचा….मेरा क्लिट किसी फूले हुए दाने की तरफ बाहर आ गया.
जिसे देख कर उसकी आँखें चमक उठी……मेने अपनी आँखें बंद कर ली, मुझे पता था कि, अमित का अगला स्टेप क्या होने वाला है, पता नही कि में बर्दास्त कर पाउन्गि या नही….में अभी यही सोच रही थी कि, उसने अपनी जीभ निकाल कर मेरी क्लिट पर रगड़ना शुरू कर दिया…में बुरी तरह से हिल गयी…..मेरे हाथ वहाँ से निकल गये…”अहह अमित्त”
अमित: क्या साली क्या कर रही है…..चल फिर से निकाल अपना दाना बाहर…
उसने फिर से मेरी टाँगों को फेला दिया…..और मेरे हाथों को पकड़ कर वही पर रखते हुए बोला”चल अब निकाल बाहर” मेने फिर से क्लिट वाले पास के मास को खेंचा,और चूत का क्लिट फिर से बाहर आ गया….इस बार उसने अपने हाथों से और मास को खेंचा, तो क्लिट पूरी तरह से बाहर आ गया……इस बार उसने बिना किसी देर किए, पूरा का पूरा क्लिट मूह में भर लिया…..और साथ में मेरी टाँगों को ऊपेर की तरफ उठा कर दबोच लिया….ताकि में हिल ना सकूँ…..
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