RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
मैं लेट कर सोनिया को देखता रहा ,,कितनी क्यूट थी वो एक दम किसी खूबसूरत परी
जेसी थी मेरी लिट्ल सिस,,पर बहुत गुस्से वाली,,मेरे साथ अच्छी बनती थी उसकी लेकिन
कभी-2 फाइट भी बहुत होती थी,उसकी भोली-भली नटखट जवानी मुझे उसकी ओर
आकर्षित करने लगी ना जाने क्यू मेरे दिल मे अजीब सी खुशी होने लगी मैं डरता हुआ
उसके बेड पे जाके बैठ गया ओर उसकी खूबसूरती को बड़े करीब से निहारने लगा,,वो
काफ़ी टाइम से मेरे साथ ही इसी रूम में सोती थी पर कभी मैने उसको इतनी गौर से
नही देखा था,भोला भला चेहरा मुझे पागल कर रहा था मुझे समझ नही आ रहा
था मैं क्या करू,वो चुलबुली सी लड़की सोते हुए भी मुस्कुरा रही थी,उसकी मुस्कान
एसी थी जैसे मान्सून की पहली बारिश जिसमे भीग कर दिल खुश हो जाता है,गुलाब
की पंखुड़ी जैसे छोटे-2 होंठ थे उसके एक दम गुलाबी,मेरा दिल किया की मैं उनको
एक बार,,बस एक बार चूम लून,,पता नही क्या हो गया था मुझे खुद पे क़ाबू ही नही
हो रहा था ,मैने डरते-2 हिम्मत करके उसके होंठो पे अपने होंठ रख दिए,,ओह माइ
गॉड वो पल इतना हसीन पल था मेरी लाइफ का की मैं लफ़ज़ो मे उस पल को ब्यान नही कर
सकता मेरी दिल कर रहा था की मेरी ज़िंदगी बस इसी एक पल मे सिमट कर रह जाए,
अगर ज़िंदगी एक पल की होती तो मैं अपने ज़िंदगी मे बार बार यही पल माँगता खुदा से,
ये पल कुछ एसा था जैसे आपकी गली से कोई लड़की गुजरती है रोज अपनी स्कुउतियों पे
जाने क लिए ओर आप उसको देखने के लिए बाहर खड़े होते हो,,,बारिश हो धूप हो या
कैसा भी मौसम हो आप उसकी एक ज़लक पाने क लिए बेकरार हो ओर वो लड़की अपने पास से
गुजरती है तो एक बार हसके मुस्कुरा के ज़माने से डरती हुई कभी नज़रे मिलाके तो कभी
पलके झुका के अपनी तरफ देखती है ये सब कुछ ज़्यादा वक़्त मे नही बस एक पल मे हो
जाता है ओर आपको एक अजीब से खुशी का एहसास होता है,,,हाँ ये पल भी बिल्कुल वैसा
था,,,,,,,
मैने अपने होंठ उसके नरम ओर गर्म होंठों पे रख दिए ओर हल्का सा किस कर दिया,
फिर अपना हाथ उसकी कमर पे रखा बड़ी ही नज़ाकत से ताकि उसको पता नही लगे ओर अपनी
एक फिंगर को उसकी कमर पे घुमाने लगा,,कितनी चिकनी ओर सॉफ्ट थी उसकी कमर,,मैने
अपनी फिंगर को कमर की एक तरफ से दूसरी तरफ घुमा रहा था बड़े प्यार से ओर उसी एक
फिंगर से उसके बदन की गर्मी को महसूस कर रहा था,,,तभी अचानक वो उठ गई ओर
मुझे अपना पास बैठा हुआ देखा ओर मेरे हाथ को अपने पेट पर देखा,,मैने सोचा बेटा
अब तो तू गया काम से,,हिट्लर जाग गया है आज तो रूम वॉर होगी ओर शायद फेमिली वार भी
तभी उसने पूछा भाई तुम यहाँ क्या कर रहे हो ओर तुम्हारा हाथ मेरे पेट पे क्यू है,,
मैं डर गया ओर चुप रहा ,,,उसने फिर पूछा क्या हुआ भाई,,,,,मैने बोला कुछ नही पागल
तेरे पेट पे एक कोकरोच था उसको हटा रहा था,,,तभी वो उछल कर बेड पे बैठ गई ओर
मेरे गले लग गई ,,,कोकरोच ////कहाँ है भाई कोकरोच???,,,वो डर गई थी,,,मेरी तो
साँसे ही रुक गई थी उसकी छोटे-2 बूब्स मेरे सीने से दबे हुए थे उसने बड़े ही ज़ोर से
मुझे अपनी बाँहों मे जकड़ा हुआ था दिल कर रहा था ये लम्हा यही थम जाए सारी ज़िंदगी
बस इस एक लम्हे मे सिमट कर रह जाए,,,,,,,,भाई देखो ना वो गया या नही,,,,,,,नही अभी
नही गया अभी इसी रूम मे है मैं इस मोके को हाथ से नही जाने देना चाहता था मैने भी
अपने हाथ उसकी पीठ पर रह दिए ओर उसकी पीठ को सहलाने लगा पर ज़्यादा तेज़ी से नही
हल्के-हल्के,,,ताकि उसको शक़ नही हो,,उसने मुझे बड़ी कस्के पकड़ा हुआ था ओर उसका सर
मेरे शोल्डर पे रखा हुआ था उसकी गम्र साँसे मुझे अपने शोल्डर के उपर महसूस हो
रही थी ,,उसकी साँसे मेरे शोल्डर से टकरा कर मेरे कान मे लग रही थी ओर मुझे एक
अजीब सी झुनझुनी का एहसास हो राह था,,मैने पहली बार क़िस्सी लड़की को अपने इतने करीब
अपने बाँहों मे जकड़ा था,,,,ये बात नही की मैने पहले कभी सोनिया को हग नही किया था
पर पहले हग करने वाला शक्स उसका भाई था जो अपनी बेहन को बड़े लाड प्यार से हग
करता था लेकिन आज उसको हग करने वाला शक्स एक शैतान था जो वासना के नशने मे अँधा
हो गया था ओर अपनी क्यूट सी बहन के जिस्म को बड़ी बेशर्मी से महसूस कर रहा था वो ये भी
तभी मैने मामा जी को देखा जो अपने पाजामे का नाड़ा ठीक करते हुए अपने रूम से बाहर आ
रहे थे,,,वही रूम जहाँ विशाल सोता था,,मैं समझ गया की आज चुदाई का खेल इसी
रूम मे चला होगा,,,मामा जी हमारे पास बैठ गये ,,क्या मामा जी आप कहाँ थे मैं इतनी
देर से बेल बजा रही थी ,,जब मोम किचन मे बिज़ी हो तो आप डोर तो खोल सकते हो ना,,
सॉरी बेटी मैं अपने रूम मे था ज़रा सी आँख लग गई थी मेरी,,,सोनिया गुस्से मे उपर रूम
की तरफ चली जाती है,,ओर मैं टीवी देखने लग जाता हूँ,,,,,,
उस रात ना तो मैं बुआ या शोभा को शावर लेते हुए देख सका ओर ना ही मेरी हिम्मत हुई
सोनिया के पास जाने की,,मैं एसे ही मायूस होके सो गया,,,
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