RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
आज भी मैं ऑर सोनिया घर जल्दी आ गये थे क्यूकी आज सॅटर्डे था,,मैं दुआ कर रहा
था कि आज डोर लॉक ना हो वर्ना इस जंगली बिल्ली को फिर गुस्सा आ जा जाना है,,हम ने
बेल बजाई ऑर मोम ने आके डोर खोल दिया ,,,,मैने बोला ए खुदा तेरा लाख लाख शूकर है
कहीं आज भी मोम ऑर मामा अंदर बिज़ी होते तो पंगा हो जाना था,,लेकिन मोम को पता है कि
हम लोग सॅटर्डे को जल्दी आ जाते है इसलिए मोम ने भी अपना खेल जल्दी ही ख़तम कर
लिया होगा,,मैं अंदर जाके सोफे पे बैठ गया ओर सोनिया रूम मे फ्रेश होने चली गई बट
जाते जाते वो मोम को कॉफी के लिए बोल गई,,
मैं टीवी ऑन करके देखने लगा 5 मिनिट बाद मोम कॉफी लेके आ गई ऑर सोनिया भी
नीचे आ गई हम लोग कॉफी पीने लगे तभी फोन बजने
लगा,,,मोम ने फोन पिक किया ऑर बात करने लगी ,मोम ने जस्ट 2-3 मिनिट ही बात की फोन
पे,,,हमे कुछ सुनाई नही दिया क्यूकी टीवी चल रहा था,फोन रखने के बाद मोम भी हमारे
पास आके कॉफी पीने लगी,,,किसका फोन था मोन ??सोनिया ने पूछा,,,,,
गाओं से मेरे चाचा जी का फोन था बेटा मुझे मिलने के लिए बुला रहे है उसको थोड़ा काम है,,बोल रहे थे
की काफ़ी टाइम से तुम आई नही मिलने के लिए,
,तो कब जाना है मोम,,,,
सोचती हूँ कल ही चली जाउ,,,
अकेली जाओगी मोम,,,,,,,,,,,
नही बेटी तेरा मामा भी जाएगा साथ मे,,,,,,
मोम एक बात पुच्छू आपसे अगर बुरा नही मानो तो,,,,,
पूछो मेरी बेटी,,,,,,
मोम पापा कभी आपके साथ आपके गाओं क्यू नही जाते,,,,,,,
,क्या बताऊ बेटी एक बार तेरे पापा का मेरे चाचा से किसी
बात को लेके झगड़ा हो गया था तभी से तेरे पापा ने वहाँ जाना छोड़ दिया लेकिन जाना तो
मैं भी नही चाहती थी बट एक चाचा चाची के सिवा मेरा ऑर कोई है भी नही इस दुनिया
मे,,,
तो वापिस कब आओगी मोम,,,,,
3 दिन बाद चाचा जी को कोई काम है हम से,,,
मुझे शक़ हुआ कि भाई का फोन आया होगा क्यूकी वो जाते टाइम मोम को बोलके गया था कि उसको 2-3 दिन की
छुट्टी मिलने वाली है कुछ दिनो मे ,,,,फिर मैने सोचा कि शायद सच मे चाचा चाची का
फोन ही ना आया हो गाओं से,,,,,,,,,,मोम क्या मैं भी आपके साथ चलूं मैने मोम से पूछा,,
नही तुम नही,,,,वैसे भी तुम स्टडी मे ध्यान नही देते ओर उपेर से कॉलेज से छुट्टियाँ
करना चाहते हो,,,,ऑर वैसे भी मैं वहाँ घूमने नही थोड़ा काम से जा रही हूँ..
कॉफी ख़तम हो गई ओर सोनिया वापिस अपने रूम मे चली गई मोम भी कॉफी कप को किचॅन
मे रख कर अपने रूम मे चली गई,,मैने मोका देखा ऑर जाके फोन पे कॉल आइड्स मे चेक
करने लगा कि किसका फोन आया था,,,,,,मेरा शक़ सही निकला ये नंबर तो भाई का है,,,
मोम ज़्यादा पड़ी लिखी नही है इसीलिए उनको फोन ऑर मोबाइल की ज़्यादा नालेज नही है,,
मुझे गुस्सा आ रहा था कि अब फिर मोम मामा के साथ भाई के पास जाएगी ऑर 3 दिन तक दिन
रात ये लोग मज़ा करेंगे,,मुझे अभी अपने भाई से बहुत जलन होने लगी मैं सोचने लगा
काश मामा ने भाई की जगह मुझे पटाया होता मोम की चुदाई करने के लिए या फिर मैं इस
घर आ बड़ा बेटा होता,,खैर अब क्या हो सकता था,,,मैं वापिस सोफे पे बैठ गया ऑर टीवी
देखने लगा,,,
रात को डिन्नर करके मैं रूम मे लेटा हुआ था तभी सोनिया बाथरूम मे बाहर निकली उसने
अभी पिंक कलर का एक पतला सा कुर्ता ऑर साथ मे एक व्हाइट कलर का बरमूडा पहना हुआ था
जिसमे से उसकी आधी नंगी टाँगे चमकती हुई नज़र आ रही थी उसने अपने बदन को टवल
से अच्छी तरह नही पोछा था इसलिए उसके कपड़े हल्के भीगे हुए थे ऑर उपर से उसके बाल
भी गीले थे जिसमे से पानी की ड्रॉप्स उसके कुर्ते पर गिर रही थी ऑर उसकी छाती को भिगो
रही थी कुर्ता भीग कर छाती से चिपका हुआ था जिस वजह से उसके छोटे-छोटे बूब्स के
बीच का क्लीवेज़ नज़र आ रहा था ऑर बूब्स का हल्का सा उपरी हिस्सा ऑर ब्रा भी,,
ऐसे मैं उसको पहले भी कई बार देख चुका था बट कभी इतना गौर से नही देखा था,मेरा दिल तो
कर रहा था कि अभी उसको पकड़ लूँ बट मुझे उस से मोम से भी ज़्यादा डर लगता था,फिर
भी मैने सोचा कि आज कुछ ना कुछ करना ही पड़ेगा बट अभी नही उसके सोने के बाद,,,मैं
उठ कर गेम खेलने लगा गेम खेलते हुए मेरी नज़र क्लॉक पर पड़ी तो देखा 10:30 हो गये
थे,,यानी भुआ या शोभा के शवर लेने का टाइम था,,मैं जल्दी से उठा कर वॉशरूम मे
गया ओर सारी तैयारी करली,,,,,,यानी कपड़े उतार दिए शवर ऑन कर लिया लाइट बंद करके उस
बॉक्स के होल मे से कागज भी निकाल दिया,,ऑर बुआ के बाथरूम मे देखने लगा,,तभी शोभा
दीदी अंदर आ गई ऑर कपड़े उतारने लगी मुझे उसका कपड़े उतारना सॉफ नज़र नही आ रहा
था क्यूकी होल बहुत छोटा था जिस कारण बाथरूम का एक छोटा सा हिस्सा ही नज़र आता था,
ये तो अच्छा था कि शवर वाला हिस्सा नज़र आ रहा था,,अगर ग़लती से दूसरी तरफ का हिस्सा
नज़र आता तो मैं बस कपड़े उतारते हुए या पहनते हुए ही उनको देख सकता था ऑर शवर के
नीचे की सारी मस्ती का लाइव टेलीकास्ट देखने के लिए तरसता रहता,,,
कपड़े उतार कर वो शवर क नीचे खड़ी हो गई ऑर शवर ऑन कर दिया,,भीगती हुई मस्त
जवान लड़की देख कर मेरा लंड ओकात मे आ गया था,,वैसे भी कुछ देर पहले भी एक मस्त
भीगी हुई लड़की देख चुका था पूरी तरह भीगी हुई नही बट ऑलमोस्ट,,पानी उसके
बदन से फिसलता जा रहा था क्यूकी उसका बदन किसी संगमरमर के जैसा था चिकना ओर
सपाट एक भी निशान नही था उसकी बॉडी पे सिवा एक तिल के जो लिप्स के बिल्कुल नीचे था,वो
काफ़ी देर तक खुद की बॉडी पे हाथ फेरती रही आज उसने साबुन नही लगाया था ऐसे ही नहा
रही थी,,तभी मुझे झटका लगा शोभा अपने दोनो हाथों को अपनी चूत पे ले गई ऑर 2
हाथ उसके बूब्स को सहलाने लगे,,,मैं हैरान रह गया ये हाथ किसके है,,तभी देखा बुआ
उसके पीछे खड़ी हुई थी ऑर अपने हाथों से उसके बूब्स को मसल रही थी,,बुआ अपने दोनो
हाथों से बूब्स को बड़े प्यार से मसल रही थी तभी दीदी ने भी अपने हाथ बुआ के हाथों
पर रख दिए ऑर उनको अपने बूब्स मसल्ने मे साथ देने लगी,,बुआ भी बिल्कुल नंगी थी
बुआ के बूब्स दीदी की पीठ पर दबे हुए थे वो इस कदर चिपकी हुई थी कि हवा भी क्रॉस
नही हो सकती थी दोनो क बीच मे,,,,,,,,,
मैं मूह खोलके हैरानी से खड़ा हुआ उनको देख
रहा था मुझे अपनी आँखो पे यकीन नही हुआ मेरी बुआ ऑर बेहन एक साथ वो भी बाथरूम
मे पूरी नंगी एक दूसरे से चिपकी हुई थी,,तभी मैं सोचू कि दीदी जो कि पहले मोम के
रूम मे सोती थी वो बुआ के साथ रूम शेअर कैसे करने लगी ,,दीदी ने बुआ के कहने पर ही
फॅशन डिज़ाइनिंग का कोर्स शुरू किया था ऑर उनकी हेल्प के लिए उनके बुटीक जाना शुरू
किया था उसके करीब 15-20 दिन बाद ही वो बुआ के रूम मे शिफ्ट हो गई थी,,,,पहले-पहले
तो शोभा दीदी बुआ से बात भी नही करती थी,,,क्यूकी दीदी मोम की लाडली बेटी थी ऑर बुआ
मोम से बात नही करती थी उनका झगड़ा था कोई आपस का,,,मैने भी बुआ को कभी मोम से
या मोम को बुआ से बात करते नही देखा था,,
तभी दीदी पीछे की ओर पलटी ओर बुआ की तरफ देखने लगी बुआ दीदी से थोड़ी लंबी थी,
दीदी चेहरा उठा कर बड़ी मस्त नज़रो से बुआ को देखने लगी बुआ ने अपने हाथों से दीदी
के फेस को पकड़ा ऑर दोनो के फेस करीब होने लगे ओर कुछ ही देर मे दीदी के पिंक सॉफ्ट
लिप्स बुआ के लिप्स मे क़ैद हो गये बुआ ने दीदी के लोवर लिप्स को अपने लिप्स मे जकड़ा ऑर चूसने
लगी ऑर दीदी बुआ के उपर लिप्स को ऑर साथ साथ दोनो ने बड़ी मस्ती से अपने हाथ एक दूसरे
के बूब्स पे रख दिए ऑर बड़े प्यार ऑर नज़ाकत से एक दूसरे के बूब्स को मसल्ने ऑर सहलाने
लगे फिर दोनो ने अपनी ज़ुबान को बाहर निकाला ओर एक दूसरे की ज़ुबान को हवा मे लहराते हुए
एक दूसरे से लड़ाने लगी उन दोनो की ज़ुबान कुछ ऐसे अठखेलियाँ क्र रही थी जैसे जंगल
मे 2 साँप अपने मिलन की रात मे एक दूसरे से लिपट कर अपने बदन को दूसरे के बदन से मिला
कर अठखेलियाँ करते है,,
बुआ ऑर दीदी के बूब्स की कॅप्स ( डुँड़ी) हार्ड हो गई थी
दोनो ने एक दूसरे की बूब्स की कॅप को अपनी फिंगर्स से दबाना ऑर खीचना शुरू किया फिर
बुआ ने अपना एक हाथ दीदी के बूब्स पे रखा ऑर एक हाथ बूब्स से नीचे की तरफ ले जाना
शुरू किया बड़े प्यार ऑर मस्ती से बुआ का हाथ बड़ी स्लो स्पीड मे नीचे की ओर जा रहा था
कुछ ही देर मे बुआ का हाथ दीदी की चूत तक पहुँच गया ऑर चूत को सहलाने लगा दीदी
ने भी बिल्कुल वैसे ही अपना हाथ बुआ के पेट पर चलते हुए बुआ की चूत तक पहुँचा
दिया ऑर चूत को सहलाने का काम शुरू कर दिया,,
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