RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
मैं--किसकी बात कर रहा है तू करण ज़रा खुले बता यार बात क्या है,,,,,तेरी किसी से फाइट हुई है तो बता ,,,
करण--किसी से कोई फाइट नही हुई सन्नी बस किसी पे बहुत गुस्सा है उस हरामजादे को देखता हूँ तो खून खौल
उठता है,,,,,,,जान से मारने को दिल करता है उसको,,,,,,,,
मैं--करण पहेलियाँ मत भुजा यार बात बता प्लक्ष्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़ किसी ने तुझे कुछ कहा है तो अभी बता साले को घर
से निकाल कर मारते है अभी इसी टाइम,,,,,,,,,
करण--नही सन्नी उसको तू नही उसको मैं मारूँगा,,,,,,,तू बस मुझे कहीं से रिवॉल्वर लाकर दे बस मेरे भाई
मैं--वो भी ला दूँगा करण पहले तू बात तो बता यार,,,,,,,,,तूने किसको गोली मारनी है ऑर क्यू मारनी है,,,,,
करण--उस हरामजादे अमित को,,,,,,,,,
मैं--अमित,,,,,,,,,,,,कॉन अमित,,,,,,,,,,,
करण--वही अपने कॉलेज का बिगड़ा हुआ कमीना,,,,,,,,,,,,,,साले को जान से मार दूँगा मैं,,,,,,,,
मैं--लेकिन बात क्या है बता तो सही ,,,,,,फिर मैं तेरे को अभी घर से अपने बाप की रिवॉल्वर लाकर देता हूँ,,
पहले पूरी बात बता मुझे जल्दी से,,,,,,
करण--सन्नी यार वो अमित,,,,,,,,,,,अभी उसने बोलना शुरू ही किया था दरवाजा खुला ऑर करण की माँ,,,अलका आंटी
कॉफी लेके अंदर आ गई ऑर करण एक दम से चुप कर गया,,,आंटी ने स्माइल देके मेरी तरफ देखा ऑर करण
को अजीब नज़रो से देखते हुए सामने टेबल पर कॉफी ट्रे रखी,,,,,
आंटी--,लगता है कोई ज़रूरी बात चल रही है दोस्तो मे,,,इतना बोल कर आंटी कॉफी रखके वापिस चली गई,,,,,,,,,,,,
मैं--अब बता क्या बात है,,,,,,
करण उठा ऑर दरवाजे के पास गया ऑर दरवाजे के बाहर अपनी मोम को देखा जब
उसको लगा कि उसकी मोम अपने रूम मे चली गई है तो उसने दरवाजा बंद किया ऑर वापिस आके वहीं बैठ
गया,,,,,,,,,,,,,,सन्नी तुझे तो पता है ना कि अमित हमारे कॉलेज का सबसे बिगड़ा हुआ लड़का है,,पता नही'
कितनी लड़कियों को अपने जाल मे फसा कर उनकी ज़िंदगी खराब कर चुका है,,,,,,,
मैं--,हाँ जानता हूँ अब किसकी जिंदगी खराब कर रहा है वो,,,,,,,,,,
करण कुछ देर चुप रहा ,,,,,,,,,,
मैं--करण बोल ना यार ,मैं तेरा दोस्त हूँ मेरे से क्यू छुपाता है,,,,,,जो भी है दिल मे खुलके बता ,,,,,,
करण--शिखा दीदी की,,,,,,,,,इतना बोल कर वो फिर से रोने लगा ऑर अमित को माँ बेहन की एक से एक बढ़ कर गालियाँ देने लगा,,,,,,,,,,,,
मैं--शिखा दीदी की,,,,,,,,तुझे किसने बोला,,,,,,,,लेकिन शिखा दीदी अमित को कैसे जानती है,ऑर अमित तो हमारा सीनियर
है,,,,,,ऑर शिखा दीदी को तो कॉलेज छोड़े 1 साल से उपर होने वाला है,,,,,,,,,,,
करण-हां सन्नी,,,,,,,,,,शिखा दीदी अपनी शादी से पहले ही कॉलेज छोड़ चुकी थी ,लेकिन अमित को वो पहले से
थोड़ा बहुत जानती थी,,,,,,,लेकिन आज कल उसके साथ बाइक पर ऑर कभी उसकी कार मे घूमती है,,,,,मैने कयि
बार देखा उनको ऑर मना भी किया कि अमित के साथ नही घुमा करे,,वो अच्छा लड़का नही है लेकिन शिखा
दीदी पर अमित के प्यार का भूत सवार है,,,,,,जब मैं उसको अमित की घटिया कर्तूते बताने लगता हूँ तो
वो बोलती है कि अमित ऐसा नही है,,,,,,,,,,,,ऑर उपर से अमित दीदी को बोलता है कि उसने मुझे कॉलेज की बास्केट
बॉल टीम मे नही लिया था इसलिए मैं उसको बदनाम कर रहा हूँ,ऑर मेरी बेहन मेरा नही उस हरामी
अमित का यकीन कर रही है,,,,,,,,,दीदी को समझा कर मैं थक गया हूँ अभी 2 महीने से दीदी ऑर अमित
का लफडा शुरू है ,,,,मैने कयि बार दीदी को समझाया बूत वो नही मानती,,,,वो तो अमित को बहुत अच्छा लड़का
समझती है मेरी किसी बात का यकीन ही नही करती,,,,,,,,,अब एक ही तरीका है दीदी को उसकी चंगुल से आज़ाद
करवाने का,,,,,उस साले अमित को ही रास्ते से हटा देता हूँ,,,,,,,,,,,,,जब तक उसके दिल पे गोली नही मारता
मुझे चैन नही मिलना,,,,,,,,,,,,
मैं--तू ठंडे दिमाग़ से काम ले मेरे भाई,,,,,,ऑर सबसे पहले अपने घर वालो को सब कुछ बता दे ,,दीदी ऑर
अमित के बारे मे,,,,,,,,,,,,,फिर अमित की सच्चाई भी बता देना अपने मोम-डॅड को,,,,,,,
करण--नही सन्नी मैं घर वालो को कुछ नही बता सकता,,,,,तू तो जानता है कि 6 महीने पहले ही दीदी की शादी
हुई थी ऑर शादी के 1 महीने बाद ही तलाक़ हो गया था,,,,,,,,एक तो मेरे घर वाले अब तक उसी बात को भूल
नही सके उपर से दीदी ऑर अमित के बारे मे पता चलेगा तो पता नही क्या करेंगे वो लोग,,,,,,ऑर डॅड तो कुछ
दिन पहले ही ऑफीस की तरफ से 4 साल के लिए गये अमेरिका,,,,अब उनको सब पता चला तो मुश्किल हो जानी है,,
वैसे भी अमित के लिए मैं अकेला ही काफ़ी हूँ,,,,,,,,,तू बस मुझे रिवॉल्वर लाके दे कहीं से भी,,,,,,,,
मैं--लेकिन तेरी दीदी शादी के बाद कैसे मिली अमित को,,,जब वो 1 साल पहले ही कॉलेज छोड़ चुकी थी,,,,,,,,,
तुझे पता है ना मेरी सिस अमित की सिस की अच्छी दोस्त थी,,,,,,बस उसके घर आना जाना था दीदी का ऑर पता नही
कब वो अमित की चुंगल मे फस गई,,,,,,,,,,अमित की तो पहले से ही दीदी पर नज़र थी ये मैं जानता था,
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