RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
किचन से बाहर निकलते ही मेरी नज़र पड़ी माँ के रूम के दरवाजे के एक साइड खड़ी हुई
शोभा दीदी पे,,,,,,,,,मैं एक दम से डर गया लेकिन एक ही पल मे मेरा डर ख़तम हो गया जब
मैने अच्छी तरह से शोभा दीदी की हालत को देखा,,,,,,,,,,,उनकी कमीज़ उतरी हुई थी ब्रा के हुक
शायद खुले हुए थे क्यूकी ब्रा भी बूब्स से हल्की नीचे तक लटक रही थी सलवार उतर कर
पैरो मे गिरी हुई थी ऑर वो दीवार एक साथ पीठ लगा कर खड़ी हुई थी उनकी टाँगों से
अभी भी पानी रिस्ता हुआ नीचे ज़मीन पर गिर रहा था उनकी सलवार उनके पैरो मे थी जो
चूत से निकलने वाले पानी से पूरी तरह गीली हो चुकी थी उनका एक हाथ उनके बूब्स पर था
ऑर एक हाथ अभी भी चूत पर था जिसकी शायद 2 उंगलिया अभी भी चूत के अंदर थी ऑर हाथ
भी धीरे धीरे हिल रहा था चूत से निकलने वाला पानी इतना ज़्यादा था कि ऐसा लग रहा
था जैसे उन्होने मस्ती मे वही खड़े खड़े पेशाब कर दिया था,,मैं समझ गया कि दीदी
ने सब कुछ देख लिया है तभी तो मस्ती मे उनका ये हाल हो गया था,,दीदी का ध्यान भी
मेरी तरफ था लेकिन उनपे कोई असर नही था बल्कि वो तो मुझे देख कर हल्के से मस्ती ऑर
शरारत भरे अंदाज मे मुस्कुरा रही थी उनके चेहरे की मुस्कान देख कर मेरे भी दिल
मे खुशी ऑर चेहरे पर हल्की मुस्कान खिल उठी थी ,,,क्यूकी अब मुझे करण ऑर शिखा दीदी
की सभी बातों का जवाब मिल गया था,,मैं चलके शोभा दीदी के पास गया ऑर मेरे पास
आते ही दीदी ने मुझे कस्के बाहों मे जकड लिया ऑर हम लोगो मे एक ज़बरदस्त किस शुरू
हो गई थी मैं तो नंगा ही था जबकि दीदी के जिस्म पर एक ब्रा थी जो बस उतरने ही वाली थी
मैने दीदी को कस्के बाहों मे पकड़ा ऑर किस करते हुए अपनी गोद मे उठा लिया जिस से दीदी
की सलवार भी नीचे गिर गई थी ,,,,मैं दीदी को ऐसे ही किस करते हुए बाहों मे उठाकर
माँ के रूम मे ले गया जहाँ अभी तक शिखा दीदी चेहरा झुका कर बैठी हुई थी ऑर करण
भी ऐसे ही पिल्लो को टाँगों के बीच फसा कर अपने लंड को शिखा से छुपा कर
बैठा हुआ था,,,,
रूम मे जाते ही मैने दीदी को किस करना बंद किया ऑर हम दोनो ने बेड
पर बैठे हुए करण ऑर शिखा दीदी की तरफ देखा ,,,,दीदी मेरी तरफ देख कर हँसने लगी ऑर
मैं भी उसी शरारती अंदाज़ मे दीदी की तरफ स्माइल करके देखने लगा,,,,करण ऑर शिखा का
ध्यान जब हमारी तरफ आया तो वो दोनो हमें ऐसी हालत मे देख कर दंग रह गये,,दोनो
का मुँह खुला का खुला ही रह गया,,,,,,तभी मैने दीदी को गोद से नीचे उतारा ऑर दीदी के पीछे
जाके उनकी ब्रा को भी सही से नीचे उतार दिया अब दीदी ऑर मैं बिल्कुल नंगे थे करण ऑर
शिखा दीदी की तरह,,,,,,,,शोभा दीदी मेरा हाथ पकड़ कर मुझे बेड की तरफ ले गई जहाँ
शिखा चद्दर लेके मुँह खोले हमें देख रही थी शोभा ने जल्दी से आगे बढ़ कर शिखा के
सर को अपने दोनो हाथों से पकड़ा ऑर इस से पहले कि शिखा कुछ समझती या बोलती शोभा ने
शिखा के लिप्स को अपने लिप्स मे जकड लिया ऑर किस करना शुरू कर दिया ,,,,शिखा का ये पहला
अनुभव था शायद किसी लड़की के साथ किस करने का इसलिए वो कुछ ज़्यादा ही उछलने लगी थी
लेकिन शोभा ने उसको अच्छी तरह से क़ाबू कर लिया था ऑर प्यार से उसको किस कर रही थी,,जो शिखा
अभी कुछ देर पहले मेरे पे गुस्सा कर रही थी अभी एक ही पल मे शोभा दीदी के साथ किस करने
मे ही उसने हथियार डाल दिए थे,,,,एक तो शायद शिखा का पहला तजुर्बा था किसी लड़की के साथ किस
करने का ऑर उपर से शोभा का किस करने का अंदाज़ ही इतना मस्त था कि शिखा एक ही पल मे
पागल होने लगी थी,,,,,,,,,,,
जहाँ शिखा ने सेक्स की दहलीज़ पर कुछ ही सीडियाँ उपर चढ़ि
थी वहीं शोभा तो सेक्स की लिफ्ट मे सवार होके लास्ट फ्लोर तक पहुँच चुकी थी,,,उधर करण
का भी एक पल मे बुरा हाल हो गया था शोभा दीदी को अपने पास ऐसी नंगी हालत मे देख
कर ऑर उपर से शोभा का शिखा को ऐसे किस करना देख कर तो करण की हालत खराब होने
लगी थी तभी शोभा ने शिखा के जिस्म पर पड़ी चद्दर को हटा दिया ऑर एक ही पल मे शोभा
ने शिखा को बेड पर लेटा दिया ऑर शिखा को बड़े प्यार से किस करने लगी शिखा को कुछ भी
समझ नही आ रहा था लेकिन उसको ये सब अच्छा लग रह था क्यूकी नीचे लेटते ही अपने उपर
लेटी हुई शोभा की पीठ पर शिखा के हाथ चलने लगे थे,,,,,तभी शोबा दीदी ने अपने
हाथ शिखा के बूब पर रखे ओर उसको मसलना शुरू कर दिया शिखा की तो कुछ ही पल मे
हालत खराब होने लगी ऑर उसके हाथ तेज़ी से शोबा की पीठ पर चलने लगे शोभा ने भी
मोका देख कर अपने एक हाथ को शिखा की चूत पर रख दिया ,,,ऑर जल्दी से एक उंगली शिखा
की चूत मे घुसा दी इस से पहले शिखा कुछ समझ पाती शोभा ने जल्दी से उसकी चूत मे
उंगली पेलना शुरू कर दिया चूत मे उंगली जाते ही शिखा के हाथ भी तेज़ी से शोभा की पीठ'
पर चलने लगे ,,,,,,,,,
उधर करण ये सब देख कर हेरान रह गया वो शोभा ऑर शिखा की तरफ़ देख रहा था ऑर उसका
मुँह खुला हुआ था तभी उसने मेरी तरफ देखा मैं तो आराम से लेट कर अपने लंड को हाथ
मे लेके मसल रहा था क्यूकी अब शोभा आ गई थी अब मुझे कोई टेन्षन नही थी वैसे
भी शोभा ने आते ही सब कुछ बखूबी संभाल लिया था ,,,ना तो करण कुछ बोल सका ऑर
शिखा के बोलने से पहले कि शोभा ने उसको अपने बस मे कर लिया था,,,,,,,,मुझे लंड हिलाता
देख करण ने भी डरते हुए अपनी टाँगों से पिल्लो निकाल कर साइड किया मेरी नज़र जब
करण के लंड पर पड़ी तो उसका लंड भी ओकात मे आ चुका था,,उसने एक पल को मेरी तरफ
देखा ऑर मैने उसको सर हिलाकर इशारा कर दिया तो करण ने भी इशारा समझ कर हल्का सा
डरते हुए लंड को अपने हाथ मे पकड़ा ऑर शोभा ऑर शिखा की हर्कतो को देख कर लंड को
प्यार से सहलाने लगा,,,,,,,,,,,,
|