RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
सुबह के करीब 4:30 बजे थे ,,,पूरी रात मुझे नींद नही आई थी डर ऑर बेचैनी से पूरी ही
रात तड़प्ता ऑर करवट लेता रहा था मैं ,,अभी सूरज तो नही निकला था लेकिन रोशनी होने लगी
थी हल्की हल्की ,,,मैं सोफे से उठा ऑर डरते डरते नीचे गया ,,दिल किया कि एक बार सोनिया से मिलू ऑर
माफी मांगू उस से लेकिन जैसे ही मैं नीचे गया तो देखा कि उसका दरवाजा अंदर से बंद था
सुबह इतनी जल्दी दरवाजे पर नॉक करना अच्छा नही लगा मुझे ,,लेकिन दिल बहुत बेचैन था तो
सोचा क्यू ना बेचैनी को दूर करने के लिए गाँव की सुबह मे ताजी हवा का लुफ्त उठाया जाए हो
सकता है बेचैनी कुछ कम हो जाए,,,,इसलिए गेट खोलकर घर से बाहर चला गया ,,गाँव की
सुबह सच मे बड़ी मस्त थी इतनी गर्मी का मोसम था लेकिन गाँव मे तो सुबह के टाइम ठंड
लगने लगी थी मुझे,,इतनी ज़्यादा सन्नाटा था लेकिन परिंदो की मीठी आवाज़ ने सब ठंड को दूर
कर दिया सहर मे सुबह का नजारा इतना अच्छा नही होता वहाँ घर से निकलो तो सुबह हो या रात
कार के हॉर्न के अलावा कुछ सुनाई नही देता था लेकिन यहाँ कार तो दूर मुझे तो कोई इंसान भी
नज़र नही आ रहा था सुबह के आलम ने कुछ बेचैनी दूर कर दी थी सोचा क्यू ना गाँव मे
थोड़ा घूम लिया जाए मन भी बहल जाएगा ऑर मॉर्निंग वॉक भी हो जाएगी यही सोच कर
गाँव मे घूमने ऑर ताजी हवा मे मन को बहलाने के लिए जिस से दिल की बेचैनी ऑर ज़्यादा कम
हो जाए इसलिए मैं घर से आगे की तरफ निकल चला लेकिन अभी थोड़ा ही दूर गया था कि दिल की
बेचैनी वापिस बढ़ने लगी थी,,,सुबह की हल्की रोशनी मे एक साया देखा जो छुपता हुआ चाचा
जी के घर के पीछे की तरफ जा रहा था मन मे उत्सुकता होने लगी देखु तो सही ये कॉन है इसलिए
दबे कदमो से मैं भी छुपता हुआ उस साए का पीछा करता हुआ उसी जगह पहुँच गया
जहाँ गाएँ भैंसे बँधी हुई थी,,,,वहाँ अंदर गया तो देखा वहाँ पर कोई नही था वो
साया भी कहीं गुम हो गया था फिर सोचा कहीं वो साया उसी रूम मे तो नही गया जहाँ
कल मैने ऑर मामा ने माँ की चुदाई की थी लेकिन वहाँ भी कोई नही था तभी मैने देखा कि
कमरे के पीछे एक छोटा रास्ता था वो रास्ता पता नही कहाँ जाता था लेकिन उत्सुकता बढ़ने लगी
थी तो मैं उसी रास्ते चल पड़ा क्यूंकी जिस किसी का भी मैं पीछा कर रहा था वो उसी रास्ते गया
गया था मैं भी निकल पड़ा उसी रास्ते ऑर रास्ता ज़्यादा लंबा भी नही था बस 25-30 कदम ही
चलना पड़ा था मुझे ऑर रास्ते पर चलके मैं मंज़िल पर भी पहुँच गया ऑर मंज़िल बड़ी
ही मस्त थी ऑर सुबह सुबह ही मेरा दिल जो अब तक बेचैनी से भरा हुआ था अब वो मस्ती मे
भर गया था मैने देखा कि वो रास्ता चारे की मशीन की तरफ जाता था जहाँ गाय ऑर
भैंसो के लिए चारा काटा जाता था ऑर वहाँ चारा काटने की मशीन के पीछे मामा खड़ा
हुआ था ऑर उसका पयज़ामा ज़मीन पर था ऑर एक औरत उसके पास ही ज़मीन पर बैठी हुई थी ऑर
मामा के लंड को चूस रही थी,,,,,,मामा चुप चाप खड़ा मस्ती मे लंड चुस्वा रहा था ऑर
वो औरत भी बड़ी मस्ती मे लंड चूसने लगी हुई थी मैं दीवार के पीछे छुप गया देखु तो
सही वो औरत थी कॉन,,,,,कुछ ही देर बाद वो औरत उठी ऑर अपनी सलवार खोलकर मामा के आगे
झुक गई ऑर मामा ने अपने लंड को पीछे से उसकी गान्ड मे घुसा दिया ,,तभी मुझे उस औरत
का चेहरा देखने को मिला इसका चेहरा तो जाना पहचाना था ये तो चाचा जी के घर की नौकरानी
थी रेखा जो चाचा जी के घर काम करती थी ,,,,उसकी शकल भी जानी पहचानी लग रही थी शायद
इसलिए कि मैने पहले भी उसको चाचा जी के घर मे देखा था लेकिन तब मैं बच्चा था जबकि
आज उसकी शकल मुझे कुछ ज़्यादा जानी पहचानी लग रही थी ,,,,वो दिखने मे ज़्यादा अच्छी नही
थी मोटी थी ऑर थोड़ी काली भी थी रंग की लेकिन जिस्म बहुत अच्छा लग रहा था उसका हाइट ऑर जिस्म
से मेरी माँ जैसा था लेकिन जहाँ मेरी माँ दूध जैसी गोरी वहीं ये थोड़े हल्के काले रंग की
मानो की साँवले रंग की थी ,,,
मामा उसकी गान्ड को बड़ी तेज़ी से चोद रहा था मैने सोचा कि मामा अभी सो कर उठा है ऑर
अभी इतनी तेज़ी से मस्त चुदाई करने लगा है साला कुछ ज़्यादा की चुड़दक़्कड़ है मेरा मामा .उन
लोगो को देख मुझे भी मस्ती चढ़ने लगी ऑर बिना किसी डर के मैं उसने सामने चला गया वो
औरत मुझे देख कर डर गयी ऑर सीधी होने लगी लेकिन मामा ने उसको वापिस झुका दिया ऑर मेरी
तरफ हसके देखा मैने मामा के हँसते ही लंड को पयज़ामे से बाहर निकाल लिया जो अभी तक
ओकात मे आ चुका था मैने लंड को हाथ मे लिया ओर मसल्ने लगा उसी औरत के सामने उस
औरत का ध्यान भी जब मेरे बड़े ऑर मोटे मूसल की तरफ गया तो उसकी आँखें फॅटी की फॅटी
रह गई मैं उसके बहुद करीब था तभी उस औरत ने अपना हाथ आगे बढ़ा कर मेरे लंड को
अपने हाथ मे पकड़ लिया ऑर अपने करीब खींच लिया मैं भी मस्ती मे उसके करीब हो गया
ऑर देखते ही देखते मेरा लंड उसके मुँह मे चला गया ,,,उस औरत का अंदाज़ भी बहुत निराला
था लंड चूसने का वो भी किसी रंडी की तरह पूरा लंड मुँह मे लेने लगी थी एक ही बार मे ऑर
वो भी गले से अंदर तक पहली बार मे ही मेरा लंड उसके गले से नीचे चला गया था कुछ
ज़्यादा ही माहिर औरत थी वो उमर मे कोई 33-35 के आस पास थी ,,,,,मामा पीछे से उसकी गान्ड को
तेज़ी से चोद रहा था जबकि आगे से वो मेरे लंड को एक हाथ से पकड़ कर बाकी के लंड को
मुँह मे लेके चूसने लगी हुई थी लेकिन मैने उसके हाथ को लंड से हटा दिया ऑर उसको ऐसे ही
लंड चूसने को बोला उसने अपने दोनो हाथों को अपने घुटनो पर रख लिया ऑर खुद को झुकी
हुई हालत मे रखने के लिए सहारा लिया ऑर अपने सर को तेज़ी से मेरे लंड पर आगे पीछे करने लगी
लेकिन तभी मैने उसके सर को पकड़ा ऑर तेज़ी से अपनी कमर को हिलाते हुए लंड को उसके गले से
नीचे तक घुसा कर उसकी मुँह चुदाई करने लगा उसको मेरे ऐसा करने से कोई दिक्कत नही हो
रही थी वो तो उल्टा अपनी जीब को बाहर निकाल कर ऑर भी ज़्यादा लंड को मुँह मे लेने लगी थी
मैं भी तेज़ी से सुके मुँह को चोदने मे लगा हुआ था ऑर मामा भी तेज़ी से उसकी गान्ड चोदने
मे लगा हुआ था हल्की हल्की रोशनी होने लगी थी क्यूकी हमको करीब 20 मिनट हो गये थे
ऐसे ही यहाँ पर खड़े हुए उसने अपने हाथ को मामा की तरफ करके मामा को स्पीड तेज
करने को बोला ऑर मामा ने स्पीड तेज करदी ऑर इधर उसने अपने हाथों को मेरी कमर पर
रखा ऑर मुझे कमर से पकड़ कर तेज़ी से हिलाने लगी ऑर मेरे लंड को तेज़ी से अपने मुँह मे
लेने लगी मानो वो मुझे भी स्पीड तेज करने को बोल रही थी मैने भी उसके सर को कस्के अपने
हाथों मे पकड़ा ऑर स्पीड तेज करदी वैसे भी मैं झड़ने ही वाला था इसलिए खुद-ब-खुद ही
मेरी स्पीड तेज हो गई थी तभी मामा ने हल्की हल्की सिसकियाँ लेना शुरू कर दिया मैं समझ
गया कि मामा का होने वाला है इतने मे मैने भी तेज़ी से लंड को उसके मुँह मे पेलना शुरू
कर दिया ऑर कुछ ही पल मे मामा का तो काम हो गया ऑर मामा ने अपने पानी से उसकी गान्ड को
भर दिया शायद वो भी पानी छोड़ चुकी थी क्यूकी ज़मीन पर पानी गिरने लगा था जो स्पर्म
नही लग रहा था उसने मेरी कमर पर कस्के हाथ मारा ऑर मुझे ज़्यादा तेज करने को बोला
ऑर मैने भी लंड को तेज़ी से झटके के साथ उसके गले से टकराना शुरू कर दिया जिस से 2 मिनट
मे ही मेरा भी पानी निकल गया ऑर मैने उसके मुँह मे लंड को गले के अंदर तक घुसा कर
सारा पानी उसकी हलक से नीचे उतार दिया था तब तक मामा अपना पयज़ामा ठीक से बाँध
चुका था ऑर उसकी सलवार को भी उपर उठा चुका था उसने मेरी कमर से अपने हाथ उठा लिए
लेकिन अभी तक वो ऐसे ही मेरे लंड को मुँह मे लेके झुकी रही ऑर अपने हाथो से अपनी सलवार के
नाडे को बाँधने लगी वो मेरे लंड के पानी की एक एक बूँद के निकलने का ऑर मेरे खुद के
पीछे हटने का इंतजार कर रही थी जब लंड ने सारा पानी उसके गले से नीचे उतार दिया तो मैने
लंड को थोड़ा पीछे किया तब तक वो सलवार बाँध चुकी थी ऑर उसने मेरे लंड को हाथ मे
पकड़ा ऑर जितना भी पानी लंड पर लगा था उसको अच्छी तरह चाट कर सॉफ कर दिया ऑर फिर खड़ी
होके मुझे एक किस करी माथे पर ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,आज तो रोशनी हो गई ऑर टाइम कम है किसी ऑर टाइम
तेरे को अच्छी तरह निचोड़ूँगी मैं याद रखना ,,,,उसने हसके मुझे इतना बोला ऑर वहाँ से
चली गई मामा भी उसके पीछे चला गया,,,,
मैं तो हैरान हो गया कि मेरा मामा कहीं भी चक्कर चला लेता है साला ,,,,चाचा के घर
काम करने वाली को भी नही छोड़ा,,,,,तो मैं भी कॉनसा कम हूँ मैने भी तो मस्ती करी
है अभी उसके साथ लेकिन सिर्फ़ मुँह चुदाई की है चूत ऑर गान्ड चुदाई नही की,,,,कोई बात नही
अभी कुछ दिन तो हूँ यहाँ पर इसको भी पूरी तरह चखके जाउन्गा यहाँ से वैसे भी साली
खुद बोलके गई है कि मुझे टाइम मिलने पर निचोड़ेगी अब देखते है टाइम मिलने पर कॉन
किसको निचोड़ता है,,,,,,,,,,,,,,,
मैं भी वहाँ से घर जाने की बजाए वही से खेतो के बीच मे होता हुआ आगे चला गया अब
तक बेचैनी तो कबकि दूर हो गई थी ऑर सुबह सुबह हल्का होके बड़ा अच्छा लग रहा था बड़ा
मज़ा आया इतनी सुबह सुबह उसको लंड चुस्वा कर,,,मैं खुशी खुशी गाँव मे इधर उधर
घूमने लगा ऑर मस्ती करने लगा जब वापिस घर पहुँचा तो सब लोग आँगन मे बैठे
हुए थे टाइम कोई 9 के आस पास हो चुका था,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
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