RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
वो लोग बाहर निकलते इस से पहले ही मैं जल्दी से वहाँ से चला गया,,,उन लोगो की बातें सुनकर
मुझे इतना तो पता लग गया था कि उनकी हमेशा वाली जगह कोई ऑर नही वही खेतो के बीच मे पेड़
के नीचे है जहाँ मैने रेखा की चुदाई की थी इसलिए मैं उन लोगो से पहले ही भाग कर वहाँ
की खड़ी फसल मे छुप गया था,,,,,,
कुछ 5 मिनट बाद ही मैने देखा कि तीनो लोग खेतो के बीच से निकल कर वहाँ पर आ गये,,,,
उन लोगो एक पास एक चद्दर थी जिसको माँ ने पकड़ा हुआ था,,,,साला इतनी जल्दी थी इन लोगो को कि आते टाइम
कपड़े भी घर पर खोल कर आए थे,,,,,,माँ ने अपनी साड़ी घर पर निकाल कर रख दी थी जबकि
रेखा तो पहले से ही पेटिकोट ऑर ब्लाउस मे थी अब साड़ी निकालने के बाद माँ भी पेटिकोट ऑर ब्लाउस मे
ही खड़ी हुई थी जबकि मामा ने अपना कुर्ता पयज़ामा घर मे रख दिया था ऑर खुद एक घर पर
बने अंडरवेर मे खड़ा हुआ था,,ऑर अंडरवेर के अंदर उसका लंड भी पूरा खड़ा हुआ था,,,,
तभी माँ ऑर रेखा ने जल्दी से चद्दर को पेड़ के नीचे ज़मीन पर बिछा दिया ,,,,,ऑर तीनो लोग
आके चद्दर पर खड़े हो गये,,,
जहाँ माँ गोरे चिट बदन की थी वहीं मामा ऑर रेखा साँवले रंग के थे,,,,,उन तीनो ने आपस
मे एक दूसरे को करीब आके हग किया ऑर तीनो लोग मिलकर आपस मे किस करने लगे हर एक के हाथ
दूसरे की कमर ऑर पीठ पर थे ऑर तीनो के लिप्स बारी बारी से एक दूसरे के लिप्स को चूम ऑर चाट
रहे थे ऑर कभी तीनो अपनी अपनी ज़ुबान निकाल कर हवा मे लहराते हुए एक दूसरे की ज़ुबान से मिला
रहे थे,,,,मैने पहले भी ऐसा कयि बार देखा था,,,,,,,,,देखा क्या मैने तो खुद ऐसा किया था
लेकिन इस बार एक नई चीज़ थी मेरे सामने,,,,,,,ऑर वो चीज़ थी मेरी माँ ,,,क्यूकी पहले माँ के साथ
2 मर्द होते थे ,,,कभी विशाल ऑर मामा जी,,,ऑर कभी मैं ऑर मामा जी,,लेकिन आज एक औरत भी शामिल
हो गई थी उन लोगो के बीच मे ,,,पहली बार माँ को ऐसे देख रहा था तो लंड का बुरा हाल था,,
कुछ देर ऐसे ही तीनो किस करते रहे ऑर एक दूसरे की पीठ को सहलाते रहे तभी मामा ने अपने
हाथ उन दोनो के बूब्स पर रख दिए,,,,वो अपने एक हाथ से माँ के बूब्स को बारी बारी मसल्ने
लगे ऑर एक हाथ से रेखा एक बूब्स को मसल्ने लगी थी,,,रेखा एक बूब्स बहुत बड़े थे मेरी माँ
से भी कहीं ज़्यादा बड़े,,नीचे माँ ऑर रेखा के हाथ भी मामा के लंड पर थे माँ ऑर रेखा अपने
एक एक हाथ से मामा के लंड को सहलाने मे लगी हुई थी जबकि दूसरे हाथ से अपने ही ब्लाउस के हुक को
खोलने मे लगी थी कुछ ही पल मे माँ ऑर रेखा का ब्लाउस नीचे चद्दर पर था ऑर मामा उन
दोनो के नंगे बूब्स को मसल्ने लगा था फिर मामा ने अपने सर को झुका कर नीचे किया ऑर माँ
के बूब्स को मुँह मे भर लिया ऑर दोनो हाथों को रेखा को बूब्स पर ले गया,,,,फिर माँ के दोनो
बूब्स को हल्के हल्के चूसने के बाद मामा अपने सर को रेखा के बूब्स की तरफ ले गया ऑर माँ के
बूब्स को हाथों मे भरके मसल्ने लगा,,,,मामा जब रेखा के बूब्स चूसने लगा था तब रेखा
ने अपने एक हाथ को मामा के लंड पर रखा जबकि दूसरे हाथ से मामा के सर को कस्के अपने बूब्स
पर दबा लिया मामा का मुँह रेखा के बूब्स की लाइन पे पूरा छुप ही गया था रेखा मस्ती मे मामा
के सर को अपने हाथ से सहलाने लगी थी ,,
उपर माँ ऑर रेखा के लिप्स आपस मे बुरी तरह जकड़े हुए थे ऑर दोनो पागलो की तरह एक दूसरे के लिप्स
को चूमने ऑर चाटने लगी हुई थी,,,,रेखा तो जैसे पागल ही हो रही थी ऑर उसके पागल पॅन की वजह से
माँ की हालत भी खराब होने लगी थी इसलिए माँ भी उसी पागलपन मे रेखा को किस का रेस्पॉन्स
देने लगी हुई थी ,,,माँ का एक हाथ मामा के लंड पर था ऑर एक हाथ मामा की पीठ पर था जबकि
रेखा का एक हाथ मामा के सर पर ऑर दूसरा मामा के लंड पर अपना कमाल दिखा रहा था,,,तभी एक
दम से रेखा ने माँ के लिप्स को अपने लिप्स से आज़ाद कर दिया ऑर जल्दी से मामा के सर को बालों से हल्का
सा खींच कर मामा के सर को अपने बूब्स से हटा दिया ऑर एक ही पल मे ज़मीन पर बिछी हुई चद्दर
पर घुटनो के बल बैठ गई ऑर दोनो हाथों से मामा के अंडरवेर को नीचे करके मामा के बड़े
मूसल को अंडरवेर से बाहर निकाल लिया ऑर जल्दी से अपने मुँह मे भर लिया तब तक माँ का हाथ मामा
के लंड से हट गया था ऑर मामा के सर पर पहुँच गया था ऑर मामा के सर रेखा के बूब्स से हटते ही
माँ के बूब्स पर टिक गया था ऑर मामा ने माँ के बड़े बड़े गोरे बूब्स को हाथों से मसल्ते हुए मुँह
मे भरके चूसना शुरू कर दिया था ऑर माँ ने एक हाथ से मामा के सर को ओर एक हाथ से पीठ को प्यार
से सहलाना शुरू कर दिया था,,,मामा माँ के बूब्स को बारी बारी से मसल रहा था ऑर बारी बारी से दोनो
बूब्स को मुँह मे भरके चूस रहा था नीचे रेखा भूखी शेरनी की तरह मामा के लंड पर टूट
चुकी थी ऑर मुँह मे भरते ही पूरे लंड को गले से नीचे तक पेलने लगी थी उसके दोनो हाथ मामा की
कमर पर थे ऑर वो मामा की कमर को पकड़ कर तेज़ी से हिला रही थी ऑर मामा को अपना लंड उसके मुँह
मे पेलने को बोल रही थी मामा भी हल्की झुकी हुई हालत मे अपनी कमर को आगे पीछे हिलाता हुआ अपने
लंड को रेखा के मुँह मे पेलने लगा था रेखा ने मुँह को पूरा खोला हुआ था ऑर ज़ुबान भी बाहर निकाली
हुई थी ताकि मामा के पूरे लंड को मुँह मे ले सके मामा भी तेज़ी से कमर हिला कर पूरे लंड को रेखा
के गले से नीचे उतरने लगा था मामा की दोनो बॉल्स रेखा की चिन पर टकराने लगी थी ,,,,,
कुछ देर बाद माँ ने मामा को पीछे हटने को बोला ऑर मामा ने अपने लंड को रेखा के मुँह से निकाल
लिया ऑर तभी रेखा नीचे बिछी हुई चद्दर पर लेट गई ऑर माँ भी रेखा के पास ही लेट गई ऑर मामा इस
कदर लेट गया था कि उसका मुँह रेखा की चूत पर था जबकि लंड माँ के मुँह के करीब था उधर माँ
की चूत रेखा के मुँह के करीब थी देखते ही देखते रेखा ने माँ की चूत को मुँह मे भर लिया ऑर
माँ ने अपनी साइड की करवट लेके रेखा के सर को अपनी टाँगों मे दबा लिया ऑर उधर मामा ने रेखा
की चूत को मुँह मे भर लिया ऑर एक हाथ की उंगली से रेखा की चूत को चोदते हुए रेखा की चूत को भी
मुँह मे भरके चूसने लगा दूसरी तरफ माँ की चूत पर रेखा के लिप्स की पकड़ बनी हुई थी ऑर रेखा
माँ की चूत को बड़ी मस्ती मे चूस रही थी ऑर माँ उसी मस्ती मे मदहोश होके मामा के लंड को
अपने मुँह मे लेके गले से नीचे तक उतार कर चूसने लगी हुई थी,,,,,,,,साला ये सब देख कर मैं तो
जैसे पागल हुआ जा रहा था अब ऑर ज़्यादा बर्दाश्त नही हो रहा था मेरे से दिल कर रहा था अभी जाके
उनके खेल मे शामिल हो जाउ लेकिन पता नही क्यू साली हिम्मत नही हो रही थी,,,ऑर उधर उन लोगो की मस्ती
बढ़ती जा रही थी हर कोई एक दूसरे के प्राइवेट पार्ट को ऐसे चूस ऑर चाट रहे थे जैसे मलाई लगी हो उनपे
,,,,,सब पागल हुए जा रहे थे मुझे तो इतना समझ मे नही आ रहा था कि ये लोग बिना किसी डर के यहाँ
खेतो मे नंगे लेटे हुए है इन लोगो को किसी के आने का डर नही है,,,,जानता हूँ उस दिन मैने भी काफ़ी
टाइम यहीं नंगे लेट कर रेखा की चुदाई की थी ऑर रेखा ने बोला भी था कि यहाँ कोई नही आता है फिर
भी अगर ग़लती से कोई आ जाता तो क्या होता,, ये लोग तो मस्ती मे खो चुके है इनको भी मेरी तरह डर नही
लग रहा जैसे उस दिन मुझे चुदाई की मस्ती मे किसी के आने का डर नही था ऑर मैं बिना किसी डर के
रेखा की जबरदस्त चुदाई कर रहा था,,,,
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