RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
भाभी म्मूउहह सीई क्क्यययूउ ननीककाल्ल्ला चुउस्स्त्ती र्राहहू नाआ म्मेरेरा हहूननी हहीी व्वाल्ला
हहाइईईईई,,,,,,,,,,,
नही सन्नी अभी नही होने देना अपना कम अभी तो मुझे तेरे को दूसरा सर्प्राइज़ देना है इतना बोलकर भाभी
मेरे उपर आने लगी,,,,
भाभी आपकी पहली बार गान्ड मारनी है मुझे आप उपर मत आओ मेरे हाथ खोल दो ताकि मैं खुद आपकी गान्ड
मार सकूँ आप से पहली बार मे नही होगा प्लाज़्ज़्ज़ मेरे हाथ खोल दो मेरा वैसे भी होने ही वाला है ,,
ठीक है लेकिन अपनी पट्टी मत खोलना ऑर तेरा हाथ भी एक ही खोलूँगी मैं दूसरा नही,,,,
ठीक है भाभी एक हाथ खोल दो लेकिन जल्दी खोलो अब रुका नही जाता मेरे से ,,जल्दी से अपना मूसल आपकी
गान्ड मे घुसाने को दिल कर रहा है ,,,,,,भाभी आगे बढ़ी ऑर मेरा एक हाथ खोल दिया ,,,,,,
मैं उठकर बैठ गया इतने मे भाभी मेरे सामने झुक कर कुतिया बन गई क्यूकी उनकी गान्ड मेरे करीब
थी ऑर मेरा हाथ उनकी पीठ पर आ गया था मैने हाथ को उनकी गान्ड की तरफ ले जाना शुरू किया इतने मे उन्होने
मेरे हाथ को अपने हाथ मे पकड़ लिया ऑर अपनी गान्ड पर रख दिया,,उनकी गान्ड पर अभी भी थोड़ा आयिल लगा हुआ
था कुछ आयिल कपड़े पहनने की वजह से कपड़ो पर लग गया होगा बहभही के लेकिन थोड़े आयिल से भी भाभी की
गान्ड काफ़ी चिकनी लग रही थी ओर इधर मेरा लुडन भी भाभी के थूक की वजह से काफ़ी चिकना हो गया था मैने
लंड को हाथ मे लिया ऑर भाभी की गान्ड के होल पर रखा ऑर हलके से ज़ोर लगाया लेकिन लंड गान्ड मे नही गया
मैने फिर कोशिस की ऑर थोड़ा थूक गान्ड पर लगा दिया जिस से गान्ड का होल ज़्यादा चिकना हो गया एक तो
पहले से गान्ड पर आयिल लगा हुआ था उपर से मेरा थूक लगने से गान्ड ज़्यादा चिकनी हो गई थी ,,,मैने अपने
लंड को हाथ मे लिया ऑर हल्के से ज़ोर लगाया तो लंड गान्ड मे घुस गया तभी भाभी की दबी हुई सिसकी निकल्ने
लगी लेकिन भाभी ने मुँह पर हाथ रखके सिसकी को दबा दिया इसलिए हल्की सी आवाज़ निकली भाभी के मुँह से लेकिन
वो आवाज़ मुझे कुछ ठीक नही लगी खैर मैने लंड को पीछे किया ऑर फिर से हल्का ज़ोर लगा कर आगे किया तो
इस बार आधा लंड भाभी की गान्ड मे चला गया भाभी की फिर दबी हुई आवाज़ निकली ,,मैने ऑर ज़्यादा लंड
घुसाना मुनासिब नही समझा क्यूकी भाभी की पहली गान्ड चुदाई थी इसलिए लेकिन मुझे भाभी की गान्ड इतनी भी
ज़्यादा टाइट नही लग रही थी हालाकी उनकी पहली गान्ड चुदाई थी उनकी गान्ड तो टाइट होनी चाहिए थी फिर मुझे
याद आया कि शोभा ने भाभी की गान्ड मे नकली लंड देके इसको थोड़ा खोल दिया था हो सकता है भाभी ने भी अपनी
गान्ड मे कुछ लिया हो ताकि वो अपनी गान्ड को थोड़ा खुली कर सके मेरे बड़े मूसल के लिए ,,,,
भाभी की गान्ड भले ही थोड़ी खुल गई थी लेकिन फिर भी मेरा बड़ा मूसल पूरा टाइट होने अंदर बाहर हो रहा था
क्यूकी एक तो भाभी की गान्ड मे पहली बार असली लंड गया था दूसरा मेरा लंड था ही इतना मोटा की खुली गान्ड मे भी
पूरी रगड़ ख़ाता हुआ अंदर जाता था ऑर ये तो नई नवेली गान्ड थी,मुझे ऐसा लग रहा था मैं अपने दोनो हाथों
पर आयिल लगा कर अपने लंड को माजब्बूती से पकड़ कर मूठ मार रहा हूँ मुझे सच मे भाभी की गान्ड मारने
बहुत मज़ा आ रहा था ,,,,इतना मज़ा आ रहा था कि मुझे बीच बीच मे एक ज़ोर का मस्ती भरा झटका लगा रहा
था ,,,
मैं अपना एक हाथ भाभी की पीठ पर रख कर तेज़ी से भाभी की गान्ड मार रहा था कि तभी मुझे एक
जबरदस्त झटका लगा ,,कुछ देर बाद मैने अपनी स्पीड थोड़ी तेज करदी लेकिन अभी भी मैं आधे लंड से ही भाभी
की गान्ड मार रहा था पूरा लंड घुसने का दिल तो कर रहा था लेकिन डर भी लग रहा था कहीं पूरा लंड एक
झटके मे घुसा दिया तो भाभी को दर्द होगा ऑर कहीं दर्द ज़्यादा हो गया तो भाभी मुझे मस्ती नही करने देगी
फिर अपना हाथ जगन-नाथ करके ही पानी निकालना पड़ेगा इसी बात से डर कर मैं आधे लंड से ही भाभी की गान्ड
मारने लगा लेकिन मेरी स्पीड तेज थी,,मेरी स्पीड तेज होने से भाभी की सिसकियाँ शुरू हो गई लेकिन साथ ही मुझे एक
दबी दबी आवाज़ सुनाई दे रही थी शायद भाभी अपने मुँह पर हाथ रख लेती थी सिसकियाँ लेते टाइम,,मेरा हाथ
भाभी की पीठ पर था ,,हाई क्या मस्त कोमल पीठ थी उनकी हाथ फिसलता ही जा रहा था एक दम पतली कमर ऑर
वो भी संगमरमर की तरह एक दम चिकनी,,हाथ घुमाने की ज़रूरत नही हाथ रखते खुद ही अपने आप फिसलने
लग जाता था लेकिन मेरा हाथ उनकी पूरी पीठ तक नही आ पा रहा था,,मैने अपने हाथ को भाभी के बूब्स तक ले जाने
की कोशिश की लेकिन नाकाम रहा क्यूकी मेरा एक हाथ अभी भी बेड से बँधा हुआ था ,,ऐसी हालत मे मेरा हाथ
उनकी आधी पीठ तक ही जा रहा था उनके बूब्स तक भी नही पहुँच रहा था ,,,लेकिन उनकी आधी नंगी पीठ पर ही
हाथ घुमा घुमा कर मेरी मस्ती बढ़ने लगी थी बीच बीच मे मेरा हाथ उनकी कमर तक भी चला जाता था
जो एक दम पतली थी ,,,
मैने सोचा कि मेरा हाथ भाभी के बूब्स तक नही जा रहा तो क्या हुआ मैं भाभी की चूत पर हाथ रख लेता हूँ
क्यूकी वैसे भी कुछ ही देर मे मेरा होने वाला था तो सोचा क्यू ना भाभी की चूत मे भी उंगली करनी शुरू कर
दूँ ताकि भाभी का काम भी जल्दी हो जाए ऑर वो मेरे साथ ही झड जाए ,,,मैने जैसे ही अपना हाथ भाभी की
चूत पर ले जाना चाहा तभी भाभी ने अपने हाथ से मेरे हाथ को पकड़ लिया ऑर वापिस अपनी पीठ पर रख दिया,,
मैं वापिस अपने हाथ को भाभी की चूत पर ले जाने लगा तभी मुझे महसूस हुआ कि भाभी कुछ ज़्यादा ही हिलने
जुलने लगी थी मैं समझ गया कि भाभी खुद अपने हाथ से अपनी चूत मे उंगली करने लगी थी ,,उनको खुद चूत मे
उंगली करके मज़ा लेना था तभी मेरा हाथ चूत तक नही जाने दिया भाभी ने,,,यही सोच कर मैने अपने हाथ को
चूत की तरफ नही ले जा कर वापिस भाभी की पीठ पर रख दिया ,,भाभी की हल्की हल्की सिसकियाँ अब थोड़ा तेज हो
गई थी लेकिन बीच बीच मे दबी दबी आवाज़ मे भी भाभी अह्ह्ह्ह्ह्ह अहह कर रही थी,,,,भाभी की मस्ती भरी
सिसकियाँ सुनकर मैने लंड को थोड़ा ज़्यादा अंदर कर दिया क्यूकी भाभी की सिसकियों से सॉफ ज़ाहिर हो गया था कि
भाभी अब फुल मस्ती मे आ गई है ,,लेकिन अभी भी मैने पूरा लंड अंदर नही किया था कुछ देर ऐसे ही स्पीड
नॉर्मल रखी ओर कुछ देर बाद पूरा लंड अंदर कर दिया ,,,जब भाभी ने पूरा लंड ले लिया गान्ड मे तो मैने
स्पीड थोड़ी तेज करदी मेरी स्पीड से पूरा बेड हिलने लगा ,,लेकिन बेड हिलने मे मैं अकेला ज़िम्मेदार नही था जितनी
स्पीड से मैं भाभी की गान्ड मे लंड पेल रहा था उतनी ही तेज़ी से भाभी अपनी चूत मे खुद उंगली कर रही थी
कभी कभी तो उनका हाथ मेरे लंड के नीचे बॉल्स पर ऑर कभी जाँघो पर टच होने लगता था,,भाभी सच मे
काफ़ी तेज़ी से अपनी चूत मे उंगली कर रही थी,,ऑर उतनी ही तेज़ी से सिसकियाँ भी ले रही थी ,,सिसकियाँ ज़्यादा तेज नही हो जाए इस बात का ख्याल रखते हुए भाभी कभी कभी अपने मुँह पर हाथ भी रख लेती थी इसलिए दबी दबी आवाज़ मे भी
उनके मुँह से अह्ह्ह्ह निकल जाती तो काफ़ी स्लो होती मैं भी मुश्किल से ही सुन पा रहा था उस दबी दबी आवाज़ को,,
अब मेरी स्पीड पूरी रफ़्तार पर थी ऑर मेरा लंड भी भाभी की गान्ड मे पूरा अंदर तक घुसा हुआ था सीधी भाषा
मे बोलू तो मेरा मूसल भाभी की गान्ड की जड़ तक समा गया था ,,,अब भाभी को भी मेरा पूरा मूसल गान्ड मे
लेने मे कोई दिक्कत नही हो रही थी बल्कि भाभी तो मस्ती मे सिसकियाँ लेती थक ही नही रही थी,,,,कभी कभी तो उनकी
आवाज़ इतनी तेज होती कि पूरे कमरे मे गूंजने लगती ऑर कभी कभी इतनी स्लो होती कि मेरे कानो तक पहुँचने मे
मुश्किल होती,,भाभी की टाइट गान्ड मे मेरा लंड अच्छी तरह रगड ख़ाता हुआ अंदर बाहर हो रहा था वो भी पूरी
रफ़्तार पर उपर से कुछ देर पहले भाभी ने मेरे लंड को इते ज़्यादा मज़े से चूसा था कि मेरा पानी निकलने वाला
हो गया था ऑर आज मुझे भी एक नई टाइट गान्ड मारने की एग्ज़ाइट्मेंट कुछ ज़्यादा हो गई थी कि मेरा लंड अभी झड़ने
के करीब आ गया था इसलिए मैने एक हाथ से ही भाभी की कमर को उनकी टाँग के पास से कस्के पकड़ा ऑर अपनी स्पीड को ओर भी ज़्यादा तेज कर दिया इतना तेज कि अब मैं अपनी पूरी रफ़्तार पर आ आ गया था अब बस किसी भी पल मेरा लंड पानी छोड़ने ही वाला था ,,मेरा बदन रह रह कर झटके खाने लगा था वो भी टाइट गान्ड मार कर की मस्ती भरे
तेज झटके जिसका अपना ही अलग मज़ा था ऑर तभी मेरे लंड ने भाभी की गान्ड मे पिचकारी मारना शुरू कर दिया
ऑर मैने अपने स्पर्म से भाभी की गान्ड को भरना शुरू कर दिया मैं अभी भी तेज़ी से भाभी की गान्ड मार
रहा था ऑर स्पर्म निकलते टाइम मेरा बदन मस्ती भरा झटके खा रहा था लेकिन तभी मुझे एक तेज झटका लगा
वो झटका भाभी की गान्ड की मस्ती से भी कहीं ज़्यादा तेज था,,,
किस ने मेरे पास आके मेरे सर को अपने हाथों मे पकड़ लिया था ऑर मेरे सर को अपनी तरफ मोड़ कर मुझे किस
करने लगा था मैं भी मस्ती मे किस का रेस्पॉन्स तो देने लगा था क्यूकी मेरा लंड अभी भी पानी निकाल रहा था
ऑर ऐसी हालत मे किसी भी मर्द को बहुत ज़्यादा मस्ती चढ़ि होती है वो चाह कर भी रुक नही पाता मेरा भी यही हाल
था मैं लंड से पानी निकलता हुआ किस का रेस्पॉन्स दे रहा था लेकिन थोड़ा हैरान भी हो गया था कि अगर मैं
भाभी की गान्ड मार रहा हूँ तो मेरे को किस कॉन कर रहा है यही सोच कर मुझे झटके पे झटका लग रहा
था,,,,,
|