RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
हम लोग अभी भी वहाँ बैठ कर हंस रहे थे,,,जबकि माँ उसको लेके उपर जा रही थी,,,वो पीछे मूड के मुझे देख रही
थी लेकिन जब मैने देखा तो उसने चेहरा घुमा लिया,,,,
नेक्स्ट डे घर से तैयार होके कॉलेज जाने के लिए निकलने लगा तो मा आज मेरे साथ नही गई करण के घर ,,,,मैं डाइनिंग
टेबल से नाश्ता करके उठा ऑर वहाँ से जाने लगा तो देखा कि मामा भी अपने रूम से निकल कर बाहर आके माँ के पास
सोफे पर बैठ गया,,,,माँ भी नाइट सूट मे थी,,,,,,
शोबा ऑर सोनिया दोनो घर से जा चुकी थी,,,,,
मुझे लगा कि शायद आज माँ का ऑर मामा का प्रोग्राम घर पे रहके मस्ती करने का है इसलिए माँ अलका आंटी के पास
नही गई ऑर मामा शोबा के साथ बुटीक पर नही गया,,,,,बाकी पता भी नही शायद बाद मे मामा चला जाए शोबा
ऑर शिखा के पास,,,,,
खैर मैं तो वहाँ से निकल कर कॉलेज की तरफ चल पड़ा,,,,,
कॉलेज पहुँचा तो सीधा कॅंटीन मे गया ऑर वहीं बैठ गया,,,,आज करण भी साला नज़र नही आ रहा था,,,,,कॅंटीन
वाले छोटू से पूछा तो उसने भी यही बोला कि आज उसने करण को नही देखा है,,,
ऑर तभी मेरे मोबाइल पर करण की कॉल आई,,,,मैने पॉकेट मे फोन निकाला ऑर बात करने लगा,,,,
करण,,,,,,,,,,,,,हेलो सन्नी,,,,
सन्नी,,,,,,,,,,,,,हेलो करण,,,,,आज तू कॉलेज क्यू नही आया,,,,
करण,,,,,,,,,,,,,वो सब बाद मे भाई पहले तू मेरे घर पे आजा ,,तेरे लिए एक सर्प्राइज़ है,,,,,
सन्नी,,,,,,,,,,,,कैसा सर्प्राइज़?
करण,,,,,,तूने मुझे अपनी मोम की गान्ड मारने का मोका दिया तो अब मेरा भी तो हक़ बनता है तेरे लिए कुछ करू,,
तू बस जल्दी से मेरे घर आजा,,,,
सन्नी,,,,,पहले बता तो सही सर्प्राइज़ क्या है,,,,,,,
करण,,,,,ज़्यादा सवाल मत करो सन्नी भाई बस जल्दी आ जाओ,,,ऑर सर्प्राइज़ ऐसा है कि देख कर दिल खुश हो जाएगा तुम्हारा
,,,अब ऑर कोई बात नही बस जल्दी से मेरे घर आ जाओ,,,,,
इतना बोलकर करण ने फोन काट दिया,,,,
मैने भी अपने फोन को वापिस पॉकेट मे डाला ऑर वहाँ से बाइक लेके करण के घर की तरफ चल पड़ा,,,,मैं थोड़ा
हैरान था लेकिन तभी मेरा दिल खुश हो गया कहीं करण ने अपनी मोम को तैयार तो नही कर लिया,,,कहीं वो अपनी मोम के साथ मस्ती तो नही कर रहा ,,,,यही सोच सोच कर मैं खुश होने लगा ऑर 15-20 मिनट मे करण के घर पहुँच गया
मैने बेल बजाई तो करण ने आके गेट खोला,,,मैं देख कर हैरान था कि वो सिर्फ़ निक्केर मे था ,,,उसका उपर का बदन
एक दम नंगा था,,,,,उसकी काफ़ी पसीना भी आया हुआ था ऑर मैने देखा कि उसके बदन पर कुछ नखुनो के निशान
भी थे,,,,,,,,,वो जल्दी आगे बढ़ कर मेरे गले लगा ऑर मुझे अपने साथ अंदर ले गया,,,,,
अब्ये तू इतनी जल्दी कैसे आ गया,,,बाइक से आया है या रॉकेट मे उड़ कर,,,,,करण हँसते हुए बोला,,,
तूने किसी सर्प्राइज़ की बात की तो मेरे से रहा नही गया ऑर बाइक को ही रॉकेट बना कर उड़ता हुआ आ गया मैने,,,मैने भी करण की बात के जवाब मज़ाक मे दिया,,,
अच्छा बता अब सर्प्राइज़ कहाँ है,,,,,,जल्दी बता,,,
रुक ना थोड़ा सबर कर अभी बताता हूँ पहले उनको तो आने दे,,,,,,
उनको ?? उनको किनको ?? मैने अभी इतना पूछा ही था कि बाहर फिर से बेल बजी ऑर करण गेट खोलने चला गया,,,,
तभी करण वापिस आया तो साथ मे शोबा ऑर शिखा थी,,,,,साला ये है सर्प्राइज़ ,,मैं तो थोड़ा उदास ही हो गया,,,मुझे तो
लगा था अलका आंटी होगी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अभी समझा कि इन लोगो का यहाँ मस्ती करने का प्लान था तभी आज मामा भी बुटीक पर नही गया ऑर माँ भी यहाँ नही आई,,,,लेकिन अलका आंटी कहाँ है ,,,,वो नज़र नही आ रही,,,,
ऑर तभी करण के रूम से किसी की हल्की आवाज़ आई ,,,शायद कोई अंदर था,,,,मैं फिर से खुश हो गया कि अंदर अलका आंटी होगी,,,,
अरे करण एक दम से फोन करके हमे क्यू बुलाया यहाँ,,,,,शोबा दीदी ने अंदर आते ही पूछा,,,,
कुछ नही दीदी मेरा मूड था मस्ती करने का तो सोचा क्यू ना सबको बुला लूँ तो मस्ती का मज़ा ही कुछ ऑर होगा,,इतना
बोलकर करण शोबा दीदी के करीब हो गया,,,,
अच्छा फिर वो सर्प्राइज़ कहाँ है जिसके बारे मे तूने बोला था फोन पर,,,,शोबा ने फिर से करण से पूछा,,,,,
सर्प्राइज़ भी है दीदी,,,,आओ मेरे साथ दिखाता हूँ,,,,,
करण दीदी का हाथ पकड़ कर अपने रूम की तरफ ले गया ,,मैं ऑर शिखा भी पीछे पीछे चले गये,,,,
तभी मैं अंदर जाके जो देखा तो देखता ही रह गया,,,,ऑर एक दम से हैरान परेशान हो गया,,,,
रूम मे ज़मीन पर कुछ कपड़े बिखरे हुए थे,,,,लॅडीस जीन्स थी ऑर साथ मे पिंक टॉप था,,,ब्रा ऑर पेंटी भी थी,,,,ऑर तभी
मेरा ध्यान गया करण के रूम की लास्ट देवार की तरफ जहाँ कॉर्नर मे एक लड़की अपने सर को घुटनो मे दबा कर रो रही
थी ,,,,उसकी रोने की आवाज़ बहुत स्लो थी जो रूम मे बाहर नही आ रही थी लेकिन फिर भी वो जब हल्की आवाज़ मे सिसकियाँ लेती तो उसकी आवाज़ बड़ी मुश्किल से रूम के बाहर पहुँच रही थी,,,,,
ये कॉन है करण,,,,,,,शोबा दीदी ने करण से पूछा,,,,,
यही तो है सर्प्राइज़ ऑर खास कर इस्पे हक़ बनता है मेरे सन्नी भाई का,,,,इतना बोलकर करण मेरे पास आया,,,,
जाओ सन्नी भाई ये तुम्हारे लिए है,,,,,
मेरी समझ मे कुछ नही आ रहा था,,ये सब क्या हो रहा है,,,,,कॉन है ये करण,,,,ऑर ये रो क्यू रही है,,,,,
अरे कुछ नही भाई ,,साली मना कर रही थी तो हल्के हल्के 2-4 हाथ लगा दिए मैने,,,,बहुत नखरा कर रही थी,,,,,
क्या ,,,तूने इसको मारा,,,,,इसके साथ ज़बरदस्ती की तूने,,,,मैने हल्के गुस्से ऑर हैरानी से पूछा,,,,,
नही भाई अभी तक ज़बरदस्ती तो नही की लेकिन थोड़ा बहुत मारा ज़रूर,,,,ज़बरदस्ती इसलिए नही कि क्यूकी ये फ्रेश है एक दम,,,,वर्जिन है सील भी नही टूटी अभी तक,,,,,तो मैने सोचा कि क्यू ना इसकी सील खोलने के लिए सन्नी भाई को बुलाया जाए,,,ऑर वैसे भी सन्नी भाई तूने मेरे लिए इतना कुछ किया है तो मेरा भी तो हक़ बनता है तेरे लिए कुछ करने का,,,,जा मेरे भाई ऐश कर ऑर फाड़ दे इस हरामी कुतिया की चूत को,,,,
ये क्या बोल रहा है करण,,,तूने लड़की पर हाथ उठाया,,,,मारा इसको,,,,इतना बोलकर मैं जल्दी से चलके उस लड़की के करीब
गया,,,,,,,मैने देखा कि उसकी पीठ ऑर हाथ पर हल्की हल्की खरॉच के निशान थे,,,शायद ये भी करण का काम था
मैने लड़की को चुप करवाने के लिए ऑर तसल्ली देने के लिए उसके शोल्डर पर हाथ रखा तो वो एक दम से डर गई,,,
नही प्ल्ज़्ज़ मुझे छोड़ दो,,,,मुझे माफ़ करदो,,,इतना बोलकर लड़की ने अपने फेस को उपर उठाया तो मैं देख कर उदास
हो गया ऑर दुखी भी ,,,,,ये तो वही लड़की थी जो शिखा के साथ थी उस दिन कॉलेज मे ,,जो करण के साथ होती थी बाइक पर अक्सर ,,वही खूबसूरत हसीना जिसको देख कर मेरा दिल क़ाबू मे नही रहा था,,,ऐसा हसीन चेहरा जिसको करीब से एक बार दिल भरके देखने की तमन्ना थी मेरी,,,,लेकिन अब उस हसीन चेहरे की सारी रंगत उड़ गई थी ,,उसके चेहरे पर मार
के हल्के निशान थे लेकिन रंग गोरा होने की वजह से उसके गाल लाल हो गये थे,,,,उसके मासूम चेहरे पर उदासी थी,,
डर था,,,,एक ख़ौफ़ था,,,,,आँखों मे आँसू थे,,,,मैं उसको देख कर थोड़ा गुस्से मे आ गया,,,
कॉन है ये लड़की करण,,,,ऑर इसको इतना मारा क्यूँ तूने,,,,,मैं हल्के गुस्से मे बोल रहा था,,,,
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