RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
फिर आंटी कपड़े धोने लगी ऑर मैं वहीं खड़ा उनके बूब्स के ज़ी भरके दर्शन करने लगा
उनको भी पता था मैं क्या देख रहा हूँ इसलिए वो मेरी तरफ ज़्यादा ध्यान नही दे रही थी क्यूकी
उनको पता था कि अगर वो मेरी तरफ ध्यान करेंगी तो मैं अपना ध्यान उनके बूब्स से हटा लूँगा ऑर
वो ऐसा नही चाहती थी,,वो तो ज़्यादा से ज़्यादा बूब्स दिखाना चाहती थी मुझे ताकि मैं गर्म होता रहूं
लेकिन उनको क्या पता मेरा जिस्म ज्वालामुखी की तरफ खौलने लगा था,,,,बस चलता तो अपनी उनकी चूत मे
गर्म गर्म लावा भर देता,,,,,
अभी बस थोड़े से कपड़े ही बाकी थे जो आंटी ने 10-15 मिनट मे धो लिए ऑर इतने टाइम मैने ज़ी
भरके उनके बूब्स के दर्शन भी कर लिए,,,ज़ी तो नही भरा था लेकिन इतना टाइम काफ़ी था ,,,फिर मैं आंटी
के साथ मिलकर कपड़े निचोड़ने लगा,,,,एक तरफ से आंटी कपड़ा पकड़ती ऑर एक तरफ से मैं ऑर दोनो अपना
ज़ोर लगा कर कपड़े निचोड़ने लगे,,,,आंटी जब भी ज़ोर लगाती तो हल्का सा नीचे झुक जाती ऑर मेरा ध्यान उनके
बूब्स पर चला जाता तो वो बस शर्माके रह जाती,,,,,,,
अच्छा बेटा अब तू ज़रा ये कपड़े उपर छत पे रखके आजा मैं अभी आई 2 मिनट मे,,,,,
मैने कपड़ों वाली टोकरी उठाई ऑर उपर छत की तरफ जाने लगा,,,,जैसे मैं सीडियों के पास से गुजरने
लगा मेरा ध्यान गया सीडियों के नीचे की जगह पर जहाँ वॉशिंग मशीन पड़ी हुई थी,,मैने हल्के से
कपड़ो वाली टोकरी को नीचे रखा ऑर मशीन का प्लग लगा कर देखा तो मशीन चल रही थी,,,,,मैं समझ
गया कि ये आंटी की चाल थी हाथ से कपड़े धोने की,,,,,
मैं कपड़े लेके उपर छत पे चला गया कुछ देर बाद आंटी भी उपर आ गई,,,सूट अभी तक गीला था
उनका ऑर बूब्स भी पूरे नंगे ही थे लगभग,,,,,,मैं ऑर आंटी मिलकर कपड़े तार पर डालने लगे ऑर
फिर नीचे आ गये,,,,नीचे आते टाइम भी आंटी मेरे आगे चल रही थी ऑर मैं पीछे से उनकी गान्ड को
देखता हुआ उनके पीछे पीछे ऐसे चल रहा था जैसे कुत्ता हड्डी को देख कर चलता है,,,,
बेटा अब मैं नहा लेती हूँ बाद मे तेरे कुछ खाने को बना दूँगी,,,,,अगर अभी भूख लगी है
तो बता दे,,,,
नही आंटी जी मैं ठीक हूँ,आप पहले नहा लो,,,,,,,
आंटी अपने रूम मे चली गई ऑर फिर कुछ कपड़े लेके बाथरूम मे ,,,,मैं पहले तो बाहर खड़ा रहा
फिर कुछ देर बाद मैं आंटी के रूम मे चला गया ऑर बाथरूम से अंदर देखने की कोशिश करने
लगा ,,,लेकिन तभी बाहर बेल बजी ओर मैं बाहर आ गया,,,,,बाहर आके गेट खोला तो सामने एक औरत
खड़ी हुई थी,,,,,,,
जी बोलिए,क्या चाहिए आपको,,,,,,,,,,
आप कॉन हो,,,ऑर अलका मेम्साब कहाँ है,,,,,
मैं मेहमान हूँ ,लेकिन आप कॉन हो ये बताओ,,,,,
जी मैं इस घर मे काम करती हूँ,,,,,,,मैं अपने घर की चाबी यहीं भूल गई,,,
तुम आज काम करने आई थी क्या,,,मैने उस से सवाल किया ,,,,,
हाँ साहब आई थी लेकिन म्मेसाहब ने बोला कि मेहमान आने वाले है घर पे इसलिए आज जल्दी काम करो
ऑर जाओ ,,, मुझे 2-3 दिन काम पर आने को भी मना किया है,,,वो बस हल्का सा झाड़ू पोच्छा करवाया था
कपड़े धोने को बोला तो बोली कि आज कपड़े नही है धोने को,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,साहब क्या आप वहीं
मेहमान हो जो आने वाले थे,,,,,,
हाँ मैं वहीं हूँ,,,,,,,अब अपने घर की चाबी लो ऑर जाओ,,,,,,,,,,,,,वो जल्दी से घर के अंदर आई ऑर कुछ
देर मे चाबी लेके वहाँ से चली गई,,,,
अब मैं सब समझ गया,,,,,,आंटी का प्लान क्या था,,,,शायद ये सब भी मेरी माँ ने भी सिखाया होगा
आंटी को,,वर्ना आंटी मे इतनी हिम्मत कहाँ,,,,,
मैं गेट बंद करके अंदर आया ऑर वापिस आंटी एक रूम मे जाके उनको बाथरूम मे नहाते देखने लगा
लेकिन तभी बाहर टेबल पर रखा हुआ मेरा फोन बजने लगा,,,
मैने बाहर जाके फोन उठाया ऑर बात करने लगा,,ये फोन मेरी माँ का था,,,
हेलो माँ,,,,,,,
हेलो सन्नी बेटा,,,क्या हो रहा है,,कपड़े धोते हुए आंटी के बूब्स देख रहा है क्या,,,,इतना बोलकर
माँ हँसने लगी,,,,
माँ आपको तो सब पता ही है फिर क्यू पूछ रही हो,,,,आख़िर सब आपकी कृपा से हो रहा है,,,,सब आपका
प्लान है,,,,,
सही बोला बेटा ,,अब उसको तो प्लान बता दिया अब तेरी बारी है,,ध्यान से मेरी बात सुन,,,जैसा मैं कहती हूँ
वैसा ही करना,,,फिर माँ बोलने लगी ऑर मैं उनकी बात सुनने लगा,,जब तक आंटी नहा कर नही निकली तब
तक मेरी ऑर माँ की बात होती रही,,,,,
कुछ देर बाद आंटी नहा कर निकली ऑर मेरे पास आ गई,,तब तक मैं निक्केर टी-शर्ट मे सोफे पर ही बैठा
हुआ था,,,,,,,,,,,,,,,,
अब भूख लगी है या नही सन्नी बेटा,,,,,आंटी अपने गीले बलों को टवल से सॉफ करती हुई बोली,,उनका
मेरी तरफ देखने का नज़रिया बिल्कुल अलग हो गया था,,,वो नज़रो ही नज़रो मे मुझे खाने की कोशिश कर
रही थी,,,ऑर मैं भी तो ऐसे ही देखता था उनकी तरफ,,,ये बात उनको भी पता थी,,,,
जी आंटी भूख तो लगी है ,,
तो बोलो क्या खाना है अभी बना देती हूँ,,,,,
जो मर्ज़ी बना दीजिए आंटी जी,,,
ठीक है तुम रूको मैं अभी दाल चावल बना देती हूँ ,,,,दाल चावल अच्छे लगते है या कुछ ऑर बना
दूं,,,,,,,
नही आंटी जी मुझे दाल चावल बहुत अच्छे लगते है आप वही बना दीजिए,,,,
फिर आंटी ने दाल चावल तैयार करने चली गई ऑर मैं बाथरूम मे जाके नहा धो कर फ्रेश हो गया
कुछ देर बाद मैने ऑर आंटी ने लंच कर लिया ऑर मैं करण के रूम मे आके लेट गया तभी कुछ देर
बाद माँ का फोन आया ऑर मैं उठकर आंटी के रूम मे चला गया,,,
मैं जब आंटी के रूम मे गया तो आंटी बेड पर लेट कर टीवी देख रही थी,,,,,
आंटी जी क्या मैं अंदर आ सकता हूँ मैने दरवाजे पर नॉक करके पूछा,,,,
हाँ हाँ बेटा आओ अंदर ,,इसमे पूछने की क्या बात है,,,,
आंटी जी आपको मेरे से कोई काम तो नही,,,,
नही बेटा,,,,क्यू ऐसा क्यू पूछा तुमने,,,,,
जी मैं कुछ देर आराम करने लगा था,,बहुत थक गया हूँ आज,,,,सोचा आराम करने से पहले पूछ
लूँ कहीं आपको कुछ चाहिए तो नही,,,या मेरे से कोई काम तो नही,,,,
नही बेटा मुझे कोई काम नही तुम जाके आराम कर सकते हो,,,,
ओके आंटी जी,,,,,लेकिन जब तक मैं खुद ना उठ जाऊ मुझे डिस्टर्ब नही करना प्लज़्ज़्ज़,,,
आंटी ने हंस कर एक नज़र मेरे जिस्म को उपर से नीचे तक देखा ऑर इसी बीच आंटी की नज़रे कुछ पल के
लिए मेरे लंड पर टिक गई,,,,ओके बेटा मैं डिस्टर्ब नही करूँगी तुम जाके जो दिल करे वो करो,,,,
क्या बोला आंटी जी मैं कुछ समझा नही,,,,,,,,
मेरा मतलब था बेटा तुम जाके आराम करो मैं डिस्टर्ब नही करूँगी,,,,,
मैं वापिस रूम से निकल कर करण के रूम मे आ गया ऑर आके रूम को अंदर से लॉक कर लिया,,फिर लॅपटॉप
निकाल कर बेड पर रखा ऑर पॉर्न मूवी प्ले करदी,,फिर मैं रूम के दरवाजे के पास जाके कीहोल से
बाहर देखा तो आंटी जी हल्के कदमो से इसी तरफ आ रही थी,,,मैने जल्दी से अपनी निक्कर उतार दी ऑर नीचे
का हिस्सा नंगा करके एक चेयर को बेड के पास रखा ऑर लॅपटॉप को अपनी तरफ करके चेयर पर बैठ गया ऑर
पॉर्न मूवी देखता हुआ अपने लंड को सहलाने लगा,,,,मैं चेयर पर इसलिए बैठा था ताकि आंटी को मेरा
मूसल सॉफ नज़र आए ऑर बेड पर पड़ा हुआ लॅपटॉप भी जिसमे पॉर्न मूवी चल रही थी,,,मैने जान भूज
कर मूवीस भी वही प्ले की थी जिसमे एक 20 साल का लड़का एक 40-45 साल की औरत की चुदाई करने लगा
था ऑर मूवी का नाम था (माइ फ्रेंड'स हॉट मोम),,,,,,,ये सब मेरी माँ का प्लान था,,,,माँ ने आंटी को भी
ये बता दिया था कि जब मैं आराम करने के लिए रूम मे जाता हूँ ऑर किसी को डिस्टर्ब नही करके को बोल
जाता हूँ तो मैं आराम से अपने रूम मे बैठ कर मूठ मारता हूँ,,,,इसलिए मेरे करण के रूम मे
आने के कुछ देर बाद ही अलका आंटी रूम के दरवाजे पर आ गई थी,,,,
मैं मूवी देखने लगा ऑर पास मे पड़ी एक आयिल की शीशी से लंड पर आयिल लगा कर हल्की हल्की मालिश करने
लगा,,,,वैसे यही मेरा तरीका भी है मैं भी पॉर्न मूवी देखता हुआ लंड की कम से कम 1 अवर तक
मालिश करता हूँ ऑर मूवी ख़तम होने के बाद ही पानी निकालता हूँ,,,,,,,,,,
मैं अंदर मूठ मारते हुए लंड की मालिश कर रहा था ऑर पक्का था मेरा मूसल देख कर आंटी भी
बाहर खड़ी अपनी चूत मे उंगली कर रही होगी,,,,
वो मूवी करीब 48 मिनट्स की थी ऑर इतनी देर तक मैं अपने लंड की मालिश करता रहा ऑर आंटी बाहर
खड़ी मुझे देखती रही,,मूवी ख़तम होने के बाद जब मेरे हाथ की स्पीड तेज हुई ऑर मेरा पानी
निकलने वाला हो गया तो मैं तेज़ी से अपना हाथ चलता हुआ अलका आंटी का नाम लेने लगा,,,,आहह
आंटीयी ज्जििीइ आहह अल्लका औउन्न्त्तयययययी ,,,आंटी का नाम लेते हुए मेरे लंड ने पानी की
पिचकारी मारना शुरू कर दिया ऑर जब तक लंड से पानी निकलता रहा मैं अलका आंटी का नाम लेता रहा,,,
बाहर खड़ी आंटी पक्का मेरी इस हरकत से हैरान हो गई होगी लेकिन ऐसा करके मैं आंटी के एक कदम
करीब चला गया था,,,,,
जब मेरे लंड से पानी निकल गया तो मैं लॅपटॉप बंद किया ऑर अपने लंड को अच्छी तरफ सॉफ किया फिर ज़मीन
पर गिरा हुआ स्पर्म सॉफ करके बेड पर निढाल होके लेट गया,,,,मेरे लेट जाने के बाद आंटी शायद
वहाँ से चली गई थी इसलिए मैने भी हल्के से अपने रूम का दरवाजा खोला ऑर आंटी के रूम के पास
चला गया ऑर मेरा शक सही निकला आंटी भी अपने बेड पर लेट कर अपनी चूत मे उंगली करने लगी हुई थी
मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था आंटी को देख देख कर लेकिन मैं ज़्यादा देर तक नही देख सका क्यूकी
आंटी बहुत जल्दी झड गई थी ,,वैसे भी आंटी ने मेरे रूम के बाहर खड़ी होके चूत मे बहुत उंगली की
थी ऑर बेड पर आके लेटते ही उनकी चूत ने पानी छोड़ दिया था,,,,आंटी के फेस पर राहत नही बल्कि
एक बेचैनी थी ,,जबकि चूत से पानी निकलने के बाद तो उनको राहत महसूस होनी चाहिए थी लेकिन वो
मेरी उस हरकत पर इतना हैरान थी जो मैने करण के रूम मे की थी ,,,लंड से पानी निकलते टाइम उनका नाम
लेके,,,,आंटी शायद बहुत परेशन थी मेरी उस हरकत से,,लेकिन मैं बहुत खुश था अपनी इस हरकत से,,
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