RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
रितिका चुप हो गई ऑर मैं भी,,,,
पापा ये मेरी एक दोस्त का भाई है,,,,शोबा का,,,
अच्छा ठीक है बेटी,,,,,अब तुम बताओ सन्नी बेटा तुमने हॉस्पिटल मे बोला था कि तुम्हारा झगड़ा नही
हुआ सुरेश से लेकिन एक बार जब सुरेश ऑर अमित उस कमिने सुमित को मार रहे थे तब तुमने सुरेश
ऑर अमित से पंगा क्यू किया था,,,,,
सर मैने पंगा नही किया था,,,मैं तो सुरेश ऑर अमित को रोक रहा था,,,,क्यूक वो लोग एक कमजोर
पर हाथ उठा रहे थे,,उसका तो हाथ भी टूटा हुआ था,,,
जानता हूँ वो हाथ भी अमित ऑर सुरेश ने तोड़ा था,,,,सुरेश का बाप एक अकड़ के साथ बोला,,,,,
मैं भी जानता हूँ सर,,,,तभी तो मैं उनको रोकने गया ताकि वो उसका दूसरा हाथ भी ना तोड़ दे,,,
तोड़ देते तो क्या होता,,,तुमको क्या ज़रूरत थी उन लोगो के बीच मे आने की,,सुमित तुम्हारा कोई सगे
वाला है क्या,,,,
सगा वागा कुछ नही है सर बस कॉलेज मे है तो दोस्त है,,उसकी जगह कोई ऑर होता ऑर आपके बेटे ऑर अमित की
जगह भी कोई ऑर होता तो भी मैं ऐसा ही करता,,,वैसे भी मैं पहले फाइट शुरू नही की मैं तो उनको
रोक रहा था लेकिन उन लोगो ने मुझे मारना शुरू कर दिया,,,,मैं पहले शुरू नही करता कभी लेकिन बाद
मे कभी पीछे भी नही हट-ता,,अब जवान हूँ मैं खून भी गरम है मेरा,,,,,,मैं भी थोड़ी
अकड़ से बोल रहा था,,,,,ऑर उसका बाप मुझे घूर रहा था,,,,
ऑर वैसे भी अगर सड़क पर कोई आवारा कुत्ते को भी पत्थर से मारता है तो मेरा दिल करता है कि मैं उसी
पत्थर से उस इंसान का सर फोड़ दूं क्यूकी ग़रीब ऑर लाचार पर अत्याचार मेरे से बर्दाश्त नही होता
चलो जूस पियो ऑर जवानी के जोश को ठंडा करो,,,,,,इतना बोलते ही उन्होने जूस का ग्लास लेके मेरी तरफ बढ़ा
दिया,,,,मैं जूस पीने लगा ऑर एक ही बार मे ग्लास खाली कर दिया,,क्यूकी मैं हल्के गुस्से मे आ गया था
ऑर उधर सुरेश के बाप ने भी एक ही बार मे ग्लास ख़तम किया ऑर चेयर से उठ गया,,,,जवानी मे जोश
ऑर खून का गर्म होना ज़रूरी है सन्नी ,,लेकिन एक बात समझ लो जब आग से खेलो तो थोड़ा दूर से खेलो
ज़्यादा करीब मत जाओ वर्ना हाथ जल जाता है,,इतना बोलकर वो वहाँ से चले गये मैं भी उठा ऑर वहाँ
से बाहर की तरफ आने लगा,,,रितिका ने मुझे नही रोका क्यूकी वो जान गई थी मैं गुस्से मे हूँ ऑर मेरा
गुस्सा वो करण के घर पे देख चुकी थी,,,बस उसने मुझे बाइ बोला ऑर मैं भी उसको बाइ बोला ऑर अपनी
बाइक लेके वहाँ से करण के घर की तरफ आ गया,,,,
करण के घर पहुचा तो आज काफ़ी टाइम हो गया था ,,,,गेट खुलते ही आंटी ने उदास चेहरे से बोला
आज लेट क्यू हो गया सन्नी,,,पता है कितनी देर से वेट कर रही थी मैं,,,,,
सॉरी आंटी थोड़ा काम था इसलिए लेट हो गया,,,,,
चल कोई बात नही,,,कुछ खाया पिया बाहर या अभी लंच बना दूं,,,,
नही आंटी जी मैं ठीक हूँ ,,,बस मुझे थोड़ा आराम करना है,,,,सर मे दर्द हो रहा है,,,,
ठीक है तू जाके फ्रेश हो जा बेटा मैं कॉफी बना देती हूँ सर दर्द ठीक हो जाएगा ,,ऑर अगर नही हुआ तो
मालिश कर दूँगी,,,,,
मैं करण के रूम मे गया ऑर फ्रेश होने लगा,,ऑर फ्रेश होके बाहर आने लगा तभी मैने अपने मोबाइल
पर देखा कि माँ की 3 मिस कॉल थी मैने वापिस कॉल किया तो माँ ने फोन नही उठाया,,,
मैं बाहर गया ऑर तबतक कॉफी बन गई थी,,,,सुरेश के बाप ने दिमाग़ का दही कर दिया था,,,,इतना
गुस्सा आ रहा था साले पर कि बता नही सकता ,लेकिन अलका आंटी को देख कर सारा गुस्सा उड़ गया ऑर फिर
से एक मस्ती भरी लहर उठने लगी पूरे बदन मे,,,,
मैने देखा कि आंटी ने पहले तो सूट पहना हुआ था लेकिन अभी आंटी पेटिकोट ऑर ब्लाउस मे थी,,,,साला
ये औरत तो कुछ ज़्यादा ही लग रही है सेक्स की आग मे ,,,इसका बस नही चलता वर्ना अभी नंगी हो जाए,,,,
मैं कॉफी पीने लगा ऑर सर दर्द से थोड़ा आराम भी मिलने लगा,,,,,कॉफी पीक मैं सोफे पर लेट गया
क्या हुआ बेटा सर मे अभी भी दर्द हो रहा है क्या,,बोलो तो दबा दूं क्या,,,,
पहले तो दिल किया कि रहने दो फिर जब नज़र पड़ी आंटी के बड़े बड़े बूब्स पर तो मन मचल गया,,,
जी आंटी जी ,,थोड़ा सर दबा ही दीजिए शायद दर्द कम हो जाए,,,,,
आंटी उठी ऑर मेरे सोफे पर आ गई ऑर मैने अपने सर को उठा दिया ,,फिर आंटी बैठ गई ऑर मैने अपना
सर आंटी की गोद मे रख दिया ऑर फेस उपर कर लिया,,,,,आंटी दोनो हाथों से मेरे सर को हल्के से दबाने
लगी ,,जब जब आंटी अपने हाथ का ज़ोर लगाती या हल्के से मेरे सर पर दबाब डालती तो नीचे झुकने की वजह से
उनके बूब्स मेरे फेस पर टच होने लगते ,,,,दिल तो किया कि अभी मूह मे भर लूँ लेकिन मैं सबर
कर रहा था,,,,ऑर तभी सारा खेल ख़तम हो गया,,,,अंदर रूम मे मेरा फोन बजने लगा ऑर मैं
आंटी की गोद से उठकर करण के रूम मे चला गया,,,,,
ये माँ की कॉल थी,,,,
हेलो बेटा,,क्या कर रहा था,,,,
कुछ नही बस आंटी को गोद मे लेटा हुआ था,,,,
अच्छा तो गोद तक पहुँच ही गया तू,,,,चल आज तुझे एक प्लान बताती हूँ जिस से गोद से आगे तक पहुँच
जाएगा तू,,,,
नही माँ रहने दो,,,,आज मेरे पास एक प्लान है,,,बस आप मेरा एक काम करो,,,शाम को 4-5 बजे आंटी
को बाहर शॉपिंग करने के लिए बोलना ऑर जब वो तैयार हो जाए तो उनको मना कर देना ,,बोल देना आपको
कोई काम पड़ गया,,,,
तेरे पास क्या प्लान है,,,,,
है एक प्लान माँ ,,,आप बस आंटी को फोन कर देना,,,,,,
ठीक है बेटा,,,,,,जब माँ बोल रही थी तो पीछे से किसी की आवाज़ सुनाई दी जो जानी पहचानी लग रही थी
लेकिन इस से पहले कुछ ऑर सुनता माँ ने फोन कट कर दिया,,,,,फिर मैं बाहर नही गया ऑर वहीं रूम
मे लेट कर लॅपटॉप ऑन कर लिया,,,आंटी भी मेरे रूम मे नही आई,,,
मेरी आँख लग गई ऑर जब उठा तो 4 बज रहे थे,,,,,मैं उठा ऑर बाहर हॉल मे आ गया,,आंटी अपने रूम
मे थी,,,,मैने माँ को मेसेज कर दिया कि आंटी को कॉल करे ऑर तभी 5-7 मिनट मे आंटी का फोन बजने
लगा,,माँ ने वैसा ही किया जैसा मैने बोला था,,,,
बात करने के बाद आंटी अपने बाथरूम मे चली गई ऑर मैं वहीं बैठ कर टीवी देखने लगा,,,
फिर कुछ देर बाद आंटी तैयार होके बाहर आ गई,,,,,साला जब भी ये तैयार होती थी मेरे दिल मे आग लग जाती
थी,,,,ऑर उपर से इसका टाइट फिटिंग वाला पंजाबी सूट ,,जिसमे से पूरी बॉडी का ठीक ठीक नाप मिल जाता था,,,बड़े
बूब्स खुल कर बाहर निकल आते थे,,,गान्ड भी एक दम फस जाती थी सलवार मे,,,,,
आंटी आप कहीं जा रही हो क्या,,,,,,
हाँ बेटा ,,एक सहेली के साथ शॉपिंग करने जा रही हूँ ,,
कब जाना है आंटी जी,,ओर वापिस कब आना है,,,,,
अभी चली जाउन्गी 10-15 मिनट मे ऑर वापसी आउन्गी कम से कम 2-3 अवर्स मे,,,,क्यू कोई काम था क्या,,,,
नही आंटी जी बस ऐसे ही पूछा था,,,,,,,
आंटी अपने रूम मे चली गई ऑर मैं भी करण के रूम मे चला गया,,फिर कुछ देर बाद मैं करण
के रूम से ऐसे निकला जैसे कोई चोर निकलता है,,,मैं जान बूझ कर ऐसे चल रहा था कि आंटी मुझे
देख नही सके,,लेकिन मैं चाहता था कि आंटी मुझे देख ले,,,,,मैं किचन मे गया ऑर आंटी के रूम के
पास से हल्के से गुजरा ,,,ऑर आंटी ने भी मुझे देख लिया ऐसे चलते हुए,,,,मैं किचन मे गया ऑर एक
कटोरी मे देसी घी डालके वापिस हल्के कदमो से करण के रूम की तरफ आने आगा,,,,,,,आंटी ने मुझे देखा
ऑर मेरे पे शक करती हुई हल्के से मेरे पीछे पीछे आ गई,,,मैं जान गया था वो मेरे पीछे है,,,
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