RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
अमित का बाप थोड़ा संभलता हुआ बोला,,,,,,,,कुछ नही बेटा उस मे हमारे कुछ इंपॉर्टेंट डॉक्युमेंट्स
है जो ग़लती से सुमित के हाथ लग गये है,,,,,,हम लोगो के लिए वो बहुत ज़रूरी है,,,तभी तो हम तेरे से
पूछ रहे है कि अगर तुझे सुमित के बारे मे कुछ पता है तो बता दे हमे और हमे सुमित से मिलवा
दे ताकि हम उस से सीडीज़ की सारी बात सॉल्व कर सके,,,,वो सीडीज़ हमारे लिए बहुत ज़रूरी है,,उनके लिए अगर
सुमित को कुछ पैसे चाहिए तो वो भी हम दे सकते है उसको,,,,तू सुमित से बात करना अगर वो मिला
तुझे तो,,,,,,,,,,
अरे अंकल जी इसमे पैसे की बात कहाँ से आ गई,,,,,अगर वो सीडीज़ ज़रूरी है आपके लिए तो मैं लाके दे सकता
हूँ आपको वो सीडीज़ ,,,,,,
मेरी इतनी बात सुनके अमित ,अमित का बाप और सुरेश का बापा तीनो खुश हो गये,,,,अमित के बाप ने
जल्दी से मुझे बाहों मे जाकड़ लिया,,,,,,,अरे ये हुई ना बात,,,,,,,,,,,क्या तुम हमे वो सीडीज़ लाके दे सकते
हो बेटा,,,,,,,,,अमित का बाप बहुत खुश हो गया था,,,
हाँ अंकल जी ,,वो आपके ज़रूरी डॉक्युमेंट्स है ,,सुमित बिना वजह आपको ऐसे तंग नही कर सकता,,,,,मैं उस
से बात करूँगा और कोशिश करूँगा वो सीडीज़ आप तक पहुँचा सकूँ,,,,,
बेटा अगर तू ऐसा कर देगा तो जो माँगेगा वो मिलेगा तुझे,,,,,तू जो भी चाहे ,,जितना पैसा भी चाहे,,,
तभी मैं चुप हो गया,,,,,,,,,,पैसे की बात सुनके,,,,,,
क्या हुआ बेटा तू चुप क्यूँ हो गया,,,,,,बता ना कितने पैसे चाहिए तुझे,,अगर कुछ अड्वान्स भी चाहिए
तो अभी दे देता हूँ,,,,,
नही अंकल जी मुझे पैसे नही चाहिए,.,,,,,मैं तो आप लोगो की हेल्प कर रहा हूँ और सही इंसान का
साथ दे रहा हूँ,,,,,पहले सुमित सही था और अमित ग़लत तो मैने सुमित का साथ दिया,,,,,,,,,,लेकिन आज
सुमित ग़लत है तो मैं आपका साथ देने को तैयार हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,लेकिन ,,,,,,
लेकिन क्या बेटा,,,,,,,,तुझे कितने पैसे चाहिए बता मुझे,,,,,,अगर पैसे नही चाहिए कुछ और चाहिए
कार ,,,बंगला या कुछ भी बता मुझे,,,,,,,,,
नही अंकल जी मुझे ये सब नही चाहिए,,,,,,,,,,,,,
तो क्या चाहिए बता ना बेटा,,,जो माँगेगा वही मिलेगा,,,,,,,,,,,
पक्का अंकल जी,,,,,,जो माँगूंगा मिलेगा क्या,,,,,,,,,,,
हाँ बेटा तू एक बार माँग कर तो देख,,,,जो भी कहेगा वो मिलेगा तुझे,,,,
तभी मैं उठा और अमित के बाप को बोला,,,,,,,,,,,,,क्या मैं आपसे अकेले मे बात कर सकता हूँ,,,
इतने मे अमित का बाप भी उठकर खड़ा हो गया,,,,,,,,,,,,,हाँ हाँ क्यू नही बेटा,,,,,इतना बोलकर वो एक
तरफ चलने लगा और मुझे भी अपने साथ चलने को बोलने लगा,,,,,मैं उनके साथ उस रूम से होते
हुए किसी और रूम मे चला गया,,,,,जो देखने मे उनका ऑफीस लग रहा था,,,,,,,,,,,,,,वो अंदर जाते ही
टेबल की दूसरी तरफ की चेयर पर बैठ गये और मुझे सामने पड़ी चेयर पर बैठने को बोलने लगे,,,,,
बोलो क्या बात है बेटा,,,,,,,क्या चाहिए तुमको उन सीडीज़ को हमारे तक पहुँचाने के लिए,,,
देखिए अंकल जी,,,,,,मुझे पैसा प्रॉपर्टी कुछ नही चाहिए,,,,,मैं तो जो भी करता हूँ अपने दोस्तो
के लिए करता हूँ,,,,,,,,,,,,,,और सही वजह से करता हूँ,,,,,,,,,,अब अमित और सुरेश सही है और सुमित ग़लत
इसलिए मैं अमित और सुरेश का साथ दे रहा हूँ,,,,ना कि उस सुमित का,,,,,,,,लेकिन साथ ही साथ मैं अपने
एक और दोस्त का साथ भी देना चाहता हूँ,,,,,,,,,,,
किसकी बात कर रहे हो तुम,,,,,
अंकल जी मैं अपने दोस्त करण की बात कर रहा हूँ,,,,,मुझे कुछ नही चाहिए लेकिन अगर आप मुझे
कुछ देना ही चाहते हो तो आप अपने दोस्त की बेटी रितिका की शादी करवा दो करण के साथ,,,वो दोनो एक
दूसरे को बहुत प्यार करते है,,,,,,,,,,
मेरी बात सुनके अमित का बाप थोड़ा गुस्से मे ,,,,,,,,नही ये नही हो सकता,,किसी भी कीमत पर नही हो
सकता,,,,,,,,,,,कहाँ हम लोग और कहाँ वो 2 कोड़ी का करण,,,,,ये हरगिज़ नही हो सकता,,,तुम कुछ और
माँग लो बेटा,,,ये नही होगा,,,,,
तो ठीक है फिर रहने दीजिए अंकल जी,,,,,आप खुद ही वो सीडीज़ ले आओ सुमित से इस से पहले कि वो उन सीडीज़ को
इंस्पेक्टर ख़ान के हवाले कर्दे,,,,,,,,,,
ख़ान भाई का नाम सुनते ही अमित के बाप की गान्ड फॅट गई और मुँह खुला का खुला रह गया,,,,
तुझे कैसे पता वो सीडीज़ ख़ान को देने वाला है,,,,,,,,,,,अमित का बाप बड़ा हैरान और डर कर बोल रहा था
मैने एक दिन सुमित को किसी से बात करते सुना था कि वो अमित की कुछ सीडीज़ इंस्पेक्टर ख़ान को दे देगा जिस
से अमित के साथ साथ अमित का बाप और सुरेश का बाप भी लोगो का सामने नंगे हो जाएगे,,,,,,
मेरी बात सुनके वो चुप हो गया,,,,,,
सॉरी अंकल ऐसा मैं नही सुमित बोल रहा था,,,,,,अब पता नही उन सीडीज़ मे ऐसा क्या है जो सुमित उसको
ख़ान को देने की बात कर रह था,,,,लेकिन उसकी बातों से इतना तो पक्का हो गया था मुझे कि वो सीडीज़ अगर
ख़ान के पास चली गई तो आप लोगो का पोलिटिकल करियर बर्बाद हो जाना है और आप लोगो ने सड़क पर
आ जाना है,,,,,,,,,
अमित का बाप कुछ सोच मे पड़ गया,,,,,हाँ सही कहा तूने सन्नी बेटा,,,वो सीडीज़ हमारे लिए बहुत
ज़रूरी है,,हमे कैसे भी करके वो सीडीज़ हासिल करनी है,,,,,अगर तू हमारी हेल्प करेगा तो बड़ी
मेहरबानी होगी,,,,,
मैं तो हेल्प करने को तैयार हूँ अंकल जी लेकिन आप ही पीछे हट रहे हो अपनी बात से,,,,,
नही बेटा जो तू बोल रहा है वो नही हो सकता,,,,,,कहाँ हम लोग और कहाँ वो करण,,,,
तो ठीक है अंकल जी सुमित को वो सीडीज़ इंस्पेक्टर ख़ान के पास ही ले जाने दीजिए फिर अप लोगो का पोलिटिकल
करियर ख़तम और आप लोगो ने भी सड़क पर आ जाना है,,,फिर आप लोगे मे और करण मे कोई फ़र्क नही
रहेगा,,,,
अमित का बाप गहरी सोच मे डूब गया,,,,,
क्या सोच रहे हो अंकल जी,,,,वो आपकी बेटी नही है ,,,,फिर भला इतना क्या सोचना,,,,आप तो बस ये सोचो
कि अगर वो सीडीज़ ख़ान के पास पहुँच गई तो आप लोगो का क्या होगा,,,,आपकी बर्बादी तो पक्की है,,,इस से अच्छा
है कि आप अपने दोस्त को समझा कर मना लो और तैयार कर लो रितिका की शादी करण से करने के लिए,,,,,
तभी वो उठा अपनी चेयर से और मेरे पास आ गया,,,,,,,,,ठीक है बेटा ,,,,मैं कुछ करता हूँ ,,,,,और
समझाता हूँ सुरेश के बाप को,,,,,तब तक तू सीडीज़ हासिल करने की कोशिश कर और हम तक पहुँचा दे
सीडीज़ तो मैं हासिल कर लूँगा अंकल जी लेकिन सीडीज़ दूँगा आपको तब जब शादी करके रितिका करण के घर चली
जाएगी उसके बाद,,,,,,मैने इतनी बात ऐसे बोली जैसे कि मैं अपना फैंसला सुना रहा हूँ,,,,,अमित का बाप
भी समझ गया कि मैं भी कोई कच्चा खिलाड़ी नही हूँ,,,,
तो अब मैं चलता हूँ अंकल जी और अपनी कोशिश शुरू करता हूँ,,,पहले तो मुझे तलाश करना
होगा उस सुमित को,,,,,,और उसका पता वहीं से मिल सकता है जहाँ से वो नशा लेता है,,,
ठीक है बेटा तू अपनी कोशिश कर मैं भी अपनी कोशिश शुरू करता हूँ ,,रितिका के बाप को मनाने की
,,इतना बोलकर अमित के बाप ने मेरे शोल्डर पर हाथ रखा और मुझे लेके वापिस दूसरे रूम मे आ
गया जहाँ अमित और सुरेश का बाप बैठे हुए थे,,,,लेकिन उसने मुझे वहाँ बैठने नही दिया और
बातें करते हुए बाहर की तरफ आ गया,,,,,,,,और साथ साथ मेरे से थोड़ी बात चीत करते हुए मुझे गेट
तक छोड़ दिया,,,,,,
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