RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
वो लोग जब मेरे से मार पीट कर रहे थे तो साथ साथ मेरी तलाशी लेने की कोशिश भी कर रहे थे,,,
हो ना हो वो सीडी की तालश मे थे,,,,
मुझे गुस्सा तो था उन लोगो पर लेकिन वो लोग कोई आम लोग नही थे पेशेवर गुंडे लग रहे थे,,,इसलिए
कोई पंगा नही करने की जगह मैं करण के घर की तरफ चल पड़ा,,,,
करण के घर पहुँचा तो करण मेरा हुलिया देख कर डर गया और फिर गुस्से मे बोला,,,,ये क्या हुआ भाई
,,,,किसने तेरा ये हाल किया भाई
कुछ नही भाई,,,,बस छोटा सा आक्सिडेंट हो गया था,,,,इस से पहले वो कुछ बोलता मैने उसको चुप करवा
दिया,,,
चल अब जल्दी तैयार हो जा और चल मेरे साथ,,,,
लेकिन भाई अपना हाल तो देखो आप,,,,,,,उसने मेरी तरफ इशारा करते हुए बोला,,,मुझे कोई चोट तो नही
लगी थी लेकिन उन लोगो से फाइट करते हुए मेरे कपड़े फॅट गये थे,,,,
अबे धीरे बोल शिखा या अलका आंटी ने मुझे ऐसी हालत मे देखा लिया तो पंगा हो जाना है,,,और बात मेरे घर
पहुँच जानी है,,,,
भाई उनको पता नही चलना,,वो दोनो घर से चली गई है,,,,,जहाँ आपने बोला था ,,,बस मैं तेरा इंतेज़ार
कर रहा था,,,,
अच्छा किया तूने उनको भेज दिया,,वैसे भी वहाँ बहुत सारी तैयारी करने वाली होती है,,,वैसे माँ से तूने बात
की थी या दीदी ने,,,,
मैने तो दीदी को बोला था लेकिन दीदी ने माँ को बता दिया,,और अभी आपके आने से 2-3 मिनट पहले ही वो गई है
घर से,,,,
चल अब तू भी जल्दी तैयार हो जा,,,अपने पास ज़्यादा टाइम नही है,,,और मुझे भी एक टी-शर्ट दे अपनी,,अब तेरी
शादी मे फटी हुई टी-शर्ट पहनकर थोड़ी जाउन्गा मैं,,,मैने हंस कर मज़ाक मे बोला,,,
'
हम दोनो घर से तैयार होके अपने रास्ते चल पड़े,,,,
करीब 2-3 अवर्स के बाद मैं करण के साथ कोर्ट रूम पहुँच गया ,,,,मैने अमित के बाप को भी
फोन करके यहीं आने को बोल दिया था,,,
ये कोर्टरूम स्पेशल मॅरेज करवाने के लिए ही बना हुआ था और यहाँ जो बंदा बैठा हुआ था वो ख़ान
भाई का भरोसे वाला बंदा था जो लीगल मॅरेज करवाता था,,,
मैं और करण वहाँ पहुँचे तो अमित ,,अमित का बाप,,,सुरेश और सुरेश का बाप सब लोग यहाँ मौजूद
थे,,उन लोगो के साथ कोई भी बॉडीगार्ड नही था कोई गन्मन नही था,,,,क्यूकी मैने ही बोला था उन लोगो
को ऐसा करने को,,,,
मैं जैसे ही वहाँ पहुँचा अमित और सुरेश करण और मेरी तरफ गुस्से से घूर्ने लगे,,,
सुरेश का पैर टूटा हुआ था और वो व्हील्चैर पर बैठा हुआ था,,,,
तभी अमित का बाप बड़े प्यार से आगे बढ़ कर मुझे मिलने आया,,,,मैने भी उनको नमस्ते बोला और उनसे
हाथ मिलाया,,,
अमित का बाप तो आगे बढ़ कर बड़े प्यार से करण के गले लग्के भी मिला,,,,और उसके इशारे से रितिका का बाप
भी बड़े प्यार से आगे बढ़ कर करण के गले लग्के मिला ,,,,
अरे बेटा यहाँ क्यूँ बुला लिया हमको,,,शादी तो मंदिर मे करवानी थी ना करण और रितिका की,,,
जी अंकल जी,,,लेकिन करण बोला कि उसको मंदिर मे नही कोर्ट मे शादी करनी है,,,,मंदिर की शादी को कोई
मानेगा या नही लेकिन कोर्ट की शादी को तो हर कोई मानेगा ना,,,मैने इतना बोला तो सुरेश का बाप और अमित
का बाप दोनो गुस्से से दाँत पीसने लगे,,,,
क्यूँ यहाँ कोई पंगा है क्या शादी करवाने मे अंकल जी,,,
अरे बेटा कोर्ट की शादी भी कोई शादी होती है क्या,,,,शादी तो मंदिर मे होती है,,,,पूरे रीति-रिवाज़ के साथ
वैसे तो शादी पूरी शान से होती है लेकिन ये शादी तो तुमको पता है किस वजह से हो रही है,,इसलिए कम
से कम मंदिर मे होती शादी तो अच्छा था,,,,
अरे अंकल जी छोड़िए ना ,,आप भी कहाँ मंदिर और रीति-रिवाज़ के चक्कर मे पड़ गये,,आज कल का ज़माना
मॉडर्न है और शादी भी मॉडर्न ही होती है,,,,,,जस्ट 2-3 साइन किए और हो गई शादी,,,,
अच्छा बाकी बातें बाद मे अंकल जी पहले ये बताए कि रितिका कहाँ है,,,वो नज़र नही आ रही,,,मैने थोड़ा
हंस कर पूछा तो वो लोग थोड़ा सहम सा गये,,,,
अरे बेटा वो यही है,,,कार मे बैठी हुई है,,,तुम बोलो तो अभी बुला लाता हूँ उनको,,,,लेकिन तुम पहले
ये बताओ कि वो सीडी कहाँ है,,,,
आप रितिका को बुलाओ सीडी भी अभी मिल जाएगी अंकल जी,,,,
तभी अमित के बाप ने अमित को इशारा किया और उसने अपने मोबाइल से किसी को फोन किया,,,,कुछ ही देर मे
2 लड़कियाँ उस कोर्टरूम मे आ गई,,,,वो दोनो लड़कियाँ अपने साथ एक और लड़की को लेके आई थी जो सर से पैर
तक दुल्हन की तरह सजी हुई थी,,,बस उसका चेहरा ढँका हुआ था,उसने सर पर पल्ल्लू लिया हुआ था अपने ही
दुपट्टे से,,,,,
वो लड़कियाँ अंदर आ गई और उनके आते ही अमित ने दरवाजा बंद कर दिया,,,,
लो आ गई बेटा रितिका,,,अमित के बाप ने बड़ी खुशी से बोला,,,
क्या ये रितिका है अंकल जी,,,,लेकिन इसने चेहरा क्यूँ छुपा कर रखा हुआ है,,,इतना बोलकर मैं आगे बढ़ा और
उस लड़की के सर से दुपट्टा हटाने लगा,,,तभी अमित के बाप ने आगे बढ़ कर मेरा हाथ पकड़ लिया,,,,,
अरे नही बेटा,,,ऐसा नही करते,,,शादी से पहला दुल्हन का मुँह देखना अपशकुन होता है हम लोगो
मे,,,,एक बार शादी होने दो फिर देखते रहना इसका मुँह,,,,
मैं हंस कर पीछे हो गया,,,क्यूकी मुझे पता था ये रितिका नही थी...,कोई और थी,,,,
ठीक है अंकल जी जैसा आप चाहो,,,,तो शादी का काम शुरू करे,,,
इतनी भी क्या जल्दी है,,,ये बात बोली अमित ने और आगे बढ़ कर हम लोगो के पास आ गया,,,,
शादी भी हो जाएगी लेकिन पहले ये बताओ कि वो सीडी कहाँ है,,,,अमित थोड़ा गुस्से मे बोला,,,
तभी अमित के बाप आगे बढ़ कर ,.,,,,,,सन्नी बेटा अमित के कहने का मतलब है कि एक बार हमे भी वो सीडी
दिखा दो ताकि हम लोगो को भी यकीन हो जाए कि सीडी तुम्हारे पास है,,,,
आप बेफ़िक्र रहिए अंकल जी,,,,सीडी यहीं है मेरे पास,,,,,
तुम्हारे पास मतलब ,,अभी तुम्हारे पास है सीडी,,,,तुम्हारी पॉकेट मे है क्या,,,,,
अमित ने खुशी से इतना बोला और अपने फोन को कान पर लगा कर हमसे दूर होकर किसी से बात करने लगा,,,,,,
जबकि मैं अमित एक बाप से बात कर रहा था,,,,
अभी हम लोग बात ही कर रहे थे कि तभी कोर्ट रूम के दरवाजा खुला और ???
ये लोग तो वही थे जिन लोगो से मेरा सुबह आक्सिडेंट हुआ था,,,इस से पहले मैं कुछ करता उन लोगो ने
आगे बढ़ कर मुझे पकड़ लिया,,,,,सुबह वो लोग 4 थे लेकिन अभी वो 6 लोग थे,,,,,4 लोगो ने आगे बढ़ कर मुझे
पकड़ लिया,,,,,
करण ने आगे बढ़ कर उनको हटाने की कोशिश की लेकिन तभी 2 लोगो ने करण को भी पकड़ लिया,,,,,
उनमे से एक आदमी ने मुझे गालियाँ देनी शुरू करदी,,,,,,,,,,साले सुबह आक्सिडेंट करके भाग गया था,,,जो
नुकसान हुआ वो क्या तेरा बाप देगा,,,,उस आदमी ने मुझे कस के एक थप्पड़ मारा तभी अमित ने आगे बढ़ कर
उस आदमी को पकड़ लिया,,,,
क्यूँ मार रहे हो इसको,,,,क्या किया है इसने,,,,,अमित ऐसे बोल रहा था जैसे वो मेरा साथ दे रहा था,,,
उस आदमी ने अपनी पॉकेट से एक पिस्टल निकाली और अमित एक तरफ कर दी,,,अमित जल्दी से पीछे हो गया,,,,,देख
भाई तेरे से मेरा कोई झगड़ा नही है,,,इस लड़के ने सुबह मेरी बाइक से टक्कर लगा दी थी और मेरी बाइक का
नुकसान करके वहाँ से भाग गया था,,,,,हमे कोई लफडा नही करना बस ये हमको हमारे नुकसान के
पैसे दे दे,,,,हम लोग यहाँ से चले जाएँगे,,,,
तभी उस कोर्ट के वकील ने भी उन लोगो को रोकने की कोशिश की लेकिन उन लोगो ने उसकी तरफ भी अपनी पिस्टल
तान दी और वो बेचारा अपनी चेयर पर वापिस बैठ गया,,,,मैने भी उनको इशारा कर दिया था चुप-चाप
बैठने के लिए,,,,
वो अभी बोल ही रहा था,,, करण ने ज़ोर लगाकर खुद को छुड़वाने की कोशिश की लेकिन मैने उसको मना कर
दिया और इशारा किया चुप-चाप खड़े रहने को,,,
देख भाई वो मेरी ग़लती नही थी,,,,तू ही रेड लाइट क्रॉस करके मेरे से टकरा गया था,,,मैं फिर भी तेरा
नुकसान भरने को तैयार हूँ,,,बता कितना नुकसान हुआ तेरा,,,,,
मैने अभी बोला ही था कि उस आदमी ने मुझे कस के 2-3 थप्पड़ लगा दिए,,,,,तू अपनी बकवास बंद रख
लड़के ,,और जो नुकसान हुआ है वो तो मैं लेके ही जाउन्गा,,,,सुबह तो तू भाग गया था और अब यहाँ पर मेरा
एक भाई काम करता है जिसने सुबह तुझे देख लिया था मेरे से फाइट करते,,उसी ने फोन करके मुझे बताया
है कि तू यहाँ है,,,,इसलिए मैं यहाँ आया हूँ तेरे से नुकसान के पैसे लेने,,,
फिर उस आदमी ने मेरी तलाशी लेनी शुरू की,,,,फिर सर से पैर तक मेरी तलाशी लेके उसने करण की तलाशी ली
और फिर मेरी पॉकेट से मेरा वॉलेट निकाला और उसमे जितने भी पैसे थे सब निकाल लिए,,,लेकिन फिर भी वो
मेरी तलाशी लेने लगा,,,,,
फिर जब उसको कुछ नही मिला तो उसने पैसे अपनी पॉकेट मे डाले और वॉलेट को ज़मीन पर फैंक दिया और
गुस्से से बोलता हुआ वहाँ से जाने लगा,,,,,इस बार तो पैसे लेके छोड़ रहा हूँ अगली बार ग़लती से मेरे से
टकरा गया तो टाँगें तोड़ दूँगा ,,,याद रखना,,,,,,वो गुस्से से मुझे इतना बोलता हुआ वहाँ से जाने लगा और
जाते हुए उसने ना मे सर हिलाकर अमित के बाप को कुछ इशारा भी किया,,,,,
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