RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
तभी एक बंदा माँ के पास आया,,,,,राम-राम मालकिन,,,राम-राम छोटे मालिक,,
मालकिन खेतों को पानी लगा दिया है
अच्छा किया,,,,अब कोई है तो नही खेतों मे,,,,,मुझे अपने बेटे को खेत दिखाने जाना है
मैं नही चाहती वहाँ कोई परेशान करे इसको,,,
नही मालकिन अब कोई नही है,,,,सब लोग चले गये है,,,,
ठीक है तुम भी जाओ हवेली और देखो अगर कोई काम है करने वाला,,,
वो बंदा हवेली मे चला गया और मैं माँ के साथ खेतों मे
माँ आप मुझे कहाँ लेके जा रही हो,,,,,मैने माँ के साथ चलते हुए पूछा
तेरे कुछ सवालो के जवाब देने हैं मुझे सन्नी,,,इसलिए कहीं ऐसी जगह जा रहे है
जहाँ कोई ना हो,,,,और वैसे भी मुझे तेरे से अकेले मे मिलना था,,,,इतना बोलकर माँ ने
मुझे आँख मार दी,,,
मैं कुछ बोलने ही लगा कि माँ ने चुप करवा दिया,,,,
यहाँ कुछ मत बोल सन्नी,,,पहले खेतों मे चल,,फिर जो पूछना होगा पूछ लेना,,,
फिर मैं कुछ नही बोला और माँ के साथ चलने लगा,,,,हम लोग खेतों के बीच कच्ची
सड़क पर चल रहे थे ,,,रास्ता बहुत सकरा था,,,,खड़ी फसल मे चलने मे मुश्किल हो
रही थी थोड़ी,,,,,तभी कुछ देर मे हम ऐसी जहग पहुँच गये जहाँ खड़ी फसल काट
कर एक जगह बनाई थी थी,,,वो जगह करीब 10/10 फीट की थी,,,,
वहाँ पहुँच कर माँ जल्दी से ज़मीन पर बैठ गयी और मुझे भी अपने साथ बैठने को बोला
देख रहा है ये जगह,,,, तेरे मामा ने ये फसल काट कर जगह तैयार की थी ताकि हम
मस्ती कर सके,,,,इतना बोलकर माँ ने मेरे लंड पर हाथ रखा और हल्के से दबा दिया,,,
रूको माँ,,,इतनी भी क्या जल्दी है,,,पहले कुछ बातें तो हो जाए,,,,मैने माँ का हाथ
पकड़ते हुए बोला,,,,
हाँ हाँ बातें भी कर लेते है साथ साथ,,,,चल पूछ जो पूछना है,,,,जानती हूँ तू
बड़ा हो गया है अब तेरे को कुछ बातें बतानी ही पड़ेगी,,,,लेकिन याद रखना तू पूछ
तो कुछ भी सकता है लेकिन मैं जवाब उन्ही बातों का दूँगी जो अभी दे सकती हूँ,,क्यूकी
कुछ बातें ऐसी है जिनका जवाब मैं नही दे सकती,,,,
ऐसी कोन्सि बातें है जिनका जवाब आप नही दे सकती माँ,,मैने कुछ शक की नज़र से माँ
को देखा तो माँ हँसने लगी,,,,
कुछ नही बेटा,,,चल पूछ क्या पूछना है,,,,
अपने हवेली के बारे मे मुझे क्यूँ नही बताया कभी,,,,और ये हवेली अपने रेखा को गिफ्ट की
तो चाचा बुरा क्यूँ मान गये,,,,,और चाचा चाची मे से कोई रेखा की शादी मे क्यूँ नही आया
और ऐसी क्या बात है जिस पर अपने झगड़ा किया अपने चाचा से,,,कॉन सा मसला है जो काफ़ी
टाइम से चला आ रहा है,,,,मैने इतने सारे सवाल एक दम से कर दिए तो माँ कुछ परेशान
हो गयी,,,,
रुक रुक रुक थोड़ी साँस लेले,,,,,इतने सवाल एक दम से,,,,,,देख मैने पहले बोला है की
मैं कुछ बातों का जवाब अभी दे सकती हूँ लेकिन कुछ का सही टाइम आने पर,,,अभी के लिए
तुझे बता देती हूँ,,,,,,,,,तभी माँ ने बोलना शुरू किया,,,,
बेटा ये हवेली मेरी है,,,,मेरे बाप-दादा के टाइम की है ये हवेली,,,,मेरा बाप इस गाँव का
बहुत बड़ा आदमी था,,,बहुत रुतबा था उसका यहाँ,,,,बहुत इज़्ज़त थी उसकी इस गाँव मे,,इस
गाँव की ज़्यादा ज़मीन भी मेरे बाप दादा की है,,,ये जो खेत है ये भी मेरे बाप के है,,
लेकिन कहते है ना कि जिसका जितना नाम होता है वो उतना ही बदनाम भी हो जाता है
कभी-कभी
,,,,,
तेरे पापा अशोक मेरे बाप यानी कि अपने ससुर से नफ़रत करते थे तूने तो देखा ही है कि
वो मेरे चाचा से भी नफ़रत करते है,,,,इसलिए तो उन्होने रेखा की शादी मे भी नही आने
दिया चाचा चाची की,,,हालाकी उन्होने चाची को बुलाया था शादी मे पर चाचा को नही
बुलाया,, और चाची चाचा के बिना नही आ सकती थी,,,,
इस हवेली के बारे मे भी इसलिए आप बच्चों को भी कुछ नही बताया कभी,,,,मैं अक्सर
गाँव तो आती थी लेकिन हवेली मे बहुत कम आती थी,,,,तुम लोग भी आए हो हवेली लेकिन तब
बहुत छोटे थे,,,,लेकिन जब तुम कुछ बड़े होने लगे तो अशोक ने मना कर दिया था तुम
लोगो को यहाँ लेके आने के लिए,,,क्यूकी फिर तुम लोगो ने सवाल करने थे और उन सवालो का
मेरे पास कोई जवाब नही होना था,,,जब तक तुम सब इतने बड़े नही हो जाते कि बातों को
समझ सको तब तक तुम लोगो को हवेली से दूर रखा था मैने,,,,,हालाकी विशाल और शोभा
जानते है हवेली के बारे मे लेकिन तुम और सोनिया नही जानते,,,,
तो क्या ये खेत भी आपके है माँ,,,,और क्या आप यहाँ के ठाकुर की बेटी हो,,और अगर विशाल
और शोभा जानते है तू मुझे और सोनिया को क्यूँ अंजान रखा अपने इन सब बातों से,,,
बेटा तुम और सोनिया अभी छोटे हो,,,लेकिन विशाल और शोभा बड़े हो गये है इसलिए उनको सब
बातें बतानी पड़ी हमको,,,विशाल को कुछ बातें तेरे मामा ने बता दी थी जबकि शोभा को
तेरी भुआ ने,,,,तुमको और सोनिया को बताने की टेन्षन मेरी और अशोक की थी ,,लेकिन तुम लोग
अभी इतने बड़े नही हुए इसलिए मैने और अशोक ने तुम लोगो को अभी तक कुछ नही बताया,,
अब तुम कुछ कुछ जान गये हो तो तुमको बता रही हूँ,,,
यहाँ बहुत रुतबा था मेरे परिवार का और अब वही रुतबा मेरा भी है,,,,गाँव मे बहुत
ज़मीन है मेरी,,,जब मेरे बाप के मरने के बाद मेरी शादी तेरे पापा से हुई और मैं उनके
साथ शहर चली गयी तो हम लोग बहुत छोटे घर मे रहते थे,,,मैं चाहती थी कि हम
लोग बड़े घर मे रहे लेकिन तेरे पापा के पास इतना पैसा नही था,,और तेरे पापा मेरे से
पैसा लेने को तैयार नही थे क्यूकी वो पैसा मेरे बाप की ज़मीन की कमाई से जो आना था
,,,लेकिन घर की हालत इतनी ठीक नही थी,,,बॅंक मे तेरे पापा की नयी नयी नोकरी लगी थी
लेकिन तभी पगार इतनी नही थी,,,इसलिए तो तेरी भुआ ने भी बुटीक खोला था ताकि
घर मे कुछ पैसे आ सके,,,वो सब मेहनत करने को तैयार थे लेकिन मेरे से पैसा नही ले
रहे थे,,,इसलिए मैने तुम बच्चों के नाम पर पैसे ज़मा करवाने शुरू कर दिए और कुछ
पैसे यहाँ गाँव वालो को दान देने शुरू कर दिए,,,,
अच्छा माँ कितने पैसे वाली हो तुम ज़रा बताना,,,और कितने पैसे है हम सब भाई बेहन के
अकाउंट्स मे,,,,,
जब माँ ने मुझे पैसे बताए तो मेरा मुँह खुला का खुला रह गया,,,,साला इतने पैसे थे
मेरे घर वालो के पास ,,,मतलब मेरी माँ के पास,,मुझे यकीन नही हो रहा था
हां बेटा बहुत पैसा है हम लोगो के पास,,,,लेकिन तेरे पापा को वो पैसा नही चाहिए इसलिए
तुम बच्चों को दे दिया मैने,,,,और बाकी का गाँव वालो को,,,,इसलिए तो गाँव वाले इतनी इज़्ज़त
करते है मेरी,,,,
लेकिन माँ तुमने बताया नही कि हवेली रेखा को दी तो चाचा गुस्सा क्यूँ हो गये थे,,,,
माँ कुछ देर चुप रही,,,,फिर बोली,,,,,,अरे बेटा रेखा चाचा के घर की काम वाली है
और इतनी बड़ी हवेली किसी काम वाली के नाम करदी मैने तो चाचा गुस्सा हो गये,,,भला
कोई काम वाली को इतनी बड़ी हवेली देता है क्या,,,,
तो आपने क्यूँ दी हवेली रेखा को माँ,,,,मैने फिर पूछा
अरे बेटा वो काम वाली चाचा चाची के लिए थी मेरे लिए तो एक दोस्त जैसी थी,,इसलिए
मैने वो हवेली उसको दे दी,,,,और भला मैने क्या करनी थी हवेली,हम लोगो का घर है
ना शहर मे,,,यहाँ हवेली मे किसको रहना था,,,,पड़ी पड़ी पुरानी और गंदी ही हो रही
थी,,,,
अच्छा माँ तो वो क्या मसला है जो बहुत टाइम से चला आ रहा है तुम्हारा और चाचा का,,
कुछ नही बेटा,,मेरे चाचा को मेरी शादी तेरे पापा से मंजूर नही थी,,,और तेरे पापा भी
मेरे चाचा से बहुत नफ़रत करते थे ,,यही मसला है जो कब्से चला आ रहा है और अभी
तक सॉल्व नही हुआ,,,,,
लेकिन पापा आपकी फॅमिली से इतनी नफ़रत क्यूँ करते है माँ,,,जब देखो चाचा का नाम सुनते
ही पापा गुस्से मे आ जाते है,,यहाँ तक कि बीमारी मे भी चाचा का हाल चाल पूछने नही
आते गाँव मे,,,,
बस बस ,,,अब बहुत हो गये सवाल,,,,हवेली के बारे मे तूने पूछना था तो तूने पूछ लिया
अब कोई सवाल नही,,,और वैसे भी मैं इसका जवाब नही देना चाहती ये बात तेरे पापा ही
बता सकते है तुमको,,,
अब सवाल करने की बारी मेरी है सन्नी,,,,ये तेरे और कविता के बीच मे क्या चल रहा
है जिसके बारे मे सोनिया बोल रही थी अभी,,,,
माँ का सवाल सुनके मैं थोड़ी देर चुप हो गया,,,,कुछ नही माँ आपको तो पता है सोनिया
बस मुझे तंग करती रहती है,,,,मेरे और कविता मे कुछ नही चल रहा ये तो बस सोनिया
का मज़ाक है,,,
अरे बेटा तू डर क्यूँ रहा है,,,,वैसे भी तू बचपन से कविता के साथ रहा है,,बहुत
बनती आई है तुम लोगो मे शुरू से,,,अगर कोई बात है तो मुझे बता दो,,,और वैसे भी
मुझे तो कोई परेशानी नही है तुम लोगो के रिश्ते से अगर तुम कविता से शादी भी करना
चाहते हो तो मुझे अच्छा लगेगा कि कविता मेरे घर की बहू बने,,,
माँ ने इतना बोला और मैं थोड़ा शरमा गया,,,,माँ को यकीन हो गया कि हम दोनो मे कुछ
चल रहा है,,,,,
नही नही माँ ऐसी कोई बात नही है और अगर कोई बात हुई तो मैं आपको ज़रूर बताउन्गा
लेकिन फिलहाल कोई बात नही है मेरे और कविता के बीच मे,,,,,,,
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