RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
कल भी टेन्षन के मारे नींद नही आई थी इसलिए कुछ देर टेन्षन भूल कर सो जाना
चाहता था लेकिन कुछ फ़ायदा नही हो रहा था इसलिए सोनिया के बारे मे सोचने लगा जब वो
छत पर मुझे किस करने मे मेरा साथ दे रही थी,,वो किस कुछ पल के लिए मुझे खुशी
दे गयी थी और अब उसके बारे मे सोच-सोच कर भी दिल मे एक मीठा मीठा खुशी का एहसास हो
रहा था और उसी एहसास ने सोने मे मेरी मदद भी कर दी,,,
सुबह उठा तो गाँव की औरतें फिर से आँगन मे ज़मा हो गयी थी,,,ये सला गाँव की शादी
का भी पता नही कितना लंबा टाइम चलती है,,,अब शादी कबकि हो चुकी लेकिन इनका गाना
बजाना और रीति रिवाज ने नाक मे दम किया हुआ है,,लेकिन एक बात तो अच्छी थी कि गाँव की
औरतें आ गयी थी इसलिए घर मे कल रात के झगड़े के बारे मे कोई बात नही कर रहा
था,,,,,,
गीता भुआ और शोभा गाँव की औरतों के साथ बैठी हुई थी जबकि कविता और सोनिया थोड़ी दूर
चेयर पर बैठी हुई थी,,,डॅड केवल के साथ दूर धूप मे बैठ कर बात कर रहे थे
जबकि माँ और सीमा किचन मे थी,,,
विशाल और मामा कहीं नज़र नही आ रहे थे
मेरा दिल कॉफी पीने को कर रहा था इसलिए मैं किचन मे चला गया,,,,
उठ गया मेरा बेटा,,माँ ने किचन मे आते ही मेरा सर चूम लिया और प्यार से सर पर हाथ
फिराते हुए बोला,,,,,तभी माँ ने सीमा की तरफ इशारा करते हुए मुझे चुप रहने को
बोला,,,,माँ को पता था मैं कल रात के बारे मे बात करूँगा लेकिन माँ ने मुझे पहले ही
चुप रहने को बोल दिया था,,,
हां माँ उठा गया ,,फ्रेश भी हो गया ,,अब कुछ कॉफी मिलेगी क्या,,,
अरे बेटा अब तो खाने का टाइम हो रहा है लेकिन कोई बात नही,,पहले तुझे कॉफी बना
देती हूँ इतना बोलकर माँ कॉफी बनानने लगी,,,,
तभी सीमा का ध्यान मेरा तरफ आया और उसने मुझे गुड मोर्निंग बोला,,,,गुड मोर्निंग बेटा
मैने भी उसको गुड मोर्निंग बोल दिया,,,,
तभी सीमा माँ को बोली,,,,,,दीदी चावल कहाँ है नज़र नही आ रहे,,,,
वो देख ना सामने वाले बर्तन मे होंगे,,,,
देख लिया वहाँ दीदी वो बर्तन खाली है,,,,
लगता है ख़तम हो गये,,,,तू ऐसा कर जाके गोदाम से चावल उठा ला ये ले चाबी,,माँ
ने गोदाम की चाबी सीमा की तरफ बढ़ाते हुए बोला,,
सीमा चाबी लेके जाने लगी तभी माँ बोली,,,,तू अकेली इतना वजनी बौरी कैसे उठा लेगी
सीमा,,,ऐसा कर सन्नी को साथ मे ले जा,,,,
मैं कुछ नही बोला और मामी की साथ चल दिया,,,,हवेली मे एक रूम को गोदाम बनाया हुआ
था और किचन का सारा राशन वहाँ रखा हुआ था,,,
मैं मामी के साथ चलने लगा और मामी मुझे मेरे कॉलेज और एग्ज़ॅम्स के बारे मे पूछने लगी
और मैं उनको हंसते हुए जवाब देता गया,,,मैने देखा को सोनिया और कविता दोनो मुझे हल्के
गुस्से से देख रही थी,,,,लेकिन मैने उनकी तरफ ज़्यादा ध्यान नही दिया और मामी के साथ
चलता गया,,
गोदाम मे पहुँचा कर मामी ने एक बौरी की तरफ इशारा किया और मैने वो बौरी उठा ली और
तभी मुझे मज़ाक सूझा ,,,,,
अरे मामी वो देखो कितना बड़ा चूहा,,,,,मैने इतना बोला तो मामी ज़ोर से चिल्लाई,,,,कहाँ
है चूहा ,,,कहाँ है सन्नी ,,,चूहा कहाँ है,,,मामी उछल रही थी और चूहे से
डर रही थी,,तभी मैं हँसने लगा और मामी को पता चल गया मैं मज़ाक कर रहा हूँ
बदमाश सन्नी मार खाएगा तू मेरे से,,जब देखो बदमाशी करता रहता है,,,सरिता दीदी
ठीक ही कहती है,,बहुत तंग करता है तू,,,,
मामी मेरे पास आई और हल्के से मेरा कान मरोड़ दिया,,,,सौररी मामी ग़लती हो गयी अब नही
करता मज़ाक,,,,छोड़ो ना कान मे दर्द हो रहा है,,,
मामी ने हँसके मुझे देखा और कान छोड़ दिया,,,,अब ऐसा मज़ाक किया तो ज़ोर से कान मरोड़
दूँगी,,,पता है कितनी डर गयी थी मैं,,,जान निकल गयी थी मेरी,,,,अब ऐसा मज़ाक नही
करना ,,,समझा,,,,,,
मैने हां मे सर दिया दिया और मामी को बता दिया कि मैं उनकी बात समझ गया,,लेकिन साथ
साथ मैं हंस भी रहा था तो मामी भी हँसने लगी,,,
फिर मैं बौरी उठा कर बाहर आ गया और मामी ने गोदाम को लॉक लगा दिया,,,,हम लोग वही
चूहे वाली बात पर हंसते हुए किचन की तरफ जाने लगे,,,तब भी सोनिया और कविता मुझे
और मामी को देख रही थी,,,,उनको तंग करने के लिए मैं ज़्यादा ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगा
मैं और मामी किचन मे पहुँच गये और माँ ने मुझे कॉफी देते हुए बोला,,,जाओ अब बाहर
जाके कॉफी पियो जब खाना तैयार हो गया तो बता दूँगी मैं तुमको,,
अरे माँ बाहर बैठकर बोर हो जाउन्गा मैं,,,यहीं रहने दो ना ,,,बोलो तो मैं आप लोगो
की कुछ हेल्प कर देता हूँ,,,,इतना बोलते हुए मैं मामी की तरफ देख रहा था,,
तभी माँ हल्के गुस्से से बोली,,,बोला ना तुझे बाहर जाके बैठ यहाँ किसी को तेरी हेल्प
नही चाहिए,,,,,
तभी मैने देखा कि कविता और सोनिया किचन मे आ गयी,,,,,,ठीक बोला माँ इसकी हेल्प की
ज़रूरत नही आपको क्यूकी अब मैं और कविता आ गयी है आपकी हेल्प के लिए,,,सन्नी को बाहर
भेज दो आप,,सोनिया थोड़ा गुस्से से बोली तो मैं चुप करके वहाँ से बाहर आ गया,,,
ये साला इन लोगो को क्या हो गया,,और भला माँ मुझपे गुस्सा क्यूँ कर रही है,,,अब भला
मैने क्या कर दिया,,,,
खैर मैं कॉफी लेके किचन से बाहर आ गया ,,,,डॅड और केवल धूप मे बैठकर बातें
कर रहे थे तभी मैं भी उनके करीब चला गया,,,
डॅड=== तुम भला सन्नी से इतनी अजीब तरह से क्यूँ पेश आते हो,,,भला इस सब मे उसकी क्या
ग़लती है,,,
केवल=== भाई साहब उसकी कोई ग़लती नही है,,लेकिन जब भी उसको देखता हूँ या सोनिया को
देखता हूँ मुझे उस घटिया इंसान का चेहरा नज़र आने लगता है और खून खौल उठता
है मेरा,,,
डॅड==== यार इन सब मे उन बच्चो की क्या ग़लती है,,,वो बेचारे तो इस सब से अंजान है
अभी,,,तुम एक बार बात तो करके देखो सन्नी और सोनिया से,,देखना कितनी अच्छी बातें करते
है वो दोनो,,,,
तभी केवल कुछ बोलने ही लगा कि डॅड का ध्यान मेरी तरफ आया और उन्होने केवल को चुप
करवा दिया,,,,
अरे आओ आओ सन्नी बेटा,,उठ गये तुम,,,डॅड अंजान बनते हुए मेरे से बात करने लगे,,,
मैं भी अंजान बनता हुआ डॅड के करीब चला गया और उनको ये जता दिया कि मैने कुछ नही
सुना,,,,
हां डॅड उठ गया,,,,,आज थोड़ा लेट हो गया,,,,
कोई बात नही बेटा,,,अब कॉन्सा कॉलेज जाना है जो जल्दी उठना पड़े,,,,
डॅड कॉलेज की बात नही,,,वैसे भी जल्दी उठकर क्या करता,,आप लोग तो धूप मे बैठ
कर बातें करके टाइम पास कर रहे हो,,मेरे पास तो मेरा लप्पी भी नही है जिस पर
गेम खेल कर टाइम पास कर सकता मैं,,,,
तभी डॅड ने केवल को इशारा किया और केवल बोल पड़ा,,,,अरे बेटा पहले क्यूँ नही बताया कि
तुझे लॅपटॉप चाहिए,,,,जा मेरे रूम से लेले जाके,,,,
आपके पास लॅपटॉप है क्या,,,,मैने केवल से पूछा,,,
हां बेटा मेरा काम ही ऐसा है बिना लॅपटॉप कहीं नही जाता मैं,,,,जा जाके मेरे रूम से
लेले और शायद कोई गेम भी मिल जाए तुझे उसमे,,,,वैसे भी कुणाल मेरे लप्पी पर ही गेम
खेलता है,,,,जा देख ले शायद कोई तेरे मतलब की गेम हो उसमे,,,,
मैने केवल को थॅंक्स बोला और उसके रूम मे जाके उसका लॅपटॉप उठा लिया,,,लेकिन मैं थोड़ा
उदास था क्यूकी केवल ने आज तक कभी ढंग से बात नही की थी मेरे साथ लेकिन डॅड के
के बोलने पर आज वो मेरे साथ बड़े प्यार से पेश आया था और अपना लॅपटॉप भी मुझे दे दिया
था,
मैने उसका लॅपटॉप लिया साथ मे चारजर भी उठा लिया,,,क्यूकी एक बार गेम खेलना शुरू
करता हूँ तो जल्दी थकता नही मैं,,,,
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