RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
मैने उसने हाथों को उसके बूब्स से हटाने की कोशिश की लेकिन वो थोड़ा ज़ोर लगाने लगी और
इसी ज़ोर आज़माइश मे मेरे हाथ से दूध का ग्लास छूट कर बेड पर गिर गया लेकिन अब मुझे
उस दूध की फ़िक्र नही थी मुझे तो उस दूध की फ़िक्र थी जो उसके लिप्स से बहता हुआ उसके
बूस्ब् की लाइन मे चला गया था,,,,उस एक कतरा दूध के लिए मैं 1000 लीटर दूध जाया
करने को तैयार था,,,,
मैने फिर से उसके हाथों को पकड़ा और थोड़ा ज़ोर लगाया तो उसके हाथ उसके बूब्स से हट गये
वैसे भी मेरे ज़ोर के आगे उसका क्या ज़ोर चलना था,,,उसके हाथ उसकी गर्दन और बूब्स से हट
गये तो मैने आगे बढ़ के उसकी गर्दन से दूध चाटने की कोशिश की तो उसने अपने जिस्म को बेड
पर पीछे की तरफ झुका दिया और बेड पर लेट गयी,,मैने उसके हाथों को अपने हाथों मे
पकड़ा हुआ था,,जैसे जैसे वो बेड पर पीछे की तरफ गिरती गयी वैसे वैसे मैं उसके उपर
गिरता गया,,,,
वो बेड पर पीठ के बल लेट चुकी थी और मैं उसके उपर लेट चुका था,,,उसके दोनो हाथ
मेरे हाथों मे पकड़े हुए बेड की दोनो तरफ खुल कर बिच्छ चुके थे,,,मेरा ध्यान उसकी
गर्दन और बूब्स की लाइन पर टिका हुआ था,,,,अब तक दूध तो हल्का सूख चुका था लेकिन
उसकी गर्दन दूध की वजह से गीली हो चुकी थी और उसकी गोरी गर्दन और बूब्स का उपर
का हिस्सा हल्की रोशनी मे भी चाँद की तरह चमक रहा था,,,,मैने कोई देर किए बिना
अपने सर को नीचे की तरफ झुका दिया और अपनी ज़ुबान को उसके बूब्स की लाइन पर टिका दिया
और उसकी बूब्स की लाइन को चाट-ता हुआ उपर की तरफ बढ़ने लगा,,मेरी इस हरकत से उसकी हालत
खराब हो गयी थी,,उसका बदन अकड़ने लगा था ,,मैं बूब्स की लाइन को चाट-ता हुआ उपर की
तरफ बढ़ रहा था और उसकी गर्दन अकड़ती जा रही थी इस वजह से उसकी चिन थोड़ी उपर
उठ गयी थी ,,जब तक मैं बूब्स की लाइन से गर्दन को चाट-ता हुआ उसकी चिन तक पहुँचा
उसकी चिन उपर की तरफ उठ चुकी थी,,,उसकी गर्दन अकड़ चुकी थी,,,मैने पल भर की
देर नही की और उसकी चिन को चाट-ते हुए अपने मुँह मे भर लिया और हल्के से चूसने लगा,
वो तोड़ा झटपटा रही थी,,कसमसा रही थी,,अपने हाथों को मेरे हाथों से छुड़वाने की
कोशिश कर रही थी ,,उसकी लगा था मैं ऐसा करने से उस को छोड़ दूँगा लेकिन वो पगली
नही जानती थी कि उसकी यहीं हरकते मुझे और ज़्यादा गर्म कर रही थी,,,
मैने उसके हाथों को थोड़ा कस्के पकड़ा हुआ था और उसकी चिन को मुँह मे भरके चूस और
चाट रहा था,,,फिर वापिस उसकी गर्दन को चाटने लगा और कभी बूब्स के उपर की तरफ
उसकी छाती पर ज़ुबान फिराते हुए साथ साथ हल्की-हल्की किस करने लगा,,वो बस लेटी हुई
झटपटा रही थी लेकिन अब हल्की हल्की आहें भरना शुरू कर दिया था उसने,,,कुछ देर
गर्दन और बूब्स के उपर के हिस्से को चाटने के बाद मैने अपने सर को उपर उठा दिया और उसकी
तरफ देखने लगा,,,,,
मैं कुछ पल ऐसे ही रुका रहा ,,तभी उसने अपने चेहरे को सीधा किया और हैरात से मेरी
तरफ देखने लगी,,,वो सोच रही थी कि मैं रुक क्यूँ गया,,,लेकिन जैसे ही उसने चेहरे मेरी
तरफ किया मैं उसके होंठों की तरफ बढ़ने लगा ,,,उसने जल्दी ही अपने फेस को टर्न कर
लिया ,,,,मैने भी कोई जल्दबाज़ी नही की और अपना चहरे उपर उठा लिया और उसकी तरफ देखने
लगा,,,,,,कुछ पल बाद उसने फिर अपने चहरे को सीधा किया और मेरी तरफ देखने लगी,,,
मैं भी उसकी तरफ देखता रहा,,वो कुछ बेचैन थी ,,आँखों ही आँखों मे मेरे से पूछ
रही थी कि मैं रुका क्यूँ हूँ,,क्यूँ उसको तडपा रहा हूँ,,,मैं भी आँखों ही आँखों मे
उसको जवाब दिया कि जो कुछ हो रहा है हम दोनो की मर्ज़ी से हो रहा है,,और अगर अपनी मर्ज़ी
से वो मेरा साथ देगी तभी मैं कुछ करूँगा,,,,वो मेरी बात समझ गयी और अपने सर को ना
मे हिलाने लगी और मुझे बताने लगी को वो मेरा साथ नही देगी,,,,उसको शरम आ रही है
लेकिन मैं भी कमीना था,,,मैं कुछ नही कर रहा था बस उसकी तरफ देखते जा रहा था
,,तभी कुछ पल बाद उसने शरमा कर अपने सर को हां मे हिला दिया और मुस्कुरा कर अपनी
आँखें बंद करदी और मुझे ये बता दिया कि वो मेरा साथ तो देगी लेकिन उसको शरम आ रही
है,,,,,मुझे यही अदा तो अच्छी लगती है लड़कियों की,,,उनकी रज़ामंदी होनी चाहिए लेकिन
अगर रज़ामंदी के साथ साथ हल्की हल्की शरम भी हो तो क्या कहने,,,,
उसने शरमा कर अपने सर को हां मे हिला दिया और मुस्कुरा कर अपनी आँखें बंद करदी उसकी
इस हरकत से मैं थोड़ा खुश हो गया और उसके होंठों की तरफ बढ़ने लगा,,,कुछ ही पल मे
मेरे होंठ उसके होंठों को टच कर गये,,,उसके कोमल कोमल होंठों का गर्म गर्म एहसास
अपने होंठों पर पाके मेरे जिस्म को एक हल्का सा झटका लगा जो लंड मे हल्का हल्का तनाव
पैदा करने लगा,,,,लंड हल्का हार्ड हो चुका था,,,,जैसे ही मेरे लिप्स उसके लिप्स पर लगे
मैने लंड को भी उसकी चूत पर रगड़ दिया,,,
उसने अपनी रज़ामंदी दिखा दी थी इसलिए जैसे ही मेरे होंठ उसके होंठों को टच किए
उसने अपने होंठों को हल्का सा खोल दिया और मैने उसके होंठों को अपने होंठों मे जकड
लिया और चूसना शुरू कर दिया,,,,वो थोड़ा झिझक रही थी लेकिन हल्का हल्का रेस्पॉन्स
ज़रूर दे रही थी,,,मेरी ज़ुबान उसके मुँह मे थी तो कुछ पल बाद उसने भी अपनी ज़ुबान को
मेरे मुँह मे डाल दिया,,,लेकिन सिर्फ़ कुछ पल के लिए ही,,मैं समझ गया था वो थोड़ी परेशान
है इसलिए मैने उसको ज़्यादा तंग नही किया और हल्के हल्के उसके होंठों को चूस्ता गया,वो
जितना भी रेस्पॉन्स दे रही थी मेरे लिए काफ़ी था,,,
कुछ देर उसके होंठों का रसपान करने के बाद मैं उसके उपर से उठ गया जबकि वो ऐसे ही
लेटी हुई गर्म गर्म उखड़ती हुई साँसे ले रही थी,,उसका पूरा बदन हल्के हल्के काँप रहा
था,,,मैने उठकर अपनी टी-शर्ट निकाल दी ,,नीचे बनियान नही थी इसलिए मेरा उपर का
हिस्सा टी-शर्ट निकलते ही नंगा हो गया,,,,,मैने उसके हाथों को पकड़ा और उसको वापिस बेड
पर बिठा दिया,,,,उसने मेरे जिस्म पर एक नज़र डाली और आँखें बंद करली,,,मैने आगे बढ़ कर
उसके शोल्डर पर से उसकी चुनरी पकड़ी और बड़े प्यार और नज़ाकत से उसकी चुनरी को उसके जिस्म
से अलग करके बेड पर साइड मे रख दिया,,,,उसकी आँखें अभी भी बंद थी,,मैने आगे बढ़ कर
फिर से उसके लिप्स पर हल्की किस की और उसकी कमीज़ को हाथ पे पकड़ लिया और उतरने लगा
उसने थोड़ी जद्दोजहद की लेकिन जल्दी ही हार मान गयी और अपनी रज़ामंदी दिखाते हुए अपने
हाथ हवा मे थोड़ी उपर उठा लिए,,,,मैने उसकी कमीज़ को भी उतार कर बेड पर रख दिया
लेकिन जैसे ही मैं उसकी ब्रा की तरफ बढ़ा उसने अपने हाथों से अपनी ब्रा को पकड़ लिया
लेकिन मैं नही माना और अपने हाथ पीछे उसकी पीठ पर ले गया और उसकी ब्रा के हुक्स को खोल
दिया और फिर उसकी ब्रा को उसके जिस्म से अलग करने लगा तो उसने अपनी ब्रा को थोड़ी कस कर
अपने हाथों मे पकड़े रखा,,,,मैने भी कोई ज़ोर ज़बरदस्ती नही की और उसके होठों पर किस
करने लगा ,,मुझे लगा शायद वो किस करने के बाद अपने हाथो से ब्रा को अलग कर लेगी
लेकिन उसने ऐसा नही किया,,,मैने उसको किस करते हुए उसको वापिस बेड पर लेटा दिया और उसके
पेट और कमर पर हाथ घुमाने लगा,,,मैं उसके बूब्स को भी अपने हाथों मे महसूष करना
चाहता था लेकिन उसने अपने हाथों से अपनी ब्रा को पकड़ा हुआ था और अपने बूब्स को भी कवर
किया हुआ था,,,
|