RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
कुछ देर बाद कविता की हालत ठीक हुई तो वो मुझे किस करने लगी,,,,,,मैं उसको किस
का रेस्पॉन्स नही दे रहा था क्यूकी मैं थोड़ा परेशान था,,,,,,
सॉरी सन्नी,,,ये सब सोनिया का प्लान था,,,,वो तेरे साथ कुछ कर तो नही सकती थी लेकिन
अब वो तेरी तरफ आकर्षित होने लगी थी इसलिए तुझे ये सब करते देखना चाहती थी,तभी
तो मैं तुझे हम लोगो के साथ सोने को बोल रही थी लेकिन उसने मना कर दिया,,फिर उसी ने
मुझे यहाँ आने को बोला था इस रूम मे,,,,,
उसने बोला था,,, तो क्या तेरा दिल नही कर रहा था यहाँ आने को,,,,
मेरा भी दिल कर रहा था बुद्धू ,,लेकिन जब उसने बोला तो मुझे और भी अच्छा लगा क्यूकी मैने
उसको बता दिया था मेरा बहुत दिल कर रहा है इसलिए उसने बोला कि मैं तेरे पास जा सकती
हूँ लेकिन एक शर्त पर,,उसको हम लोगो को ये सब करते देखना है,,,मुझे कोई प्राब्लम
नही थी तो मैं मान गयी,,,,,
वो ये सब देख सकती है तो करने से क्यूँ डरती है,,,,
सन्नी वो तेरी बहन है,,,तू समझा कर,,,,एक तो वो तेरी और तेरी फॅमिली की वो सब बातों
को भुला नही सकी अभी तक,,,उसको गुस्सा आता है जब भी तुझे सरिता शोभा और गीता के
साथ एक ही बेड पर सोचती है,,,वो परेशान है उसको खुद पता नही चल रहा वो क्या करे
तू भी प्लज़्ज़्ज़ समझा कर उसकी बात को,,,,
अब तो मैं वो सब नही करता ना,,,अब तो मैं सबसे दूर रहता हूँ,,,बस तुम दोनो के
करीब हूँ,,फिर उसको क्या प्राब्लम है,,,,,
वो तेरी बहन है यही उसकी प्राब्लम है सन्नी,,,
तो शोभा भी मेरी बहन थी,,,,फिर भी तो मैने उसके साथ ये सब किया ना,,,,तो सोनिया को
क्या प्राब्लम है ,,,,
उनके साथ जो तूने किया उसमे तुम सब की रज़ामंदी थी,,,लेकिन सोनिया की रज़ामंदी नही है
तेरे साथ कुछ करने की,,,,जिस दिन उसकी रज़ामंदी होगी शायद वो भी तैयार हो जाए,,लेकिन
तब तक तू कुछ नही करेगा समझा,,,,,उसको कुछ टाइम दे इस सब से उभरने मे,,,
मैं कविता की बात समझ गया,,,,,फिर कविता उठी और कपड़े पहन कर वहाँ से सोनिया के
पास चली गयी,,,मैं ऐसे ही नंगा सो गया ,,,,,लेकिन नींद कहाँ थी आँखों मे मुझे तो
बस सोनिया की वो 2 आँखें नज़र आ रही थी जो मुझे और कविता को देख रही थी,,,,जब वो
देख सकती है तो कर क्यूँ नही सकती,,,वैसे कविता की एक बात सही थी,,जो भी मेरे और
मेरी फॅमिली के बीच हुआ उसमे सब की रज़ामंदी थी,,,,मुझे सोनिया की रज़ामंदी का इंतजार
करना चाहिए,,,,,लेकिन वो डरती है,,,,अगर कभी उसकी रज़ामंदी ना हुई तो,,,,,क्या मैं
बस दूर दूर से ही उसको प्यार करता रहूँगा,,,,क्या कभी मैं उसको पूरी तरह से हाँसिल
भी कर पाउन्गा या नही,,,,,यही सब सोचते हुए मुझे नींद आ गयी
सुबह उठा और फ्रेश होके नीचे गया तो सोनिया और कविता नाश्ता कर रही थी मैं भी जाके
नाश्ता करने लगा,,,कविता बहुत खुश लग रही थी लेकिन जैसे ही मैने सोनिया की तरफ
देखा उसने जल्दी से अपना चेहरा झुका लिया और नाश्ता करने लगी,,,वो मेरे से नज़रे मिलाने
से डर रही थी,,,वैसे मैं भी डर रहा था क्यूकी उसने रात मुझे कविता के साथ उस
हालत मे जो देख लिया था,,,,लेकिन वो वहाँ से गयी नही जब तक कि मेरा और कविता का काम
पूरा नही हो गया था,,,,बुत उसकी एक बात मुझे समझ नही आई,,वो कविता और मुझे सेक्स करते
हुए देख रही थी दरवाजे के पास खड़ी होके लेकिन वो खुद कुछ नही कर रही थी,,,,ना
तो अपने जिस्म से खेल रही थी और ना ही अपने बूब्स और चूत को सहला रही थी बस एक
नज़र टिका कर मुझे और कविता को देख रही थी,,,,क्या उसको वो सब अच्छा नही लग रहा था
लेकिन अगर अच्छा नही लग रहा था तो फिर वो इतनी देर तक रुकी क्यूँ रही ,,अपने कमरे मे
वापिस क्यूँ नही चली गयी,,
यही सब सोचते हुए नाश्ता ख़तम हो गया और हम सब कॉलेज की तरफ चल पड़े,,,कविता
मेरे साथ आगे बैठी हुई थी जबकि सोनिया पीछे की सीट पर थी,,,,मैं मिरर मे उसकी
तरफ देख रहा था ,,जब भी उसकी और मेरी नज़रे आपस मे टकराती वो ध्यान कार से बाहर की
तरफ कर लेती लेकिन मैं उसकी तरफ़ देखता जाता,,,,फिर कविता ने मेरे हाथ पर अपना हाथ
मारा और जब मैने कविता की तरफ देखा तो उसने मुझे सोनिया को घूर्ने से मना कर दिया,,
हम लोग कॉलेज पहुँच गये,,सोनिया और कविता जल्दी से कार से उतर कर एक लड़कियों के
ग्रूप की तरफ चली गयी,,,,,वहाँ जाके वो दोनो हँस हँस के बातें कर रही थी,,मैं
भी कार से उतर कर कॅंटीन की तरफ जाने लगा ,,,आज कॉलेज मे सब लोग बहुत खुश थे
हर तरफ सुरेश और अमित की बात हो रही थी,,,
मैं जाके कॅंटीन मे बैठ गया,,,कॉलेज मे पार्टी का महॉल था,, लगता नही था आज कोई
स्टडी के मूड मे है,,,,,कॅंटीन भी फुल थी आज,,,,मैं कॅंटीन मे बैठा हुआ था तभी
कॅंटीन वाला मेरे पास आया,,,,उसके साथ एक लड़की थी,,,
कॅंटीन वाले ने लड़की को मेरे से मिलवाया,,,,,,ये है सन्नी ,,लो मिल लो सन्नी को,,,
उस लड़की ने मुझे नमस्ते बोला,,,,,नमस्ते सन्नी भैया,,,
मैने भी उसको नमस्ते बोला,,,,पता चला वो लड़की कॅंटीन वाले की बहन थी,,,अमित की
वजह से जो एक लड़की मरी थी वो कॅंटीन वाले की बहन की अच्छी दोस्त थी,,,लेकिन ग़रीब
घर को होने की वजह से और अमित के बाप की पॉवर की वजह से उसको इंसाफ़ नही मिल सका
था,,,,अब कॅंटीन वाले ने उसको बता दिया था कि अमित मेरी वजह से पकड़ा गया है तो उसकी
बहन मुझे थॅंक्स्क्स्क्स बोलने आई थी,,,,
थॅंक्स्क्स्क्स सन्नी भैया,,,,वो बोलने ही लगी थी कि कॅंटीन वाला उसको इशारा करते हुए बोलने
लगा,,,,,,थोड़ा आराम से बात कर छोटी कोई सुन ना ले,,,किसी को पता नही चलना चाहिए
इस सब के पीछे सन्नी भाई का हाथ है,,,समझी,,,,
लड़की ने हां मे सर हिला दिया और फिर धीरे आवाज़ मे बोली,,,थॅंक्स्क्स्क्स सन्नी भैया आपकी
वजह से अमित और सुरेश पकड़े गये,,,हम कॉलेज की लड़कियाँ बहुत तंग आ गयी थी उन दोनो
से ,,मैने कई बार भाई से भी शिकायत की थी उनकी लेकिन भाई कुछ नही कर सका,,लेकिन
अब आपकी वजह से वो दोनो कामीने इस कॉलेज से दूर चले गये है आपको नही पता कॉलेज
के सभी लोग कितने खुश है,,,,अगर उन लोगो को पता चल गया कि सब आपकी वजह से हुआ
है तो सब लोगो ने आपको सर पे उठा लेना है,,,
नही नही,,,,किसी को पता नही चलना चाहिए,,,तुम किसी को नही बताना,,,,
कैसे बताएगी सन्नी भाई,,मेरी बहन है,,,,,
मैं किसी को नही बताउन्गी सन्नी भाई,,,,आप बेफ़िक्र रहिए,,,आपने मेरी फ्रेंड को इंसाफ़
दिलवाया है भला मैं किसी को आपके बारे मे क्यूँ बताउन्गी,,,,
अभी इंसाफ़ मिला नही है,,,,अभी तो अमित गिरफ्तार हुआ है,,,,सुरेश अभी फरार है लेकिन
जल्दी ही पकड़ा जाएगा वो,,,,दुआ करना कि वो पकड़ा जाए और सबके साथ इंसाफ़ हो,,,
मैं तो दुआ करूँगी भाई उन सबको फाँसी हो,,,,,अगर उपर वाला भी इंसाफ़ करेगा तो उनको
फाँसी से कम सज़ा नही होगी,,,,इतना बोलके वो वहाँ से चली गयी,,,,
उसके जाते ही कॅंटीन वाला 3 कॉफी लेके आ गया मेरे टेबल पर,,,,मैने हैरान होके देखा
कि मैं तो अकेला हूँ फिर कॉफी 3 क्यूँ,,,तभी देखा मेरे पिछले टेबल से उठकर सोनिया
और कविता भी मेरे साथ बैठ गयी,,,,उन लोगो ने सब सुन लिया था,,जो भी मेरी बात हुई
कॅंटीन वाले की बहन के साथ,,,,
खैर जैसे तैसे कॉलेज का टाइम ख़तम हुआ और हम लोग वापिस घर आ गये,,,रास्ते भर
कविता और सोनिया बहुत खुश थी,,,,कविता बार बार मुझे थॅंक्स्क्स्क्स बोल रही थी कि मेरी
वजह से कॉलेज को अमित और सुरेश से छुटकारा मिल गया था,,,,
हम लोग घर आए ,,,, खाने का टाइम हो गया था लेकिन हम लोग कॅंटीन से कहके आए थे
इसलिए बैठकर टीवी देखने लगे,,,,लेकिन कविता उठी और सोनिया को लेके किचन मे चली
गयी,,,,
चल उठ किचन मे जाके रात के खाने की तैयारी कर लेते है,,फिर पूरा दिन कोई काम नही
होगा आराम से टीवी देख लेंगे,,,,
वो दोनो किचन मे चली गयी,,,मैं टीवी देखता रहा,,,,कुछ देर बाद कविता का फोन बजने
लगा,,,,ये कामिनी भाभी का फोन था,,,कविता फोन पर बात करने लगी,,मुझे प्यास लगी
तो मैं किचन मे चला गया,,,,मैने देखा सोनिया आटा गूँथ रही थी,,,,मैं फ्रिड्ज
खोलकर पानी पीने लगा,,,उसने मेरी तरफ देखा और फिर वापिस अपना काम करने लगी,,वो मेरे
से नज़रे मिलाने से डर रही थी,,,
मैं पानी पीक बाहर आने लगा तभी वो बोली,,,,,,थॅंक्स्क्स्क्स सन्नी,,जो कुछ भी तूने किया
अमित और सुरेश को पकड़वाने के लिए,,,,तुझे नही पता सब लड़कियाँ कितनी खुश थी,
वो मेरी तरफ नही देख रही थी ,,,,बस ऐसे ही पीठ करके बोल रही थी,,,,
बाकी लड़कियाँ खुश है कॉलेज की तू खुश नही है क्या,,,मैने सोनिया को बोला
नही भाई मैं भी खुश हूँ कि वो दोनो पकड़े गये,,,,वो फिर पीठ करके ही बोल रही थी
अगर खुश है तो मेरी तरफ देखकर बोल ना,,,,मुझे भी तो पता चले कितनी खुशी है
तुझे,,,
सन्नी मैं वो,,,वू मैं,,,,मैं,,,
मैं वो मैं वो क्या कर रही थी,,,अभी आँख मिलाने से डर रही है लेकिन रात को तो पलके
भी नही झपका रही थी,,बस एक नज़र मेरी और कविता की तरफ ही देख रही थी,,,,
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