RE: Desi Porn Kahani कहीं वो सब सपना तो नही
सुबह शोभा मुझे और कविता को उठा रही थी,,,,,,उठो लैला मजनू सुबह हो गयी,,,,इतनी
बात सुनके मैने आँखें खोली तो भुआ,,सोनिया और माँ सोफे पर बैठी हुई थी,,,,डॅड चेयर
पर और शोभा मेरे बेड के पास खड़ी मुझे उठा रही थी,,,,
शोभा की आवाज़ सुनके मैं उठ गया और मेरे साथ सो रही कविता भी उठ गयी,,कविता ने जैसे
ही उठकर शोभा की तरफ देखा जो हमे उठा रही थी,,,,उसने उठकर शोभा को गुड मोर्निंग
बोले,,,,,लेकिन जैसे ही उसकी नज़र रूम मे बैठे बाकी लोगो पर गयी वो शर्मसार हो गयी
क्यूकी वो सब लोगो के सामने मेरे साथ एक ही बेड पर लेटी हुई थी,,,,,वो जल्दी से उठी और
वॉशरूम की तरफ भाग गयी,,,,
उसके भागने से रूम मे सब लोग हँसने लगे,,,,
तभी डॅड बोले,,,,,तुम सही कह रही थी सरिता,,,लगता है अब शोभा के साथ साथ सन्नी
की भी शादी कर देनी चाहिए,,,,
सब लोग हँसने लगे और मेरी तरफ देखने लगे,,मैं भी हल्का सा शरमा गया था,,,लेकिन
मैने देखा कि सोनिया अभी भी उदास आँखों से मुझे देख रही थी,,,,
कुछ देर मे कविता वॉशरूम से बाहर आ गयी वो अभी भी शर्मा रही थी,,,,
अब क्यूँ शर्मा रही हो कविता बेटी अब तो चोरी पकड़ी गयी,,,कविता शरमाती हुई मेरे पास
आके टेबल पर बैठ गयी,,,,,
ना ना अब यहाँ नही बैठा तुमने बेटी,,,अब तुम घर जाओ और कुछ आराम करो,,,अब सरिता
और शोभा यहाँ रुकेगी सन्नी के पास,,,,,तुम गीता और सोनिया घर जाके कुछ देर आराम करो
प्लज़्ज़्ज़ अंकल मुझे यहाँ रहने दीजिए ना सन्नी के पास,,,वैसे भी मैने आराम कर लिया था
रात को,,,कविता ने सर झुका कर बोला,,,,वो डॅड से नज़रे नही मिला रही थी,,
पहले तो मुझे अंकल नही दाद बोलो,,,,,और रही बात आराम की वो तो हम सबने देख लिया है
की कितना आराम किया तुम दोनो ने,,,,,
डॅड की बात से फिर से रूम मे हँसी गूँज उठी,,,,कविता तो शरम से पानी पानी हो गयी
थी,,,,
तभी भुआ सोनिया उठी और मेरे पास आके मुझे मिली और घर जाने लगी,,,,सोनिया का दिल नही
कर रहा था घर जाने को,,,,ये उसकी आँखों से पता चल रहा था मुझे,,,,वो घर जाने
की बात से उदास थी,,,,तभी डॅड फिर से कविता को बोले ,,,,,चलो चलो उठो बेटी,,घर
जाओ,,,,,थोड़ा आराम करना फिर आ जाना,,,,वैसे भी तेरा सन्नी यहीं है कहीं भाग नही
रहा,,,,
कविता कुछ नही बोली बस शरमाते हुए उठी और आके सोनिया के पास खड़ी हो गयी,,,,फिर वो
दोनो भुआ के साथ घर चली गयी,,,,,
दाद भी थोड़ा कम से चले गये,,,,माँ और शोभा मेरे पास रही,,,,,,
कुछ टाइम बाद शोभा के सास ससुर भी मुझे देखने आए,,,,जब शोभा के सास ससुर जाने
लगे तो शोभा और माँ उनको बाहर तक छोड़ने गयी,,,,,,
जैसे ही वो लोग बाहर गये सुरेश का बाप अंदर आ गया,,,,,
कैसा है सन्नी,,,,तबीयत कैसी है,,,,,वो मेरा हाल चाल तो पूछ रहा था लेकिन उसकी
आँखें नम थी,,वो रोया हुआ लग रहा था,,,,रोता भी क्यूँ नही कल बेटा मरा था उसका
जीई मैं ठीक हूँ,,,,,आइएम सौरी अंकल,,,,वो सुरेश,,,
वो मेरे पास आके बैठ गये,,,,,,उसके साथ वहीं हुआ जो उसने खुद अपनी किस्मत मे लिखा था
,,कम से कम कोई और जुर्म करने से तो बच गया,,,,क्या होता अगर तुझे ये तेरी फॅमिली को
कुछ हो जाता,,,,,मुझे किसी पर गुस्सा नही है सन्नी,,,,मैने पहले जो कुछ किया उसको
बचाने क लिए किया,,,,,आख़िर वो मेरा बेटा था,,,,लेकिन कोर्ट रूम मे वो वीडियोस देखकर
मुझे उसपे गुस्सा आने लगा,,,मैं सोच भी नही सकता था मेरा बेटा इतनी गिरी हुई हरकते
कर सकता है,,,,,अच्छा हुआ अब वो मर गया,,,,ऐसा बेटा होने से अच्छा था भगवान मेरे को
रितिका जैसी एक और बेटी दे देता,,,,,इतना बोलकर वो फूट फूट कर रोने लगा,,,,
वो अकेले गुनहगार नही था अंकल जी,,,,उसने अकेले ने कुछ नही किया,,,,हो सकता है उसने
अमित और बाकी दोस्तो की बातों मे आके ऐसा काम किया हो,,,
जो भी हो सन्नी,,,,काम तो उसने बहुत बुरा किया,,,,उसकी सज़ा भी मिल गयी उसको,,,और अब बाकी
लोगो को भी सज़ा ज़रूर मिलेगी,,,,,कल मैने ख़ान को फोन करके बता दिया था जब सुरेश
तुझे मारने के लिए घर से निकला था,,,,,पहले तो मैं उसको पोलीस से बचाता रहा,,,अपने
ही घर मे छुपा कर रखा उसको लेकिन जब वो तुझे मारने निकला तो मैने भी ख़ान को वो सब
करने को बोला जो ज़रूरी था,,,,,,,ख़ान ने अपना काम बखूबी किया और अब मेरी बारी है,
मेरे से अब जो बन पड़ेगा मैं करूँगा,,,,,अब मैं भी तेरा साथ दूँगा सन्नी,,,बेटी मेरी
बाहर सुरक्षित है,,,,बेटा मेरा मर गया,,,,अब मुझे भी उन लोगो का कोई डर नही,,,,
इतना बोलकर वो वहाँ से चला गया लेकिन जाते जाते मुझे कोई दिलासा देता गया,,,,,,,
अब पता नही ये क्या करने वाले है,,,,मुझे उनकी बातों से कुछ समझ नही आया,,,लेकिन
इतना विश्वास हो गया था कि अब ये जो भी करेंगे ठीक ही करेंगे,,,,जो बंदा अपने ही
बेटे को मरवा सकता है उसको कोई और जुर्म करने से रोकने के लिए वो बंदा बाकी लोगो को सज़ा
दिलवाने के लिए कोई भी जोखिम लेने को तैयार हो जाएगा,,,,,
सोनिया और कविता को घर गये अभी 2 अवर्स ही हुए थे कि दोनो वापिस आ गयी,,,,,
अरे तुम दोनो इतनी जल्दी आ भी गयी,,,,आराम तो कर लेना था थोड़ी देर,,,,,
माँ हम लोगो ने रात को आराम कर लिया था,,,,ये बात बोली सोनिया ने,,,,,
हां हाँ जानती हूँ कितना आराम किया,,,,सीधी तरह क्यूँ नही बोलती कि तू अपने भाई के पास
रहना चाहती है,,,,,चलो ठीक है रहो तुम दोनो सन्नी के पास वैसे भी मुझे और शोभा
को थोड़ी शॉपिंग करनी है,,,,,इतना बोलकर माँ ने मेरे फोरहेड पर हल्की किस की और वहाँ
से चली गयी,,,,,,
फिर पूरा दिन सोनिया और कविता मेरे पास रही,,,रात भी ज़िद्द करके दोनो यहीं रुक गयी थी
अगले दिन शोभा की शादी थी,,,मैं शादी पर नही गया क्यूकी मुझे डॉक्टर ने छुट्टी नही
दी थी,,,,वैसे भी ज़्यादा लोग नही थे वहाँ पर,,,,इधर से माँ भुआ डॅड और सोनिया थे
उधर से लड़का ,लड़के के माँ बाप और चाचा चाची थे ,,,,लड़के का चाचा डॅड का अच्छा
दोस्त था जिसने रिश्ता करवाया था,,,,शादी करवाने वही आदमी आया था कोर्ट से जिसने करण
और रितिका की शादी करवाई थी,,,,,वो ख़ान भाई का दोस्त था ख़ान भाई ने उसको बुलवाया
था
शादी के बाद एक छोटा सा फॅमिली लंच था,,,,,शादी के बाद शोभा अपने ससुराल चली
गयी थी,,,,,,
कविता शादी पर नही गयी,,,,वो यहीं थी मेरे पास,,,,और अगले 2 दिन भी वो यहीं रही
मेरे पास,,,ज़िद्द करती गयी और मोम डॅड उसकी ज़िद्द मानते गये,,क्यूकी अब उनकी नज़र मे वो उनकी
बहू थी,,,,,इस बात से सब लोग खुश थे बट सोनिया खुश न्ही थी,,,,
फिर आया रिसेप्षन की पार्टी का दिन,,,,,डॉक्टर ने भी मुझे हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी थी,
क्यूकी हॉस्पिटल मे भी आराम ही करना था जो मैं घर जाके भी कर सकता था,,,
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