RE: Hindi Kamuk Kahani वो शाम कुछ अजीब थी
इसी समय यहाँ से दूर एक हॉस्पिटल में आइक्यू में पड़े एक लड़के को होश आता है ....या यूँ कहो कि नींद की दवाई का असर ख़तम हो चुका होता है.....कराहते हुए उसके मुँह से एक ही शब्द निकलता है ...माँ
नर्स ......डॉक्टर. इस पेशेंट को होश आ रहा है....
डॉक्टर. .......उस पेशेंट के पास आ कर ....उसके मासूम चेहरे को प्यार से देखती है....कैसी तबीयत है बेटा....क्या नाम है तुम्हारा....
पेशेंट....नाम .....वो अपने सर पे ज़ोर डालता है.......नाम ....क्या नाम है मेरा ....
डॉक्टर. के चेहरे पे चिंता की लकीरें खिंच जाती है ...
डॉक्टर. कोई बात नही ....सो जाओ ....सब याद आ जाएगा ...ज़ोर मत डालो अपने दिमाग़ में...
डॉक्टर. नर्स को कुछ समझाती है और टेन्षन में अपनी कुर्सी पे बैठ जाती है.......
ये डॉक्टर. और कोई नही थी ....सवी ही थी जो अब हर वक़्त आइक्यू में ही रह रही थी ....एक पल के लिए भी उस लड़के को अकेले नही छोड़ रही थी......
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और यहाँ सोनल जब उस लड़की को साथ ले बाहर आई .....
सुनील....मिनी तुमसे ये उम्मीद नही थी ...इतना कैसे गिर गयी तुम......मैने तुम्हें बहुत पहले मना कर दिया था कि मेरे करीब मत आओ ......लेकिन तुम इतना गिर जाओगी ये ख्वाब में भी नही सोचा था....
सुनील सोनल से ....ज़रा दो कॉफी तो बना दो यार ....ना रूको ...मुझे विस्की दे दो और इसके लिए कॉफी बना दो.
सुनील.....मिनी तुम अच्छे घर की लड़की हो...फिर भी ऐसी हरकत ....शर्म आनी चाहिए तुम्हें...
मिनी ...माफ़ कर दो सुनील...तुम्हें आंटी के साथ सेक्स करते हुए देखा तो बहक गयी ...खुद पे काबू नही रख पाई....तुमने तो आसानी से कह दिया था...तुम किसी लड़की से प्यार व्यार नही करते ...पर मैं क्या करूँ.....मैं तुम्हारे बिना जी नही पाउन्गि ....
उसकी बात सुन सोनल के नथुने फूलने लगे .....ये वही लड़की थी ...जिसको उसने सुनील के करीब नही आने दिया.
सुनील....खैर ...जो हुआ सो हुआ....हालाँकि मुझे कोई ज़रूरत नही कि सब कुछ तुम्हें प्रूव करता फिरू फिर भी ये देख लो.....सुनील अपने और सुमन के मॅरेज सर्टिफिकेट की कॉपी जो उसने मालदीव में बनवाया था ...उसे अपने मोबाइल पे दिखाता है ....
वो सर्टिफिकेट देख मिनी की रही सही आस ख़तम हो जाती है ....फिर भी अपने दिल की बात बोल ही देती है......'सॉरी सुनील...हो सके तो मुझे इस ग़लती के लिए माफ़ कर देना ....पर एक बात सुन लो...मेरे दिल में बस तुम हो तुम ही रहोगे और मेरी जिंदगी में कोई और नही आ सकता.......' कॉफी ख़तम हो चुकी थी ...सुनील अपनी ड्रिंक एक साँस में पी बैठा था...मिनी उठ के खड़ी हो गयी ....सुनील की तरफ हाथ बढ़ाते हुए ...विश यू आ वेरी हॅपी मॅरीड लाइफ .....सुनील उससे हाथ मिलाता है .....मिनी सोनल की तरफ मुड़ती है ....सॉरी दीदी आप भी माफ़ कर देना ...हां ये आपके कपड़े कल वापस कर दूँगी .....इतना कह वो आँखों में आँसू भरे बाहर चली गयी और इनकी हट से कुछ दूर जा अपने कपड़े उठाती है और वहीं बैठ फुट फुट के रोने लगती है ......आज उसका सब कुछ लुट गया था...जीने की जो आस उसके दिल में थी...के कभी तो सुनील उसके प्यार को समझेगा...वो दम तोड़ चुकी थी...
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अपने सामने बिस्तर पे लेटे लड़के को देख ....सवी को वो पल याद आ गया ...जब वो लड़का ज़ख्मी हालत में अड्मिट हुआ था....जब उसके चेहरे के ज़ख़्मों को सॉफ किया गया ...तो सवी कुछ पल के लिए तो पत्थर ही बन गयी थी ...क्यूंकी उसके सामने कोई और नही सुनील था ...जो बहुत ज़ख्मी था....फिर उसे याद आया सुनील तो देल्ही में है वो यहाँ कैसे आ सकता है ....उसका दिमाग़ अतीत के पुराने पन्ने पलटने लगा .....बात तब की थी ...जब उसे कुछ दिन ही बचे थे सागर के बच्चे को जनम देने में...लेकिन सुमन की लेबर पेन्स स्टार्ट्स हो चुकी थी .....समर के मना करने पर भी वो सुमन को देखने हॉस्पिटल गयी थी....उस वक़्त सागर भी वहीं था...लेकिन ....उसे एक बहुत ही एमर्जेन्सी के लिए हॉस्पिटल में कहीं और जाना पड़ा ......समर जो नर्सस ओट में जानेवाली थी उनसे कुछ अलग ही बात करने लग गया ...उनमें से 2 तो समर को जानती थी......
समर ने उन दो नर्सस को नोटो के बंड्ल दे दिए और लेडी डॉक्टर जो उसकी दोस्त भी थी उससे भी कुछ बातें अलग करी....सवी को समझ नही आ रहा था कि समर क्या कर रहा है.
सही वक़्त पर सुमन ने दो जुड़वा बच्चों को जनम दिया था और उस वक़्त वो बेहोश थी....समर उनमे से एक को ले कर हॉस्पिटल से निकल गया....सवी ने रोकने की बहुत कोशिश करी .....पर कोई फ़ायदा नही हुआ ...सागर जब वापस आया ......तो उसे यही बताया गया कि दूसरा बच्चा मरा हुआ पैदा हुआ था और उसकी हालत ऐसी थी कि दिखाया नही जा सकता था इसलिए उसे डिस्पोज़ल के लिए भेज दिया गया था.....
सुमन जब होश में आई तो बहुत रोई थी ....पर सागर के प्यार ने उसे दिलासा दिया और वो सुनील की मुस्कान में खो गयी ...
सवी को इतना झटका लगा था कि सदमे की वजह से उसे भी लेबर पेन्स स्टार्ट हो गयी थी....कुछ देर बाद सवी ने रूबी को जनम दिया था.
समर उस बच्चे को अपनी बहन को दे आया था जिसके घर कोई बच्चा नही हो रहा था और उन्हें अगले दिन ही बच्चे के साथ ये देश छोड़ने को बोल दिया था.
रूबी के पैदा होने के कुछ दिन बाद समर किसी काम से बाहर गया हुआ था और सागर सवी और रूबी से मिलने आया था....उस दिन सवी खुद को रोक नही पाई थी और उसने समर ने जो किया वो सब कुछ सागर को बता दिया था ...कि सुमन का जुड़वा बच्चा समर ने अपनी बहन को दे दिया है और वो लोग हिन्दुस्तान छोड़ के जा चुके हैं..कहाँ ये पता नही....
सागर को कुछ पल तो झटका लगा था और दिल किया कि समर का खून कर डाले...पर जाने क्यूँ खून का घूँट पी कर रह गया....शायद इसलिए कि वो बच्चा असल में समर का था ...उसका अपना नही ....उसने सवी को कसम दी कि जिंदगी भर सुमन को इस बात का पता नही चलना चाहिए .....वो नही चाहता था कि सुमन की जिंदगी में ऐसा दुख आ जाए जिससे वो कभी उभर ना सके.....एक माँ कभी भी अपने बच्चे की जुदाई बर्दाश्त नही कर सकती...चाहे उसका बाप कोई भी हो ....और ये बच्चा उसने सागर की रज़ामंदी से ही जनम दिया था...वरना वो कब का अबॉर्षन करवा लेती....
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