RE: Bahu ki Chudai बहुरानी की प्रेम कहानी
मैं ड्राइंग रूम में जाकर लाइट ऑफ करके और अपना फोन स्विच ऑफ करके दीवान पर लेट गया और सोने की कोशिश करने लगा. किचन की तरफ से हल्की हल्की आवाजें आ रहीं थीं. शायद बहूरानी सोने से पहले जरूरी काम समेट रही थी. फिर एक एक करके घर की सारी लाइट्स बुझने लगीं और फिर पूरे घर में अंधेरा छा गया, बाहर दूर की स्ट्रीट लाइट से हल्की सी रोशनी खिड़की के कांच से भीतर झाँकने लगी. उतनी सी लाइट में कुछ दिखता तो नहीं था हां खिड़की के कांच चमकते से लगते थे.
खाना खाने के बाद व्हिस्की का नशा काफी हद तक कम हो गया था पर सुरूर अब भी अच्छा ख़ासा था. मैं आंख मूंद कर सोने की कोशिश करने लगा, गहरी गहरी सांस लेता हुआ शरीर को शिथिल करके सोने के प्रयास करने से झपकी लगने लगी और फिर नींद ने मुझे अपने आगोश में ले लिया.
कोई घंटे भर ही सोया होऊंगा कि नींद उचट गई, मोबाइल में टाइम देखा तो रात के एक बज के बारह मिनट हो रहे थे. लगता था निंदिया रानी भी रूठी रूठी सी थी बहूरानी की तरह.
जागने के बाद फिर वही बीते हुए पल सताने लगे; तरह तरह के ख्याल मन को कचोटने लगे.
बहूरानी नाइटी पहने हुए सो रही होगी या नाइटी उतार के पूरी नंगी सो रही होगी? या जाग रही होगी करवटें बदल बदल के? हो सकता है अपनी चूत में उंगली कर रही हो या ये या वो… ऐसे न जाने कितने ख्याल आ आ कर मुझे सताने लगे.
नींद तो लगता था कि अब आने से रही और बहूरानी दिल-ओ-दिमाग से हटने का नाम ही नहीं ले रहीं थीं.
घर में सिर्फ मैं और वो जिसे मैं पहले भी कई बार चोद चुका हूं… ‘नहीं अब और नहीं…’ उफ्फ्फ हे भगवान् क्या करूं लगता है मैं पागल हो जाऊंगा. यही उथल पुथल दिमाग में चलती रही; इन ख्यालों से बचने का कोई रास्ता नज़र नहीं आ रहा था. आज पहली रात को मेरा ये हाल है तो आगे नौ दस रातें कैसे गुजरेंगी?
न जाने क्या सोच कर मैंने अपनी टी शर्ट और लोअर चड्डी के साथ उतार कर दीवान पर फेंक दिए और पूरा नंगा हो गया. बहू रानी का नाम लेकर लंड पर हाथ फिराया तो उसने अपना सिर उठा लिया. चार पांच बार मुठियाया तो लंड और भी तमतमा गया.
अब आप सब तो जानते ही हो कि खड़ा लंड किसी बादशाह किसी सम्राट से कम नहीं होता. जब बगल वाले कमरे में वो सो रही हो जिसे आप पहले कई बार चोद चुके हों तो खड़े लंड को ज्ञान की बातों से नहीं बहलाया जा सकता, उसे तो सिर्फ चूत ही चाहिये… एक बिल चाहिये घुसने के लिए.
अच्छे अच्छे बड़े लोग, कई देशों के बड़े बड़े नेता, राष्ट्राध्यक्ष, मंत्री, अधिकारी, पंडित पुजारी, आश्रम चलाने वाले बाबा लोग इसी अदना सी चूत के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा चुके हैं. पराई चूत का आकर्षण होता ही ऐसा है कि इंसान अपनी मान मर्यादा रुतबा इज्जत सब कुछ लुटाने को तैयार हो जाता है एक छेद के लिए.
यही सोचते सोचते मैं ड्राइंग रूम में नंगा ही टहलने लगा; टाइम देखा तो रात के दो बजने वाले थे. अनचाहे ही मेरे कदम बहूरानी के बेडरूम की तरफ उसे चोदने के इरादे से बढ़ चले. सोच लिया था कि बहूरानी को हचक के चोदना है चाहे वो कुछ भी कहे.
सारे घर में घुप्प अंधेरा छाया हुआ था. मैं बड़ी सावधानी से आगे बढ़ने लगा. मैं तो आज सुबह ही इस घर में आया था तो यहां के भूगोल का मुझे कुछ भी अंदाजा नहीं था कि किधर सोफा रखा है; एक तरफ फिश एक्वेरियम भी था जहां रंग बिरंगी मछलियां तैर रहीं थीं लेकिन उसमें भी अंधेरा था. कहीं मैं टकरा न जाऊं यही सब सोचते सोचते मैं सधे हुए क़दमों से बहूरानी के बेडरूम की तरफ बढ़ने लगा. कुछ ही कदम चला हूंगा कि…
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