Kamukta Kahani अहसान
07-30-2019, 01:20 PM,
#37
RE: Kamukta Kahani अहसान
अपडेट-35

रिज़वाना : क्या कर रहे हो नीर छोड़ दो वो मर जाएगा.

मैं : इसने चाकू कैसे लगाया गर्दन पर आपकी.

रिज़वाना : (मुझे पिछे खींचते हुए) मैं अब ठीक हूँ नीर चलो यहाँ से.

उसके बाद लग-भाग खींचती हुई रिज़वाना मुझे पार्किंग से बाहर ले आई. बाहर आके मैं रुक गया ऑर अब मैं काफ़ी शांत हो चुका था. मैने रुक कर अपने दोनो हाथ रिज़वाना की गर्दन की साइड पर रख दिए ऑर उसकी गर्दन उपर करके उसका घाव देखने लगा वो भी किसी बच्चे की तरह मेरे सामने मासूम सा चेहरा लिए अपनी गर्दन उठाए खड़ी हो गई.

मैं : बहुत दर्द हो रहा है क्या.

रिज़वाना : मैं ठीक हूँ नीर फिकर मत करो. (मुस्कुराते हुए)

मैं : चलो घर चलकर मरहम पट्टी करता हूँ आपकी.

रिज़वाना : (बिना कुछ कहे मुस्कुराते हुए) हमम्म

फिर हम दोनो वापिस कार के पास आ गये ऑर मैने अपने ज़मीन पर गिरे हुए शॉपिंग बाग उठाए ऑर वो भी कार मे रख दिए.

मैं : कार मैं चलाऊ.

रिज़वाना : (बिना कुछ बोले चाबी मेरी तरफ करके मुस्कुराते हुए) हमम्म.

फिर मैं ऑर रिज़वाना घर की तरफ निकल गये पूरे रास्ते हम खामोश थे ऑर रिज़वाना मुझे ही देखे जा रही थी ऑर मुस्कुरा रही थी.

मैं : क्या हुआ ऐसे क्या देख रही हैं.

रिज़वाना : कुछ नही..... एक बात पुछू....

मैं : हाँ पुछिये....

रिज़वाना : तुमने उस आदमी को इतना क्यो मारा

मैं : मारता नही तो क्या प्यार करता.... आपकी गर्दन पर चाकू लगाया उसने ऑर देखो कितना खून भी आ गया था आपके.

रिज़वाना : तुमने सिर्फ़ इसलिए उसको इतना मारा.

मैं : मार खाने वाले काम किए थे इसलिए मारा मैने उसको.

रिज़वाना : इतनी फिकर मेरी आज तक किसी ने नही की. (रोते हुए)

मैं : (गाड़ी को ब्रेक लगाते हुए) अर्रे रिज़वाना जी आप रोने क्यो लगी क्या हुआ.

रिज़वाना : (अपने आँसू सॉफ करते हुए) कुछ नही...

मैं : (पिछे पड़ी पानी की बोतल रिज़वाना को देते हुए) ये लो पानी पी लो.

रिज़वाना : (बोतल पकड़ते हुए) शुक्रिया.

कुछ देर मे वो ठीक हो गई इसलिए मैने फिर कार स्टार्ट की ऑर घर की तरफ बढ़ना शुरू कर दिया. लेकिन रिज़वाना अब भी मुझे ही देखे जा रही थी ऑर मुस्कुरा रही थी. अचानक मुझे ख़याल आया.

मैं : रिज़वाना जी....

रिज़वाना : हमम्म

मैं : उन कमीनो के चक्कर मे खाना लेना तो भूल ही गये (मुस्कुरा कर)

रिज़वाना : अरे हाँ... आपको तो भूख भी लगी थी....कोई बात नही यहाँ से लेफ्ट मोड़ लो यहाँ भी एक अच्छा रेस्टोरेंट है वहाँ से ले लेंगे.

मैं : ठीक है.

उसके बाद मैं ऑर रिज़वाना रेस्टोरेंट चले गये जहाँ से हमने खाना पॅक करवा लिया ऑर फिर हम वापिस घर की तरफ चले गये. घर आके मैने पहले सारा समान कमरे मे रखा ऑर फिर रिज़वाना से मेडिकल बॉक्स लेकर उसके कमरे मे ही उसके जखम पर दवाई लगाने लगा. रिज़वाना मुझे बस देख कर मुस्कुराती रही. फिर हम दोनो ने साथ खाना खाया. खाने के बाद रिज़वाना मेरे साथ बैठकर टीवी देखने की ज़िद्द करने लगी इसलिए मैं भी उसके पास ही बैठकर टीवी देखने लगा. रिज़वाना ऑर मैं हम दोनो साथ मे बैठे टीवी देख रहे थे लेकिन कोई भी ढंग का प्रोग्राम नही आ रहा था इसलिए हमने कुछ देर टीवी देखने के बाद बंद कर दिया.

रिज़वाना : तुमको नींद आ रही है क्या.

मैं : (ना मे सिर हिलाते हुए) आपको आ रही है.

रिज़वाना : नही...चलो फिर बाते करते हैं....

मैं : अच्छा... जैसी आपकी मर्ज़ी.

रिज़वाना : (कुछ सोचते हुए) तुमको डॅन्स आता है

मैं : (ना मे सिर हिलाते हुए) मुझे एक ही तरीके से हाथ पैर चलाना आता है वो अभी आप कुछ देर पहले देख ही चुकी है.

रिज़वाना : चलो मैं सिखाती हूँ दूसरे तरीके से भी हाथ पैर हिलाए जा सकते हैं.(मुस्कुराते हुए)

उसके बाद रिज़वाना ने एक म्यूज़िक चला दिया ऑर मुझे अपने सामने खड़ा कर लिया फिर मेरा एक हाथ अपनी कमर पर रख दिया ऑर दूसरा हाथ अपने हाथ मे थाम लिया ऑर उसने अपने एक हाथ मेरे कंधे पर रख लिया ऑर रिज़वाना ने मुझे धीरे-धीरे हिलाना शुरू कर दिया मैं भी जैसे वो मुझे हिला रही थी हिलना शुरू हो गया.

जब रिज़वाना मेरे साथ मुझसे चिपक कर खड़ी थी तब मुझे डॅन्स का नही उसके जिस्म का मेरे जिस्म के साथ जुड़े होना ज़्यादा मज़ा दे रहा था. वो बड़े प्यार मेरे कंधे पर हाथ फेर रही ऑर मेरा हाथ खुद-ब-खुद उसकी कमर को सहला रहा था मज़े से मेरी आँखें बंद हो गई थी ऑर मैने उसे कमर से पकड़ कर अपने ऑर करीब कर लिया जिससे उसके नुकीले मम्मे मुझे अपनी छाती पर चुभते हुए महसूस होने लगे इससे मुझे भी मेरी जीन्स पॅंट मे हलचल सी महसूस होने लगी लेकिन जीन्स इतनी टाइट थी कि मेरा लंड सही से खड़ा नही हो पा रहा था बस जीन्स के अंदर ही मचल रहा था ऑर बाहर आने का रास्ता तलाश कर रहा था. कुछ देर हम ऐसे ही एक दूसरे का हाथ थामे नाचते रहे फिर उसने मेरा हाथ छोड़ दिया ऑर अपनी दोनो बाजू मेरे गले मे किसी हार की तरह डाल दी ऐसे ही मेरी आँखों मे देखती हुई अपना ऑर मेरा बदन धीरे-धीरे हिलाने लगी.

रिज़वाना : एक बात बोलूं

मैं : हमम्म

रिज़वाना : तुम्हारी आँखें बहुत अच्छी है नशीली सी.. (मुस्कुराते हुए)

मैं : मुझे तो आपकी आँखें पसंद है कितनी बड़ी-बड़ी है जैसे किसी हिरनी की आँखें हो.

रिज़वाना : (शर्मा कर नज़रें झुकाते हुए) शुक्रिया

फिर कुछ देर के लिए हम दोनो खामोश हो गये ऑर ऐसे ही डॅन्स करते रहे. डॅन्स तो उसके लिए था मैं तो उसके जिस्म की गर्मी का मज़ा ले रहा था. हम दोनो एक दूसरे से एक दम चिपके हुए थे बस हम दोनो के चेहरे कुछ इंच के फ़ासले पर थे लेकिन फिर भी हम एक दूसरे की साँसों की गरमी अपने चेहरे पर महसूस कर रहे थे. अब मुझसे भी ऑर बर्दाश्त नही हो रहा था इसलिए मैं आगे बढ़ने का सोच की रहा था कि अचानक लाइट चली गई ऑर पूरे कमरे मे अंधेरा हो गया जिससे हम दोनो का ध्यान एक दूसरे से हटकर अंधेरे की तरफ गया इसलिए मेरे ना चाहते हुए भी रिज़वाना मुझसे अलग हो गई....

रिज़वाना : ओह्हुनो फिर से लाइट चली गई....तुम रूको मैं रोशनी के लिए कुछ लेके आती हूँ

मैं : रहने दो ना ऐसे ही ठीक है अंधेरे मे क्या नज़र आएगा

रिज़वाना : मुझे अंधेरे मे डर लगता है...बस 2 मिंट मे आ रही हूँ

मैं : ठीक है जल्दी आना...

रिज़वाना : बस 2 मिंट ऐसे गई ऑर ऐसे आई.

मैं क्या सोच रहा था ऑर क्या हो गया जैसे किसी ने मेरे अरमानो पर पानी फेर दिया हो मैं अपने दिल मे बिजली वालो को गालियाँ निकाल रहा था कि हरामखोरो ने अभी लाइट बंद करनी थी कुछ देर रुक जाते तो इनके बाप का क्या जाता था. पूरे कमरे मे चारो तरफ अंधेरा था बस खिड़की से हल्की सी चाँद की रोशनी कमरे के अंदर आ रही थी. वो भी बहुत कम क्योंकि खिड़की के आगे परदा लगा हुआ था. मैने सोचा कि कमरे मे गरमी हो रही है इसलिए खिड़की से परदा हटा दूं ताकि ताज़ी हवा भी आ सके ऑर रोशनी भी. अभी मैं परदा हटाने के लिए एक कदम ही आगे बढ़ाया था कि अचानक मुझे रिज़वाना की चीख सुनाई दी मैने फॉरन चीख की तरफ भागता हुआ गया. एक तो अंधेरा था उपर से कुछ नज़र भी नही आ रहा था इसलिए मैं नीचे पड़ी चीज़ो से टकराता हुआ दीवार को पकड़ कर आगे की तरफ बढ़ने लगा.

आवाज़ रसोई की तरफ से आई थी इसलिए मैं अंदाज़े से उस तरफ बढ़ रहा था. एक तो आज मेरा यहाँ पहला दिन था उपर से जगह भी मेरे लिए नयी थी इसलिए मुझे सही से रास्ते का अंदाज़ा नही हो रहा था इसी वजह से जगह-जगह चीज़े मुझसे टकरा रही थी कुछ देर बाद मैं रिज़वाना को आवाज़ लगाता हुआ रसोई के पास आ ही गया.

मैं: रिज़वाना जी कहाँ हो आप

रिज़वाना : (कराहते हुए) मैं यहाँ हूँ आयईयीई....ससिईईई....

मैं : क्या हुआ चोट लगी क्या

रिज़वाना : (रोते हुए) हाँ बहुत ज़ोर से लगी है

मैं : (बर्तनो से टकराते हुए) क्या हुआ चोट कैसे लग गई.

रिज़वाना : नीर उस तरफ नही दूसरी तरफ आओ जहाँ तुम हो वहाँ बर्तन है....

मैं : (घूमते हुए) अच्छा...

रिज़वाना : वो शाम को जो सब्जी गिरी थी ना मैने बाज़ार जाने की जल्दी मे उठाई नही थी बस उस पर ही पैर फिसल गया ऑर मैं गिर गई. मुझसे उठा नही जा रहा.... (रोते हुए)

मैं जैसे ही रिज़वाना के पास पहुँचा मैने नीचे बैठकर अंधेरे मे हाथ इधर-उधर घुमाए तो रिज़वाना के चेहरे से मेरा हाथ टकराया मैने जल्दी से बिना कुछ बोले उसको अपनी गोद मे उठा लिया ऑर खड़ा हो गया.

रिज़वाना : (कराहते हुए) अययईीी.....आराम से...

मैं : अब जाना किस तरफ है

रिज़वाना : तुम चलो मैं बताती हूँ

मैं : क्या पहेलिनुमा घर बनाया है

रिज़वाना : (अपनी दोनो बाजू मेरे गले मे डालते हुए) मैने थोड़ी बनाया है जैसा गवरमेंट. ने मुझे दिया मैने ले लिया.

मैं : इससे अच्छा तो मेरा घर था जहाँ कम से कम हाथ पैर तो नही टकराते थे अंधेरे मे

रिज़वाना : तुमको भी चोट लगी क्या

मैं : थोड़ी सी पैर मे लगी है वो आप चिल्लाई तो मैं घबरा गया कि जाने क्या हुआ है इसलिए जल्दी से आपकी आवाज़ की तरफ भागा बस इसी जल्दी मे मेज़ से पैर टकरा गया.

रिज़वाना : ज़्यादा चोट तो नही लगी

मैं : पता नही मैने देखा नही.

रिज़वाना : यहाँ से अब लेफ्ट घूम जाओ....मेरे कमरे मे चलकर मुझे दिखाओ कितनी चोट लगी है.

मैं : (हँसते हुए) देखोगी कैसे हाथ को हाथ नज़र तो आ नही रहा चोट क्या दिखेगी.

रिज़वाना : फिकर मत करो यहाँ अक्सर लाइट चली जाती है फिर थोड़ी देर मे आ जाती है.

ऐसे ही हम बाते करते हुए धीरे-धीरे रिज़वाना के कमरे मे आ गये ओर रिज़वाना ने ही गेट खोला ऑर फिर मैने रिज़वाना को धीरे से उसके बेड पर रख दिया....

रिज़वाना : (दर्द से कहते हुए) आयईीई... नीर कमर मे ऑर पीछे बहुत दर्द हो रही है हिला भी नही जा रहा.

मैं : अब अंधेरे मे तो कुछ कर भी नही सकते यार लाइट आने दो फिर देखते हैं.

रिज़वाना : अर्रे यार जिस काम के लिए गये थे वो तो किया ही नही.

मैं : कौनसा काम

रिज़वाना : मोमबत्ती यार (हँसते हुए)

मैं : जाने दो कोई बात नही आगे ही मोमबत्ती के चक्कर मे इतना तमाशा हो गया अब ऐसे ही ठीक है. देखा मैने मना किया था ना लेकिन आप ही बोल रही थी कि 2 मिंट का काम है. अब देखो आपका ही काम हो गया (हँसते हुए)

रिज़वाना : (मेरे कंधे पर थप्पड़ मारते हुए) एक तो मुझे चोट लग गई है उपर से मेरा मज़ाक उड़ा रहे हो जाओ मैं नही बोलती तुमसे.

मैं : अच्छा-अच्छा माफी डॉक्टरनी साहिबा.

रिज़वाना : जाओ माफ़ किया... अच्छा ये तुम मुझे डॉक्टरनी साहिबा क्यो बुलाते रहते हो

मैं : अब आप डॉक्टरनी हो तो डॉक्टर ही बुलाउन्गा ना

रिज़वाना : डॉक्टर मैं सिर्फ़ हेड-क्वार्टेर के मेरे क्लिनिक मे हूँ यहाँ घर पर नही

मैं : तो फिर मैं यहाँ आपको क्या बुलाऊ.

रिज़वाना : म्म्म्मयम सिर्फ़ रिज़वाना बुला सकते हो

मैं : अच्छा तो सिर्फ़ रिज़वाना जी अब ठीक है (हँसते हुए)

रिज़वाना : (हँसते हुए) नीर तुम जानते हो आज बहुत मुद्दत के बाद मैने इतनी खुशी पाई है तुम क्या आए मेरी जिंदगी मे ऐसा लगता है जिंदगी फिर से रोशन हो गई.

मैं : मैने भी आज पहली बार इतनी मस्ती की है.

रिज़वाना : (कराहते हुए) आहह मेरी पीठ सस्सस्स

मैं : क्या हुआ बहुत दर्द है क्या.

रिज़वाना : अगर कमर को हिलाती हूँ तो दर्द होता है वैसे ठीक है

मैं : रूको लगता है कमर अटक गई है.

रिज़वाना : मुझे भी ऐसा ही लगता है.... एक काम करो मेरी कमर को झटका दो ठीक हो जाएगी.

मैं : ठीक है आप मेरा सहारा लेके खड़ी होने की कोशिश करे

रिज़वाना : मैं गिर जाउन्गी नीर

मैं : मैं हूँ ना फिकर मत करो इस बार पकड़ लूँगा आपको. नही गिरोगि बस मेरा हाथ मत छोड़ना.

रिज़वाना : ठीक है

उसके बाद रिज़वाना मेरे हाथ के सहारे बेड पर धीरे-धीरे घुटने के बल खड़ी होने लगी लेकिन उसको खड़े होने मे दर्द हो रहा था इसलिए मैने अपने दोनो हाथ उसकी कमर मे डाले ओर उसकी दोनो बाजू अपने गर्दन पर लपेट ली अब मैने झटके से रिज़वाना को खड़ा किया...

रिज़वाना : आअहह ससस्स

मैं : अब कैसा लग रहा है

रिज़वाना : पहले से बेहतर है लेकिन दर्द अभी भी हल्की-हल्की हो रही है.

मैने बिना रिज़वाना से पुछे उसकी पिछे से कमीज़ उठाई ऑर उसकी नंगी पीठ पर हाथ फेरने लगा रिज़वाना को शायद इस तरह मेरे हाथ लगाने की उम्मीद नही थी इसलिए उसको एक झटका सा लगा ऑर वो मुझसे ऑर ज़ोर से चिपक गई. अब मैं उसकी कमर को प्यार से सहला रहा था ऑर वो खामोश होके मेरे गले मे अपनी बाहे डाले घुटने के बल खड़ी थी. कुछ ही देर मे हम दोनो की साँस तेज़ होने लगी ऑर रिज़वाना ने मेरे कंधे पर अपना सिर रख लिया उसकी तेज़ होती सांसो की गरमी मैं अपनी गर्दन पर महसूस कर रहा था. मैने भी इस मोक़े का फायेदा उठाना ही मुनासिब समझा ऑर अपना हाथ उपर की जानिब बढ़ाने लगा. अब मेरा हाथ उसकी ब्रा के स्ट्रॅप के नीचे के तमाम हिस्से की सैर कर रहा था. शायद उसको भी मज़ा आ रहा था इसलिए वो खामोश होके बस मेरे कंधे पर अपना सिर रखकर लेटी हुई थी उसके नाज़ुक होंठों का लांस मुझे अपनी गर्दन पर महसूस हो रहा था. मैं चाहता था कि वो मेरी गर्दन को चूमे लेकिन वो बस मेरी गर्दन से अपने होंठ जोड़े खड़ी थी ऑर आगे नही बढ़ रही थी इसलिए मैने ही पहल करना मुनासिब समझा मैने अब अपने दोनो हाथ उसकी कमीज़ मे डाल लिए ऑर दोनो को उसकी पीठ पर उपर-नीचे घुमाने लगा साथ ही मैने अपनी गर्दन हल्की सी नीच को झुका कर अपने होंठ उसकी गालो पर रख दिया ओर धीरे-धीरे अपने होंठ उसकी गालो पर घुमाने लगा ये अमल शायद उसको भी मज़ा दे रहा था इसलिए उसने अपना चेहरा थोड़ा सा उपर की जानिब कर लिया ताकि मेरे होंठ अच्छे से उसकी गाल को च्छू सके.
Reply


Messages In This Thread
Kamukta Kahani अहसान - by sexstories - 07-30-2019, 12:53 PM
RE: Kamukta Kahani अहसान - by sexstories - 07-30-2019, 01:20 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,456,891 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 539,396 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,214,179 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 918,072 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,627,236 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,059,859 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,915,344 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,938,908 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,986,144 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 280,660 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)