RE: Desi Sex Kahani निदा के कारनामे
रशीद हैरान होकर बोला- “क्या?”
मैं मुश्कुराकर बोली- “वो इसलिए की मैं भी मजा लेना चाहती थी और मैंने तुम्हारी नीयत भाँप ली थी...”
मेरी बात पर वो दोनों बहुत हेरान हुये तो मैं बोली- “आप दोनों समय क्यों वेस्ट कर रहे हो?”
ये कहकर मैंने आगे होकर खुद से उन दोनों के लण्ड उनकी पैंट के ऊपर से पकड़ लिए तो वो दोनों भी मुझे चूमने और मेरी चूचियों को दबाने लगे। थोड़ी देर में ही वो दोनों मुझे नंगा कर चुके थे। अभी वो दोनों मेरे नंगे जिश्म को चूम और चाट रहे थे की फिर वो लोग मुझे लिटाकर मेरे जिश्म को चूमने और चाटने लगे। एक मेरे चूचियों को चूस रहा था, एक मेरी चूत, कोई मुझे किस कर रहा था, कोई मेरी गाण्ड में उंगली कर रहा था, मैं। आँखें बंद किए उन लोगों की इन हरकतों से बहुत गरम हो चुकी थी और मुझे बहुत मजा आ रहा था। काफी देर वो दोनों मुझे और मेरे जिश्म को चाटते रहे फिर वो दोनों भी नंगे होगे और मेरे इर्द गिर्द आकर खड़े हो गये।
वो दोनों मेरे चारों तरफ खड़े हो गये थे, फिर मैंने बारी-बारी दोनों का लण्ड चूसना शुरू कर दिया। काफी देर तक मैंने उन लोगों के लण्ड को चूसा।
फिर रशीद मुझसे बोला- “बताओ निदा तुम्हें किस तरह चोदें अकेले-अकेले या एक साथ दो?”
मैं बोली- “पूरा दिन है आप लोगों के पास इसलिए पहले तुम लोग मुझे अकेले-अकेले चोद लो फिर ग्रूप बनाकर चोद लेना..”
मेरा आइडिया सबको पसंद आया और फिर सबसे पहले मुझे रशीद ने चोदना शुरू किया। रशीद को डागी स्टाइल सबसे ज्यादा पसंद था इसलिए उसने मुझे डागी पोजीशन में किया और चोदना शुरू कर दिया। रशीद का लण्ड 8" इंच लंबा था जिससे मुझे बहुत मजा आने लगा।
और मैं लज़्ज़त भरी सिसकारियां लेने लगी- “आहहह... आहह्ह... ऊओह... ऊहह... उफफ्फ़... हाँणन्... जोरर से...”
रशीद ने बहुत तूफानी झटकों के साथ मुझे 8 मिनट तक चोदा फिर वो हट गया और मुझे फरहान चोदने लगा।
फरहान को गाण्ड मारना पसंद था इसलिए उसने मेरी खूब गाण्ड मारी और मेरी खूब उफफ्फ़... उफफ्फ़... ऊऊऊऊह्ह... म्म्माआआ... उफफ्फ़... चीखें भी निकाली। हाआन्न फरहान्न ऐसे ही हहाँ ऊओह म्म्माआअ और मेरी गाण्ड में ही अपना पानी छोड़ दिया।
कोई दो घंटे बाद दोनों फिर तैयार हो गये फिर उन लोगों ने मेरे साथ ग्रूप सेक्स करने का फैसला किया, फिर रशीद ने तो अपना लण्ड मेरी चूत में डाल दिया और फरहान ने मेरी गाण्ड में, फिर रशीद और फरहान खूब झटके मारकर मुझे चोदने लगे। अब मुझे हर जगह से हर तरह का मजा मिल रहा था, और मजे से उफफ्फ़... म्माआ... उफफ्फ़... माआ... उफफ्फ़... म्माआअ... कर रही थी, ये अनुभव मेरे लिए बिल्कुल नया था इसलिए मुझे इस स्टाइल में बहुत मजा आने लगा और मैं अपनी चुदाई से बहुत खुश होने लगी और भरपूर मजा भी लेने लगी।
फिर वो लोग मुझे इस पोजीशन में चोदने लगे। फिर मुझे इस तरह चुदवाते हुये आधे घंटे से ऊपर हो गया था। पर उनमें से कोई भी झड़ नहीं रहा था, जबकी मैं कई बार झड़ चुकी थी, मुसलसल चुदाई से मेरी चूत और गाण्ड में दर्द भी होना शुरू हो गया था। पर मैं बर्दाश्त करके चुदवा रही थी। फिर मजीद दस मिनट और मैं इसी तरह चुदती रही
फिर सबसे पहले फरहान झड़ा और उसने अपने लण्ड की मनी मेरी गाण्ड में ही निकाल दी, और थोड़ी देर बाद रशीद ने भी अपनी मनी मेरी चूत में ही छोड़ दी फिर मैं थक कर गिर पड़ी और लंबी-लंबी सांसें । लेने लगी, आधे घंटेर तक मैं लेटी रही। इतनी देर में रशीद, और फरहान के लण्ड फिर से ताजादम हो चुके थे। मैं बोली- “बस अब नहीं अब मुझमें और हिम्मत नहीं है चुदवाने की। तुम लोग मुझे फिर किसी दिन बुला लेना, आज बस करो।
रशीद बोला- “बाद की बात बाद में अभी तो हम लोगों ने तुमको और चोदना है। अभी तो हम सबर नहीं कर सकते..” फिर मेरे मना करने के बावजूद रशीद लेटा और उसने मुझे अपने ऊपर बिठाकर अपना लण्ड मेरी चूत में डाल दिया। फिर फरहान भी मेरे पीछे आ गया और अपना लण्ड मेरी चूत में डालने की कोशिश करने लगा। मेरी चूत में पहले से ही रशीद का लण्ड था पर फरहान कोशिश करता रहा। थोड़ी देर में ही फरहान ने भी अपना लण्ड मेरी चूत में डाल दिया।
अब मेरी चूत में एक साथ दो लण्ड थे। अब एक साथ दो लण्ड मेरी चूत में थे, शुरू में तो मुझे बहुत दर्द हुवा और मैं बहुत चीखी फिर मुझे भी मजा आया और मैं भी उनका साथ देने लगी। अब वो लोग अपनी जगह बदल बदल कर मुझे इसी तरह चोदने लगे फिर मजीद दो मिनट बाद वो सभी एक के बाद एक करके झड़ गये। मैंने सुबह 11:00 बजे से उन लोगों से चुदवाना शुरू किया था और इन लोगों ने मुझे मुसलसल 4 घंटे तक चोदा था, फिर उन लोगों ने जाने का फैसला किया।
रशीद मुझसे बोला- “निदा डार्लिंग बताओ आज तुमको चुदाई में कितना मजा आया?”
मैं बोली- “मजा तो बहुत आया पर दर्द भी बहुत हुवा, जिस तरह तुम लोगों ने मुझे चोदा है आज तक किसी ने भी मुझे इस तरह से नहीं चोदा...”
फिर वो लोग मुझे किस करके चले गए।
******** समाप्त ***
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