RE: Maa Sex Kahani माँ-बेटा:-एक सच्ची घटना
अपडेट 34
मैं जानती थी , कोई भी लड़की आप को पति के रूप में पाएगी तो वह दुनियाकी सबसे ज़ादा खुश नसीब होगी. आप का प्यार पाकर , मेरा यह जनम सार्थक हो गया. यह प्रार्थना करती हु, की में आप को हमेशा खुश रख पाऊँ . आप की ख़ुशी में ही मेरी ख़ुशी है. आप मुझे आप के साथ अगर पेड़ की छाव में घर बसा ने के लिए भी कहेंगे तोह में वहां भी मेरा प्यार देके आप को सारी खुशियां देना चाहती हु. ज़िन्दगी की आखरि सांस में भी आप की बाँहों में रहना चाहती हु. मैं आप का दिया हुआ सिन्दूर मांग लेकर मरना चाहती हुं.....??
बोलकर माँ फिर रो पडी मैं बिचलित हो गया. मैं उनको कैसे सान्तवना दूंगा वह समझ नहीं पाया. मेरी सारी बातें, सारा कहना, सारा प्यार उठके आकर गले में अटका हुआ है. मैं भी भाबुक हो गया. मैं धीर से उनको बोला
?? अरे??.दुनियाकी सबसे ज़ादा खूबसूरत और प्यारी लड़की जब रोती है, तब मुझे सबसे ज़ादा कस्ट होता है और वह लड़की अगर मेरी बीवी है तोह उसी कस्ट से मेरा दिल टूट पडता है. फिर भी तुम रोओगी???
मेरी इन बातों से वह थोड़ा खुद को कण्ट्रोल करवाया. और फिर सिसकि लेके थोड़ा हास्के सिचुएशन को हल्का करने लगी खुद ही. प्यार भरी आवाज़ में थोड़ा फेक गुस्सा दिखाके बोली
??बस ..हमेशा झुट बोलके मुझे खुश करने की जरुरत नही मैं जानती हु.. में इतनी खूबसूरत नहीं हु. और में अभी भी आप की बीवी नहीं बनी????
मैन समझ गया वह धीरे धीरे सहज हो रही है. हालां की अभी भी थोड़ा थोड़ा सिसकि की आवाज़ आ रही है , फिर भी खुद को संभाल रही है. मैं भी सिचुएशन को लाइट करने लगा. मेरे दिल की बात, मेरी अन्तरात्मा की बात आसान तरीके से बताने लगा, मैंने कहा
??मैं सच मुच लकी हु..ऐसी सुन्दर प्यारी लड़की को खुद के बीवी के रूप में पाकर. क्या तुम खुद की छाती पे हाथ रख के कह पाओगी की तुम मेरी बीवी नहीं हो????
इस बार वह थोड़ा ज़ादा हास् पडी. और शरमा भी गई. फिर एक सिसकि लेके रोना एकदम बंध करके धीरे से बोलि
?? अगर में आप की बीवी होती तो आप मुझे मेरे नाम से बुलाते??.
मै इस बात पर खुद ही हस पडा मैं माँ से बात करते वक़्त कुछ नहीं बुलाता हु. इस लिए कभी कभी एक अजीब सिचुएशन में पड़ जाता हु और वह लेकर माँ मुझे हमेशा बोलती है. वह नहीं चाहति की में उनका बेटा बनके रहू. वह चाहती है में उनका पति बनके खुद को उनके पति के रूप में स्वीकार कर लु. मैं उन्हें कहा
??मुझे नाना नानी के सामने नाम से बुलाने में शर्म आएगी??.
वह बोली
??तो ठीक है . मम्मी पापा के सामने न बोलिये, लेकिन जब वह लोग नहीं है, तब तोह कह सकते है.??
मैने थोड़ा रुक रुक कर कहा
??हाँ ??वह कह सकता हु??????
बोलके दोनों चुप हो गये, एक दूसरे को फ़ोन के उस तरफ रहके प्यार जताने लगे खामोश बनके. थोडे टाइम बाद में धैर्यपूर्वक बोला
??तो अब बताओ??.??
वह गले में एक मिठास और प्यार लेकर धीरे से कहि
??क्या??????
मै आँख बंध करके फुसफुसाकर बोला
??मेरी मंजु कहाँ जाना पसंद करेगी हमारे हनीमून पे???
उनको पहली बार नाम से बुलाके खुदको एक अलग नशे में डुबा हुआ मेहसुस कीया. वह भी मेरे जैसे प्यार के नशे में बंध होकर फुसफुसाकर बोली
??आप जहाँ लेकर जाएंगे, आप की मंजु आप के साथ जाने के लिए तैयार है????
ऐसे ही एक इमोशनल मोमेंट्स से में उनको नाम से बुलाना चालू किया. और पिछले दो दिन से ऐसे ही चल रहा है. और अब माँ खुद को ज़ादा मेरी पत्नी महसुस कर रही है, और में भी उनको ज़ादा मेरी पत्नी मेहसुस कर रहा हु.
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