Kamvasna कलियुग की सीता
08-07-2019, 12:50 PM,
#21
RE: Kamvasna कलियुग की सीता
पोज़ देते देते मैने जिस शख्स को देखा उसके बाद मेरी उपर की साँस उपर और नीचे की नीचे रह गयी….अब्दुल ख़ान थे वो…साथ मे मम्मी भी थी..शायद अब्दुल भी मम्मी को मनचाहे अंदाज़ मे चोदने के लिए यहाँ लाया था…क्योकि अब्दुल सिर्फ़ अंडरवेर मे थे और मम्मी सिर्फ़ ब्रा-पैंटी मे….

मेरे जाने के बाद मम्मी ही तो बची थी उस से चुदने के लिए शायद इसलिए वो मम्मी को इस उम्र मे भी पैंटी ब्रा पहना के बीच पर घुमा रहा है….अब्दुल को देखकर मैं डर गयी थी…अगर उसने मुझे देख लिया तो फिर से शायद मैं उसी दलदल मे धँसती चली जाऊं…

इससे पहले कि वो मुझे देखे ,मुझे यहाँ से भाग जाना चाहिए…बस यही एक ख्याल था कि मैं हबीब चाचा को खिचते हुए ड्रेसिंग रूम की ओर चल दी…साड़ी पहन कर बाहर निकली और होटेल के लिए निकल पड़ी…रास्ते मे मैने हबीब चाचा से तबीयत ना ठीक होने का बहाना बना दिया..

मैं इतनी डर गयी थी कि सीधे अपने रूम मे आई और दरवाज़ा लॉक कर लिया..

.थोड़ी ही देर मे हैरान परेशान पतिदेव भी लौट आए….मेरे दिमाग़ मे सिर्फ़ अब्दुल का चेहरा नाच रहा था…मैं अकेले रहना चाहती थी थोड़ी देर इसलिए पति को सोफे पर भेज दिया और खुद बेड पर पेट के बल लेट गयी.मुझे यह भी होश नही था कि मैने ब्रा पैंटी नही पहनी है और मेरी साड़ी खुल कर नीचे खिसक गयी है…वैसे भी यहाँ डर किस से था??पतिदेव तो नामर्द थे…कोई शेख होता तो शायद उससे छुपाती भी कि कही ऐसे मदमस्त चूतड़ देखकर पागल ना हो जाए चोदने के लिए….मैं दुआ करने लगी कि अब्दुल ने मुझे ना देखा हो….

तभी कॉल्लबेल बजी…मुझे लगा शायद हबीब चाचा होंगे..इसलिए मैने साड़ी भी ठीक नही की…बस यही किया कि कोहनी के बल हो गयी. लेकिन पतिदेव की झड़प किसी के साथ होते सुनकर मैं चौंक गयी…

इस आवाज़ को मैं हज़ारो मे पहचान सकती थी,अब्दुल थे वो….एक भारतीय नारी सब कुछ भूल सकती है लेकिन अपनी सील तोड़ने वाले को कभी नही…और फिर आपकी इस सीता देवी की चूत की सील तो शादीशुदा होने के बाद तो टूटी थी लेकिन पति-परमेस्वर से नही,बल्कि अब्दुल ख़ान के फौलादी लंड से..अब्दुल पतिदेव को धक्का देते हुए अंदर चले आए थे….वो मुझे गुस्से मे देखे जा रहे थे और मैं उनको रहम भरी नज़रो से…कट्टर मुल्ला लग रहे थे वो…

पठान सूट मे थे वो और चेहरे पर मुल्लो वाली ही दाढ़ी.मैने अपनी खिसकी हुई साड़ी संभाली तो वो और गुस्से मे आ गये.उन्होने ब्लाउस मे उंगली फँसा के मुझे बेड से नीचे खीच लिया…ब्लाउस चर्र्र से फॅट गयी और मैं बचाने के चक्कर मे खड़ी हो गयी थी.अपनी बीवी का ब्लाउस गैर मर्द के हाथो फटता देख पतिदेव मे पता नही कहाँ से मर्दानगी आ गयी…वो अब्दुल पर झपट पड़े लेकिन शेख फिर भी शेख होते हैं….अब्दुल ने पतिदेव को मार मार के अधमरा कर दिया ..बगल मे एक पिंक ब्रा देख कर मैं उसे पहनने लगी जबकि अब्दुल पतिदेव पर गुर्रा रहे थे ,”देख …सीता डार्लिंग को तो तू खुद चोद पाता नही है…अगर मैं चोद देता हूँ तो उसकी चूत घिस तो जाती नही…ख़ुसी ख़ुसी अपनी बीवी चुदवायेगा तो तुझे एक दर्ज़न बच्चे दूँगा खेलने के लिए वरना ये किसी रंडी खाने मे चुदती फ़िरेगी…..खैर तुझसे तो मैं बाद मे निपटुन्गा,पहले तेरी इस चूत की देवी से तो निपट लूँ….मैं नंगी खड़ी थी वहाँ सिवाय एक ब्रा के और पतिदेव बेबस!!!


फिर अब्दुल मेरे पास आए और हवा मे हाथ लहरा के मेरे चूतड़ पर ज़ोर का थप्पड़ लगा दिया…मैं दर्द से बिलबिला उठी…मेरे सामने आ गया था मेरे चूतड़ का सबसे बड़ा फन.अब्दुल गुस्से मे बिफर रहे थे,”साली….क्या सोच कर भागी थी तू???भूल गयी कि मैने तुझे एक दर्ज़न बच्चे देने का वादा किया था.”

मैने बिलख कर कहा,”अब्दुल….मैं तो खुद आपके लंड की दीवानी हूँ…लेकिन आपने मुझ पर ज़ुल्म किया था अपने दोस्तों के पास भेज कर….अगर आपने ऐसा नही किया होता तो मैं कभी आपको छोड़ कर नही जाती.”

मेरी बात सुनकर अब्दुल थोड़े नरम पड़ गये….बोले,”अगर ऐसा था तो तुम मुझसे कहती ना…मेरे लंड को महीनो तरसाने की क्या ज़रूरत थी??चलो अब हम फिर से वही वापस घर चलेंगे…बोलो चलोगि ना???”मैने हामी भरते हुए कहा,”हां…लेकिन हमारे साथ मेरे पति भी चलेंगे…मेरे बिना वो पागल हो जाते हैं.”


अब्दुल:”ठीक है डार्लिंग…तुम्हारा पति भी चलेगा लेकिन पहले महीनो से मैं तुम्हारी चूत का प्यासा हूँ…मैं तुम्हे अभी चोदुन्गा.मैने खिलखिला के अब्दुल का लंड पकड़ लिया तो अब्दुल ने मेरे गाल पर पप्पी ले ली,फिर कहा,”ऐसे ही खिलखिला खिलखिला के चुदना सीता डार्लिंग.”

पतिदेव हैरत मे थे कि क्या से क्या हो गया.

अब्दुल की महीनो की प्यास ही थी कि उन्होने तुरंत मुझे बेड पर खीच लिया और नंगे होकर मुझे अपने उपर बैठा लिया…उनकी हड़बड़ी देखकर मुझे खुद पर गुमान सा हुआ कि मैं ऐसी माल हूँ जिसे हर कोई चोदने के लिए तड़प्ता रहता है…..अब्दुल ने मेरी चूचियों को ब्रा से बाहर निकाल दिया और और हाथ मे लेकर मसल्ने लगे….खिलखिलाकर मैं थोड़ा उपर उचकी और अब्दुल का लंड अपनी चूत मे घुसा लिया…फिर हाथो को पीछे कर के सर पे रख लिया और हौले हौले पुश करने लगी…..मुझे थोड़ा दर्द महसूस हो रहा था…अब्दुल का लंड था ही ऐसा…ना जाने कितने शेखों के लंड की सवारी कर चुकी थी आपकी यह सीता देवी लेकिन अब्दुल का लंड हमेशा ही मेरी चूत मे पिस्टन की तरह जाता महसूस होता…

अचानक मेरी चूत पर अपनी दी हुई रिंग ना देख कर अब्दुल बोले,”सीता…तुम्हारी चूत से वो रिंग कहाँ गायब हो गया??हालाकी मैने खुद वो रिंग निकाल कर रख दी थी लेकिन टालने के लिए कह दिया,”पतिदेव ने निकाल दी थी…अब छोड़ो भी रिंग को चोदिये मुझे”.सुनकर अब्दुल मस्ती मे आ गये.मैं अब्दुल के लंड पर हौले हौले क़ब्रे डॅन्स कर रही थी और वो मुझे इशारों से तेज धक्के लगाने की इलतज़ा कर रहे थे…मैं शरारत से धक्के बंद कर देती तो वो तड़प उठते….एक दो बार तो उन्होने इलतज़ा की लेकिन मुझे खुद को तडपाने के मूड मे देख कर मेरे चूतड़ पर थप्पड़ लगा दिया.थप्पड़ का इतना ही असर हुआ कि मैं सीधे अब्दुल के लंड पर बैठ गयी और उनका लंड सब दीवारो को फाड़ते हुए बच्चेदानी से टकराया.


जोश मे आकर अब्दुल ने मेरी ब्रा खोल के फेंक दी और खुद मेरे पीछे आकर मेरी चूत मे लंड घुसा दिए और ताबड़तोड़ धक्के बरसाते चले गये…मेरे मूह से उहह,अया,हाईईइ मर गयी मम्मी निकलने लगा..जबकि अब्दुल दोनो हाथो मे मेरी चुचिया दबाए मुझे चोदते रहे.मेरे ठीक सामने पतिदेव अधमरे पड़े थे …मैं मुस्कुराकर उन्हे देख रही थी कि शायद इस से ही उनका गम कुछ हल्का हो…लेकिन मेरी मुस्कुराहट देखकर पतिदेव ने इस हालत मे भी अपनी नुन्नि बाहर निकाल ली और मूठ मारने लगे.ये देखकर तो बेसखता ही मेरी हँसी निकल गयी…और मेरी हँसी सुनकर अब्दुल वहसी बन गये…इतने धक्को के बाद मुझे लग गया कि झड़ने वाली हूँ..और झाड़ भी गयी…लेकिन अब्दुल का खुन्टा अभी भी वैसा ही खड़ा…और फिर अब्दुल ने वो किया जिसकी मुझे सुरू से तो आदत नही थी लेकिन शेखों के शौक के कारण उसकी खिलाड़ी बन चुकी थी…


मेरे भारी भारी चूतड़ पर सबका दिल आ जाता था और सब मेरी गान्ड मार लेते थे…और फिर अब्दुल तो मेरी गान्ड के आशिक़ थे.अब्दुल मुझे गोद मे उठाए सोफे पर आ गये…और गोद मे बिठाए बिठाए मेरी गान्ड मे अपना लंड डाल दिया….मैं गान्ड मरवाने मे इतनी उस्ताद हो चुकी थी कि बस थोड़ा सा दर्द हुआ सुरू मे,फिर तो मज़ा ही मज़ा….अब्दुल धक्के पर धक्के दिए जा रहे थे…बस फिर क्या था…अब्दुल भी झाड़ गये..

उस चुदाई के बाद हम सब वापस अपने घर के लिए रवाना हुए…मम्मी मुझसे मिलकर खुस तो थी लेकिन सोच रही थी कि फिर से वही ज़िंदगी बन गयी मेरी…लेकिन मैने मम्मी को समझा दिया कि अब अब्दुल ऐसा नही करेंगे.

इसके बाद तो मेरी जिंदगी बदल गई अब मेरी चूत को भूखा नही रहना पड़ता जब मन करता है अपनी चूत
की प्यास बुझा लेती हूँ मेरी कहानी आपको कैसी लगी ज़रूर बताना आपकी चुदासी सीता देवी

समाप्त
एंड
Reply


Messages In This Thread
RE: Kamvasna कलियुग की सीता - by sexstories - 08-07-2019, 12:50 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,437,147 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 537,147 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,206,357 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 912,042 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,616,647 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,050,315 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,899,619 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,887,001 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,966,605 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 278,915 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)