Rishton Mai Chudai गन्ने की मिठास
08-07-2019, 12:53 PM,
#6
RE: Rishton Mai Chudai गन्ने की मिठास
गन्ने की मिठास--4

गतान्क से आगे......................

रामू से रहा नही जाता है और वह खटिया मे लेट कर रमिया की मोटी गान्ड को पकड़ कर अपने मुँह की ओर खींच लेता है और उसे अपनी छाती मे चढ़ा कर उसके चुतड़ों और चूत की फांको को खूब ज़ोर से फैला कर अपनी बहन की रसीली चूत को खूब ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगता है वही रमिया अपने भाई के पेट पर लेटते हुए उसके मोटे लंड को फिर से अपने मुँह मे भर लेती है ,

रामू अपनी बहन रमिया की कच्ची कुँवारी चूत और गान्ड को अपने मुँह से चाटने लगता है और उसकी चूत के रस को पीने लगता है,

रमिया- हे भैया ये क्या कर रहे हो बहुत अच्छा लग रहा है सी आह सी ओह मा मे मर गई, कुछ देर तक रामू अपनी बहन की चूत को चाटते हुए पूरी लाल कर देता है उसकी चूत मे बहुत मीठी-मीठी उठती चुदास उसे पागल बना रही थी, रामू ने जैसे ही उसकी चूत के लपलपते छेद मे अपनी जीभ डाल कर कस कर चूसा तो रमिया तड़प उठी और अपनी गान्ड मतकाते हुए अपने भैया का लंड अपने हाथो से खूब कस-कस कर मसल्ने लगी,

रामू ने रमिया की जाँघो को बड़े प्यार से सहलाते हुए उसे अपनी जाँघो पर चढ़ा लिया और फिर अपने लंड पर खूब सारा तेल लगाकर उसने रमिया की कुँवारी चूत के लाल हो चुके छेद मे अपना लंड रख कर एक ज़ोर का झटका मार दिया और रमिया के मुँह से एक दबी हुई चीख निकल गई, रामू का पूरा लंड डंडे की तरह तना हुआ आधे से ज़्यादा रमिया के चूत मे फसा था और रमिया अपनी आँखे बंद किए कराहती रहती है,

आह भैया बहुत दर्द कर रहा है,

रामू- थोड़ा सा दर्द होगा फिर देखना तू खुद कहेगी कि भैया और चोदो मुझे, और फिर रामू एक दूसरा धक्का ज़ोर से मार कर अपने बचे हुए पूरे लंड को अपनी बहन की चूत मे उतार देता है और फिर खूब कस-कस कर रमिया के कसे हुए आमो को दबा-दबा कर उसके होंठो का रसीला रस पीने लगता है, रमिया आह-आह करती हुई अपने चुतड़ों को धीरे-धीरे अपनी भाई के लंड पर मारने लगती है, रामू अब खूब कस-कस कर रमिया को चोद रहा था,

कुछ देर बाद रामू ने रमिया को अपनी गोद मे बैठा कर उसे अपने लंड पर खड़ा होकर उठा लिया और जब वह रमिया के गोरे-गोरे चुतड़ों को थामे अपने लंड को उसकी चूत की जड़ मे पेल रहा था तो रमिया उसे पागलो की तरह चूमने लगी थी, हे भैया बहुत मज़ा आ रहा है और चोदो खूब कस कर चोदो अपनी बहन को, ओह भैया मे मर जाउन्गि और मारो खूब मारो भैया,

रामू ने रमिया को अपने लंड मे बैठाए-बैठाए खूब कस-कस कर उसकी चूत मार-मार कर लाल कर दिया और फिर रमिया का बदन एक दम से अकड़ गया और उसकी चूत का पूरा पानी अपने भैया के गोद मे चढ़े-चढ़े ही निकल गया,

रामू ने रमिया को अपने लंड पर खूब ज़ोर से कस लिया और अपने लंड के पानी की एक जोरदार पिचकारी रमिया की चूत मे मार दी, रामू ने रमिया को अपनी गोद मे उठाए हुए खेत के ट्यूब्वेल के पानी से उसके हाथ पेर और चूत को अच्छी तरह धोकर साफ किया जब रमिया की चूत धोने के बाद कुछ लाल रंग की लाली लिए चमकने लगी तो रामू ने रमिया को देख कर पूंच्छा

रामू- रमिया तेरी चूत और चुसू तुझे अच्छा लगा ना

रमिया- हा भैया मुझे बहुत अच्छा लगेगा और मुस्कुराते हुए अगर तुम्हारा मन कर रहा है तो चाट लो

फिर क्या था रामू ने वही उसकी टाँगो को खूब चौड़ा करके उसकी चूत को पागलो की तरह चाटना शुरू कर दिया,

रामू- रमिया अब तू जब भी खाना लेकर खेत मे आएगी मे रोज तुझे यही अच्छे से चोदुन्गा,

रमिया- मुस्कुराते हुए भैया तुम मेरी चूत बहुत अच्छी चूस्ते हो,

रामू- अब मे रोज तेरी चूत इसी तरह चाटूँगा,

उसके बाद शाम को रामू रमिया को अपनी बाँहो मे समेट कर अपने घर की ओर चल देता है, जब रामू हरिया काका के खेत के पास से गुजर रहा था तब

रामू ने रमिया को वही रोक कर कहा तू ज़रा यही ठहर मे चुपके से देखता हू हरिया काका क्या कर रहा है, रमिया

वही खड़ी रही और रामू ने जब गन्नो के पीछे छुप कर झाँका तो हरिया काका अपनी बेटी की कुँवारी चूत को उसकी जंघे

फैला-फैला कर चूस रहा था, रामू जल्दी से रमिया का हाथ पकड़ कर उधर ले गया और छुप कर उसे दिखाने लगा,

रामू- देख रमिया हरिया काका कैसे अपनी बेटी की चूत चाट रहे है बस कल इसी तरह मे खेत मे तुझे दिनभर नंगी

रख कर तेरी गुलाबी बुर चाटूँगा और तुझे खूब कस-कस कर चोदुन्गा, बोल बहना अपने भैया का मोटा गन्ना लेगी,

रमिया- भैया क्या अपनी बेटी की भी चूत चाट सकते है

रामू- बहना रानी बेटी क्या अपनी मा की चूत भी चाट सकते है,

रमिया- मुस्कुराते हुए अरे भैया तुम मा की चातोगे तो मा तुमसे खुस हो जाएगी,

रामू-उसके मोटे-मोटे दूध को दबाता हुआ मेरी रानी पहले तो मे तुम्हारी चूत ही चाटूँगा और फिर रमिया के दूध

मसलता हुआ अपने घर की ओर चल देते है,

रामू घर पहुचता है तो सामने उसकी मा अपनी साडी को अपनी जाँघो तक चढ़ाए हुए दोनो जाँघो को फैला कर सब्जिया

काट रही थी और वही पास मे घर के अंदर बँधे झूले मे उसकी बड़ी बहन निम्मो झूला झूल रही थी,

निम्मो-क्यो री रमिया आज ज़्यादा काम कर लिया क्या खेत मे जो ऐसे मरी-मरी सी चल रही है, क्यो रे रामू कही तूने इसे

मारा-वारा तो नही,

रामू- अरे नही दीदी, मे इसे मारूँगा तो क्या यह मेरी मार सह पाएगी,

रमिया- अरे दीदी भैया कभी मुझे मार सकते है क्या,

तभी रामू की नज़र अपनी सब्जी काट रही मा पर जाती है जो इनकी बात सुनते-सुनते अचानक अपने हाथो से पेटिकोट के उपर से

अपनी चूत खुजलाने लगती है और रामू बस यह सोच कर मस्त हो जाता है कि जब रमिया की चूत इतनी पाव रोटी जैसी फूली है तो

मा की चूत कितनी फूली होगी,

सुधिया- रामू बेटा चल तू कहाँ इन लोंदियो की बातो मे उलझ रहा है जा हाथ मुँह धो ले और ज़रा ये प्याज काट दे मे तेरी

पसंद के पकोडे बनती हू,

रामू-अच्छा मा और फिर रामू घर के आगन मे आ जाता है

रामू आगन मे हाथ पेर धोने लगता है तभी झुलके से उतर कर निम्मो उसके पीछे आती है,

निम्मो- क्यो रे रामू उधर हरिया काका के खेत के आगे वाले आम के पेड़ मे केरिया लग आई है क्या, बड़ा मन कर रहा

है कच्ची-कच्ची केरिया खाने का

रामू- हा दीदी मन तो मेरा भी कर रहा है पर मे उस और गया नही पिछले हफ्ते देखा था तब वहाँ छोटी-छोटी केरिया

लगी हुई थी,

निम्मो- मे कल तेरे साथ खेत चलती हू फिर सारा दिन आराम से खेत मे केरिया खाएगे

रामू- क्या बात है दीदी बड़ा मन चल रहा है तुम्हारा कच्चे आम खाने का

निम्मो- उसके कंधे पर मुस्कुरा कर धक्का मारते हुए, गुंडे कही के तू हमेशा अपनी गुदनी हर्कतो से बाज नही

आएगा,

रामू- मुस्कुराकर बताओ ना दीदी खूब मन कर मेरा तो रहा है खट्टे आम खाने का

निम्मो- मुस्कुराकर, तू तो ऐसे पूछ रहा है जैसे मेरा मरद हो, अब हाथ मुँह धो चुका हो तो जल्दी से जा यहाँ से हट

मुझे बहुत ज़ोर से पेशाब लगी है,

रामू- मुस्कुराकर वहाँ से हट जाता है और वहाँ से जाने लगता है तब निम्मो अपनी सलवार का नाडा खोल कर वही मूतने

लगती है रामू बड़ा चालाक था वह कमरे कि एक छोटी सी खिड़की खोल कर अपनी बड़ी बहन को मुतते हुए देखने लगता है ,

लेकिन उसे अपनी बहन के भारी-भारी गोरे-गोरे मस्त चूतड़ नज़र आने लगते है वह अपनी दीदी की मोटी गान्ड देख कर मस्त हो

जाता है और सोचने लगा हे दीदी की मोटी गान्ड तो रमिया के चुतड़ों से भी भारी और सुंदर नज़र आ रहे है, बड़ी मस्त

गान्ड मतकती है दीदी जब चलती है तो,

जब निम्मो मूत चुकी तब रामू अपनी मा सुधिया के सामने पहुच गया और उसके सामने बैठ कर प्याज काटने लगा,

सुधिया- मुस्कुराते हुए अरे बेटा खेत मे सब काम बराबर चल रहा है कि कोई परेशानी तो नही है कोई दिक्कत हो तो

बता, तेरा मन लगा रहता है कि नही

रामू- मा मन लगाने के लिए यह रमिया है ना और फिर हरिया काका के पास भी कभी कभार बैठ जाता हू,

सुधिया- बेटा उस कलमुंहे से दूर ही रहा कर नही तो अपनी संगति मे ना जाने क्या-क्या सीखा देगा, बड़ा बदमाश है हर

औरत पर गंदी नज़र मारता है,

रामू- अपनी मा की गदराई जवानी को देखता हुआ, भोला बनते हुए, गंदी नज़र मतलब मा

सुधिया- अरे हर औरत पर चढ़ने का मन करता है कमिने का

रामू- नही मा मे तो एक दो बार ही गया हू उनके पास

सुधिया-अरे बेटा तू नही समझेगा उसकी बीबी और उसकी दोनो बेटी उसके साथ ही सोती है,

रामू- तो क्या हुआ मा मे भी तो अपनी दोनो बहनो और तुम्हारे साथ ही सोता हू

सुधिया- अपने पल्लू से अपने दूध की गहराइयो मे पोछती हुई, बेटा अभी तू छोटा है तू ये सब बाते नही समझेगा

निम्मो- मुस्कुराते हुए अरे काहे का छोटा है मा, इसने तो अकेले ही बड़े-बड़े गन्ने खड़े कर दिए है खेतो मे

सुधिया- मुस्कुराते हुए, अरी कलमुंही तेरा भी खूब मन कर रहा होगा अब गन्ना चूसने का,

रामू भोला बनते हुए क्यो दीदी क्या तुम्हे गन्ना चूसना है, मेरे पास बहुत बड़ा गन्ना है.

रामू की बात सुन कर रमिया एक दम से रामू को देखने लगती है

सुधिया- मुस्कुराते हुए, तू भी बेटा हरिया काका से कम नही है अब अपनी बड़ी बहन को तू अपना गन्ना चूसाएगा,

सुधिया और निम्मो दोनो मंद-मंद मुस्कुरा रही थी,

रामू- क्यो मा क्या मे अपना गन्ना नही चूसा सकता दीदी को

सुधिया- बेटा अगर तू अपनी बहन को अपना गन्ना चूसा देगा तो कल को तो मुझे भी अपना गन्ना चूसने को कहेगा,

रामू- मा तुम्हे चूसना हो तो तुम्हे भी चूसा सकता हू, उसकी बात सुन कर निम्मो ज़ोर-ज़ोर से हस्ती हुई बाहर चली जाती है

रामू- मा यह दीदी क्यो हस रही है, मेने क्या ग़लत कह दिया

सुधिया- अरे तू छ्चोड़ उसकी बात को वह तो बदमाश है उससे तो खुद ही अब सब्र नही हो रहा होगा,

रामू- मा मुझे तो तुम्हारी बाते समझ मे ही नही आती ये लो प्याज कट चुके है, मे ज़रा घूम कर आता हू और रामू

घर के बाहर चल देता है,

निम्मो- मा कहा गया रामू

सुधिया- रामू के सामने ज़्यादा ही बेशर्मी पर उतर आती है थोड़ा तो ख्याल किया कर,

निम्मो- उसे इतना भी भोला ना समझो मा, मुझे तो उसकी नज़रो मे बड़ा कमीनापन नज़र आने लगा है देख नही रही थी

कैसे बार-बार अपनी धोती मे हाथ लगाने लगा है,

सुधिया- हस्ते हुए तू कभी नही सुधरेगी जा जाकर आटा लगा मेरी सब्जिया बन गई है,

रामू- अरे हरिया काका किधर चले जा रहे हो

हरिया- अच्छा हुआ रामू तू मिल गया चल एक-एक कस चिलम के हो जाए वहाँ उस मंदिर के पीछे अच्छी जगह है वही चल

कर बैठते है,

रामू- अरे हरिया काका इस तालाब मे तो अपने गाँव की औरते भी नहाती है ना,

हरिया-कस मारते हुए, अरे रामू वो जो घाट है ना उसमे हमने कल ही बड़ा मस्त माल नहाते हुए देखा है, एक दम

पूरा नंगा, अगर तुम देख लेते तो तुम्हारा पानी निकल गया होता,

रामू- ऐसा कौन सा माल था हरिया काका

हरिया- अरे रामू हम तुम्हे नही बता सकते, तुम्हे बताएगे तो तुम्हे बुरा ना लग जाए

रामू- अरे नही काका बताओ हमे क्यो बुरा लगेगा,

हरिया- इसलिए की वह माल तुम्हारे ही घर का था,

रामू -चिलम का जोरदार कस मारते हुए अपने लंड को मसल कर, अरे काका अब बता भी दो आपने हमारी बहन को देखा

था या हमारी मा को

हरिया- अब तुम कहते हो तो बता देता हू हमने तुम्हारी मा को देखा था

रामू- क्या मा पूरी नंगी हो गई थी

हरिया- वो जो पेड़ है उसके पीछे हम छुपे थे और तुम्हारी मा ने पहले अपना ब्लाउज उतार कर सिर्फ़ पेटिकोट पहन कर अपनी

गदराई जवानी को कम से कम आधा घंटे तक रगड़ा फिर एक दम से इधर उधर देख कर पूरी नंगी हो गई, क्या बताऊ

रामू तुम्हारी मा के भारी भरकम चुतड़ों ने मेरा लोड्‍ा तान कर रख दिया, लेकिन हम सिर्फ़ तुम्हारी वजह से मर्यादा मे

रह गये,

रामू अपने मन मे काका जिस दिन तुम्हारी औरत या बेटी हमे चोदने को मिल गई उस दिन हम उनकी चूत फाड़ ही देंगे

हरिया- क्या सोचने लगे रामू,

रामू- काका यही सोच रहे है कि आपकी यह चिलम पीने के बाद हमार चोदने का बड़ा मन करने लगता है

हरिया- अरे रामू तेरे घर मे तो माल ही माल है, तू चाहे तो अपने घर मे ही सारा मज़ा पा सकता है, बस थोड़ी कोशिश

करके चोद डाल अपनी बहनो को, और हम तो कहते है, अगर मोका लगे तो अपनी मा सुधिया को चोदने का जुगाड़ बना ले बड़ा ही कसा हुआ बदन है तेरी मा का इतनी उमर मे भी देखना किस तबीयत से तेरा लंड लेगी अपनी चूत मे, और सबसे ज़्यादा मज़ा तो तुझे उसकी गान्ड मारने मे आएगा, सच तेरी मा की गान्ड बहुत मस्त है, कल हमने तुम्हारी मा की गान्ड को सोच-सोच कर अपनी औरत और अपनी बेटियो को खूब हुमच-हुमच कर चोदा है, बड़ी मस्त है तेरी मा तुझे यकीन ना हो तो एक बार उसके गदराए बदन से चिपक कर देखना तेरा लंड कैसे भनभाना जाता है,

रामू- अपने लंड को मसल्ते हुए हा काका वो तो है

हरिया- मुस्कुराकर देख तेरा लंड अभी से अपनी मा की नंगी जवानी का नाम सुनते ही खड़ा होने लगा है सोच जब तू अपनी

मा को पूरी नंगी करके उसकी गान्ड और चूत मारेगा तब तुझे कैसा मज़ा आएगा,

रामू- काका वह सब तो ठीक है पर सबसे पहले यह बताओ मे अपनी बहन निम्मो को कैसे चोदु आज मेने जब से उसके

गोरे-गोरे मोटे चूतड़ देखे है मेरा लंड बहुत खड़ा हो रहा है

हरिया- अरे इसमे क्या बड़ी बात है एक बार तू निम्मो को अपना मोटा लंड दिखा दे अब तो वह इतनी गदरा गई है कि तेरा लंड खड़े-खड़े ले लेगी,

क्रमशः.............
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RE: Rishton Mai Chudai गन्ने की मिठास - by sexstories - 08-07-2019, 12:53 PM

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