RE: Rishton Mai Chudai गन्ने की मिठास
सुधिया ने धीरे- धीरे अपने ब्लाउज के बटन पूरे खोल दिए और जैसे ही उसने ब्लाउज उतारा उसके मोटे-मोटे
बड़े-बड़े पपितो के साइज़ के दूध देख कर मेरा लंड पूरी तरह तन गया,
मैने सुधिया की आँखो मे देखा तो वह पूरी नशीली लग रही थी, तभी सुधिया ने अपना मूह दूसरी ओर घुमा
कर अपने घाघरे का नाडा खोलने लगी,
राज- नही बेटी हमारे सम्मुख ही तुम्हे सारे वस्त्र उतारने होंगे नही तो हमारी सारी क्रिया बेकार हो जाएगी,
सुधिया माफ़ करना बाबा जी कहते हुए वापस घूम गई और घाघरे का नाडा खोलने लगी,
राज- बेटी हमारे सामने शरमाने का ख्याल भी दिल मे मत लाना क्यो कि तुम नही जानती हमने तुम्हारे जैसी कितनी
ही औरतो को हज़ारो बार नंगी देखा है और कई औरतो को हमने अपने लिंग के प्रसाद से मा बना कर उनको संतान
सुख दिया है, सुधिया मेरी बात सुनते हुए एक दम से अपने घाघरे को छ्चोड़ देती है और उसका फ्रंट व्यू देख
कर मेरी आँखे फटी की फटी रह गई, माइंडब्लोयिंग आज जिंदगी मे पहली बार मैं इतने हेवी पर्सनॅलिटी वाले माल को
देख रहा था इसके पहले मैने कभी ऐसी गुदाज भरे बदन की औरत को पूरी नंगी नही देखा था,
सुधिया की चूत बिल्कुल साफ थी उस पर बाल का नामोनिशान नही था लगता था जैसे कल ही अपनी चूत साफ की हो, उसकी
चूत किसी डबल रोटी की तरह फुल्ली हुई थी और बीच मे एक लंबा चीरा लगा हुआ था उसकी मोटी मोटी केले के तने
जैसी गोरी चिकनी जाँघो ने मुझे मस्त कर दिया था उसके मोटे-मोटे बोबे उसके शरीर के हिसाब से ही थे और पूरी
बॉडी ऐसी लग रही थी कि अगर कोई भी लंडा उस समय सुधिया से केवल नग्न होकर चिपक जाए तो उसका पानी निकल
पड़ेगा,
सुधिया के पूरे नंगे बदन का मैने बड़े आराम से अवलोकन किया और जैसे ही मेरी नज़र सुधिया से
मिली उसने अपनी नज़रे थोड़ी झुका ली लेकिन उसके चेहरे पर एक दबी हुई स्माइल मैने नोट की, उसने दुबारा मेरी ओर
देखा, शायद वह मेरे इशारे का इंतजार कर रही थी,
राज- बेटी अपने यह वस्त्र मुझे दे दो और तुम जाकर पानी मे डुबकी लगा कर आओ और जल्दी से उसी जगह चलो जहा
तुमने और रामू ने संभोग किया था, मेरी बात सुन कर सुधिया ने झुक कर अपने चोली और घाघरा उठा कर
मुझे दे दिया और फिर जब सुधिया अपने नंगे मोटे मोटे चूतादो को मतकाते हुए जाने लगी तो सच मे मेरा
तो दिल उसकी गुदाज मोटी गंद देख कर बैठा जा रहा था मेरा लोडा इतना टाइट हो गया कि दिल कर रहा था कि अभी रामू की मा की गंद मे अपना लंड डाल कर उसे चोद दू,
हल्का-हल्का उजाला होने लगा था और सुधिया नंगी डुबकी मार कर बाहर आने लगी उस घोड़ी के भारी भरकम जिस्म
को पानी मे पूरी तरह भीगा हुआ देख कर मैं उठ कर खड़ा हो गया और अपने लोदे को मसल्ते हुए सुधिया के
पास जाकर
राज- बेटी अब तुम आगे आगे चलो और मैं तुम्हारे पिछे चलता हू पर अब पिछे मूड कर तब तक नही देखना
जब तक कि मैं ना कहु, सुधिया मेरी बात सुन कर अपने गन्नो के खेत की ओर अपने भारी भरकम चूतादो को
मतकाते हुए चलने लगी और मैं उसकी गुदाज मोटी गंद को देखते हुए उसके पिछे चलने लगा, मैने अपना
लंड बाहर निकल लिया और उसकी मोटी गंद की थिरकन को घूरते हुए अपने लंड को मसल्ते हुए उसके पिछे चलने
लगा,
उजाला कुच्छ ज़्यादा होने लगा तब मैने सुधिया से कहा बेटी थोड़ा तेज तेज अपने कदम बढ़ा नही तो कोई भी
हमे देख लेगा, हमे उजाला होने के पहले ही वहाँ पहुचना है, मेरी बात सुन कर सुधिया पूरी नंगी किसी घोड़ी
की तरह अपनी गंद उठा-उठा कर चलने लगी और मैं उसके भरे हुए मोटे चूतादो को देख कर अपना लंड
सहलाते हुए उसके पिछे चलने लगा, सुधिया बहुत जोश मे चल रही थी और उसकी मोटी गंद कभी नीचे कभी
उपर होती हुई बहुत ही मस्त नज़र आ रही थी ऐसा लग रहा था उसकी गंद देख कर जैसे उसकी मोटी गंद बार बार
खुल कर मेरे लंड को घुसने का इशारा कर रही हो, थोड़ी ही देर मे रामू का गन्नो का खेत नज़र आने लगा और
फिर सुधिया सीधे गन्नो के बीच से होती हुई वही पहुच गई जहाँ बैठ कर उसने हरिया और चंदा की चुदाई
देखी थी,
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