Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
08-12-2019, 12:43 PM,
#6
RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते
नेलोफर ने हिचकिचाते हुए आहिस्ता आहिस्ता अपनी बात दुबारा शुरू की.

“इंसेपकटेर साब बात यह है कि यह जवानी बड़ी ज़ालिम चीज़ है. आप को पता है कि हमारी जाति में एक लड़की को ज़्यादा तर शादी के बाद ही मियाँ बीवी के “ इज़दवाजी” (सेक्स) ताल्लुक़ात का पता चलता है”. इतना कह कर नेलोफर की ज़ुबान जैसे लड़ खदाने लगी और वो रुक गई. सॉफ पता चल रहा था कि शरम के मारे उस की ज़ुबान उस का साथ नही दे रही थी.

नेलोफर ने अपनी बात को रोक कर ज़ाहिद और अपने भाई जमशेद की तरफ देखा.तो उस ने उन दोनो को अपनी तरफ ही देखते पाया.

उन से नज़रें मिलते ही नेलोफर ने अपने माथे पर आते हुए पसीने को हाथ से साफ किया और अपने मुँह में आते हुए थूक को निगल कर अपनी बात अहिस्ता से दुबारा स्टार्ट की.

जब मेरी शादी के एक महीने बाद मेरा शोहर मुझे छोड़ कर चला गया तो मेरे लिए अपने शोहर के बगैर रहना बहुत मुस्किल हो गया.

दिन तो घर के काम काज में गुज़र जाता मगर रात को अपने बिस्तर पर अकेली लेटती तो अपना बिस्तर ही मुझे काटने को दौड़ता. मगर में जैसे तैसे कर के अपने शोहर से दूरी का सदमा बर्दाश्त करने लगी.

इस दौरान मुझे मोहल्ले के लड़कों और कुछ अपने क़जन्स ने भी दोस्ती की ऑफर्स कीं. मगर आप तो जानते है कि हमारे मज़हब में अगर किसी लड़की का चक्कर किसी लड़के से स्टार्ट हो जाय. तो इस किस्म की बात ज़्यादा देर तक लोगों से छुप नही सकती.

इसी डर से में ने किसी और तरफ ध्यान नही दिया और अपनी जवानी की प्यास को अपने अंदर ही अंदर कंट्रोल करने की कोशिस करती रही.

इस तरह मेरी शादी को तकरीबन एक साल होने को था कि ईद-उल-फितर (छोटी) ईद आ गई.

में शादी के बाद अपनी पहली ईद मनाने अपने मेके आई.तो मेरे अम्मी अब्बू और भाई जमशेद सब मेरे आने पर बहुत खुश हुए.

फिर चाँद रात को में अपने हाथों में मेहन्दी और चूड़ियाँ चढ़वाने मोटर साइकल पर भाई के साथ बाज़ार गई.

चूड़ी की दुकान पर बहुत रश था और रश की वजह से औरते और मर्द सब एक दूसरे में घुसे जा रहे थे.

में अपने हाथों में चूड़ियाँ चढ़वाने में मसरूफ़ थी. कि इतने में एक ज़ोर दार धक्का पड़ा और मेरे बिल्कुल पीछे खड़े मेरे भाई का बदन पीछे से मेरे जिस्म के साथ चिपकता चला गया.

ज़ोर दार धक्का लगने से मेरा हाथ सामने पड़े दुकान के शो केस से टकराया. जिस की वजह से मेने जो चूड़ियाँ अभी तक चढ़वाई थी वो एक दम से टूट गईं.

भाई ने गिरते हुए अपने आप को संभालने की कॉसिश की. जिस की वजह से उस का एक हाथ मेरे दाएँ कंधे पर पड़ा जब कि उस का बाया हाथ बे इख्तियारी में मेरी बाईं छाती पर आन पड़ा.

चूँकि गर्मी की वजह से में ने लवन और भाई जमशेद ने कॉटन के पतले शलवार कमीज़ मलबूस-ए-तन ( पहने हुए ) किए हुए थे.

यह शायद हमारे पतले शलवार कमीज़ की मेहरबानी थी.कि भाई का यूँ मेरे साथ चिपटने से जिंदगी में पहली बार मेरे भाई का मर्दाना हिस्सा (लंड) बगैर किसी रुकावट के मुझे अपने जिस्म के पिछले मकसूस हिस्से (गान्ड) में चुभता हुआ महसूस हुआ.और उस का सख़्त और गरम औज़ार (लंड) मुझे अपनी मौजूदगी का अहसास दिला गया.

(नीलोफर अपनी कहानी बयान करते वक्त पूरी कॉसिश कर रही थी.कि जहाँ तक मुमकिन हो वो अपनी ज़ुबान से कोई गंदा लफ़्ज अदा ना करे. इसी लिए लंड और गान्ड का ज़िक्र भी वो ढके छुपे इलफ़ाज़ में कर रही थी)

जमशेद भाई को ज्यों ही अहसास हुआ कि इस धक्के की वजह से अंजाने में उस के हाथ और जिस्म मेरे जिस्म के उन हिस्सो से टकरा गये हैं. जो एक भाई के लिए शजरे ममनुआ ( ग़लत ) हैं. तो वो शर्मिंदगी की आलम में मुझे सॉरी करता हुआ दुकान से बाहर निकल गया.

इस वाकये के वक्त तक मेरी शादी के बाद मेरे शोहर को मुझ से दूर गये एक साल बीत चुका था.

और इस एक साल में यह पहला मोका था. जब किसी मर्द ने मेरे जिस्म के नज़ाक हिस्सो को इस तरह छुआ था. और वो मर्द कोई गैर नही बल्कि मेरा अपना सगा भाई था.

यूँ तो मेरे भाई का मुझ से यूँ टकराने का दौरानिया बहुत ही मुक्तिसार था.

लेकिन इस एक लम्हे ने भाई के जिस्म में क्या तब्दीली पेदा की मुझे उस का उस वक्त तो अंदाज़ा ना हुआ.

मगर भाई के मुझे इस तरह छूने से मेरे तन बदन में भाई की इस हरकत का शदीद असर हुआ. और मेरे जवान जिस्म के सोए हुए अरमान जाग उठे.

मुझे अपने बदन मे एक सर्द सी आग लगती हुई महसूस हुई. और मुझे यूँ लगा कि मेरे जिस्म के निचले हिस्से में से कोई चीज़ निकल कर मेरी शलवार को गीला कर गई है.

जमशेद भाई के दुकान से बाहर निकल जाने के बाद में ने दुबारा अपनी तवज्जो मुझे चूड़ी पहनाने वाले सेल्स मॅन की तरफ की. तो में ने नोट किया कि सेल्स मॅन के होंटो पर हल्की सी मुस्कराहट थी.

“बाजी शायद आप को अभी अंदाज़ा नही कि चाँद रात के इस रश में इस किस्म के आवारा लड़के ऐसी हरकतां करते हैं” सेल्स मॅन ने मुझे हल्की आवाज़ में बताया.

उस ने शायद मेरे भाई का हाथ और जिस्म मेरे बदन से टकराते हुए देख लिया था. मगर उस को यह अंदाज़ा नही हुआ कि जिस को वो एक आवारा किस्म का लड़का समझ रहा था. वो कोई और नही बल्कि मेरा अपना सगा भाई है.

जब मुझे पता चला कि सेल्स मॅन ने सब कुछ देख लिया है तो में बहुत शर्मिंदगी महसूस करने लगी. और में ने मज़ीद चूड़ियाँ नही चढ़वाई और सिर्फ़ वो चूड़ीयाँ जो मेरे हाथ में पहनाने के बाद टूट गईं थी.में ने उन की पेमेंट की और जल्दी से दुकान से बाहर निकल आई.

दुकान के बाहर मेरा भाई अपनी मोटर साइकल पर गुम सूम बैठा हुआ था.

उसे देख कर मेरे दिल की धड़कन तेज हो गई. मुझ में अपने भाई का सामना करने की हिम्मत ना थी.

में खामोशी से अपनी नज़रें झुकाए हुए आई और आ कर भाई के पीछे उस की मोटर साइकल पर बैठ गई.

ज्यों ही भाई ने मुझे अपने पीछे बैठा हुआ महसूस किया उस ने भी मुझे देखे बगैर अपनी मोटर साइकल को स्टार्ट करने के लिए किक लगाई और मुझे ले कर घर वापिस चला आया.

रास्ते भर हम दोनो में कोई बात ना हुई और थोड़ी देर में हम अपने घर के दरवाज़े पर पहुँच गये.

ज्यों ही भाई ने घर के बाहर मोटर साइकल रोकी तो में उतर कर घर का दरवाज़ा खोलने लगी. तो शायद उस वक्त तक भाई की नज़र मेरी चूड़ियों से खाली हाथों पर पड़ चुकी थी.

“बाजी आप ने चूड़ियाँ क्यों नही चढ़वाई” जमशेद ने मेरे खाली हाथो की तरफ देखते हुए पूछा.

“वो असल में जो चूड़ियाँ में ने पहनी थीं. वो धक्के की वजह से मेरी कलाई में ही टूट गईं तो फिर इस ख्याल से कि तुम को शायद देर ना हो रही हो में बिना चूड़ियाँ के ही वापिस चली आई” में ने बिना उस की तरफ देखे उस को जवाब दिया.

“अच्छा बाजी आप चलो में थोड़ी देर में वापिस आता हूँ” यह कहते हुए जमशेद मुझे दरवाज़े पर ही छोड़ कर अपनी मोटर साइकल पर कही चला गया.

में अंदर आई तो देखा कि रात काफ़ी होने की वजह से अम्मी अब्बू अपने कमरी में जा कर सो चुके थे.

में अपने शादी से पहले वाले अपने कमरे में आ कर बैठ गई.

दुकान में पेश आने वाले वाकये की वजह से मेरी साँसे अभी तक सम्भल नही पाईं थीं.

कुछ ही देर बाद मुझे मोटर साइकल की आवाज़ सुन कर अंदाज़ा हो गया कि भाई घर वापिस आ चुका है.

रात काफ़ी हो चुकी थी और इस लिए में अभी सोने के मुतलक सोच ही रही थी कि जमशेद भाई मेरे कमरे में दाखिल हुआ.

उस के हाथ में एक प्लास्टिक का शॉपिंग बॅग था. जो उस ने मेरे करीब आ कर बेड पर रख दिया और खुद भी मेरे साथ मेरे बिस्तर पर आन बैठा.

अब मुझे भाई के साथ इस तरह एक ही बिस्तर पर बैठने से शरम के साथ साथ एक उलझन भी होने लगी. और इस वजह से में भाई के साथ आँख से आँख नही मिला पा रही थी.
Reply


Messages In This Thread
RE: Indian Porn Kahani वक्त ने बदले रिश्ते - by sexstories - 08-12-2019, 12:43 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,412,084 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 534,509 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,196,276 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 904,235 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,604,280 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,038,367 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,880,972 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,822,049 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,942,971 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 276,741 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 3 Guest(s)