RE: Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
मैने अपने ब्लाउज के उपर के हुक खुद ही खोल कर, उनका हाथ पकड़ कर अपनी नंगी चुचियों पर रखा. उनको ये बहुत पसंद आया कि मैं अपनी ब्रा उतार चुकी हूँ. वो कुछ देर तक तो मेरी नंगी चुचियों से, मेरी तनी हुई निप्पल से खेलते रहे और फिर उन्होने अपना हाथ नीचे, मेरी फुददी की तरफ बढ़ाया. मैं थोड़ा आगे हो कर, अपनी टाँगें चौड़ी कर के कुछ इस तरह बैठ गई की उनका हाथ आराम से मेरी चूत तक पहुँच सके. मैने अपनी साड़ी और पेटिकोट कुछ ऐसे उपर किया ताकि और कोई दूसरा मेरी चड्डी को ना देख पाए मगर मेरे पति अपनी उंगली मेरी चूत मे डाल सकें. मेरे पति ने बहुत ही होशियारी से और बहुत ही क़ाबलियत से मेरी पहनी हुई चड्डी की साइड से अपनी उंगली मेरी गीली चूत के मूह तक ले गये. मेरी चूत तो जैसे टपक टपक कर उनको चोद्ने का निमंत्रण दे रही थी. उन्होने अपनी उंगली मेरी चूत के होठों के बीच मे डाल कर उसे उपर की ओर बढ़ाना शुरू किया और वो मेरी चूत के दाने तक पहुँच गये. मेरी चूत के दाने पर उनकी उंगली घूमती रही और ये सब बड़े आराम से हो रहा था क्यों कि मेरी चूत तो पहले से ही काफ़ी गीली थी और उनको अपनी उंगली मेरी फुददी मे घुमाने मे कोई दिक्कत नही हो रही थी.
मैं तो पहले से ही काफ़ी गरम थी जब से आंजेलीना से मिली थी, और इस वजह से मुझे झड़ने मे ज़्यादा वक़्त नही लगा. थोड़ी ही देर मे मैं झाड़ गई और उनकी मेरी चूत मे घूमती हुई उंगली को मैने अपनी चूत मे ही जाकड़ लिया.
मैं उनका लंड पकड़ कर दबा रही थी, हिला रही थी, मसल रही थी. पर मैने इस बात का पूरा ध्यान रखा कि कहीं उनके लंड का लंड रस ना निकल जाए. और वैसे भी मुझे पता है कि उनके लंड से पानी निकलने मे काफ़ी वक़्त लगता है. मैने तो उनको नही झाड़ा, पर मैं तो झाड़ चुकी थी. लेकिन मुझे ये बताते हुए बड़ी खुशी हो रही है की उन्होने मेरी चूत मे उंगली कर के, सिनिमा ख़तम होने तक मुझे दोबारा झाड़ दिया था. सिनिमा हॉल मे सब लोग सिनिमा देखने मे मगन थे और किसी को भी पता नही चला की एक जवान और सेक्सी जोड़ा सिनिमा का दोहरा मज़ा ले रहा है. हम सिनिमा का मज़ा भी ले रहे थे और अपनी सेक्सी हरकतों की वजह से चुदाई का मज़ा भी ले रहे थे. जब सिनिमा ख़तम होने आई तो हमने अपने आप पर काबू किया और अपने अपने कपड़े ठीक करते हुए, शरीफ मियाँ – बीबी की तरह अपनी अपनी कुर्सी पर सीधे बैठ गये. एक मर्द – औरत का जोड़ा, जो हमसे कुछ सीट पीछे बैठा हुआ था, हमारी तरफ देखा रहा था. वो लोग ज़रूर ये सोच रहे होंगे कि हमने वहाँ कुछ ऐसा किया था जिस पर उनकी नज़र नही पड़ी थी.
सिनिमा देख कर हम घर पहुँचे. रात का खाना मैने अपने सास ससुर और पति के साथ खाया और खाना खाने के बाद मेरे सास ससुर तो सोने चले गये और मैं अपने बेड रूम मे अपने पति का इंतज़ार करने लगी. मेरे पति अपने किसी दोस्त से मिलने के लिए बाहर गये थे. मैने अपनी एक सेक्सी नाइटी पहनी हुई थी जिसके अंदर मैने ब्रा और चड्डी नही पहनी थी. रात को करीब 11 बजे मेरे पति आए और आते ही उन्होने मुझे अपनी बाहों मे भर लिया और मुझे चूमने लगे.
उनका हाथ घूमता हुआ मेरी जाँघो पर और उसके बाद मेरी गंद की दरार तक पहुँचा. उनको तुरंत ही पता चल गया कि नाइटी के अंदर मैने कुछ नही पहना है. उन्होने मेरी गंद की गोलाईयों को दबाया तो मुझे बहुत आनंद आया. मुझे लग रहा था जैसे मैं अभी अभी जवान हुई हूँ और मैने अपने सेक्सी बदन को उनके सेक्सी बदन से चिपका दिया. उन्होनेमुझे अपने आप से अलग किया, मेरी नाइटी को नीचे से पकड़ा और एक झटके मे उसे मेरे बदन से उतार फेंका. मैं उनके सामने पूरी तरह नंगी खड़ी थी और मेरी चुचियाँ, मेरी तनी हुई निप्पल्स, दब्वाने, मसलवाने और चुसवाने के किए पूरी तरह तय्यार थी. मैं भी चुद्वाने के लिए तय्यार थी क्यों की मेरी नटखट चुड़क्कड़ चूत जम कर चुद्वाने के लिए मरी जा रही थी. तुरंत ही वो मेरी तनी हुई निप्पल को अपने मूह मे ले कर चूसने लगे तो मेरी पहले से गीली फुददी और भी गीली हो गई. जल्दी ही उन्होने मुझे उठाकर बिस्तर पर लिटा दिया. मैने उनकी टी-शर्ट के दोनो बटन खोल कर उनकी टी-शर्ट को उनके बदन से अलग कर दिया. उनकी चौड़ी और नंगी छाती पर हाथ घूमाते हुए मैने उनकी निप्पल को अपनी उंगलियों के बीच ले कर मसल दिया तो वो उच्छल पड़े. फिर मैने उनकी बेल्ट खोल कर उनकी पॅंट को भी खोल दिया. उन्होने अपनी पॅंट को अपने पैरों से निकाल दिया. मैने देखा कि उनका लॉडा खड़ा हुआ है और उनकी चड्डी मे तंबू मे बंबू की तरह लग रहा है. मैने ज़मीन पर बैठते हुए उनकी चड्डी पकड़ कर नीचे खींच ली. उनका प्यारा सा, तना हुआ, मज़बूत, सख़्त, लंबा, मोटा और तन्ततनाता हुआ चुदाई का औज़ार, उनका लंड मेरी आँखों के सामने था. मैने जब उनके लौडे को हाथ लगाया तो वो हमेशा की तरह लोहे के डंडे जैसा सख़्त था.
पहली कोशिश मे मैं उनके खड़े हुए मोटे और लंबे लौडे का सिर्फ़ सूपड़ा ही अपने मूह मे ले पाई. मैने आगे हो कर उनका लंड थोड़ा और अपने मूह मे लिया और उसे चूसने लगी. अपने हाथ से मैने उनके लंड का मेरे मूह से बाहर नीचे का हिस्सा पकड़ और हिलना शुरू किया. बीच बीच मे मैं उनके लंड के नीचे लटकती गोलियों को भी सहला रही थी. उन्होने मुझे पकड़ कर खड़ी करना चाहा मगर मैं तो उनका लंड चूसने का मज़ा लेना चाहती थी इसलिए मैं उनके लौडे को चुस्ती रही, चाट ती रही, हिलाती रही. अब उन्होने जैसे आगे पीछे हो कर मेरे मूह को ही चोद्ना शुरू कर दिया था. उनके लौडे का आगे का भाग मेरे मूह मे अंदर बाहर हो रहा था और हम दोनो मुख मैथून का मज़ा लेने लगे. कुछ देर बाद उन्होने मुझे पकड़ कर खड़ी कर दिया और मुझे ले कर फिर से बिस्तर मे आ गये.
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