RE: Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
जुली को मिल गई मूली-28
गतान्क से आगे.....................
अपनी जीभ बाहर निकाल कर वो अंजू की चूत के होठों पर फिरा रहे थे, उपर से शुरू करके, नीचे की ओर, उसकी चूत के दरवाजे की ओर उनकी जीभ बढ़ रही थी. अंजू के पैर फैले होने की वजह से उसकी फुददी के होंठ खुले हुए थे. मुझे पूरा यकीन है कि उनको अंजू की चूत से रिस्ता हुआ रस चखा होगा, जो कि मैं भी जानती हूँ और वो भी जानते हैं की बहुत स्वदिस्त है. अंजू के मूह से चुदाई की, आनंद भारी आवाज़ और सिसकी निकली. मेरी आँखें तो जैसे मेरे पति की, अंजू की फुददी पर नाचती हुई जीभ पर टिकी थी. अब उन्होने अंजू की गंद पकड़ कर, पीछे दबा कर अंजू की चूत को ओर भी चौड़ा कर दिया था. मैने अंजू का एक पैर पकड़ कर उसे और भी चौड़ा किया ताकि वो भी चूत आट मेरे पति की जीभ अपनी चूत पर देख सके. लेकिन जल्दी ही मेरे पति ने अपना मूह खोला और अंजू की चूत को अपने मूह मे ले लिया. अंजू के चूत के होंठ मेरे पति के मूह के होंठों के बीच थे और मेरे पति की जीभ अंजू की चूत मे घूम रही थी.
मुझे पता चल रहा था कि वो अंजू की चूत मे अब नीचे से उपर की ओर अपनी जीभ फिरा रहे थे. अंजू की चूत के दरवाजे से अंजू की चूत के दाने तक, अंजू की चूत चाती जा रही थी और जल्दी ही मैने देखा कि उन्होने अपनी जीभ अंजू की चूत के अंदर डाल दी थी. अंजू तो जैसे उच्छल ही पड़ी. उसके मूह से जोरदार सिसकारी निकली, आआआःह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह.
थोड़ी देर अंजू की फुददी को अपनी जीभ से चोद्ने के बाद उन्होने अपनी बीच की उंगली अंजू की चूत के अंदर घुसा दी ओर अपनी उंगली को अंदर बाहर करते हुए अंजू की चूत चोद्ने लगे. मुझे पता लग रहा था कि अंजू की बहुत कम चुदि हुई चूत कितनी टाइट थी. अंजू की चूत से रस की नदी बह रही थी और मैने देखा कि अंजू तो जैसे चुदाई के लिए पागल सी हो गई है. वो अपनी गंद हिलाने लगी, अपने पैर हिलने लगी और अपने मूह से अजीब अजीब सी आवाज़ें निकालने लगी. मेरे पति उसकी चूत मे उंगली करते हुए उसके चूत के दाने को चूस रहे थे. ऐसा लगता था कि अंजू जल्दी ही झड़ने वाली है. वो जल्दी जल्दी मेरे पति के हाथ पर और मूह पर अपनी चूत दबाने लगी. उसकी चूत मेरे पति की उंगली से चुद्ति जा रही थी.
अचानक ही अंजू झाड़ गई और मेरे पति की उंगली को उसने अपने पैर भींच कर अपनी बहती हुई चूत मे ही जाकड़ लिया. मेरे पति अभी भी उसकी चूत के दाने को अपने होठों मे पकड़ कर चूसे जा रहे थे. अंजू तो जैसे चिल्लाई ” ओह…….. आअहह.. रूको…….बस करो…… मेरा हो गया है……. बस करो जान……………….., वो नीचे झुकी ओर मेरे पति का सिर पकड़ कर उनका मूह अपनी चूत से हटाया, लेकिन मेरे पति की उंगकी अभी भी उसकी चूत मे घुसी हुई थी. कुछ देर रुकने के बाद, मेरे पति ने फिर से उसकी चूत को अपनी उंगली से चोद्ना शुरू कर दिया. उनकी उनकी उंगली अंजू की गीली चूत मे अंदर बाहर होने लगी.
धीरे धीरे शुरुआत कर के अब वो जल्दी जल्दी, ज़ोर ज़ोर से अंजू की चूत मे अपनी उंगली अंदर बाहर करने लगे. मुझे मेरे पति को अंजू की चूत मे उंगली करते हुए, अंजू की चूत अपनी उंगली से चोद्ते हुए, अंजू की चूत मे हस्तमैतून करते हुए देखने मे बहुत मज़ा आ रहा था. अंजू की गंद हिलने से, उसके चेहरे से, उसके बदन की अकड़न से पता चल रहा था कि वो फिर से एक बार झड़ने वाली है. और अचानक ही, वो फिर से झाड़ गई.
” हे भगवान…… जूली…….. ऐसा लगता है कि मेरी पूरी चुदाई हो गई है. मेरी प्यास बुझ गई है.” अंजू मस्ती मे बोली.
” तो……. एक बार फिर हो जाए? ” मैने कहा.
” नही यार……….. मेरा तो बहुत पानी निकल चुका है. लेकिन मज़ा बहुत आया.” वो बोली
लेकिन मेरे पति ने एक बार फिर से उसकी रसीली चूत को चाटना शुरू किया तो उस से भी नही रहा गया. अंजू की चूत एक बार फिर से चुद्ने लगी. इस बार मेरे पति की जीभ से. मेरे पति जी जीभ किसी मर्दाना लौडे की तरह अंजू की चूत मे अंदर बाहर होने लगी और अंजू फिर से मज़े ले कर चुद्वाने लगी. अंजू बहुत दिनो के बाद चुद्वा रही थी और क्या खूब चुद्वा रही थी. मैं अपनी पति से अंजू को चुद्वा रही थी. मैने अंजू के हाथ पकड़े हुए थे और मैं देख रही थी कि अंजू की चुचियाँ रह रह के काँप रही थी, हिल रही थी. मेरे पति फिर से अंजू को ज़ोर ज़ोर से, जल्दी जल्दी, अपनी जीभ से छूने लगे थे. अंजू फिर से झड़ने वाली थी.
” आआआआअहह………………..ऊऊऊहह…” अंजू के मूह से निकला.
मैने अपने पति के कान मे कहा कि वो हट जाए और अब मुझे अपनी जीभ अंजू की चूत मे डालने दे. मेरे पति ने तुरंत ही अपना मूह अंजू की चूत से हटाया और मैने जल्दी से अपनी जीभ अंजू की रसीली, बहती, गीली और स्वदिस्त फुददी मे डाल कर उसकी चूत को अपनी जीभ से चोद्ने लगी. अंजू ने अचानक अपनी आँखें खोल कर देखा कि क्या हो गया है और वो मुस्करा पड़ी. मैं भी पहले धीरे धीरे और फिर तेज़ी से अंजू की चूत मे अपनी जीभ अंदर बाहर करने लगी. अंजू के दोनो पैर मेरे कंधे पर थे और अंजू बड़े आराम से, बड़े मज़े से, मुझसे अपनी चूत चटवा रही थी, मेरी जीभ से अपनी चूत चुद्वा रही थी. एल औरत, दूसरी औरत की चूत चाट रही थी और एक मर्द, मेरे पति हम दोनो को देख कर मज़ा ले रहे थे. अंजू फिर से एक बार झड़ने वाली थी.
” तुम्हारी जीभ कमाल है जूली………. आआहह” वो बोली.
मैं तो बस उसकी चूत मे अपनी जीभ अंदर बाहर कर रही थी. अंजू की चूत को अपनी जीभ से चोद्ते चोद्ते, मैने अपना हाथ नीचे पानी मे, अपनी टाँगों के बीच, अपनी चूत पर ले गई. मेरे पति मेरे पीछे आए और उन्होने पीछे से हाथ डाल कर मेरी दोनो चुचियाँ पकड़ ली. उनका हाथ लगते ही मेरे चुचियाँ तन कर खड़ी हो गई. वो पीछे से मेरी चुचियाँ दबाते हुए मेरे और नज़दीक आए तो उनका तना हुआ, खड़ा हुआ, लंबा और मोटा चुदाई का औज़ार, उनका लॉडा, मेरे गंद के नीचे, मेरी टाँगों के बीच मे आ गया. पानी मे ही मैने अपनी गंद को उनके लंड पर दबाया. उनका गरमा गरम लॉडा पानी मे मेरी गंद को बहुत मज़ा दे रहा था. पानी के अंदर, उन्होने अपना लॉडा अपने हाथ मे पकड़ कर, मेरे टाँगों के बीच से मेरी चूत के दरवाजे पर लगाया तो मैने पानी मे अपनी टाँगें और चौड़ी कर ली. जैसे ही उन्होने पानी के अंदर एक झटका लगा कर अपने लंड का अगला भाग मेरी चूत मे घुसाया, पानी के बाहर चूत चुस्वाती अंजू झाड़ गई. अंजू ने अपनी टाँगों से मेरे सिर को जाकड़ लिया. उधर पानी के अंदर, मैं अपनी गंद आगे पीछे करके उनके लंड को अपनी चूत मे ले रही थी. अंजू के मूह से मज़े के मारे चीखें सी निकलने लगी. वो वाकई मे बहुत ही ज़ोर से झड़ी थी. मैने अंजू के पैर अपने सिर से हटाए और पूल मे लटकाए, तो अंजू भी पानी मे गिर पड़ी. उसने पानी मे डुबकी लगा कर, मेरे पति के लौडे को मेरी चूत के अंदर बाहर होते देखा.
कुछ देर यौं ही पानी के अंदर ही चुद्वाने के बाद, वक़्त आ गया था कि चूत और लंड की असली चुदाई का. मैने उनका लॉडा अपनी चूत से बाहर निकाला और पूल की सीढ़ियो की तरफ तैरते हुए बोली ” बाहर चुदाई करते हैं.”
मैं आगे आगे थी, अंजू मेरे पीछे थी और मेरे पति आख़िर मे थे. हम तीनो पानी से बाहर आ गये. हम तीनो को ही शानदार चूत चुदाई की ज़रूरत थी. मुझे और अंजू को चुद्वाने की और मेरे पति को चोद्ने की. जैसा कि मैने बताया है कि मैं अंजू को ज़्यादा से ज़्यादा चुद्वाना चाहती थी ताकि वो इस चुदाई को बहुत दिनो तक याद रखे. ना जाने बेचारी की चूत की किस्मत मे फिर कब चुद्वाना लिखा है. मुझे पूरा यकीन था कि अंजू ने आज वो मज़ा लिया है जो उसको कभी नही मिला.
मुझे पता है कि मेरे पति चुदाई मे इतने मज़बूत है कि वो एक साथ मे हम दोनो को चोद सकते है और दोनो को पूरा संतुष्ट कर सकते हैं. और आज भी वही होने वाला था. मेरे पति मुझे और अंजू, दोनो को, एक के बाद एक को चोद्ने वाले थे. मेरी चूत मे उनके लौडे से चुदाई की खुजली हो रही थी, इसलिए मैने अपने पति से पहले चुद्वाने का सोचा. अंजू की चूत मे उंगली करके, जीभ डाल कर के हम दोनो ने उसको कई बार झाड़ दिया था. और फिर मैं अंजू को मेरी चुदाई होते हुए देखने का मज़ा भी देना चाहती थी.
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