Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
08-14-2019, 04:03 PM,
RE: Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली
मैने उनको चुदाई करते हुए बीच मे ही रोका और बोली कि अगर हम दोनो कपड़े उतार कर चुदाई करे तो बेहतर होगा. उन्होने मेरी बात मानी और अपने चोद्ते हुए लौडे को, मेरी चूत मे घुसे हुए लंड को बाहर निकाला मैने देखा कि उनका पहलवान, लंबा लॉडा जैसे मेरी तरफ ही देख रहा था. उनका चोद्ने का हथियार मेरी आँखों के सामने लहरा रहा था. मेरे पति ने अपना टी-शर्ट निकाला और मेरी तरफ देखा. तब तक मैं भी अपना टॉप उतार चुकी थी और मेरी दोनो चुचियाँ बाहर आ गई थी क्यों कि मैने अंदर ब्रा नही पहनी थी. मेरी दोनो निप्पल्स तन कर खड़ी थी और लंबी हो गई थी. मेरी चुचियों को नंगी, अपनी आँखों के सामने देख कर शायद उनके मूह मे पानी आ गया होगा. वो अपनी पॅंट उतारने के लिए खड़े हुए. इस से पहले की वो अपनी पॅंट उतारे, मैने एक झटके मे अपनी चड्डी उतार फेंकी. मैं पूरी तरह नंगी हो कर चुद्वाने के लिए तय्यार थी. मेरी प्यारी सी, सफाचट, बिना बालों वाली फुददी उनके सामने थी. जैसे मेी चुचियों को देख कर उनके मूह मे पानी आ गया था, वैसे ही उनके तने हुए, गीले, अभी अभी मेरी चूत से बाहर आए लौडे को देख कर मेरे मूह मे भी पानी आ गया था. जैसे ही उन्होने अपनी पॅंट और चड्डी उतारी, मैने उनके फन्फनाते हुए लौडे को पकड़ कर अपने हाथ से प्यार से सहलाया. दो तीन बार उनके लौडे को पकड़ कर मूठ जैसे भी मारी और तुरंत ही उनके लंड को अपने मूह मे ले कर चूसने लगी.

वो पलंग पर बैठ गये और मेरे बालों मे हाथ फिराने लगे. मैं लंड चुसाइ मे बहुत उस्ताद हू जैसे कि चूत को चुद्वाने मे हू. उन को अपना लॉडा चुसवाने मे बहुत मज़ा आ रहा था. मैने उनके लौडे के मूह को अपने मूह मे डाला और उनके लौडे का निचला हिस्सा अपने हाथ मे पकड़ कर मूठ मारने लगी. उनके लंड का सूपड़ा चूस्ते हुए मैं उनको पूरा पूरा मज़ा दे रही थी और खुद भी उनके लंड को चूसने का मज़ा ले रही थी. उनको इतना मज़ा आ रहा था कि वो अपनी गांद उपर कर कर के मेरे हाथ को और मेरे मूह को अपने लंबे लौडे से चोद्ने लगे.

हालाँकि मैं बहुत अच्छी लंड चुसक्कड़ हू, पर मैं उनका लॉडा चूस चूस कर ही पानी नही निकालना चाहती थी. मैं तो चाहती थी कि वो मेरी गीली चूत मे अपना लंड घुसा कर मुझे और चोदे. कुच्छ देर तक उनका लंड चूसने के बाद मैने उनको बिस्तर पर लिटा दिया. अब तक मैने उनका लंड चूस चूस कर उनके लौडे को पानी निकालने के काफ़ी नज़दीक पहुँचा दिया था. उनको पीठ के बल लिटा कर मैं उन पर सवार हो गई और बिना देरी किए, उनका फड़फदता हुआ लॉडा पकड़ कर अपनी गीली चूत मे घुसा लिया. मुझे ये पोज़िशन बहुत पसंद है.

उन्होने नीचे से मेरी गांद पकड़ रखी थी और मैं उनके लौडे पर सवार हो कर उपर नीचे हो रही थी. वो मेरी दोनो चुचियों को देख रहे थे जो मेरे उपर नीचे होने से हवा मे नाच कर उपर नीचे हो रही थी. उन्होने अभी तक मेरी चुचियाँ नही चूसी थी. मैं खुद भी चाहती कि वो मेरी चुचियाँ चूसे. इसलिए, मैं थोड़ा आगे हो गई, उनके सिर के दोनो तरफ अपने हाथ टिकाए और अपनी चुचियाँ उनके मूह तक ले आई. उन्होने अपने हाथ मेरी गांद पर से हटाए और अपने दोनो हाथो से मेरी चुचियाँ मसल्ने लगे. जल्दी ही उन्होने मेरी एक निप्पल को अपने मूह मे ले कर चूसना शुरू किया और मेरी दूसरी चुचि को अपने हाथ से मसल्ने लगे.

मेरी साँसे तेज होने लगी. मेरी चुचि चूसी जा रही थी और मेरी चूत चुद रही थी. मैं जल्दी जल्दी उनके लौडे पर उपर नीचे होने लगी और उनका लॉडा जल्दी जल्दी मेरी चूत मे अंदर बाहर होने लगा. वो भी नीचे से अपनी गांद उठा उठा कर अपने लंड को मेरी चूत मे काफ़ी अंदर तक घुसा रहे थे. उनके लंबे चौड़े, मज़बूत लौडे से चुद्वाना हमेशा ही बहुत मज़ा देने वाला होता है. मेरी चुचि चूस्ते चूस्ते उन्होने अपने हाथ से मेरी गांद को पकड़ा और बहुत ज़ोर ज़ोर से अपने लौडे पर दबाने लगे, जिस से उनका लंबा लॉडा मेरी चूत के काफ़ी अंदर, मेरी बच्चेदानी के दरवाजे पर दस्तक देने लगा था.

मेरी साँसें और तेज हो गई और मैं पूरे जोश मे उनके लंबे लौडे पर नाचने कूदने लगी. मेरी फुददी का गीलापन बढ़ता ही जा रहा था और मैं जल्दी ही झड़ने वाली थी. जैसे जैसे मेरी गांद उपर नीचे हो रही थी, वैसे वैसे उनका लॉडा मेरी चूत मे अंदर बाहर हो कर मेरी चूत को अंदर तक चोद रहा था. मैं झड़ने से पहले उनसे काफ़ी चुद्वाना चाहती थी, पर मेरी चूत ज़्यादा सहन नही कर सकती ये मैं जानती थी. मैं इतनी ज़्यादा गरम हो जाती हू कि बहुत जल्दी झाड़ जाती हूँ, और मेरे पति का लॉडा इतना मज़बूत है कि उस मे से पानी निकलने मे बहुत वक़्त लगता है. मैं बहुत भाग्यशाली हू जो मुझे बहुत ज़्यादा देर तक चोद्ने वाला पति मिला है. वरना मैं ऐसी कई औरतों को जानती हूँ, जिनके पति उनको पूरा चोद भी नही पाते और औरत के झड़ने से पहले ही झाड़ जाते हैं. मैने एक झटके मे अपनी गंद ज़ोर से नीचे की, उनके लौडे को अपनी चूत के अंदर तक घुसाया और मैं तो झाड़ गई. मेरा बदन अकड़ गया और मैं उनके लंड पर बैठी, उनका लंड अपनी फुददी मे लिए अपने झड़ने का मज़ा लेने लगी.

कुछ देर चुप चाप रहने के बाद मेरी गंद फिर से धीरे धीरे उपर नीचे होने लगी. चुदाई का अगला दौर शुरू हो चुका था. आख़िर उनके लौडे से पानी निकाल कर उनको भी तो झाड़ना था. हम दोनो अभी भी चोद्ते हुए और चुद्वाते हुए चुंबन कर रहे थे. मैने अपनी जीभ उनके मूह मे घुसा और वो मेरी जीभ को चूस्ते हुए मुझे नीचे से चोद्ने लगे और मैं उपर से चुद्वा रही थी या उनको चोद रही थी ये आप ही डिसाइड करो.

मैं उनके उपर सवार हो कर चोद्ते चोद्ते थक गई थी. कुछ ही देर मे, उन्होने मुझे पकड़ कर बिस्तर पर लिटाया और तूफ़ानी रफ़्तार से अपने मज़बूत लौडे से मेरी फुददी की चुदाई करने लगे. मैं उनके लौडे के नीचे लेटी हुई मज़े से चुद्वा रही थी. वो अपने लंड के धक्के मेरी चूत मे ज़ोर ज़ोर से और जल्दी जल्दी लगाने लगे. उनका लंबा लॉडा मेरी चूत से बाहर आता और ज़ोर से फिर मेरी चूत मे घुस जाता.

मेरे पति मुझे अपने दोस्त के गेस्ट रूम मे चोद रहे थे और मेरे दिमाग़ मे आया कि गस्ट रूम मे धूम. वो मुझे चोद्ते जा रहे थे…………………चोद्ते जा रहे थे………………बिना रुके, जल्दी जल्दी, ज़ोर ज़ोर से चोद्ते जा रहे थे. उनके चोद्ने की मशीन, उनका लंबा मोटा लॉडा मेरी चूत को चोद कर मज़े ले रहा था.

जैसा की हमेशा होता है, मैं फिर से एक बार झाड़ गई. मगर उनके लॉड से अभी तक पानी नही निकला था. जैसे ही मेरे पति को मेरे झड़ने का पता चला, उन्होने मुझे चोद्ना बंद कर दिया और अपना लंबा लॉडा मेरी चूत के अंदर घुसा कर रुक गये ताकि मैं अपने झड़ने का मज़ा ले सकूँ.

उनका लॉडा अभी भी मेरी चुदवाइ हुई, झड़ी हुई, संतुष्ट हो गई चूत के अंदर घुसा हुआ था. मुझे लग रहा था कि मेरे पति भी झड़ने से ज़्यादा दूर नही थे. मैं जानती थी कि अगर वो मुझे फिर से चोद्ना शुरू करें तो 15/20 धक्कों मे उनके लौडे से प्रेम रस निकल कर मेरी चूत को भर देगा.

मैने तो अपनी चूत को भरपूर चुद्वा लिया था और अब मैं उनको लंड से पानी निकलने का मज़ा देना चाहती थी. आज मैने चूत चुद्वा ली थी पर चुचियों को नही चुद्वाया था. मुझे पता है कि मेरे पति को मेरी चुचियाँ भी बहुत पसंद है. चूसने के लिए, मसल्ने के लिए और चोद्ने के लिए भी.

मैने उनसे पुछा कि क्या वो मेरी चुचियों को चोद्ना चाहते हैं? तो उन्होने हां मे सिर हिलाया. मैं भी खुश हो गई क्यों कि चुचियाँ चुद्वाने का मज़ा ही कुछ और है.

उन्होने अपना गीला लॉडा मेरी गीली चूत से निकाला और आगे हो कर अपना लंड मेरी दोनो नंगी चुचियों के बीच मे रख दिया. मैने अपने हाथ उनकी गंद पर रखे और उन्होने अपने हाथ से मेरी दोनो चुचियाँ पकड़ कर अपने लौडे को उनके बीच मे दबा लिया. उनका लॉडा गीला तो था ही, इसलिए उस को मेरी चुचियों के बीच आगे पीछे होने मे कोई परेशानी नही हुई. मेरी चुचियाँ पकड़ कर, उनके बीच मे अपना लंड डाल कर वो ऐसे धक्के लगाने लगे जैसे अपना लॉडा मेरी चूत या गंद मे डाल कर लगते है. मेरी नरम नरम चुचियों को भी उनके कड़क, लोहे जैसे लौडे से चुद्वाने मे बहुत मज़ा आ रहा था. मैने भी अपना सिर थोड़ा उपर किया ताकि जब उनका लंबा लॉडा मेरी चुचियों के बीच से आगे आए तो मेरे मूह तक आ जाए. मैने अपने जीभ बाहर निकाली और जैसे ही उनका लॉडा झटके के साथ मेरे मूह के पास आता तो मैं अपनी जीभ उनके गुलाबी सुपाडे पर फिरने लगी. इसी तरह मेरी चुचियों को चोद्ते हुए उनका लॉडा अब इतना उपर आ रहा था कि मैं उनके लौडे के मूह को आसानी से अपने मूह मे भी ले सकती थी. मेरी चुचियाँ और मूह, दोनो ही उनके लौडे से चुद रहे थे.

इतनी देर तक मेरी चूत छोड़ने के बाद, अब मेरी गीले मूह की गर्मी ऐसी थी कि वो भी ज़्यादा देर तक नही टिक सके. जैसा कि मुझे अंदाज़ा हुआ था, 20/25 धक्कों के बाद मैने उनके लौडे के सूपदे को अपने मूह मे आते जाते फूलते हुए महसूस किया. अचानक वो और आगे आए और जितना हो सकता था, अपना लॉडा मेरे मूह के अंदर डाल दिया.

मैने उनके आंडवे की गोलियों को सहलाया और उनका लॉडा ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी. उन्होने दो तीन धक्के लगा कर जैसे अपने लौडे से मेरे मूह को चोदा और फिर अपने लौडे से प्रेम रस की फुहार मेरे मूह के अंदर करनी शुरू कर दी. जितना मुझ से हो सकता था, उतना रस मैं पी गई, मगर उनके लौडे से इतना रस निकलता है, और वो भी तेज तेज धार मे की पूरा रस पीना संभव नही है. काफ़ी सारा रस मेरे मूह से बाहर आ गया.

जब तक उनका लॉडा प्रेम रस बरसाता रहा, मैं पीती गई और उनके लौडे से रस की अंतिम बूँद जब तक नही निकल गई, मैं उनका लॉडा चुस्ती रही और प्रेम रस पीती रही.

अपना नरम होता लॉडा उन्होने मेरे मूह से निकाला और मेरे बराबर मे सो कर मेरे नंगे बदन को अपने नंगे बदन से चिपका लिया.

गेस्ट रूम मे धूम मचाने के बाद ना जाने कब हम दोनो की आँख लग गई और हम एक दूसरे के नागे बदन से लिपटे हुए सपनो की दुनिया मे खो गये. तो दोस्तो मेरी ये कहानी यही ख़तम करती हूँ वैसे तो मेरी जिंदगी मे सेक्स ही सेक्स है पर मैं इसे और लंबा नही करना चाहती और मुझे लगता है कि आप भी अब मेरी कहानी से बोर हो गये होंगे और मैं राज शर्मा की आभारी हूँ जिन्होने मेरी कहानी को अपने ब्लॉग मे जगह दी दोस्तो आपसे भी गुज़ारिश है कि आप अपने कमेंट ज़रूर दे आपकी जूली

समाप्त

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RE: Hindi Porn Story जुली को मिल गई मूली - by sexstories - 08-14-2019, 04:03 PM

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