RE: Parivaar Mai Chudai घर के रसीले आम मेरे नाम
राज को रश्मि के होंठो का स्पर्श बहुत अच्छा लगता है और वह एक बार और झुक कर रश्मि के होंठो पर फिर से गहरा चुंबन दे देता है और उसका लंड झटके मारने लगता है, राज फिर से रश्मि के दोनो कसे हुए दूध पर अपने हाथ फेरता हुआ उन्हे बड़े प्यार से सहलाता है और रश्मि अपने भैया के सहलाने से मस्त हो जाती है और अपने भैया को ना जाने कितनी बार आइ लव यू कह चुकी होती है और शायद राज के दिल तक उसके आइ लव यू की आवाज़ चली जाती है इसलिए राज जब देखता है कि कोई बड़ा स्टेशन आ रहा है तो वह एक बार जल्दी से रश्मि के रसीले होंठो को खूब कस कर अपने होंठो से चूस्ता है और उसके मोटे-मोटे दूध को अपने हाथो से इस बार थोड़ा तेज दबा कर आइ लव यू रश्मि कह कर उसके होंठ को एक बार और चूम कर फिर सीधा बैठ जाता है और फिर ट्रेन की खिड़की से चाइ वाला, पकोडे वाला, आलुबाड़ा गरम, समोसा गरम की आवाज़ आने लगती है और राज रश्मि के सर पर हाथ फेरता हुआ रश्मि को जागता है, कुछ देर बाद रश्मि करवट लेकर जागने का नाटक करती हुई
रश्मि- भैया मुझे पानी पीना है और उठ कर बैठ जाती है
राज उसे पानी की बोटेल देता हुआ, चाइ पीना है क्या
रश्मि- हूँ
राज - खिड़की से दो कप चाइ ले लेता है और फिर दोनो भाई बहन चाइ पीने लगते है, तभी उनके कॉमपार्टमेंट में एक और फॅमिली आ जाती है और फिर वो लोग आते ही सोने की तैयारी करने लगते है, राज की एक एल बर्थ और एक एम बर्थ होती है और वह रश्मि को बीच वाली सीट पर चढ़ा कर सुला देता है और खुद नीचे वाली सीट पर सो जाता है,
अगले दिन वह दोनो जम्मू पहुचते है और वहाँ एक होटेल में एक रूम बुक कर लेते है, रूम के अंदर जाकर रश्मि सीधे बेड पर जाकर गिर जाती है और राज को देखते हुए
रश्मि- ओह भैया में तो बहुत थक गई हू पूरा बदन टूट रहा है
राज - मुस्कुराकर ठीक है तुम आराम कर लो तब तक में नहा कर फ्रेश हो जाता हूँ और फिर राज अपनी शर्ट उतारता है और बनियान भी उतार देता है, रश्मि उसकी कसी हुई बॉडी अपनी आँखे फाड़-फाड़ कर देखने लगती है, फिर राज जैसे ही अपनी पेंट उतारता है रश्मि सीधे उसके अंडरवेर के उठे हुए भाग को घूर कर देखती है और तभी राज रश्मि की ओर देखता है तो रश्मि इधर उधर अपनी नज़रे मारने लगती है राज जल्दी से पेंट उतार कर मुस्कुराता हुआ टॉवेल पहन कर अटैच बाथरूम में घुस जाता है और रश्मि अपने मन में कितना भी छुपा लो भैया अपने मोटे लंड को लेकिन एक दिन तुम्हारा मोटा लंड मेरी फूली हुई चूत को ज़रूर फाड़ेगा और फिर रश्मि मुस्कुराती हुई लेट जाती है, थोड़ी देर बाद राज नहा कर बाहर आता है और रश्मि उसके चिकने बदन को बड़े प्यार से देखती हुई लेटी रहती है और जब
राज उसको देखता है तो उसकी नज़रे रश्मि की नज़रो से मिलती है और
राज - ऐसे क्या देख रही है
रश्मि- मुस्कुरा कर कुछ नही
राज - तू नही नहाएगी, जा जाकर नहा ले सारी थकान उतर जाएगी
रश्मि- मुस्कुराती हुई अपने मन में, भैया आज तो तुम ही नहला दो ना मुझे पूरी नंगी करके, एक बार मुझे नंगी देख लोगे तो अपनी बहन को चोदने के लिए पागल हो जाओगे, और फिर मुस्कुराकर चलो अच्छा है कल रात तुमने यह तो बता दिया कि तुम भी मुझे चोदने के लिए मरे जा रहे हो, फिकर मत करो तुम्हारी गुड़िया रानी तुम्हारी बाँहो में जल्दी ही पूरी नंगी हो कर आएगी,
राज - मुस्कुराकर क्या बात है आज बहुत मुस्कुरा रही है
रश्मि- मुस्कुराते हुए कहाँ मुस्कुरा रही हूँ
राज - मुस्कुराकर, तो फिर ये क्या है
रश्मि- वो तो में यहाँ आकर बहुत खुस हूँ इसलिए
राज - चल ठीक है ऐसे ही मुस्कुराती रहा कर मसूकुराते हुए तू बहुत अच्छी लगती है
रश्मि- मुस्कुराकर अपने मन में, और जब पूरी नंगी देख लोगे ना तो कहोगे कि रश्मि तू पूरी नंगी बहुत अच्छी लगती है,
राज - रश्मि तू जाकर नहा ले में खाना ऑर्डर कर देता हूँ फिर हम दोनो 2-3 घंटे आराम से सोएगे उसके बाद शाम को कहीं घूमने चलेगे
रश्मि- उठते हुए ठीक है भैया और फिर रश्मि गाना गुनगुनाते हुए "चढ़ती जवानी मेरी चाल मस्तानी" और बाथरूम की ओर अपने भारी-भारी चूतड़ मटकाते हुए चल देती है और राज मुस्कुराता हुआ उसके मटकते चुतड़ों को देखने लगता है और रश्मि बाथरूम में घुस जाती है, राज रेडी होकर खाने का ऑर्डर कर देता है और फिर आकर बेड पर बैठ जाता है, थोड़ी देर बाद रश्मि बाथरूम से आवाज़ देती है
रश्मि- भैया
राज - क्या हुआ
रश्मि- भैया प्लीज़ मेरे बॅग से मेरे कपड़े दे दो
राज - अच्छा देता हूँ
राज रश्मि के बॅग को खोल कर उसमे से कई सारी ड्रेस बाहर निकाल कर, रश्मि कौन सी ड्रेस दूं
रश्मि- बाथरूम में मुस्कुराते हुए धीरे से अरे पहले तो मेरी ब्रा और पेंटी दे दो,
रश्मि- अरे भैया कोई भी दे दो
राज - अच्छा-अच्छा लाया, राज उसके सारे कपड़े देखने लगता है और तभी उसकी नज़र रश्मि की रेड कलर की मुलायम सी पेंटी पर पढ़ती है और वह उस पेंटी को उठा कर देखने लगता है और ना जाने उसे क्या होता है और वह रश्मि की पेंटी को अपने होंठो से चूमते हुए उसकी खुश्बू सूंघने लगता है और उसका लंड एक दम से खड़ा हो जात है, वह थोड़ी देर तक रश्मि की पेंटी को चूमता हुआ सूँघता है फिर सोचता है रश्मि तो कोई भी कपड़ा अंदर ले कर नही गई है तो क्या उसे पेंटी भी दूं, फिर कुछ सोच कर नही-नही पता नही वह क्या सोचेगी और राज उसको एक स्कर्ट और टीशर्ट ले जाकर दे देता है, रश्मि थोड़ा सा दरवाजा खोल कर अपने कपड़े ले लेती है और स्कर्ट और टीशर्ट को देख कर
रश्मि- अपने मन में मुस्कुराकर क्या भैया मेरी ब्रा और पेंटी तो आपने दी ही नही अब क्या स्कर्ट के नीचे मुझे नंगी ही रखने का इरादा है और फिर मुस्कुराती हुई पूरी नंगी खड़ी होकर अपने गदराए जिस्म को टवल से पोछती है और फिर बिना ब्रा के टीशर्ट पहन लेती है जिसमे उसके मोटे-मोटे दूध पूरी तरह तन कर टीशर्ट से अपनी गोलाई को साफ-साफ दिखाने लगते है और फिर रश्मि अपने दूध को अपने हाथो में भर कर वाह भैया एक ही रात में तुमने तो अपनी बहन के दूध दबा-दबा कर कितने बड़े-बड़े कर दिए है आज तो मेरी टीशर्ट में नही समा रहे है लगता है टीशर्ट को फाड़ कर बाहर आ जाएगे और फिर रश्मि अपनी फूली हुई चूत पर हाथ फेरती हुई अपनी चूत से बात करती हुई चूत को सहला कर तू फिकर मत कर मेरी रानी एक दिन मेरे भैया तुझे भी खूब अपने मूह से चूम-चूम कर तुझे खूब सहलाएगे और फिर अपना मोटा लंड डाल कर तुझे एक ही बार में फाड़ कर रख देंगे, और फिर रश्मि जल्दी से अपनी छोटी सी स्कर्ट जो उसके घुटनो के थोड़ा उपर तक आती थी को पहन कर अपने गीले बालो में टॉवेल बाँध कर बाहर आ जाती है, रश्मि जैसे ही नहा कर बाहर आती है राज उसके लाजवाब हुस्न को देखता ही रह जाता है और उसका दिल करता है अभी जाकर रश्मि को अपनी गोद में उठा कर खूब प्यार करे, रश्मि राज को देख कर मुस्कुराते हुए
रश्मि- भैया यह ड्रेस अच्छी तो लग रही है ना
राज - सीधा उसके तने हुए कसे-कसे टीशर्ट में समाए दूधो को देख कर हाँ रश्मि तू इस ड्रेस में बहुत खूबसूरत लग रही है,
रश्मि- सच्ची
राज - मुस्कुराकर मुच्चि और फिर दोनो हँसने लगते है
थोड़ी देर बाद उनका खाना आ जाता है और दोनो खाना खा कर बेड पर एक दूसरे की ओर करवट ले कर लेट जाते है रश्मि अपने मन में भैया शायद नही जानते है कि में स्कर्ट के अंदर पूरी नंगी हूँ और
राज - अपने मन में मेने रश्मि को पेंटी और ब्रा नही दी थी इसके दूध तो ऐसे ही लग रहे है जैसे टी-शर्ट के अंदर इसने कुछ नही पहना है पर शायद यह स्कर्ट के अंदर भी नंगी है, बेचारी शर्म के कारण मुझसे पेंटी माँग नही सकी और फिर इसे बाद में मेरे रहते पहनने का मोका भी नही लगा,
राज - रश्मि के गाल को अपने हाथो से खिचता हुआ आज बहुत ज़्यादा ही मुस्कुरा रही है ज़रूर कोई बात है
रश्मि- अपनी मुस्कुराहट को छुपाने की कोशिश करती हुई, नही-नही भैया कोई बात नही है
राज - उसके माथे पर हाथ फेर कर सहलाते हुए तू बहुत खुश है ना यहाँ आकर
रश्मि- हूँ
राज - उसके मोटे-मोटे दूध को देखने लगता है और रश्मि उसकी नज़रो को अपने दूध पर पड़ते देख लेती है और जैसे ही राज उसकी आँखो में देखता है रश्मि अपनी नज़रे नीचे कर लेती है, दोनो के चेहरे की हँसी गायब हो जाती है और रश्मि जब फिर से राज को नज़रे उठा कर देखती है तो राज उसके खूबसूरत चेहरे को ही देखता रहता है, और जब वह फिर से रश्मि के सामने ही उसके मोटे-मोटे कसे हुए दूध को देखता है तो रश्मि का चेहरा एक दम सीरीयस हो जाता है और वह फिर से अपनी नज़रे नीचे कर लेती है और अपने मन में खुश होती हुई लगता है भैया मेरे दूध को पीने के लिए बिल्कुल पागल हुए जा रहे है,
राज – रश्मि
रश्मि- अपनी नज़रे उठा कर राज को देखती है
राज - रश्मि में तुझसे कुछ कहना चाहता हूँ
रश्मि- राज की बात सुन कर थोड़ा घबरा जाती है और उसके मूह की ओर देखने लगती है लेकिन राज फिर चुप हो जाता है और उसका चेहरा एक दम गंभीर हो जाता है, रश्मि अब तक उसके आगे बोलने का इंतजार करती है, जब राज कुछ नही कहता है तब
रश्मि- बोलो ना भैया क्या कहना चाहते हो
राज - कुछ नही बाद में बताउन्गा
रश्मि- क्या कुछ खास बात है
राज - हाँ बात तो खास है पर में समझ नही पा रहा हूँ कि तुझसे कैसे कहूँ
रश्मि- मुस्कुराकर भैया इतना क्या सोच रहे हो जो कहना है कह दो ना
राज - रश्मि के चेहरे को देख कर मुस्कुराता हुआ, नही में नही कह पाउन्गा
रश्मि- कुछ सोच कर, भैया ऐसी क्या बात है जो आप नही कह पा रहे है
राज - रश्मि में पहले सोचूँगा उसके बाद मुझे ठीक लगेगा तो में कहूँगा
रश्मि- भैया कुछ टेन्षन वाली बात तो नही है ना
राज - मुस्कुराकर पता नही टेन्षन भी हो सकती है या फिर सारे जहाँ की खुशी भी मिल सकती है
रश्मि- भैया मुझे तो आप की बात समझ ही नही आ रही है
राज - इसीलिए में कह रहा हूँ ना कि पहले में अच्छे से सोचूँगा फिर अगर मुझे ठीक लगा तो में कहूँगा चल अब थोड़ा सा सो कर आराम कर ले फिर शाम को हम घूमने चलेगे
रश्मि- ओके भैया और फिर अपनी आँखे बंद कर के अपने मन में सोचने लगती है, कहीं भैया मुझे डाइरेक्ट्ली यह तो नही कहेगे कि रश्मि में तुझे चोदना चाहता हूँ, अगर उन्होने मुझसे ऐसा कहा तो में क्या जवाब दूँगी, बाप रे भैया तो बहुत ही ख़तरनाक है ना जाने उनके मन में क्या चल रहा है, पर एक बात तो तय है कि वो मुझे चोदने के लिए मरे जा रहे है, पर में उनकी बहन हूँ इसलिए अपने दिल की बात मुझसे कह नही पा रहे है, शायद वह सोचते होंगे कि अगर उन्होने मुझसे ऐसी बात कही तो में बहुत गुस्सा हो जाउन्गी, कही ऐसा तो नही कि भैया मुझसे सचमुच प्यार करने लगे हो और मुझसे आइ लव यू कहने का सोच रहे है और कह नही पा रहे है, हाँ-हाँ यही बात है, पर में कैसे पता करूँ कि यही बात है, एक काम करती हूँ अंधेरे में तीर चलाती हूँ देखती हूँ कि निशाना लगता है कि नही और पलट कर
रश्मि- भैया में समझ गई कि आप क्या बात मुझे बताना चाह रहे थे
राज - आश्चर्य से रश्मि का मूह देखता हुआ, क्या समझ गई
रश्मि- मुस्कुराकर पर मुझे शरम आती है,
राज - के होश उड़ गये रश्मि की बात सुन कर क्योकि वह ग़लत ही अंदाज़ा लगा रहा था फिर भी पॅशन रखते हुए, क्या शरम आ रही है, अपने भैया से भी कोई शरमाती है क्या, चल बता क्या समझ गई तू,
रश्मि- मुस्कुराकर आप डांटोगे
राज - थोड़ा खुस होता हुआ, अरे पगली में कभी तुझे डाँट सकता हूँ क्या, तू तो मुझे इतनी प्यारी लगती है कि में तेरी हर ग़लती माफ़ कर सकता हूँ चाहे वह कितनी ही बड़ी क्यो ना हो, चल अब बता भी दे,
रश्मि- नही में नही बताउन्गी और दूसरी और मूह करके राज की ओर अपनी पीठ कर लेती है,
राज - उसको पकड़ कर अपनी और खीच कर अपनी ओर घुमा कर, मुस्कुराते हुए बताती है कि नही
रश्मि- राज से छूटने की कोशिश करती है और राज उसको पूरी तरह खीच कर अपने सीने से लगा कर चल जल्दी बता दे नही तो में नही छोड़ूँगा
रश्मि- मुस्कुराते हुए अच्छा बाबा बताती हूँ पहले मुझे छोड़ो तो सही
राज - उसको छोड़ कर हाँ अब बता
रश्मि- वो में यह समझ गई कि और रश्मि एक दम से बेड से उठ कर दूर खड़ी होकर अपनी जीभ दिखा कर उसे चिड़ाती हुई जाओ नही बताती क्या कर लोगे
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