RE: Kamvasna आजाद पंछी जम के चूस.
रात को रवि लेट आया सब खाना खा कर सो गए थे और अब सिर्फ सोनल जग रही थी, जैसे ही रवि ने बेल बजायी, सोनल ने दौड़ कर दरवाजा खोला,
रवि ---‘हाँ..क्या हुआ, सोनल सोई नही अभी तक
. सोनल(कुछ उदास आवाज में)---कुछ नहीं हुआ. अभी खाना लेकर आती हूँ.’ और सोनल खाना लेकर आयी और पापा के पास रखकर चली गयी. रवि ने खाना निपटाकर और हाथ धोकर उप्पेर चले गए तो सोनल समझ गयी की पापा जल्दी सो कर उससे दूर रहना चाहते हे. पर अब सोनल शर्म तोड़कर उप्पेर चली गयी और रूम में जाकर देखा कि आरती सो चुकी है और रवि सोने की तय्यारी में है, सोनल अपने पापा के पास गई और बोली
‘पापा..इतनी जल्दी सो ना है..’
‘हाँ..बेटा, अब इतनी रात में ओर तो क्या करेंगे..तू भी सो जा.’ और वो अपना कमीज उतारने लगे, सोनल पापा की चौड़ी छाती को देख रही थी. रवि ने अन्दर बनियान नहीं पहनी थी. सोनल को ऐसे उनके बदन को देखते हुए रवि ने देख लिया.
‘क्या देख रही है सोनल..जा सो जा’ रवि ने उसे होश में लाने के लिए कहा
‘पापा..वो क्या है कि अब अकेले में डर सा लगता है..’
‘इसमें कैसा डर, तू बचपन से अकेले ही सोती हुई बड़ी हुई है, ..’ रवि ने उसे समझाते हुए कहा और बेड पर बैठ गए. सोनल भी अपने पापा के जवाब के लिए तैयार थी.
‘हाँ पापा पर आज डर लग रहा है..’ और इससे पहले कि रवि उसे मना करे सोनल रवि के पास उनके बेड पर जा कर बैठ गयी और बड़े सेक्सी आवाज़ में कहा.
‘पापा प्लीज..जब तक नींद आने न लग जाये तब तक सोने दो, फिर मैं चली जाउंगी.’
रवि ने एक नजर सोनल की ओर देखा, अब उनके पास कोई चारा नहीं था. कितना भी कठोर बाप हो पर बेटी ऐसे कहे तो मान ही जाता है. और रवि भी मान गए. उन्होंने कहा ठीक है नीचे तुम्हारे कमरे में चलो और सो जाओ, सोनल तुरन्त रवि का हाथ पकड़ खिंचते हुए नीचे अपने रूम में ले आयी। और बेड पर लेट गयी और रवि भी लेट गया. रवि ने एक हाथ अपने सर के नीचे रक्खा और दूसरा अपनी छाती पर और आँखे बंद कर के लेट गए.
सोनल भी फिर हिम्मत करते हुए रवि के छाती पर रक्खे हुए हाथ को पकड़ा और उसे साइड में रख कर उस पर अपना सर रख कर लेट गयी, मतलब सोनल रवि के हाथ को तकिया बना कर सो गयी. रवि ने एकदम से फिर से सोनल की ओर देखा और इस बार सोनल ने उन्हें एक कातिल मुस्कराहट दी. और रवि से चिपक कर सो गयी. सोनल ने अपना हाथ रवि की छाती पर रख दिया और रवि की छाती को सहलाने लगी.
रवि सिर्फ बनियान औरपजामे में थे और अब पता नहीं उसके मन में क्या चल रहा था. सोनल ने तभी आईडिया निकाला
‘पापा..आपकी छाती पर कितने सारे बाल है..’
‘क्यूँ तुम्हे कोई तकलीफ है..’
‘नहीं पापा..मुझे क्यों तकलीफ होगी..आप भी ना. हमेशा गुस्से से बात करते हो, मैं तो ये कह रही थी कि कितने अच्छे लगते है आपके सीने पर ये बाल. इन्हें सहलाने में भी मजा आता है.’ और सोनल ने रवि से भोले अंदाज़ में कहा और उनहे हाथ से हटकर सोनल रवि के सीने पर आ गयी. अब सोनल रवि से एकदम चिपक गयी थी. सोनल ने हिम्मत कर के अपने पाँव भी रवि के पाँव पर रख दिए थे और धीरे धीरे उसके पाँव को भी सहला रही थी.
बेचारे रवि सोनल के मासूम डायलाग से चुप हो गए और कुछ नहीं बोल पाए. सोनल ने अब उनके बालों को चूमना शुरू कर दिया..बाल तो बहाना थे सोनल तो अपने पापा को चूम रही थी. पर अब तक रवि की ओर से कोई हरकत नहीं हो रही थी. सोनल चूमते चूमते पापा की छाती पर निप्पल को पकड़ लिया और अपने होठो में दबा लिया..और उसे चूसने लगी..जैसे सोनल ने ऐसा किया रवि के बदन में एक अंगड़ाई सी आ गयी और छटपटा उठे.
‘सोनल ये तुम क्या कर रही हो..’ रवि ने अब बिलकुल नोर्मल तरीके से बात की, अब उनकी आवाज़ में कठोरता नहीं थी. अब वो पिघल रहे थे.
‘कुछ नहीं पापा..मुझे आपके बाल पसंद आ गए है..कितने घने है..और मुलायम भी. आप सो जाइये.’ और इतना कहकर सोनल ने उनके होठो पर अपनी ऊंगली रख दी उन्हें चुप करने के लिए.
फिर सोनल उन्हें चूमते चूमते उनकी गरदन चूमने लगी..पर अब रवि की हिम्मत नहीं हो रही थी सोनल को डांटने की. पर वो समझ रहे थे कि सोनल उन्हें किस करने का सोच रही हूँ तो वो अपने गरदन सोनल जिस और चूमती उस और से दूसरी और हटा रहे थे.
‘पापा..आपकी मूछ को एक बार चूम लू.’ सोनल अपने पापा के होठो के ठीक ऊपर थी.
‘नहीं बेटा…उधर नहीं.’ रवि के मूंह से अब बेटा भी निकलने लगा था.
‘पापा प्लीज..मुझे आपकी मूछे पसंद है..’ और सोनल ने इतना कहते ही अपने पापा के होठो पर अपने होठ रख दिया और उन्हें चूमने लगी. जाहिर सी बात है रवि अब भी कोई हरकत नहीं कर रहे थे. पर सोनल फिर अब ठीक उनके ऊपर ही आ कर लेट गयी और अपने पापा को बेशर्मी से चूम रही थी.
फिर सोनल ने अपने हाथ को पापा के हाथ पर रक्खा और जोर से रवि की उँगलियों में अपनी उंगलिया मिला ली. जिससे उन्हें सिग्नल मिले और रवि भी कुछ करे. और रवि भी अब कमजोर पड़ने लगे और उन्होंने भी सोनल के होठो को चूमना शुरू किया. सोनल अपनी प्लानिंग में कामयाब होती दिख रही थी सोनल और भी जोश में आ गयी और रवि को जंगली की तरह से चूमने लगी.
अब रवि भी सबर खो रहा था वो भी सोनल को किस कर रहा था और अब उसके हाथ सोनल के बदन पर घूम रहे थे. सोनल ने फिर अपने पापा के मूंह में अपनी जीभ दे दी और रवि ने उसकी और देखा और बिना कुछ बोले फिर से उसकी जीभ को चूसने लगे. अब सही मौका था सोनल अपने पापा के लंड के ठीक ऊपर आ गयी और अपनी गांड को अपने पापा के लंड पर घिसने लगी.
रवि के लंड को छूते ही उसे एहसास हो गया था कि वो कड़क हो चूका है..अब उसने अपने हाथ को नीचे किया और पापा के पजामे में उसे डाल ही रही थी कि रवि ने उसके हाथ को पकड़ लिया और अपने मूंह से उसकी जीभ को भी निकाल दिया और बोले
‘हे भगवान..सोनल तुम ये क्या कर रही हो..मैंने भी ये क्या कर दिया..’ रवि ने अपने मूंह पर हाथ रखते हुए कहा. रवि अब उठकर बैठ गए थे और सोनल की ओर देख रहे थे. सोनल भी रवि के साथ ही बैठ गयी और रवि के सामने सर झुका कर बैठी रही और सर नीचे करके ही सोनल ने हलकी सी आवाज़ में कहा
पापा आई एम् सॉरी..पर आपको सुबह को देखने के बाद मुझे मोनिका से जलन होने लगी है. और आप को देखकर मुझे पता नहीं क्या हो रहा है.’ सोनल इतना कहकर रवि की गोद में सर रख दिया और बेटी की तरह लेट गयी. रवि ने अपनी गोद में सोने से मना नहीं किया.
‘नहीं बेटा..तुम्हारी मुश्किल ठीक है, पर तुम जो कर रही हो वो गलत है.’ अबकी बार रवि ने उसके सर पर प्यार से हाथ घुमाकर बात की थी. सोनल अपने पापा की बात सुन रही थी पर उसे तो सेक्स का भूत सवार था. रवि बात कर रहा था तभी सोनल ने अपने पापा के पजामे पर से ही अपने पापा के लंड को पकड़ लिया..और उसे अपनी मुट्ठी में मसलने लगी.
‘नहीं सोनल ऐसा मत करो..तुम समझदार लड़की हो.’ रवि अभी भी मना कर रहे थे. पर सोनल रूक नहीं रही थी. सोनल ने अपने पापा की पैन्ट की हुक और चैन खोल दी और अपने पापा के लंड को हाथ में पकड़ लिया. रवि भी उसका हाथ छूते ही जैसे करंट लगा हो ऐसे हिल गए.
‘देखो सोनल , मुझे उस्काऊ मत . मुझे मजबूर मत करो..’ रवि अब उसे डराना चाहता था. सोनल ने अब तक अपने पापा के लंड को आज़ाद कर दिया था और वो बाहर आ गया था. सोनल ने पहलीबार इतने करीब से लंड देखा था. रवि के लंड को देखते ही सोनल गॉद में से उठकर बैठ गयी और अपने पापा के लंड को देखने लगी. रवि ने पास में पड़ी चादर से उसे ढक लिया.
तो सोनल ने रवि की ओर देखा और रवि को झट से धक्का दे कर लिटा दिया, इससे पहले की रवि कुछ समझे सोनल अपने पापा पर चढ़ गयी और 69 की पोजीशन में आ गयी और चादर हटाकर अपने पापा के लंड को अपने हाथ में लेकर मुठ लगाने लगी।
लंड इतना मोटा था की उसके हाथ में भी नहीं समां रहा था. सोनल की गांड रवि की ओर थी, रवि ने अपनी ताकत से उसे एक ओर हटा दिया पर सोनल ने रवि के लंड को नहीं छोड़ा. सोनल मुठ लगाती गयी अब रवि को पता नहीं गुस्सा आ गया और उन्होंने उसे जोर से पकड़ कर धक्का दे दिया.
रवि की ताकत इतनी थी कि सोनल सामने की दीवार से टकरा गयी. सोनल अब हार चुकी थी, उसे लगा था कि जबतक वो पापा के पास रहेगी तब तक उन्हें मना सकती है पर अब वो गुस्सा हो गए थे और उन्होंने उसे अलग कर दिया था, अब वो नहीं मानेंगे. सोनल उनकी और पीठ कर के दीवार से चिपक कर खडी थी, और दीवार को मारने लगी.
पर इतने में पता नहीं रवि को क्या हुआ कि वो सोनल के पास आये और जोर से उससे टकरा गए, सोनल को और भी दिवार से चिपका दिया. रवि ने उसे कस कर दीवार से सटा दिया था. फिर रवि ने उनके दोनों हाथो को पकड़ा और उसके दोनों हाथो को अपने हाथो से दोनों और फैला दिए और सोनल के कान में बोले..
‘किसी को पता तो नहीं चलेगा..’ सोनल मन ही मन खुश हो गयी पर सोनल ने अपने पापा की बात का जवाब नहीं दिया. रवि ने उसे पकड़ कर पलटा दिया और अपनी ओर घुमा लिया. सोनल नीचे देख रही थी तो रवि ने उसके चेहरे को ऊपर किया..और सोनल के होठ पर होठ रख कर उसे किस करने लगे. सोनल ने उन्हें अपने से हटा दिया और कहा
‘ऐसे ही प्यार करना था तो वो तो किसी से भी कर सकती हू..मुझे मोनिका की तरह जंगली प्यार चाहिए.’ सोनल ने बेशरम बनते हुए रवि से कहा. रवि भी उसकी बात सुनते ही उससे चिपके हुए थे तो थोड़े से दूर हुए और उसकी ओर देखा।
सोनल भी बड़ी अदब से उनकी ओर देख रही थी की वो अब क्या करते हे. इससे पहले कि सोनल कुछ समझ पाती। रवि उसके पास आये अपने दोनों हाथ उसके टॉप पर रक्खे और एक ही झटके में उसके टॉप को फाड़ दिया.
सोनल तो अपने पापा को देखती ही रह गयी, इससे पहले कि वो और कुछ समझे। रवि ने उसके बूब्स को अपने दोनों हाथो में दबोच लिया, उनके हाथो ने जैसे उसके बूब्स को दबाया कि वो सहन नहीं कर सकी और 3 इंच ऊपर हो गयी. फिर रवि ने उसे फिर से पकड़ा और बिस्तर की ओर धक्का दिया.
सोनल बिस्तर पर गिरी और सोनल ने उनकी ओर देखा, अब रवि मे पुराने वाला मर्द जाग गया था, वो सच में सोनल की ओर ऐसे बढ़ रहे थे की मानो उसका रेप करनेवाले हो. सोनल अब सच में खुश हो गयी और सोनल ने अपने आप ही अपनी ब्रा और जीन्स को जिस्म से निकाल दिया. अब वो सिर्फ पेन्टी में थी. उसे ऐसे देखकर रवि उसके ऊपर झपटे और उसे बालों से पकड़ा और उसे घुटनों के बल पर बैठा दिया और अपना लंड उसके मुह में डालने लगे.
सोनल गोरे चिट्टे लंड को देखे जा रही थी | रवि अब थोडा बेशरमी पे उतर आये थे उन्होंने ने सोनल से कहा : “एक बार पकड़ के देख ना कितना गरम हो गया है . “. सोनल जैसे नींद से जागी और नॉटंकी करते हुए बोली : ” नहीं मैं इसे हाथ भी नहीं लगाउंगी, मुझे इसे देखकर डर लग रहा है “| रवि ने जबरदस्ती सोनल का हाथ पकड़ के अपने लंड पे रख दिया और ऊपर नीचे करने लगे | थोड़ी देर बाद सोनल की झिझक भी खत्म हो गयी और वो खुद ही हाथ चलाने लगी | रवि की मज़े से आखे बंद होने लगी थी ओर उनके मुह से सिसकियाँ निकलने लगी थी | सोनल जब लंड पे हाथ फेरते हुए नीचे करती तो चमड़ी के नीचे आते ही उसे रवि का लाल रंग का सूपाड़ा दिखने लगता |थोड़ी देर बाद ही रवि ने सोनल से कहा : “एक बार मुह में ले कर देख ना कितना मज़ा आता है “…..पापा की बात सुनते ही सोनल ने अपने हाथ चलाना बंद कर दिया ओर बोली : “छी कैसी गन्दी बाते करते हो आप, यहाँ से तो पेशाब करते है मैं मुह में कैसे ले सकती हू “. इसपर रवि ने कहा : “कुछ गन्दा नहीं है, येही जब तेरे अंदर जायेगा तो तुझे इतना मज़ा आएगा कि तू सोच भी नही सकती “. सोनल ने इसपर आश्चर्य से कहा “ये मेरे अंदर कैसे जायेगा, ये तो कितना मोटा है “. रवि ने कहा: ” मेरी रानी बड़े आराम से जायेगा तेरे अंदर देखना तुझे कितना मज़ा आएगा, अच्छा चल मुह मैं मत ले पर एक बार चाट के तो देख जैसे आईसक्रीम चाटती है “. सोनल अपने पापा की बात मानते हुआ घुटनों के बल बैठ गयी ओर लंड को एक हाथ से पकड कर अपना मुह उसके पास लायी.| लंड के पास आते ही उसकी मादक सी महक सोनल की नाक में गयी तो वो थोड़ी मदहोश सी हो गयी और धीरे से अपना मुह खोलकर जीभ को बाहर निकाला | उसके छोटे से मुह के सामने लंड काफी विशाल लग रहा था |
सोनल ने रवि की आखो में देखते हुए धीर से लंड पे अपनी जीभ रखी, और मुह को ऊपर की तरफ ले जाते हुए लंड का पहली बार स्वाद चखा | रवि की तो मज़े से आह निकल गयी और वो लंड चटाई का मज़ा लेने लगे |रवि ने थोड़ी देर बाद सोनल से कहा ” एक बार सुपाडे को तो चाट के देख “.सोनल ने वैसा ही किया .| सोनल की जीभ सुपाडे पे पड़ते ही लंड ने मज़े में ठुमका लगाया और थोडा सा उछल गया | लंड को ऐसा करते देख सोनल की हंसी निकल गयी | उसे इस खेल में अब मज़ा आने लगा था, वो बार -२ अपनी जीभ सुपाड़े पे ले जाकर चाटने का प्रयास करती और हर बार लंड एक ठुमका लगता | रवि तो मज़े से दोहरे हुए जा रहे थे सोनल की इस हरकत पे | सोनल अपना काम किये जा रही कि तभी रवि ने उसे रुकने का इशारा किया और सोनल लंड चाटना छोड कर रवि के जांघों को पकड़ कर बैठी रही, रवि ने सोनल का मुह खुलवाकर फिर से लण्ड मुह में डालने लगे, उसका लंड सोनल के मूंह में आधे से ज्यादा नहीं जा रहा था पर रवि ने उसके सर को पीछे से पकड़ा और उसके सर को हिला हिला कर अपने लंड को उसके मूंह में घुसाने लगे. जब पूरा लंड उसके मूंह में चला गया तो उन्होंने कुछ भी नहीं किया बस उसके सर को पकड़ के रक्खा, अब उस से सांस भी नहीं ली जा रही थी, सोनल अपने हाथ को उनके घुटनों पर मारने लगी.
फिर भी रवि ने नहीं छोड़ा, थोड़ी देर उसे तड़पाया और फिर उसे छोड़ा. और अपने लंड को बाहर निकाला, और सोनल अपनी छाती पर हाथ रख कर सांस ले रही थी, पर रवि ने फिर से उसके मूंह को पकड़ और लंड को अन्दर डाल दिया और इस बार लंड को अन्दर बाहर करने लगे. इतनी जोर से कर रहे थे कि फिर से उसे सांस लेने नहीं दे रहे थे.
फिर रवि को लगा कि अब सोनल से सहा नहीं जा रहा है तो रवि ने उसे छोड़ दिया और नीचे गिरा दिया. अब सोनल कुछ भी करने के हालत में नहीं थी, सोनल ने ही अपने पापा के अन्दर के शैतान को मजबूर किया था. सोनल बस अपने दोनों हाथो को ऊपर कर के लेटी रही और अपने पापा को देखने लगी.
रवि अपने लंड को आगे पीछे कर रहे थे, फिर रवि ने उसके दोनों पाँव को पकड़ा और पाँव पकड़ कर उसे अपनी ओर खिंचा, सोनल ऊपर हो गयी और अब सोनल सिर्फ सर के बल थी, उसके दोनों पाव रवि के कंधे को छू रहे थे. रवि ने फिर सोनल की पेन्टी को पकड़ा और निकाल दिया.
फिर रवि ने सोनल की चूत को देखा, सोनल की चूत पर हलके हलके से बाल थे, रवि ने बाल को अलग किया और अपनी ऊंगली से सोनल की चूत को मसलने लगे, सोनल तो तड़प उठी. रवि ने सोनल की चूत को दो उंगलियों से अलग किया और अपना अंगूठा उसके अन्दर डाल दिया. और शैतानी हरकत करने लगे कि अपने अंगूठे के नाखून से सोनल की चूत के अन्दर दर्द पहुचाने लगे. और सोनल को सही में दर्द होने लगा था. सोनल छटपटा रही थी.
फिर रवि ने सोनल को पलटा दिया और ऊपर अपने मूंह के पास कर दिया. सोनल को ऊपर कर के मेरी चूत को चाटने लगे. रवि का लंड सोनल के सामने था. सोनल भी उनके लंड को चूसने लगी. वो खड़े खड़े ही सोनल को 69 पोजीशन में लेकर मजे उठा रहे थे.
फिर रवि ने सोनल को नीचे छोड़ दिया और सोनल पेट के बल नीचे गिर गयी, रवि भी नीचे घुटनों के बल बैठ गए और सोनल को मोनिका की तरह कुतिया स्टाइल में बैठा दिया और सोनल की चूत में अपना लंड घूसा दिया. आम इंसान की तरह नहीं शैतान की तरह पूरा लंड अन्दर डालने जा रहे थे पर गया नहीं, सोनल कुँवारी थी।
आधा ही गया और इतने में भी सोनल को लगा कि उस्की चूत की चमड़ी छिल गयी, सोनल से रहा नहीं गया ओर सोनल कुतिया स्टाइल से नीचे गिर गयी, रवि ने बड़ी बेरहमी से उसे उठाया और फिर से लंड अंदर डाल दिया, इस बार रवि ने अपने दोनों हाथो से बने उतने जोर से उसकी चूत को फैला दिया और लंड पूरा का पूरा अन्दर डाल दिया और चोदने लगे. सोनल की चुत चिर गयी थी, उसकी झिल्ली फ़ट चुकी थी और खून का फवारा चल पड़ा। रवि ने अपना लण्ड बाहर निकाला और सोनल की चुत को कपड़े से साफ कर फिर से लण्ड अंदर घुसा दिया। अब धीरे धीरे सोनल को भी मजा आने लगा था। अपने पापा की चुदाई देखने में जितना मजा सोनल को आ रहा था उससे कई अच्छा उसे अब लग रहा था, दर्द तो बेहिसाब हो रहा था पर उसकी मन की इच्छा पूरी हो रही थी. उसके अपने पापा एकदम तेज़ी से उसकी कमर को पकड़ कर चोद रहे थे और ऊह्ह..ओह्ह..ऊह्ह्ह्ह…की आवाज़ लगा रहे थे, उनका हर धक्का उसे लग रहा था.
अब रवि को लगने लगा का था की सोनल एंजाय करने लगी है तो रवि ने स्पीड और बढ़ा दी और सोनल को चोदने लगे. फिर रवि ने सोनल को अलग कर दिया और उसे पकड़ के अपनी गॉद में बिठा लिया और उसे चोदने लगे. सोनल अपने पापा की गोद में बैठकर उन्हें किस करने लगी और उनके बालों को सहलाने लगी. रवि बिना रुके उसे चोदे जा रहे थे.
करीब करीब 15-20 मिनट से उसे चोद रहे थे,पिछले कई महीनो से सोनल हस्तमैथुन कर रही थी पर कभी इतनी नही झड़ी थी. अब इतनी चुदाई के बाद उसे लग रहा था की वो अब झाड़ने वाली है. रवि उसे बिना थके चोद रहे थे, सोनल अपने पापा को और जोर से और जोर से कह रही थी.
फिर रवि ने उसे अपने दोनों कंधो से पकड़ा और नीचे कर दिया, मतलब अब सोनम बिस्तर से ऊपर थी पर रवि के दोनों हाथो के सहारे थी, और रवि उसे चोद रहा था. सोनल को अपने पापा की ताकत का तब एहसास हुआ की वो ऐसे उसे हवा में पकड़ कर चोद रहे थे. पर उनकी इस हरकत से उसकी चूत के अन्दर और दबाव बढ़ने लगा और सोनल मचलने लगी. सोनल को अब लगा की वो झाड़ने वाली है.
रवि को भी शायद पता चल गया था, पर वो जोर जोर से उसे लंड से धक्के लगा रहे थे, सोनल कन्ट्रोल कर रही थी की उसकी चूत का पानी ना निकले पर वो हार गयी और उसके बदन में एक झटका सा लगा और सोनल ने एक जोर से करवट ली और रवि समझ गए और रवि ने उसे छोड़ दिया और सोनल नीचे बिस्तर पर गिर गयी और रवि ने लंड बहार निकाल दिया और एक ही सेकंड में सोनल झाड गयी.
सोनल को इतनी हसीन चुदाई नसीब हुई थी, सोनल खुश हो रही थी. रवि ने उसकी चूत की ओर देखा और उसकी चूत के बहते पानी को देखा..सोनल ने अब चैन की सांस ली, और पलट कर सीधी हो गयी और रवि को अपनी चूत की ओर देखते देखा और उनके लिए सोनल ने अपने दोनों पाँव फैला लिये और उन्हें जी भर कर अपनी चूत दिखाने लगी.। सोनल की चूत से पहलीबार में ही इतना पानी निकला था और सोनल ने अब जाना की चुदाई का सुख क्या होता है. पर अभी उसके पापा का पानी निकलना बाकी था और रवि ने पास में पडी अपनी पेण्ट को उठाया और सोनल की चूत के पानी को पोछा और सोनल की चुत के जी-स्पॉट को मसलने लगे
और जो पानी रूक गया था वो फिर से झटके ले कर बाहर आने लगा..सोनल भी फिर से एक दो बार करवट ले उठी. पर रवि ने उसे पकड़ा और उसके दोनों पाँव को पकड़ कर फैला लिया और उसके दोनों हाथो की और ले लिया,इतना उसके पाव को फैला दिया. फिर उसके हाथो से ही उसके पांवो को पकड़ा दिया और उसकी चूत चाटने लगे.
अब उसकी चूत सूख चुकी थी पर रवि चाटने लगे थे, रवि ने अपनी जीभ से उसकी चूत को बहोत देर तक चाटा और फिर सोनल के दोनों बूब्स के निप्पल को पकड़ा और उसे जोर से दबा दिया और फिर से सोनल की चूत गीली सी होने लगी. रवि ने फिर उनकी चूत में अपनी दो उंगलिया डाल दी और उसे अन्दर बाहर करने लगे. सोनल फिर से बेकरार होने लगी थी.
रवि ने फिर सोनल की चूत से उंगलिया बाहर निकाली और सोनल की चूत पर मूंह रक्खा और अपने दोनों हाथो से सोनल की गांड के छेद को चौड़ा कर दिया. सोनल को कुछ समझ नही आया की अब क्या होने वाला है, रवि ने धीरे से अपनी एक उंगली सोनल की गांड में डाल दी.
‘पापा प्लीज् इस तरफ नहीं करो, बहुत डर होगा, ..प्लीज’ सोनल का प्लीज कहने का ये मतलब नहीं था कि पापा मुझे मत चोदो पर सोनल ये कहना चाहती थी की गांड जरा आराम से मारना. रवि भी समझ गए
‘मुझे देखते ही पता चल गया था, वरना अब तक तो अन्दर डाल कर खून निकाल दिया होता.’ और रवि ने जोर लगा कर दूसरी उंगली भी डाल दी. सोनल दर्द से कराह उठी…..सोनल की गांड में जबरदस्त दर्द हो रहा था. अब तक तो रवि ने उंगलियों से चोदना भी नहीं शुरू किया था,वो थोड़ी देर रुके और फिर उंगलिया अन्दर बाहर करने लगे. सोनल फिर दर्द से कराहने लगी.
फिर रवि ने ना आव देखा ना ताव और सोनल के गांड पर अपना लंड रक्खा और पास में पड़े क्रीम से लंड को चिकना किया और थोडा क्रीम सोनल की गांड में भी डाला और लंड धीरे धीरे कर के सोनल की गांड में डाल दिया. इतनी क्रीम डालने के बाद भी सोनल से दर्द नहीं सहा जा रहा था.
‘पापा मत करो..प्लीज..मुझसे से नहीं सहा जा रहा.’
‘मैंने कहा था मुझे मजबूर मत करो..’ और सोनल को इतना कहकर रवि मुस्कुराया और सोनल भी उनकी बात पर हंस पडी और रवि ने उसे मुस्कुराते देखा और सोनल की ओर झुके और सोनल के होठो को चूसने लगे, उसका लंड सोनल की गांड में था. और लण्ड बिना कुछ किये ही उसकी गांड को जला रहा था. पर रवि ने सोनल के होठो को चूसते चूसते लंड को बाहर निकाला और फिर जोर से अन्दर डाल दिया..सोनल अपने पापा के होठो में होठ डालने के बावजूद भी दर्द के मारे ऊपर हो उठी, पर उसके पापा नहीं हटे..अब सोनल की समझ में आया की उसके मूंह से जोर से चीख ना निकले इसीलिए रवि उसे किस कर रहे थे.
फिर रवि धीरे धीरे कर के बड़ी बेरहमी से चोदने लगे और जब तक सोनल शांत नहीं हुई तब तक वो उसे किस भी करते रहे. सोनल को लगने लगा था कि मेरी गांड सच में फट गयी है पर वो कुछ नहीं कर सकती थी, रवि उसे फिर से उसी तेज़ी से चोद रहे थे, गांड थोड़ी छोटी होने से रवि के मूंह से भी दर्द की आवाज़ आ रही थी. पर रवि बिना रुके चोद ही रहे थे.
बिना झाडे तक़रीबन अब एक घंटा होने आया था और रवि सोनल को चोद रहे थे.
फिर रवि ने सोनल को फिर से कुतिया स्टाइल में बिठा दिया और उसकी गांड मारने लगे. सोनल अब जोर जोर से दर्द के मारे चिल्ला रही थी. कुतिया स्टाइल में पता नहीं रवि का लंड तो कुछ और ही पावर में आ जाता था और चूत में तो सह भी लेती पर गांड में नहीं सहा जा रहा था,
सोनल तकिये पर अपनी मुट्ठिया मारने लगी..फिर से रवि ने सोनल को 10 मिनट तक चोदा और सोनल फिर से अपने आप को रोक नहीं पाई और सोनल फिर से झाड गयी.
इस बार सोनल की हालत ऐसी नहीं थी की सोनल बैठ सके पर सोनल फिर भी बैठी और एकदम से उसने अपने पापा के लंड को पकड़ा और जोर जोर से अपने मुट्ठी में हिलाने लगी ताकी उनका वीर्य निकल जाये और वो शांत हो जाये..
फिर सोनल ने तुरंत उसे अपने मूंह में ले लिया और जम कर चूसने लगी और आखिर कर उसके पापा के लंड से जोरदार पिचकारी सोनल के मूंह में निकली और सोनल फिर भी लंड को हिलाती रही जब तक एक एक बूँद खाली ना हो जाये. सोनल ने रवि के लण्ड से पानी और अपनी गांड का माल भी चाट कर साफ कर दिया। अब सोनल को समझ मे आ गया कि क्यो उसकी मम्मी रामु का लौडा चूस रही थी । फिर सोनल ने रवि को देखा उनकी आँखों में अब थकावट भी थी और चमक भी.
फिर रवि अपने घुटनों के बल पर बैठे और सीधे नीचे गिर और लेट गए. सोनल भी इतना थक गयी की लेट गयी, तब सोनल को ना गांड फटने का दर्द था, ना ही चूत का. दोनों बस सोना चाहते थे, दोनो लिपट कर सो गए.....
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