Kamvasna आजाद पंछी जम के चूस.
08-27-2019, 01:30 PM,
#42
RE: Kamvasna आजाद पंछी जम के चूस.
रवि- अरे यार मुझे नहीं पता अरे बाहर तो आने दो

आरती की सांसें अब भी अटकी हुई थी बाथरूम का दरवाजा खुलने की राह देखते हुए वो वही बेड पर बैठी रही क्या यार कहाँ फस गई जब देखो तब वो कही ना कही फस जाती है कुछ दिनों पहले वो लाखा और रामु के साथ फस गई थी और अब भोला

किसी तरह से अपने को उन लोगों से अलग करके अपने को बचाया था पर अब भोला तो क्या वो कभी भी ईमानदारी से जी नहीं सकती हमेशा ही उसे कॉंप्रमाइज करते रहना पड़ेगा अगर वो भोला को धक्का नहीं देती तो क्या वो गिरता और अगर वो उसे धक्का नहीं देती तो वो तो उसे पकड़ लेता और फिर उूउउफफ्फ़ क्या स्थिति में फस गई थी आरती गुस्से के साथ-साथ उसे रोना भी आ रहा था पर करे क्या क्या लाखा या फिर रामु उसकी मदद कर सकते है।

आरति सोचती है कि रामू या लाखा से इस बारे में अगर वो थोड़ा सा रिक्वेस्ट करके उनसे कहे कि भोला को धमकी दे-दे की चुप रहे किसी को कुछ ना कहे तो कैसा रहे


हाँ यह ठीक रहेगा पर कहेगी कब वो तो अब सोनल के साथ ही आती जाती है या फिर रवि के साथ और तो और वो तो आज कल ना तो लाखा की ओर ही देखती है और नहीं रामु की ओर
पर इस स्थिति से निकलने के लिए तो इन दोनों से अच्छा कोई नहीं है पर अचानक ही उसके दिमाग में एक ख्याल आया पर इन लोगों को कहेगी क्या कि क्या नहीं बोलना है या क्यों धमकी देना है भोला को वो कुछ सोच नहीं पा रही थी तभी रवि भी बाथरूम से निकल आया और दोनों नीचे डिनर के लिए चले गये सोनल के साथ डाइनिंग टेबल पर जब बैठे तो

सोनल- कैसा है पापा वो।

रवि- हाँ ठीक है चोट ज्यादा नहीं है ठीक हो जाएगा

सोनल- कहाँ है सरकारी हास्पिटल में

रवि- हाँ… पोलीस केस हुआ है ना इसलिए कल या फिर परसो प्राइवेट में ले आएँगे

सोनल- ठीक है पर पापा कुछ ज्यादा गड़बड़ ना हो जाए

रवि- नहीं नहीं वैसा कुछ नहीं है एक्सीडेंटल केस है ना इसलिए पोलीस आई थी नहीं तो प्राइवेट हास्पिटल में ही अड्मिट करता

सोनल- अच्छा ठीक है पापा वो धरम पाल अंकल जी का फोन आया था कह रहे थे बॉम्बे जाना है कुछ एक्सपोर्टेर आ रहे है बात कर लेना पापा।

रवि- कब आ रहे है बेटा

सोनल- पता नहीं पापा आप ही बात कर लेना

रवि- हाँ… यह प्राब्लम तो ठीक हो पहले

सोनल- पर पापा वो गिरा कैसे

आरती जो कि अब तक दोनों की बातें सुन रही थी और खाने में व्यस्त थी अचानक ही रुक गई और रवि की ओर देखती हुई चुप हो गई

रवि- पता नहीं कह रहा था कि पैर फिसल गया था और कुछ नहीं बताया पोलीस भी ब्यान लिख कर ले गई

सोनल- वो क्या इतना बुद्धू है ,इतने दिनों से काम कर रहा है उसका पैर फिसल गया पता नहीं नशे में था क्या

रवि- अरे नहीं वो काम के समय नहीं पीता मुझे पता है

सोनल- हाँ पापा आपको तो सब पता रहता है बड़ा ही विस्वास पात्र है आपका है ना,

रवि- अरे बेटा एक बात तो है बड़ा ही स्मार्ट है पढ़ा लिखा नहीं है पर एक बार जो समझा दिया वो कभी नहीं भूलता मुझे तो विस्वास है अब उसे वहां से हटा लूँगा

पापा- क्यों पापा, वहां क्या हुआ

रवि- नहीं ऐसा कुछ नहीं पर वो शोरुम में ठीक है और जब फैक्टरी बन जाएगा तब उसे सेक्योंरिटी का इचार्ज बना दूँगा

सोनल- ठीक है पापा जैसा आपका मन । पर ध्यान रखना

रवि- हा
और सभी खाने के बाद उठकर अपने-अपने कमरे में चले गये पर आरती के दिमाग में एक बात घर कर गई थी आखिर क्यों भोला ने यह बात कही कि वो पैर फिसलने से गिरा था आखिर उसने उसका नाम क्यों नहीं लिया
क्यों उसने इस तरह से उसे बचाया। आख़िर क्या बात है भोला क्यों उसके साथ इस तरह का वर्ताब कर रहा है आखिर वो चाहता क्या है उसके मन में ढेर सारे सवाल उठ रहे थे कमरे में वो यही सोचते हुए बिस्तर पर अपनी जगह लेट गई थी। रवि भी उसके पास लेटा था पर आरती वहां होते हुए भी कहीं और थी।
उसके मन में ढेर सारे सवालों के बीच में वो घिरी हुई अपने आपसे उत्तर ढूँडने की कोशिश करती रही पर उसे कोई जबाब नहीं मिला तभी रवि के नजदीक आने से से और उसे कस कर पकड़ लेने से उसकी सोचने में ब्रेक लग गया

रवि आरती को पीछे से पकड़कर अपने हथेलियों से उसके चूचियां धीरे धीरे गाउनके ऊपर से ही दबाने लगा था और उसके गले पर अपनी जीब फेरने लगा था
आरती- उूुउउफफ्फ़ हमम्म्म आज नहीं प्लीज

रवि- क्यों

आरती- मन नहीं कर रहा

रवि- बाप रे तुम्हारा मन नहीं कर रहा
बड़े ही आश्चर्य से रवि ने आरती के चेहरे को अपनी ओर घुमाकर पूछा आरती को अचानक ही पता नहीं क्यों एक चिड सी लगी
आरती- क्यों मेरा मन नहीं है तो इसमें बाप रे का क्या

रवि- हाँ… हाँ… ही ही अरे यार भूत के मुख से राम नाम पहली बार सुन रहा हूँ

आरती- छोड़िए मुझे, मैं भूत ही हूँ

पर रवि जानता था कि आरती को क्या चाहिए उसने फिर से आरती को पीछे से जकड़कर अपनी बाहों में भर लिया और उसके गर्दन और गले पर किस करने लगा था और अपनी हथेलियो को उसकी चुचियों पर बारी बारी से घुमाने लगा था अपने लण्ड को भी आरती के नितंबों पर रगड़कर अपनी उत्तेजना को प्रदर्शित कर रहा था
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