Ashleel Kahani रंडी खाना
08-30-2019, 12:57 PM,
#55
RE: Ashleel Kahani रंडी खाना
गहरी खामोशी और गहरे सोच में हम दोनो ही गुम थे और रश्मि के कमरे में बैठे हुए थे,
“मैं जानता हु रश्मि की काजल क्या कर रही है “
मैंने बहुत सोच कर कहा था ,रश्मि ने सर उठाकर मुझे देखा ,उसका उदास चहरा अचानक से कोई नूर छोड़ गया था,
“लेकिन मुझे ये नही पता की वो चाहती क्या है ,मैं भी इंसान हु ,मेरी भी कुछ भावनाएं है,जैसे मैं उसके लिए मर ही गया हु ,कई दिनों से हमारे बीच कोई बातचीत ही नही रही है ,लेकिन मैं इतना तो जरूर जानता हु वो मुझे धोखा दे रही है …”
रश्मि का चहरा खिल गया,मैं झूट बोल रहा की काजल और मेरे बीच में कोई भी बातचीत नही हो रही है लेकिन मैं रश्मि पर पूरी तरह से विस्वास भी तो नही कर सकता था …..
“तुम मुझे बताओ की मुझे क्या करना चाहिए,मैं तंग आ चुका हु मैं एक आराम की जिंदगी बसर करना चाहता हु ,मुझे इन झमेलो से निकलना है …”
रश्मि ने मेरे आंखों में देखा उसमें एक चमक दिखाई दी..
“तुम क्या चाहती हो और अगर तुम्हे काजल को रोकना है तो क्यो “
मैंने रश्मि के ऊपर एक प्रश्न दागा …
“पहले तो मुझे खान साहब के प्रोपर्टी में अपने हिस्से की चिंता थी लेकिन अब ...अब तो मुझे बस अजीम की चिंता हो रही है ,अगर उसे बाहर नही निकाला तो वो मर जाएगा “
वो जोरो से रोने लगी थी
मैं उसके पास जाकर उसके कंधे पर अपना हाथ रखा
“जिस आदमी ने तुम्हे इतना सताया तुम उसके लिए क्यो परेशान हो रही हो “
वो सर उठाकर मुझे देखने लगी …
“क्योकि मैं उसे प्यार करती हु ,वो मेरा पति था ...देव एक लड़की के दिल की बात तुम नही समझ पाओगे,कई मजबूरियां होती है लेकिन कुछ भी हो मैंने उससे ही तो प्यार किया था …”
मैं इसी सोच में पड़ गया की हो सकता है की काजल की भी कुछ मजबूरियां हो लेकिन वो मुझसे भी प्यार करती हो …
“मेरे दिमाग में एक प्लान है क्या तुम मुझपर भरोसा कर सकती हो “
मैंने झट से कहा
वो मानो खुस हो गई
“मुझे तुम्हारे ऊपर पूरा भरोसा है देव तुम कहो तो सही..”
मुझे अब अपना मैनेजर वाला दिमाग लगाना था ..
“तुम्हे क्या लगता है की अजीम इतना कमजोर क्यो हो रहा है “
वो आश्चर्य से मुझे देखने लगी
“क्या वो ड्रग्स लेता है ???”
“बहुत ज्यादा लेता था लेकिन अभी उसे ड्रग्स …”
वो कहते कहते रुक गई
“वाओ देव कमाल है ,हा समझ गई ठाकुर और काजल मिलकर उसे ड्रग्स दे रहे है ...ओह माय गॉड इसलिए वो काजल का ऐसा दीवाना बना घूम रहा है “
रश्मि की आंखों की चमक और भी बढ़ गई ,मेरे दिमाग में कई खुरापात एक साथ चलने लगी थी ..
“अब हमे क्या करना चाहिए “
रश्मि ने बड़े ही जल्दबाजी में मुझसे पूछा..
“पहले तो पता करो क्या तूम अपने कांटेक्टस के बारे में मुझे बता सकती हो ..”
वो थोड़ी देर सोचती रही ,इतने अचानक मुझपर वो इतना विस्वास कैसे कर सकती थी ..
लेकिन फिर उसने थोड़े हिम्मत भरे स्वर में कहा
“हा बिल्कुल “
“तो जेल में अपना आदमी कौन है “
“फिलहाल तो कोई भी नही “
“तो बिठाओ या खरीदो किसी को “
वो मुझे देखने लगी
“हो सके तो ऐसा सिपाही जो बिल्कुल ही आम हो ,थोड़े पैसे में ही जिसे खरीदा जा सके “
उसने अपना सर हा में हिलाया
“और खान के पास हमारा कोई आदमी “
“हा है तुम जानते हो उसे मोहनी “
मोहनी का नाम सुनकर मैं जोरो से हँस पड़ा
“वो किसी काम की नही है ,वो बस एक ही काम के लिए ठीक है “
मैं फिर से हँस पड़ा और रश्मि ने मुझे थोड़ी नाराजगी से देखा
“एक आदमी बैठना पड़ेगा ,मेरी नजर में है एक लड़का “
वो शांत ही रही
“तुम्हे जो भी करना है करो तुम्हे जितना पैसा चाहिए मैं तुम्हे दूंगी लेकिन ...लेकिन अजीम को उस काजल से बचाओ मेरे पास बहुत है और मुझे अब उनकी दौलत नही चाहिए,अजीम और खान साहब को तो अपने कर्मो की सजा तो भुगतनी ही पड़ेगी लेकिन मैं अपने पत्नी धर्म का तो पालन कर ही सकती हु ,एक बार उन्हें इस दलदल से निकाल दु बस ,फिर कभी उसने नही मिलूंगी “
रश्मि के चहरे में सच में दर्द टपक रहा था ..
पता नही क्यो मेरी सहानुभूति उसकी ओर बढ़ रही थी ,जैसा मैंने अभी तक उसके बारे में सोचा था वो उससे बिल्कुल ही अलग निकली थी ,वो एक बड़े बाप की बिगड़ी हुई औलाद तो थी लेकिन वक्त ने उसे बहुत कुछ सिखाया था,उसके दिल में आज भी अजीम के लिए गुस्सा था लेकिन फिर भी वो उसे अपना पति ही मानती थी ,मैं तो उसे चालबाज समझता था लेकिन वो बस उतना ही उड़ सकती थी जितना पैसे के दम में एक इंसान उड़ता है,काजल ने उसे असहाय बना दिया था क्योकि काजल के सामने उसके पैसो की बिल्कुल भी नही चल पा रही थी …
“एक अंतिम बात ..काजल के पास ऐसा कोई है जो उसकी खबर तुम तक पहुचाये “
“हा है ना ...शबनम ..”
उसकी बात सुनकर मेरे होठो की मुस्कान गहरी हो गई ,तो शबनम भी मेरी ही तरह दोनो तरफ से खेल रही थी ,


कमरे के बड़े से बिस्तर में मैं शबनम के पहलू में लेटा हुआ था ,रश्मि ने आज मुझे शबनम से नए तरीके से मिलवाया था,
हम दोनो को ही ये पता था की हम किसका साथ दे रहे है,मैं उसे उसी कमरे में ले आया जंहा हम अधिकतर ही मिला करते थे,मैं अभी उसके गोद में सोया था और वो मेरे बालो पर अपनी उंगलियां फेर रही थी ,
उसकी गोद में मुझे एक अलग सा सुकून और शांति का अहसास होता है ,ऐसा लगता है जैसे वो ही मेरी सबसे अच्छी दोस्त है मेरा सहारा है…
“आखिर तुमने भी रश्मि के साथ हाथ मिला लिया “
वो मुस्कुराती हुई बोली
“क्या करू कुछ तो करना ही होगा ,काजल क्या करती है मुझे तो आजतक समझ ही नही आया “
“क्या करती है या क्यो करती है क्या जानने के लिए रश्मि के साथ आये हो”
“दोनो ही चीजे आखिर वो ऐसी क्यो हो गई है…”
शबनम थोड़ी देर तक खामोश ही रही
“उसने तुम्हे नही बतलाया ??”
“बतलाया था अपनी कहानी उसने भी बतलाई थी लेकिन …”
“लेकिन क्या ??”
“यकीन नही होता ..”
“क्यो ??”
“क्योकि मैंने किसी से एक दूसरी ही कहानी सुन रखी है “
शबनम का हाथ अचानक ही रुक गया
“कौन सी कहानी “
“श्रुति की कहानी “
उसके चहरे में हल्की सी मुस्कान उभर कर आ गई
“तो तुम केशरगढ़ में बहुत खोज बिन करके आ गए ...किसने सुनाई कहानी डॉ. चुतिया ने या मलीना मेडम ने “
मैं चौका ..
“तुम इन्हें कैसे जानती हो “
“क्योकि वो कहानी सच है और काजल मुझसे कुछ भी नही छुपाती “
मैं अब उठ बैठा था…
“तो काजल ने मुझे झूट कहा था “
मैं उसे घूरने लगा
“नही काजल ने भी सच ही कहा “
मैं बड़े ही असमंजस में पड़ गया था
“मतलब एक ही कहानी सच हो सकती है दोनो कैसे “
वो मुस्कुराई
“इसके लिए तुम्हे अतीत में झकना होगा देव ...काजल ने मुझे मना किया था की उसके अतीत के बारे में कुछ भी तुम्हे नही बताऊँ लेकिन मुझे लगता है की अब वो समय आ चुका है जब तुम्हे ये जानने का हक है,वरना तुम उससे सिर्फ नफरत ही करते रहोगे …”
शबनम के आंखों से एक आंसू गिर गया ..
मैंने उसका हाथ थाम लिया था ..
उसने कहना शुरू कीया
“बात तब की है जब केशरागड के करीब शहर में होटल आदित्य की मालकिन काजल हुआ करती थी ,काजल की एक और सहेली थी जिसका नाम था नेहा ,काजल के पति का नाम विकास था जो की एक आईएएस ऑफिसर थे ,विकास की एक और बीवी थी जिनसे तुम मिले थे ,मलीना ,उनसे उन्हें एक लड़की थी जिसका नाम रखा गया श्रुति ...

मैं ध्यान से उसकी बातो को सुन रहा था…
“काजल की दोस्त नेहा का पति रॉकी था जो की आदित्य इंटरनेशनल का मैनेजर हुआ करता था ,उन दोनो की एक बेटी थी जो की श्रुति की हम उम्र ही थी ,नेहा और काजल का प्यार बहनों की तरह था शायद उससे भी ज्यादा इसलिए नेहा ने अपनी बेटी का नाम भी उसके नाम पर काजल ही रखा ...वही हमारी काजल है देव ….”
उसकी आंखों से आंसू झलक आये थे ,
मैंने उसके गालो पर हाथ फेरा ..
“तो नेहा काजल की मां थी ,तो डॉ ने मुझे मलीना के सामने श्रुति का पति क्यो कहा ???”
मैंने सवाल किया ..
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RE: Ashleel Kahani रंडी खाना - by sexstories - 08-30-2019, 12:57 PM

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