RE: Chudai Kahani मेरी कमसिन जवानी की आग
उसने मेरे बालों को पकड़ कर पूरा लंड मेरे मुँह में घुसेड़ दिया. उधर दिनेश ने नीचे मेरी टांगों को फैला दिया. मेरी चूत को पूरा खोल दिया, फिर बड़े ही ध्यान से देखने लगा.
उसने मेरी चूत में उंगली और हाथ रख कर कहा- चाचा ऐसी गुलाबी मस्त चूत मैंने अपनी जिंदगी में नहीं देखी.. जैसी संध्या की चूत है. साली की चूत बिल्कुल मक्खन हो रखी है. सच में चाचा तुमने क्या माल पटाया है. चाचा, आज आपने तो हम दोनों की किस्मत बना दी, मैं तो कहूंगा कि संध्या को आप अपनी परमानेंट अपनी रखैल बना लो, इसकी मम्मी का चक्कर छोड़ो, जो करना है इसी के लिए किया करो. पैसे कपड़े और भी सामान संध्या को ही सीधे दिया करो. अब इसकी मम्मी को रहने दो, वो खटारा हो चुकी है. संध्या, तुम चाचा की रखैल बन जाओ, मालामाल हो जाओगी.
ऐसा कहते हुए दिनेश मेरी चूत को बहुत जोर जोर से चाटने लगा. जैसे ही दिनेश ने मेरी चूत में अपनी जीभ को डाला, मुझे जाने कैसा सुरूर होने लगा कि मैं इतना उत्तेजित होने लगी कि बता नहीं सकती. मैं अपने आप अपनी कमर को उछालने लगी और मनोहर का लंड पूरा का पूरा मुँह में अन्दर-बाहर करने लगी.
चाचा बोले- संध्या, मैं तेरी मम्मी को बहुत चोदता हूं, ये बात मुहल्ले और गांव में सबको पता है कि तेरी मम्मी मेरी रखैल की तरह है. पर तेरी मम्मी के और भी यार हैं, सब पैसे वालों को तेरी मम्मी फंसा के रखती है. आज से जैसा दिनेश बोलता है, तू वैसा ही कर ले, तू मेरी रंडी और रखैल बन जा, तेरा पूरा खर्चा मैं उठाऊंगा. पढ़ाई से लेकर हर बात का तेरे पहनने, घूमने तुझे खर्च के लिए पैसे भी दूंगा. तुझे बहुत मजा आएगा, तुम देखना हम तीनों मिलकर तुम्हें जन्नत का मजा हमेशा देते रहेंगे और मैं तुझे अलग-अलग एक से एक कड़क लंड दिलवाता रहूंगा. तुम उन नए लड़कों को भूल जाओगी, जिनसे अभी चिपकी थी. ये नये लड़के किसी काम के नहीं होते, फ्री में चोदना जानते हैं बस. कभी तुम्हें कुछ काम पड़ जाए, तो ये दूर भाग जाते हैं, जैसे अभी भाग गए थे. उस वक्त सिर्फ हम लोग ही काम आएंगे.
मैं फुल पागल हो रही थी क्योंकि मुँह में मनोहर का लंड पूरा घुसा था, दिनेश चूत बेहद गंदे तरीके से चाटने में लगा था, चाचा मेरी गांड को फैलाए चाटे जा रहे थे.
मैंने मनोहर का लंड मुँह से निकाला और चाचा से बोली- चाचा जो भी आप मम्मी को, मेरे लिए देते हो और जैसा आपका मम्मी से रिश्ता है, उसे देते रहना.. और वैसा ही रिश्ता मम्मी से बनाए रखना. मैं अपनी मम्मी को बहुत मानती हूं, मेरे हिस्से का भी सब मम्मी को ही दे दिया करना. मेरे और आप लोगों के बीच का ये रिलेशन किसी को भी पता नहीं लगना चाहिए. सच में आप तीनों बहुत मस्त हो, मुझे जाने कैसा लग रहा है.. मुझे अब होश नहीं है. बहुत अलग तरह का मजा आ रहा है, बस चोरी से चुपके चुपके कैसे भी मुझे ऐसा ही आप तीनों रोज ऐसे ही मुझे जमकर चोदना, चूमना और चाटना. चाचा अब कुछ ऐसा करो कि मेरे शरीर की ये जलन ये आग बुझ जाए. मैं बहुत ही छोटी हूं, ये रखैल क्या होती है, ये सब नहीं जानती हूं. अभी बस सेक्स कहानियों में चुदाई की मस्ती को पढ़ा है.. रंडी और रखैल के बारे में पर जो भी हो, ये मुझे आप तीनों जल्दी से जमकर कुछ करो. आज से मैं आप लोगों की रंडी भी हूं और रखैल भी बन गई हूँ.. जो भी बोलो वो सब हो गई हूँ.
तभी मनोहर बोला- संध्या तू तो बहुत मस्त है.. साली इतनी छोटी उम्र में तू रंडी और रखैल बन गई. आगे तो तू सबको बेहाल कर देगी, मेरे दो मजदूर भाई हैं.. उनके लंड बहुत लम्बे चौड़े हैं. उनसे तुझे एक बार जरूर चुदवाऊंगा. वो दोनों आधे आधे घंटे तक लगातार चोदते हैं. उनका लौड़ा मेरे हाथ के बराबर मोटा और लम्बा लौड़ा है. उनसे चुदाई कर चुकी सब औरतें कहती हैं कि वो दोनों इंसान नहीं, जानवर हैं.. औरतें और लड़कियां उनसे चुदने को तरसती हैं.
मैं पागल हुए जा रही थी, मुझे होश नहीं था. मैं बोली- मनोहर, अभी बुला उन दोनों को.. मुझे उनसे अभी चुदवा दो, मुझसे रहा नहीं जा रहा.. बुलाओ अभी.चाचा बोले- मनोहर, ये संध्या पागल हो चुकी है.. इसकी बातों में मत आना. अभी उन दोनों को नहीं बुलाया जा सकता है संध्या.. अभी तो आज हम तीनों ही तेरे चूत और गांड की खुजली मिटायेंगे और देख हम तीनों ही तुझे जन्नत से भी ज्यादा मजा अभी दिए देते हैं.
ऐसा कहकर चाचा ने पीछे मेरी गांड के छेद के लिए मेरे दोनों कूल्हों को फैला दिया और गांड में उंगली धीरे धीरे चलाने लगे.. साथ ही वे मेरी पीठ को अपने होंठों से चूमते रहे.
तभी दिनेश अपनी दो उंगली मेरी चूत में डालने लगा और धीरे से अन्दर घुसा दिया. जैसे ही चूत में दिनेश की उंगली घुसी. मैंने फिर से मनोहर का लौड़ा पूरा पकड़ कर खींच लिया और मुँह में लेकर जोर-जोर से चूसने लगी.
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