RE: Chudai Kahani मेरी कमसिन जवानी की आग
अब तक की इस चुदाई की कहानी में आपने पढ़ा कि चाचा ने मेरी गांड में अपना माल छोड़ दिया था और उनकी जगह अब दिनेश ने ले ली थी. अब दिनेश मेरी गांड मार रहा था और मनोहर मेरी चूत में अपना मूसल पेले हुए मुझे धकापेल चोदे जा रहा था.
अब आगे..
मनोहर बोला कि संध्या लगता है कि अब मैं झड़ने वाला हूं.. मेरे लंड का रस बस निकलने वाला है.तभी मनोहर का शरीर एकदम से अकड़ गया. वो बहुत तेजी से मेरी चूत में धक्का मारने लगा. मेरी चूत से बहुत तेज फच फच फच की आवाज आने लगी.
मनोहर पूरा अपना लंड निकाल कर मेरी चूत में जड़ तक ठोक रहा था. मुझे अब जन्नत नजर आने लगी. बेहद मजा आ रहा था.उसी समय मुझे न जाने कैसा महसूस होने लगा और मैंने भी मनोहर को जोर से पकड़ के अपनी बांहों में पूरी ताकत से चिपका कर कस लिया. अपनी जीभ से मनोहर का सीना और बाकी का बदन भी चाटने लगी.
मुझे ऐसा लगा जैसे मैं हवा में उड़ रही हूं, मैं मनोहर से बोली- यार मुझे ये क्या हो रहा है.. कुछ समझ नहीं है मुझे, अब मुझे बस चोद चोद के पागल कर दे.. आह और चोद साले बहुत जोर से मुझे कुछ-कुछ हो रहा है..मेरा पूरा जिस्म अब मचल के अकड़ने लगा, मुझे कुछ समझ भी नहीं आया और मेरी चूत के अन्दर से चूत रस की गरम गरम पिचकारी निकल पड़ी.
मनोहर बोला- संध्या तेरा काम तो हो गया.. आह.. बेहद गर्म है तेरा चूत रस और इतना ज्यादा निकल रहा है कि लगता है.. मेरा लंड डूब जाएगा.
साधारणतया लड़कियों की चूत से इतना ज्यादा और इतना गर्म चूतरस नहीं निकलता है. मगर वाकयी मेरा चूत रस कुछ ज्यादा ही टपकने लगा था.
मनोहर बोले जा रहा था- लगता है संध्या तू बहुत ही ज्यादा सेक्सी और गर्म लड़की है.. कुछ स्पेशल बात है तुझमें, आह.. संध्या अब तो तू झड़ गई है.. तेरी चूत से बहुत मस्त गरम रस निकल गया.. आज तेरी प्यास बुझ गई.. तू अब बिल्कुल तृप्त हो गई..
मैं भी पहले से बिल्कुल जोश में थी, सो मनोहर से ऐसे लिपट गई, जैसे मेरे जिस्म में और मनोहर के शरीर में कोई अंतर ही न हो. ऐसे मदहोश होकर मैं अपने होश खो बैठी, जैसे बिल्कुल बेहोश हो गई हूं.
तभी दिनेश मेरे पीछे मेरी गांड को और जोर से चोदने लगा और बोला- रंडी साली संध्या तू बहुत मस्त चुदवाती है.. आहहहह वाउउउ क्या तो तेरी गांड है.. चाचा सच बोल रहे थे कि जिसने तेरी गांड में लंड डाल लिया उसका जीवन धन्य हो जाएगा.
मैं मस्त हवा में उड़े जा रही थी मेरी चूत और गांड के दोनों छेद लंड से चुदाई कर रहे थे. तभी दिनेश मेरे बालों को पकड़कर बोला कि अब मेरा भी काम तमाम होने वाला है संध्या.. आह ले..वो जोर से मेरे बालों की चोटी खींच कर मुझे पीछे से कमर उठा-उठा कर जोर जोर से लंड अपना डालकर चोदने लगा, साथ में गंदी गाली बकने लगा.
मेरी गांड में भी कुछ-कुछ अजीब सा होने लगा था. करीब 5 मिनट बाद दिनेश बोला- आह ले.. मेरे लंड का रस.. मेरा आ रहा है.. आह.. मैं बस झड़ने ही वाला हूं, तू बता संध्या कहां डालूं?मैं बोली- आह.. मुझे नहीं पता दिनेश जहां अच्छा लगे डाल दे.. बस मुझे बिल्कुल पागल कर दे.
मेरे को कुछ नहीं समझ आ रहा था, तभी दिनेश अपना लंड गांड से निकाल कर मेरे मुँह तरफ आकर मेरे मुँह में लंड डाल दिया और बोला- ये ले संध्या, लंड का जूस पी.
जैसे ही मुँह में लंड पूरा घुसा कि एकदम गरम गरम लंड रस की पिचकारी मेरे अन्दर तक घुस गई और उसे मैं ना चाहते हुए भी पी गई. दिनेश का लंड रस बहुत गर्म रस था और एक अजीब सा टेस्ट लगा, पर मस्त था. मैं पूरा का पूरा रस निचोड़ कर पी गई.
अब मेरे मुँह में ही दिनेश का लंड छोटा हो गया, मतलब कि दिनेश झड़ कर पूरा खाली हो गया.
इसके बाद मेरे मुँह से दिनेश ने लंड निकाल लिया और बोला- कैसा टेस्ट लगा मेरे लंड रस का?मैं चुत में लंड का मजा लेते हुए बोली- आह बहुत मस्त है दिनेश.. बहुत मजा आया.. बहुत टेस्टी मलाई थी.
मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था टेस्ट के लिए क्या बोलूं.
दिनेश उठ कर कपड़े पहनकर वहीं एक किनारे बैठ गया. इतने में मनोहर जोर से मेरी कमर को उठाया और मेरी चूत में पूरा लंड अन्दर घुसा कर बोला- संध्या तेरी चूत और तू बहुत ही मस्त है.
मनोहर करीब 5 से 7 मिनट तक मेरी चूत को जमकर रगड़कर चोदता रहा. वो गन्दी गन्दी गालियां दे रहा था.तभी चाचा बोले- मनोहर क्या खाता है मादरचोद तू.. तेरा स्टेमिना तो घोड़े जैसा है.. संध्या को तेरे जैसे मर्द की जरूरत है.
मैं एकदम पसीने से लथपथ हो गई और मनोहर के शरीर से तो पसीना बह चला. मेरे मुँह से जोर जोर से ‘उंहहह ऊंह उम्म्ह… अहह… हय… याह… वोहहह आहहहह मेरे कुत्ते मेरे राजा ऊंहहह..’ अपने आप निकल रहा था.
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