RE: Chudai Kahani मेरी कमसिन जवानी की आग
मैं समझ गयी कि पीयूष का लन्ड नहीं घुसेगा, मैं बोली- ऐसा करो पीयूष, मेरी टांगों के बीच मेरी चूत में अपना लन्ड ऐसे ही रखे रहने दो और अब अपनी उंगली मेरी चूत में डालो.तभी पीयूष ने अपनी उंगली मेरे चूत में डाल दी, जैसे ही पीयूष ने उंगली मेरी चूत में डाली, मुझे लगा कि उसने अपना लन्ड डाल दिया, जैसे ही उंगली घुसी मैं बिल्कुल तड़प उठी और पीयूष को कस के जकड़ कर बोली- आई लव यू मेरे दूल्हे राजा… मेरे पति… और डालो जोर से पूरा लौड़ा अन्दर घुसा दो.
तब पीयूष बोला- संध्या इतनी ही बड़ी है मेरी उंगली… पूरी घुसा चुका हूं.मैं बोली- ऐसा करो, अपनी दो उंगलियां डालो मेरी चूत में!उसने दो की जगह तीन उंगलियां डाल दी.
पीयूष की लंबी पतली उंगलियाँ मेरी चूत में घुसी, तब सच में मुझे थोड़ा दर्द हुआ और मैं अपना पूरा कमर उछालते हुए पीयूष को बोली- पीयूष जोर जोर से उंगलियां डालो!फिर सॉरी बोल के बोली- लन्ड डालो.शायद मैं पागल हो रही थी.
जब पीयूष चूत में अंदर बाहर करने लगा था, पीयूष बोला- तुम्हारी चूत बहुत गर्म है. लगता है उंगलियां जल जायेंगी.मैं बोली- पीयूष और जोर से डालो मेरे अंदर अपना लन्ड… मेरी चूत में बहुत आग है और बहुत खुजली भी है . तुम्हें बहुत मजा आएगा, पीयूष जम कर चोदो मुझे, फाड़ दो मेरी चूत! और जोर से डालो, पूरा घुसा दो!
पीयूष जम कर अंदर बाहर करने लगा, मुझे जरा भी ध्यान नहीं रहा कि पीयूष उंगली से चोद रहा है, मुझे लगा कि जैसे मेरे चूत में उंगली नहीं लन्ड घुसा है और मैं जल्दी जल्दी चुदाई करवाने लगी.वो जल्दी-जल्दी अंदर बाहर करने लगा, मुझे बहुत अच्छा लग रहा था, मैंने पीयूष के होठों को जोश में काट दिया.पीयूष बोला- बहुत दर्द हो रहा है, मत काटो संध्या!
मारे जोश के मैं पीयूष के पीठ में नाखून से काटने लगी.पीयूष बोला- संध्या तुम्हारे अंदर चूत में बहुत गर्म गर्म लग रहा है, ऐसा लग रहा है उंगलियां जल जाएंगी मेरी!मैं बोली- मैं बहुत चुदासी हूं इसलिए मेरी चूत में आग है, मेरे राजा और जोर जोर से डाल दे पूरा अंदर घुसा!और मैंने उसकी पीठ को नोच कर काट दिया.
पीयूष करीब 15 मिनट रगड़ता रहा अंदर-बाहर… तब मेरी चूत से बहुत जोर से चूत का रस पिचकारी की तरह निकलने लगा. यह मेरे जीवन की पहली चुदाई थी, टूटा फूटा जैसा भी… यह मेरा पहला चुदाई का चरमोत्कर्ष था, बहुत मजा आया मुझे… जन्नत दिख गया इन 30-40 मिनटों में!
अब पीयूष से लिपट कर मैंने उसके होठों को चूमा और फिर बोली- अब तुम जा सकते हो… और ये खेल किसी को बताना नहीं.फिर वो जाने लगा तो मैं बोली- थैंक्यू पीयूष!उसने अपने कपड़े पहने और चला गया.
आज मैंने जाना कि कितना मजा होता है चुदाई में… आज पहली बार ऐसे कामुक आनन्द का अहसास हुआ.मैंने जैसे ही अपनी यह सच्ची बात दोनों को सुनाई, राज और सीड दोनों ही एकदम जोश में आ गए और मुझे बोले- सच में तुम तो वंध्या पहले से ही इतनी सेक्सी हो बहुत चुदासी रहती हो. थैंक यू और तुम्हारे कमलेश चाचा को जिन्होंने तुम्हें वह सेक्स कहानी की बुक और मैगजीन दी, और थैंक्यू तुम्हारी मम्मी को जिसके कारण तुम इस तरह लाइफ को इंजॉय करने लगी. संध्या तुम बहुत सेक्सी लड़की हो तुम्हारे जैसी कोई नहीं!
यह कह कर सीड और राज दोनों ही मुझसे लिपट गए.
तभी राज बोला- सीड, तुम संध्या की चूत को जबरदस्त चोदो!ऐसा कह कर राज, मेरा होने वाला पति मेरे मुंह में अपना लन्ड देने लगा, बोला- रंडी साली तू तो एक नंबर की रांड है. बता संध्या आज तक में कितने लोगों से चुदवा चुकी है?सीड बोला- राज भाई, अभी मत पूछो, आराम से… जब तुम्हारी बीवी बन जाएगी, तब फिर इसकी चुदाई की सच्ची कहानियां सुन सुन के इसको चोदते रहना… और हो सके तो मुझे भी बुला लेना. फिलहाल आज तो इसको चोदो!
सीड मेरे ऊपर आकर मेरी जांघों को चाटने लगा और अपनी दो उंगलियां मेरी चूत में डाल दी. फिर सीड उधर मेरे पैरों को चाटते हुए जांघों को बहुत सहलाने लगा.जैसे ही सीड की उंगली मेरी चूत में घुसी, मैंने जोर से मुंह खोला, तभी राज अपना लन्ड मेरे मुख में घुसा दिया.राज बोला- क्या मस्त लग रही है संध्या… तुझे पाके मेरी लाइफ बन गई. चाहे तो तुझे जितने लोगों ने चोदा हो या तू चाहे जितनों से चुदी हो, मैं फिर भी सिर्फ तुझी से शादी करूंगा. मुझे ऐसी ही लड़की चाहिए थी, मैं तुझे ना भी चोदूं, सारी उमर तक तुझे चुदते हुए देख कर मस्त जिंदगी गुजार दूंगा.
इतने में सीड उठा और मेरे ऊपर चढ़ गया, और सीड ने दोनों हाथों से मेरे एक एक बूब्स पकड़ कर पूरी ताकत से दबाने लगा और अपने होठों को मेरी नाभि में रख दिया, अपने गरम होंठ से मेरी सेक्सी नाभि को चूमने लगा.
अब मेरे से रहा नहीं गया और मैं बहुत जोर से राज का लन्ड चूसने लगी.
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