RE: Hindi Adult Kahani कामाग्नि
इधर समीर श्याम को घर आया अपने रूम जाकर कपड़े बदलकर बाथरूम में जाकर फ्रेश होकर शीतल के पास गया शीतल आराम कर रही थी समीर को देख कर वह उठ गई और समीर को चाय देकर उसके साथ बैठकर उसने भी चाय पी लिया और शीतल नहाने के लिए बाथरूम में घुस गईं.. और समीर भी मौका पाकर अपनी आँख को दरवाजे के छेद से लगा कर बाथरूम के अन्दर का सीन देखने लगा।
शीतल ने अभी नहाना शुरू ही किया था.. वे अपनी साड़ी उतार रही थीं।
फिर उन्होंने अपने ब्लाउज को खोलना शुरू किया, अब शीतल ब्रा और पेटिकोट में समीर की नजरों के सामने थीं।
उनकी बड़ी-बड़ी गोरी चूचियाँ मानो ब्रा से निकलने के लिए बेताब हो रही थीं और शीतल ने ब्रा को भी उतार दिया, शीतल की दोनों चूचियाँ आज़ाद हो गईं।
अब शीतल ने अपना पेटीकोट भी उतार दिया और वो बिल्कुल नंगी हो चुकी थीं।
नंगी शीतल ग़ज़ब की हसीन लग रही थीं.. शीतल की चूचियों से समीर की नज़र नीचे खिसकते हुए उनकी चूत पर ठहर गईं।
शीतल की चूत काफ़ी बड़ी और गोरी थी.. उस पर हल्की-हल्की सी झांटें उगी हुई थीं।
समीर के पूरे बदन में सनसनी होने लगी और समीर का लंड तन कर खड़ा हो गया।
शीतल अपने सारे बदन को साबुन से मसल-मसल कर नहा रही थीं, नहाते-नहाते शीतल अपने दोनों चूचियों को हाथों से दबाने लगीं।
इसी तरह दबाते-दबाते शीतल पर जवानी की मदहोशी छाने लगी, वे अपने हाथों से बुर भी मसल रही थीं।
पहले तो बुर को हाथों से हल्के-हल्के सहलाती रहीं.. और फिर उन्होंने अपनी छूट में अपनी दो उंगलियों को पेल दिया और शीतल के मुँह से हल्की-हल्की सिसकारी निकालने लगी ‘ऊऊओ.. आअहह.. ससिईई..
शीतल ने अब नहाना शुरू कर दिया, समीर दरवाज़े से हट गया।
थोड़ी देर बाद शीतल नहा कर बाथरूम से निकलीं.. इस बार समीर को उनका हुस्न और भी लाजवाब लगा।
शीतल के इस रूप ने समीर को अपनी माँ में दिलचस्पी लेने के लिए बेकरार कर दिया था। शीतल अपने कमरे में चली गईं.. उन्होंने दरवाजा बंद कर लिया।
अब समीर में अपनी माँ को देखने की ज्यादा चाहत जाग उठी थी। शीतल का एक नया मस्ताना रूप देखने की इस चाहत कि वजह से समीर से भी नहीं रहा गया, समीरने भी बाहर से माँ को पुकारा।
‘क्या हुआ.. अन्दर आओ न..’
शायद शीतल भी समीर के इंतज़ार में थीं, उन्होंने दरवाज़ा खोल दिया.. समीर के अन्दर दाखिल होते ही दरवाज़ा लॉक कर दिया।
शीतल सिर्फ़ तौलिया लपेटे हुए थीं.. वे तौलिया वाला गाउन पहन कर बाथरूम से आई थीं।
फिर क्या था.. समीरने बोला- तो.. मैं आपका बदन पोंछ कर पाउडर लगा दूँ?
उनकी मौन मुस्कराहट देख कर समीरने उनके बदन पर से तौलिया को सामने से खोल दिया और उनके नंगे जिस्म को एक छोटी तौलिया से मस्ती से रगड़ कर पोंछना शुरू किया। पहले गर्दन.. फिर मम्मों को.. कमर.. पेट और फिर नाभि के नीचे भी तौलिया का एक कोना जिसमें समीर का हाथ उनके जिस्म को अधिक टच हो रहा था.. समीर हाथ फेरता रहा।
शीतल तौलिया वाले गाउन को बदन पर पकड़े हुई थीं।
समीर हाथ को अन्दर डालकर यह सब कर रहा था।
फिर समीरने नाभि के नीचे पोंछते समय एक झटका दिया और उनका तौलिया वाला गाउन नीचे गिर गया।
उनका पूरा गोरा जिस्म समीर के सामने नंगा हो गया। शीतल ने दोनों हाथ चूचों पर रख लिए.. समीरने उनकी बुर को मस्ती से रगड़-रगड़ कर पोंछना शुरू किया।
उन्हें भी मस्ती आने लगीं.. वो आज बड़ी हसीन लग रही थीं।
शीतल की बुर पर बड़ी-बड़ी झाँटें थीं.. और झाँटों के अन्दर से झाँकती उनकी गोरी बुर..
आह्ह.. समीर तो उनके बस इस मस्त हिस्से की झलक को देख कर मदहोश हो रहा था।
अब समीरने पाउडर लगाना शुरू किया और इसी बहाने शीतल को अपनी बाँहों में भर कर उनकी चूचियों को मसलने लगा। अपने हाथों से ज़ोर-ज़ोर से मम्मों को दबाने लगा और अचानक शीतल ने अपने होंठों को समीर के होंठों पर रख दिए।
समीर भी मौका देख कर होंठों से होंठ रगड़ते हुए चूसने लगा और मम्मों को भी ज़ोर से दबाने लगा।
वो फिर हल्की-हल्की सिसकारी निकालने लगीं- ऊऊओ.. आअहह.. ससिईई..
वो बोलीं- तुम क्या कर रहे हो..?
समीर बोला- मैंने आपको डैड के साथ कई बार सेक्स का मज़ा लेते हुए देखा है..
कहानी जारी रहेगी
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