RE: Hindi Sex Kahaniya अनौखी दुनियाँ चूत लंड की
रमा-देख दीदी को खुद आना पड़ा अब किताबें उठा और जा दीदी के साथ । और यह थाली मुझे दे पिंकि को खाना मैं दे दूँगी । रमा पिंकि का दरवाजा खटखटाती है ।
राहुल चुप-चाप किताबें लेने अंदर चला जाता है ।
पिंकि(बबिता को रमा के साथ देखते हुए)-नमस्ते आंटी ,नमस्ते दीदी । आप इस समय यँहा ?
रमा -राहुल का पेपर है और वो गधा आज ट्यूशन ही नहीं गया । बबिता को खुद आना पड़ा ।
पिंकि(वो सारा माजरा समझ जाती है कि किस पढ़ाई के लिए बबिता राहुल को ले जा रही है ) - दीदी आप कँहा परेशान होंगी इस समय राहुल को मैं पढ़ा दूँगी ।
बबिता-नहीं नहीं उसे कुछ इम्पोर्टेन्ट सवाल करवाने हैं ।
पिंकि(रमा से)-आँटी आप राहुल को कह दो न कि कुछ समझना हो तो मेरे पास आ जाया करे ।
रमा- बेटा जो ट्यूशन नहीं जाता वो फालतू तो क्या पढ़ेगा , तेरे पास खाना लेकर भेजा था वो तो अच्छा हुआ बबिता उसे मिल गयी यँहा।
पिंकि राहुल को बाहर आते देखती है और उसकी उतरी हुई शक्ल देखकर समझ जाती है कि उसका मन नहीं था जाने का । राहुल सिर झुकाए चुपचाप सीढ़ियां उतरने लगता है।
बबिता-ठीक है दीदी मैं चलती हूँ ।
रमा-बबिता यह अकेला इतनी रात में कैसे आएगा ,तू मुझे फ़ोन कर लेना मैं आ जाऊँगी ।
बबिता-नहीं नहीं दीदी ,मैं खुद छोड़ जाऊँगी इसे । आप क्यों परेशान होंगी ।
रमा(वो खुद भी राहुल को लेने नहीं जाना चाहती थी क्योंकि वो रवि के साथ एक पार्टी में जाने का प्लान बना चुकी थी)-बबिता आज तुम्हारे जैसी टीचर्स कँहा मिलती हैं जो बच्चों का इतना ख्याल रखती हों । मुझे वैसे भी आज एक सहेली के घर जगराते में जाना था ।
बबिता(रमा के जगराते की बात सुनकर उसके मन में तो जैसे लड्डू फूटने लगते हैं...अब वो राहुल को ज्यादा देर तक अपने घर पर रख सकती थी)-यह तो मेरा काम ही है दीदी ,मैं चलती हूँ ।
बबिता एक नम्बर की चुड़कड लड़की थी उम्र भी उसकी 25-26 साल से ज्यादा नहीं थी ,राहुल ने उसकी ऐसी चुदाई की थी कि वो उसकी फैन हो चुकी थी ऐसा नहीं था कि उसे मर्दों की कोई कमी थी। देखने में वो जैकलीन फर्नांडिस जैसी लगती थी और बदन भी जैकलीन जैसा ही गदराया हुआ था उसके 38-30-38 के फिगर वाले कामुक बदन के कई आशिक थे पर राहुल जितना संतुष्ट उसे कोई न कर पाया था । वैदेही से मिलने के बाद और उससे बात करने के बाद राहुल की कामवासनाओं पर कुछ देर के लिए रोक लग गयी थी पर अब जब वो बबिता के साथ चल रहा था तो एक बार फिर उस पर वासना हावी होती जा रही थी ।
बबिता आज खूब चुदना चाहती थी और उसे लग रहा था राहुल का आज सेक्स का मूड नहीं है । इसलिए घर पहुंच कर उसने राहुल को बेड रूम में जाने के लिए कहा और रसोई में जाकर उसके लिए वायग्रा की 3-4 गोलियां मिला दूध ले आयी । राहुल कुर्सी पर बैठा हुआ इधर-उधर देख रहा था ।
बबिता(राहुल को दूध देते हुए)-पीलो इसे ।
राहुल-मन नहीं है ।
बबिता-राहुल ऐसा मत करो ,आज तुम्हारा मूड नहीं है तो कुछ देर मेरे साथ बातें करके ही चले जाना । वो अपनी कमीज उतारते हुए कहती है ।
राहुल उसके भरपूर विकसित उन्नत मोम्मे देखता है तो उसके अंदर का ठरकी मर्द उस पर हावी होने लगता है ।वो एक ही बार में वायग्रा मिला दूध खत्म कर देता है ।
बबिता उसकी टाँगों के पास घुटनों के बल बैठ जाती है और उसका लोअर और कच्छा नीचे कर उसका मोटा आधा खड़ा लन्ड बाहर निकाल लेती है । वो उसके क्रिकेट की गेंदों जैसे बड़े -2 अण्डकोषों को पकड़ते हुए अपनी जीभ बाहर निकालती है और मुँह को आगे कर राहुल के टोपे को चाटने लगती है ।
"आह....आह....बबिता...." राहुल सिसक उठता है उसका रोम रोम मज़े के कारण रोमांचित हो गया था । बबिता के कोमल हाथों में राहुल लन्ड किसी गुबारे की तरह फूलकर लंम्बा और मोटा होता जा रहा था उसमें सख्ती बढ़ती जा रही थी ।
राहुल -ओह बबिता ....आह मज़ा आ रहा है ऐसे ही हाँ ऐसे ही उफ्फ्फ....बड़ा मस्त लौड़ा चाटती है तू"
बबिता(उसके 6इंची टोपे पे किसी करती है और राहुल की आखों में देखते हुए कहती है)-तेरे इस अजगरी लौड़े ने मुझे दीवाना बना दिया है और एक तू है कि नखरे करता रहता है ।
राहुल- वो घर पर कैसे ....तुमने तो सीधे आकर मेरा लौड़ा ही पकड़ लिया था कोई देख लेता तो ?
बबिता -(उसके लौड़े के टोपे के आहिस्ता आहिस्ता चार-पाँच बार चूसती है फिर उसके लौड़े पर अपने होंठ रगड़ती है और अपनी थोडी(चिन) को उसके अंडों पर टिकाते हुए बड़े प्यार और कामुकता भरी नजरों से उसे देखते हुए कहती है)-मज़ा आया ?
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