Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
10-05-2019, 02:10 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मैने अहिश्ता से कॉफी की घूँट भरी और उसकी ओर देखने लगा वो बोली चल एक काम कर जै मैं तन्ने इतनी ही सुथरी लागू सूं तो तू मेरे गेल्ल्या ब्याह ही करले अर आज ही करले इब की स्यात ही करले तू भी के याद करेगा कि कोई दिलदार जाटनी मिली थी जैसे ही उसने ये बात कही मुझे कि दम से खाँसी आ गयी तो वो हँसते हुए बोली क्यू फोजी निकल गी सारी हवा पड़ग्ये गोडे ढिल्ले मैने कहा यार अगर मेरा दिल किसी ओर का ना होता तो कसम से अभी फेरे ले लेता जो होता देख लेता तो वो बोली तू तो इब सी ही पाछे हट गया मैने कहा यार बस मैं तो फ्रेंडशिप के लिए ही कह रहा था आज ज़िंदगी मे कोई टक्कर वाली लड़की मिली थी

उसने कहा कि तू तेरी मजबूरी के साथ ही जी और हाँ हसन बोलन की अलग बात है पर मैं दोस्ती वोस्ती के चक्करो मे ना पड़ा करती हू मैने कहा यार तू भी कमाल है पर अंदर मेरा मन कह रहा था कि आज सेर को सवा सेर मिल गया है ऐसे ही साथ हो गया था इस लड़की का पता ही नही चला कब कॉफी ख़तम हो गयी पर उसकी बाते ख़तम ही ना हो रही थी तभी पद्मिडनी का फोन आया उसने कहा कि कब तक आओगे तब जाकर मुझे होश आया फिर पद्मि नी ने जो समान मँगवाया था वो भी लाना था तो मैने उसे कहा ही चल अभी मुझे निकलना होगा तू मुझे ग्रॉसरी स्टोर पे ड्रॉप कर्दे तो वो बोली आजा तभी मुझे ध्यान आया तो मैने कहा तेरा नाम तो बता दे वो बोली “उर्वशी”

उर्वशी, तो ये नाम था उस मर्जानी का जब मैं ग्रोसर्री स्टोर से समान खरीद रहा था तो उसने कहा ,” तू तो कह रहा था कि बाहर जा रहा हू फिर ये सामान किसका है”
मैने कहा ये मेजर साहब के घर देना है देते हुए निकल जाउन्गा तो वो बोली कि तू क्यो किसी के पर्सनल काम करता है मैने कहा वो तेरी प्राब्लम नही है तू अभी जा पर वो तो आज जैसे फेविकोल की तरह ही चिपकने को तैयार थी अब मुझे कोफ़्त होने लगी थी अब करूँ तो क्या, खैर जैसे तैसे उस से पीछा छुड़ाया और पद्मिथनी के घर पहुच गया पद्मिूनी ने दरवाजा खोला तो उसके गीले बालों से आती महक मेरे दिल मे उतर ती चली गयी मैं अपने होश खोने लगा पद्मिउनी मुस्कुराते हुए बोली कि अरे अब यही खड़े रहोगे या अंदर भी आओगे और मेरा हाथ पकड़ कर अंदर खीच लाई

उसके बदन से चंदन की भीनी भीनी आती खुसबू मुझ पर जैसे नशा सा करने लगी थी पीले रंग की साड़ी मे आज पद्मि नी किसी कयामत से बिल्कुल कम नही लग रही थी ना जाने क्यो जब जब मैं उसके पास आता था तो मैं अपने काबू मे नही रहता था मैने समान को टेबल पर रखा और पद्मितनी को अपनी बाहों मे ले लिया और उसकी गीली ज़ुल्फो को सुलझाने लगा वो बोली क्या बात है बड़े उतावले हो रहे हो पर मैं चुप ही रहा और उसके बदन की खुश्बू को अपने अंदर समेटने लगा

पता ही नही चला कब मेरे हाथ उसके उभारों को सहलाने लगे थे पद्मि नी बोली आओ पहले खाना खाते है फिर मस्ती करेंगे पर अब जिस्म की भूख को शांत करना ज़्यादा ज़रूरी था तो मैं पद्मिमनी को लिए लिए सोफे पर आ गया और उसके ब्लाउस के बटन्स को खोलने लगा और कुछ ही पॅलो मे पद्मिलनी उपर से नंगी थी उसकी छातिया और भी ज़्यादा बड़ी बड़ी लग रही थी मैं थोड़ा सा झुका और उसकी चूची पर अपने होंठो लगा दिए और उसको पीने लगा पद्मिोनी ने एक आह भरी और अपने बदन को मेरी बाहों मे ढीला छोड़ दिया और मैं उसके चूचियो से दूध निचोड़ने की कोशिश करने लगा

अब मैं बारी बारी से उसकी दोनो चूचियो से खेल रहा था वासना धीरे धीरे अपने रंग मे मुझे घोल रही थी कि तभी मेरा फोन बज उठा मैने पद्मिानी को हटाया और फोन देखा तो मिता की कॉल थी देवी जी ने कई दिन बाद कॉल की थी तो मैने फोन उठाया हाइ हेलो के बाद उसने बताया कि उसने आर्म्ड फोर्सस मे मेडिकल ब्रांच मे जॉब के लिए अप्लाइ कर दिया है मैने कहा पर यार मैने तुझे मना किया था कि तू बस सिविल जॉब करेगी तो उसने कहा कि अब जब पति फ़ौजी मिला है तो पत्नी भी फोजन होनी चाहिए ना

मैने कहा पागलो जैसी हरकत तो तू करती ही है ना कभी बात भी माना कर तो मिता बोली तू कब वापिस आएगा बड़े दिन हो गये है मेरे हॅनी की सूरत देखे अब रहा नही जा रहा है अब आ भी जा तो मैने कहा फोजी से दिल लगाया है तो इंतज़ार करना भी सीख ले पद्मि नी बड़े ही मज़े से हमारी चुहल भरी बातो को सुन रही थी मैने कहा मिथ्लेश एक महीने बाद पासिंग आउट होना है तो तू आजा तो वो बोली नो प्राब्लम आ जाउन्गी पर फिर तू भी कुछ दिन शिमला आएगा तो मैने कहा ये भी कोई कहने की बात है जान मैं तो तेरे साथ ही रहना चाहता हू बस जल्दी से शादी करलू तुझसे
मितलेश बोली मैं कुछ दिन मे माँ से बात करूँगी और उनको बताऊँगी तो मैने कहा कि तूने अभी तक बात भी नही की तो वो बोली कि हिम्मत नही होती है मेरी घबराहट होती है पर अब दिल पक्का करके कह ही दूँगी जो होगा देखा जाएगा मैने कहा तू चिंता मत कर अबकी बार गाँव आते ही तेरे घर आउन्गा तेरा हाथ माँगने मिटा बोली मैं इंतज़ार करूँगी फिर काफ़ी देर तक हम बाते करते रहे

काफ़ी देर चली थी हमारी बाते , मैने पद्मितनी को सॉरी कहा तो वो बोली कोई बात नही मिथ्लेश ज़्यादा ज़रूरी है पद्मिबनी बोली आओ खाना खा लेते है पहले तो मैने कहा लगा दो खाते खाते उन्होने कहा कि लड़की टूट के पसंद करती है तुमको ऐसी फिर ना मिलेगी इसका हाथ थाम के रखना मैने कहा भाभी अबकी छुट्टी मे बात करूँगा उसके घरवालो से वो बोली मुझे बुलाओगे अपनी शादी मे मैने कहा बिल्कुल आप तो मैने गेस्ट रहोगे
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