Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
10-07-2019, 12:24 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मेरा लंड पाजामा से बाहर निकल कर उसकी चूत मे घुसने को बेताब था कुछ देर उसके होंठो को निचोड़ने के बाद मैं फिर से उसकी चूत पर आ गया और उसकी टाँगो को दुबारा से खोलते हुए अपनी जीभ को जहाँ तक सरका सकता था चूत मे सरका दी पर तंग गली थी उसकी चूत पर कोशिश तो करनी ही थी उर्वशी की साँसे बेकाबू घोड़े की तरह भाग रही थी



उसका जिस्म भी उसका साथ अब छोड़ने ही वाला था चूत बहुत ही ज़्यादा चिकनी हो गयी थी उसके कूल्हे एक अंजानी ताल पर थिरकने लगे थे और फिर सहसा ही उसका पूरा बदन अकड़ गया और एक तेज चीख मारते हुए वो मेरे मूह के उपर ही झड़ने लगी उसने मेरे सर को बुरी तरह से अपनी योनि के मूह पर दबा लिया और अपने चरम सच को प्राप्त करने लगी




जब वो निढाल हो कर पड़ गयी तो मैने अपना मूह चूत पर से हटाया और साइड मे लेट गया कुछ पल अपनी सांसो को नियंत्रित किया फिर मैं अंधेरे मे ही पानी लेने रसोई मे चला गया वापिस आया तो मैने लाइट जला दी उर्वशी ने मुझे देखा और रज़ाई को अपने बदन पर ले लिया मेरा लंड पेंट मे तंबू बनाए हुआ था मैने एक सांस मे ही आधी बॉटल खाली कर दी



उर्वशी बेड से टेक लगा कर बैठ गयी हालत पे कुछ काबू आया तो मैने कहा कि कमिनि ये तूने मुझसे क्या करवा दिया मैने सोचा था कि मैं तुझे इस हालत मे नही लाउन्गा पर ये क्या कर दिया मैं तो वो बोली मेरी तो यही मर्ज़ी है अब तू देर ना कर जल्दी से मुझे अपनी बना ले

मैं शांत स्वर मे कहा कि उर्वशी ये ग़लत है अभी तू सो जा मैं नीचे सो जाता हू सुबह बात करेंगे तो उसने रज़ाई हटा दी और बोली कि देख इधर मैं अपना सबकुछ तुझे अर्पण करने को लाज शरम त्याग के बैठी हू और साहिब अब ग्यान दे रहा है वो उठाकर मेरे पास आई और मेरे लंड को हाथ मे पकड़ के बोली कि फ़ोज़ी दम ना सै के इसमे और मेरे लंड को अपनी मुट्ठी मे कस लिया



मैने कहा दम तो बहुत है पर तू समझ अगर मैं तुझे चोद के आज चला गया तो मेरे दिल मे सदा ये बोझ रहेगा कि मैने एक पवित्र छोरी को खराब कर दिया जिसकी आत्मा शुद्ध थी हालाँकि कही मेरा दिल मुझसे कह रहा था कि सोच मत चोद इसको जल्दी चोद पर मैने धृड निस्च्य कर लिया था उर्वशी बोली मने ना सुन नी तेरी बकवास जिब मैं राज़ी राज़ी तन्ने कह रही सूं तो करले




और उसकी बात सच भी थी ऐसी करार माल को कोई भी नही छोड़ता पर ना जाने क्यो वो मेरे दिल के किसी कोने मे रहने लगी थी तो मैं परवाह करता था उसकी मैने सॉफ सॉफ मना कर दिया उसकी उसने मेरे पयज़ामे और कच्छे को नीचे सरका दिया और मेरे लंड को ज़ोर ज़ोर से हिलाने लगी मैने उसको हटाया और बेड पर पटक दिया मैने कहा पानी पी और ज़रा समझ




पर जब चूत मे आग लगी ही तो कॉन किसकी समझे वो मुझे गालियाँ देने लगी पर मैं कुछ ना बोला मैं खुद को इतना बेबस पा रहा था पता नही क्यो मेरे हाथ उसके जिस्म को छूने से कतरा रहे थे मैने उसके कपड़े उठाए और उसको देते हुए कहा कि प्लीज़ अगर तुम थोड़ी बहुत भी मेरी इज़्ज़त करती हो तो इनको पहन लो उसने कुछ देर मुझे गुस्से से देखा और फिर अपने कपड़े पहन ने लगी




मैने उसको थोड़ा पानी पिलाया पर वो शांत नही थी और मेरे मन मे भी एक द्वन्द शुरू हो गया था उसकी आँखो से बहते आँसू मुझे विचलित कर रहे थे इसी लिए तो मैं किसी बंधन मे नही बंधना चाहता था मेरा दिल मे कुछ तो था उस मर्जानी के लिए जो मैं एक्सप्रेस नही कर सकता था क्योंकि कुछ राज अगर दफ़न ही रहे तो सबका भला होता है




मैने रुमाल लिया और उसकी आँखो से बहते पानी को सॉफ करते हुए कहा उर्वशी प्लीज़ मान जा आज की रात को इतनी मुश्किल ना बना कि फिर सुबह कुछ कहने को बाकी ही ना रहे मुझे आज की रात किसी तरह काट लेने दे इसे और भारी मत बना उर्वशी मैं मजबूर हूँ वरना इतना टाइम कभी नही लगाता तू मेरे दिल मे बसी है मुझे सेक्स का कोई लालच नही है




जाना है तो हँसी खुशी विदा कर्दे उर्वशी मेरे सीने से लग गयी और फुट-फुट कर रोने लगी अब मैं क्या कहता ग़लत आदमी से मुहब्बत कर बैठी थी वो और मैं करूँ भी तो क्या अगर इसका हाथ थाम लूँ तो बेवफा केह्लाउन्गा और ना थामू तो इसका मुहब्बत से विश्वास उठ जाएगा करूँ तो क्या करू कुछ समझ ना आए मैने उसको रोने दिया जब तक की उसके दिल का बोझ हल्का ना हो गया




ये दर्द भी कुछ ऐसा था कि इसका इलाज बस वक़्त ही कर सकता था वो कहते है ना कि दिल भी अपना और दर्द भी अपना जब उर्वशी कुछ नॉर्मल हुई तो मैं उसको बाथरूम मे ले गया और उसका मूह धुल्वाया रात आधे से ज़्यादा बीत गयी थी और हम दोनो की खामोश साँसे एक दूसरे से कई सवाल पूछ रही थी तो मैं उसको अपनी बाहों मे लिए लिए ना जाने कब सो गया



सुबह करीब 9 बजे मेरी नींद टूटी तो मैने देखा की उर्वशी बिस्तर पर नही थी मैं उठा तो देखा की वो किचन मे कुछ बना रही थी उसने मुझे देखा और कहा उठ गये मैने कहा हाँ वो नॉर्मल रहने की कोशिश कर रही थी उसने कहा मैं चाइ बना दूं मैने कहा हाँ कुछ देर बाद वो और मैं चाइ पी रहे थे मैने कहा उर्वशी तो वो बोली हाँ मैने कहा कल रात को एक ख्वाब समझ कर भूल जाना और जल्दी ही तुम कोई अच्छा लड़का देख कर शादी कर लेना
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